त्रियाची - 25 prashant sharma ashk द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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त्रियाची - 25

भाग 25

एक विनाशकारी युद्ध के बाद पृथ्वी अब शांत थी। इधर प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार अब शक्तियां होने के बाद भी सामान्य रूप से जीवन जी रहे थे। दूसरी ओर त्राचा ग्रह पर भी अब सब कुछ सामान्य था। प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार को जानकारी देते हुए त्राचा ग्रह के लोग पृथ्वी पर आते थे, यहां सामान्य जीवन जीते थे और फिर एक नए जीवन यानि कि अपने बच्चों के साथ फिर से त्राचा पर लौट जाते थे। त्रियाची भी पृथ्वी पर कुछ समय बीता चुका था और अब वो दो बच्चों का पिता बन चुका था। उनकी पत्नी भी अब काफी खुश थी। कुल मिलाकर दोनों ग्रहों पर शांति का माहौल था। हालांकि उस युद्ध में मगोरा की मौत हो चुकी थी, परंतु मगोरा का एक भाई था कालबाहू अब वो राजा त्रियाची का सबसे वफादार व्यक्ति था। जब मगोरा जीवित था और वो त्रियाची का सबसे वफादार हुआ करता था जब कालबाहू मगोरा के लिए एक गुप्तचर की तरह कार्य करता था। इस कारण आज भी उसके संपर्क है, जिससे उसे जानकारी पहले से प्राप्त हो जाती है। 

एक दिन कालबाहू रात के समय त्रियाची से मिलने के लिए उसके महल की ओर चल दिया था। कालबाहू से जैसे महल पर पहुंचा, वहां राजा त्रियाची की सुरक्षा में तैनात लोगों ने उसे रोक दिया। उसे कहा कि राजे अब अभी आराम कर रहे हैं, इस कारण वह अभी उनसे नहीं मिल सकता है। परंतु कालबाहू एक महत्वपूर्ण सूचना लेकर आया था, जो कि राजे त्रियाची को तुरंत देना बहुत ही आवश्यक था। हालांकि सुरक्षा में तैनात लोगों ने उसे अंदर नहीं जाने दिया। परंतु सूचना महत्वपूर्ण थी, इस कारण कालबाहू भी उन लोगों से लड़ गया। महल के बाहर शोर सुनकर त्रियाची खुद बाहर आ गया। सभी ने राजे त्रियाची का अभिवादन किया। त्रियाची ने फिर कालबाहू को देखा और पूछा- 

त्रियाची- कालबाहू तुम इस समय यहां क्या कर रहे हो ? और यहं किस बात को लेकर तुम लोग आपस में उलझ रहे हो ?

कालबाहू- क्षमा करें राजे, परंतु मैं एक ऐसी सूचना लेकर आया हूं कि मुझे इस समय आपके पास आना पड़ा। सुबह होने का इंतजार करता तो शायद देर हो सकती थी। 

त्रियाची- ऐसी क्या सूचना है कि तुम्हें रात के समय ही देना आवश्यक है ?

कालबाहू- बहुत महत्वपूर्ण सूचना है राजे, इसलिए तो यहां आया हूं। 

त्रियाची- ठीक है महल में आ जाओ, हम वहीं मिलते हैं। 

इसके बाद कालबाहू त्रियाची के महल में चला जाता है। कुछ देर वह इंतजार करता है और उसके बाद त्रियाची वहां आ जाता है। त्रियाची को देखकर कालबाहू एक बार फिर उसका अभिवादन करता है। 

त्रियाची- बताओ कालबाहू ऐसी क्या सूचना है कि जिसके कारण तुम्हें इतनी रात को यहां आना पड़ा। 

कालबाहू- आपके विश्राम में खलल डालने के लिए सबसे पहले तो मैं क्षमा चाहता हूं राजे। सूचना अतिमहत्वपूर्ण थी, इस कारण ही मुझे यहां इस समय आना पड़ा। 

त्रियाची- अब सूचना बताओ। 

कालबाहू- राजे आपको याद होगा कि कुछ वर्ष पूर्व तक शक्तिपूंज की खोज में हमने कई ग्रहों पर अपने लोगों को भेजा था। कुछ ग्रह हमारे द्वारा नष्ट भी कर दिए गए थे। 

त्रियाची- हां तो अब उस बात का तुम्हारी सूचना से क्या लेना देना है ?

