त्रियाची - 16 prashant sharma ashk द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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त्रियाची - 16

भाग 16

एक ओर जहां त्रियाची पृथ्वी पर आने की तैयारी कर रहा था, वहीं मगोरा एक बार फिर पृथ्वी पर आ चुका था। इस बार पृथ्वी पर आने के बाद उसे उस गांव का नजारा कुछ बदला हुआ सा लगा था, जहां उसने युवाओं का एक पूरा दल युद्ध के लिए तैयार किया था। इस बार उस गांव के युवा ना तो उसके बहकावे में आ रहे थे, बल्कि अपने पुराने कार्यों में भी लग गए थे। मगोरा को इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था कि बिना उसकी मर्जी के कोई कैसे उसकी शक्तियों से मानवों को मुक्त कर सकता है। उसे गुस्सा आता है और वो ऐसा करने वाले ललकारता है। मगोरा के इस प्रकार युद्ध की ललकार को सुनकर रॉनी यानि की आग्नेय उसके सामने आकर खड़ा हो जाता है।

दोनों एक दूसरे के सामने खड़े थे, दोनों की आंखों में गुस्सा था। किसी भी पल वे एक-दूसरे पर हमला कर सकते थे। हालांकि रॉनी के मन में चल रहा था कि पता नहीं सामने खड़ा व्यक्ति उससे कितना ज्यादा ताकतवर होगा या उसके बारे में उसे कोई अंदाजा नहीं था कि उसके पास क्या शक्तियां होगी और वो क्या कर सकता है। वहीं मगोरा अपने अहंकार में था कि उसके सामने एक मानव खड़ा है और उससे युद्ध करना चाहता है। वह मानव मगोरा और उसकी शक्तियों से पूरी तरह से अनभिज्ञ है। मगोरा सोच रहा था कि वो पल भर में उस मानव को नष्ट कर देगा। 

मगोरा- तुम कौन हो और यहां क्या कर रहे हो ? 

रॉनी- यही प्रश्न मेरा भी है। तुम कौन हो और यहां क्या कर रहे हो ? तुमने इस गांव के लोगों को बंधक क्यों बनाया था और उनसे क्या काम करा रहे थे ? 

मगोरा- इससे तुम्हें कोई लेना-देना नहीं है। तुम जाकर अपना काम करो। 

रॉनी- तो फिर से समझ लो यही मेरा काम है। इन गांव वालों को बचाने के लिए ही मैं यहां आया हूं। 

मगोरा- तुम इन गांव वालों को बचाओगे, पर तुम्हें कौन बचाएगा ? 

रॉनी- मुझे कौन बचाएगा प्रश्न यह नहीं है, प्रश्न यह है कि तुम्हें मुझसे कौन बचाएगा ? 

मगोरा- मानव तुम मुझे जानते नहीं हो, मैं चाहूं तो पलक झपकते ही तुम्हें नष्ट कर सकता हूं। 

रॉनी- और अगर मैं चाहूं तो तुम्हें वो पलक झपकने का अवसर भी नहीं दूंगा और तुम नष्ट हो जाओगे। 

मगोरा- बातें बहुत बड़ी बड़ी कर रहे हो, तुम्हें मेरी शक्तियों का कोई अंदाजा नहीं है मानव। 

रॉनी- मैं अंदाजा लगाना चाहता भी नहीं हूं। मैं बस तुम्हें खत्म कर दूंगा ताकि इन गांव वालों को फिर से पुराना जीवन दे सकूं। 

मगोरा- यह तुम्हारा ख्वाब ही रहेगा कि तुम मुझे खत्म कर सको। 

रॉनी- ख्वाब होगा या हकीकत यह जल्द ही पता चल जाएगा। अपनी खैर चाहते हो तो जहां से आए हो वहीं चले जाओ। 

मगोरा- और अगर ना जाउं तो ? 

रॉनी- तो फिर अपनी मौत के लिए तैयार हो जाओ। 

रॉनी के इतना कहने के बाद मगोरा उस पर हमला कर देता है। अचानक हुए हमले से रॉनी खुद को बचा नहीं पाता है और मगोरा के हमले के कारण कुछ दूरी पर जाकर गिरता है। मगोरा रॉनी को गिरा हुआ देखकर हंसता है। रॉनी खुद को संभालता है और फिर मगोरा पर हमला करने के लिए आगे बढ़ता है। हालांकि अब तक दोनों ने ही अपनी किसी भी प्रकार की शक्ति का प्रयोग नहीं किया था, दोनों हाथों से ही लड़ रहे थे। इसी बीच मगोरा अपने हाथ से एक हथियार निकाल लेता है और उसे हथियार से रॉनी पर हमला करता है। हालांकि रॉनी मगोरा के हर हमले को बचा लेता है। दोनों