कालबाहू- राजे हमारे ग्रह त्राचा से कई अरबों किलोमीटर दूर एक ग्रह और है ताशाबा। वहां पर भी एक राजा है जिसका नाम है तोशिबा। मेरे गुप्तचर तंत्र ने मुझे सूचना दी है कि वह अंतरिक्ष की सभी शक्तियों को हासिल करने का प्रयास कई वर्षों से कर रहा है, ताकि वो नए ग्रहों को जीवन दे सके या ग्रहों को समाप्त कर सके। मुझे जो सूचना प्राप्त हुई है, उसके अनुसार उसने अंतरिक्ष की कई रहस्यमय शक्तियों को हासिल कर भी लिया है। 

त्रियाची- तो क्या वो हमारे ग्रह को समाप्त करना चाहता है ?

कालबाहू- नहीं राजे मेरी सूचना के अनुसार उसकी वे समस्त शक्तियां अभी उतना प्रभाव नहीं दे पा रही है, जितनी की उनमें शक्तियां है। 

त्रियाची- तो अब वो क्या करना चाहता है ? आखिर तुम यहां क्या सूचना देने के लिए आए हो वो तो बताओ ? 

कालबाहू- वहीं बता रहा हूं राजे। मेरी सूचना के अनुसार उनकी समस्त शक्तियों को प्रभावी बनाने के लिए उसे शक्तिपूंज चाहिए। इस कारण वो अब शक्तिपूंज की तलाश में हैं। जहां तक मुझे जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार उसे यह ज्ञात हो चुका है कि शक्तिपूंज पृथ्वी पर है और वो पृथ्वी से शक्तिपूंज के हासिल करना चाहता है। 

त्रियाची- क्या ? पर यह संभव नहीं है। यदि पृथ्वी से शक्तिपूंज ले लिया गया तो पूरी पृथ्वी और पूरी मानव जाति ही समाप्त हो जाएगी। फिर हमारे ग्रह के लोग भी एक बार फिर से नए जीवन के लिए असहाय हो जाएंगे। 

कालबाहू- जी राजे। इस कारण ही आपको यह सूचना देना अति आवश्यक था। 

त्रियाची- यह बहुत गंभीर बात है कालबाहू। हमें तोशिबा को रोकना ही होगा। वो पृथ्वी तक ना पहुंच सके। 

कालबाहू- क्षमा करें राजे, परंतु उसे रोक पाना हमारे लिए काफी कठिन होगा। मेरी जानकारी के अनुसार वो स्वयं भी बहुत शक्तिशाली है इसके अलावा उसकी जो सेना है वो भी काफी बड़ी है। उनके हथियार भी तकनीकी रूप से बहुत सक्षम है, जिनका सामना फिलहाल तो कोई नहीं कर सकता है। वो अपने हथियारों के बल पर किसी भी ग्रह को क्षण भर में खत्म कर सकते हैं। शक्तिपूंज की तलाश में हम लोगों ने कई ग्रह नष्ट किए थे, उनमें से एक ग्रह पर तोशिबा अपना अधिकार करना चाहता था। हालांकि उसे अब तक यह ज्ञात नहीं हो सका है कि वो ग्रह कैसे नष्ट हुआ है। 

त्रियाची- तो तुम क्या चाहते हो कालबाहू हम यूं ही हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे और पृथ्वी को नष्ट होने दें। 

कालबाहू- मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं राजे। परंतु हमें इस बारे में विचार करने की आवश्यकता है। हम अकेले तोशिबा का सामना नहीं कर सकते हैं। हमें कुछ योजना बनाकर उसे पृथ्वी पर जाने से रोकना होगा। यदि वह पृथ्वी पर पहुंच भी जाता है तो हमें यह तय करना होगा कि वो शक्तिपूंज को हासिल ना कर सके। 

त्रियाची- परंतु जैसा कि तुम बता रहे हो उसके रोकना काफी कठिन होगा। क्या तुम्हारे पास ऐसी कोई सूचना है कि वो पृथ्वी पर कब आक्रमण कर सकता है ? 

कालबाहू- मैंने गुप्तचरों को इस सूचना को एकत्र करने के लिए लगा दिया है राजे। जैसे ही उन्हें इस संबंध में कोई सूचना प्राप्त होगी, वैसे ही सूचना मेरे पास आ जाएगी। परंतु अनुमान है कि उनके ग्रह के अनुसार करीब एक वर्ष तो लग जाएगा उन्हें पृथ्वी पर आक्रमण करने में। 

त्रियाची- उनके ग्रह के अनुसार का क्या मतलब है कालबाहू ? 

कालबाहू- राजे उनका ग्रह हमारे ग्रह से कई अरब किलोमीटर दूर है। और पृथ्वी तो उससे भी अधिक दूर है। ऐसे में यदि हम अपने ग्रह के अनुसार गणना करें तो जैसे हमारा ग्रह का एक वर्ष 6000 दिन का होता है। तो तोशिबा को वो दूरी तय करने में हमारे ग्रह के अनुसार एक वर्ष यानि कि 6000 दिन लग जाएंगे। 

त्रियाची- मतलब हमें एक वर्ष में इतनी तैयारी करना होगी कि हम तोशिबा को पृथ्वी पर जाने से रोक सके। उसे यहां रास्ते में ही रोकना होगा। क्योंकि यह युद्ध पृथ्वी पर हुआ तो वहां काफी विनाश हो सकता है। 

कालबाहू- हां राजे। पृथ्वी पर यूं भी मानव इतना सक्षम नहीं है कि वो तोशिबा को मुकाबला कर सके। वो तो हमारा भी सामना नहीं कर सकते हैं तो फिर तोशिबा तो हमसे कहीं अधिक शक्तिशाली है। 

त्रियाची- कुछ भी हो जाए कालबाहू हम तोशिबा को पृथ्वी तक नहीं पहुंचने देंगे। हम जल्द ही इस समस्या का कोई हल खोजना होगा। तोशिबा को रोकने के लिए युद्ध तो होगा यह तय है हमें अब उस युद्ध की तैयारी करना है। अब तुम जाओ और कोई भी सूचना मिले हमें तुरंत सूचित करो। 

कालबाहू- जी राजे। 

कालबाहू वहां से चला जाता है और त्रियाची सोच में पड़ जाता है। जिस तरह से कालबाहू ने तोशिबा के शक्तिशाली होने की बात बताई है वह काफी चिंता करने वाली बात थी। हालांकि त्रियाची और उसकी सेना भी तकनीकी रूप से काफी सक्षम है परंतु उतनी नहीं जितनी की तोशिबा की सेना है। फिर अंतरिक्ष की शक्तियां भी तोशिबा ने हासिल की है तो वो यूं भी शक्तिशाली हो गया है। उसे रोकना त्रियाची के लिए एक बड़ी चुनौती है। 

कालबाहू ने जो खबर दी थी, उसने त्रियाची की नींद उड़ा दी थी। हालांकि वो अब दूसरे ग्रह पर था फिर भी उसे पृथ्वी चिंता हो रही थी। वो इस असमंजस में था कि आखिर उसे क्या करना चाहिए ? पृथ्वी को बचाने और तोशिबा को रोकने के लिए उसने काफी सोचा परंतु उसे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। इसी तरह सोचते हुए 7 दिन गुजर गए थे। जब वो कोई रास्ता नहीं खोज पाया तो उसने पृथ्वी पर जाने का निर्णय लिया। उसने पृथ्वी पर जाने की तैयारी की और फिर पृथ्वी के लिए निकल पड़ा। चंद समय में ही वह पृथ्वी पर आ चुका था। पृथ्वी पर आने के बाद उसने सबसे पहले प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार को मिलने के लिए बुलाया। त्रियाची का संदेश मिलने के बाद कुछ ही समय में पांचों बताए हुए स्थान पर पहुंच गए थे। 

अनिकेत- आओ मित्र त्रियाची, इस बार बहुत दिनों बाद आए हो ? 

यश- हां जब तुम आते हो तभी मिलना हो पाता है हमारा, वरना हम तो तुम्हारे ग्रह आ नहीं सकते। 

प्रणिता- त्रियाची राजा क्या बात है कुछ उदास और परेशान नजर आ रहे हो ? 

त्रियाची- परेशानी की ही बात है। इस कारण ही मैं यहां तक आया हूं। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था तो सोचा तुम लोगों से बात करता हूं, शायद परेशानी का कोई हल निकल आए। 

रॉनी- क्या परेशानी आ गई है राजा त्रियाची को ?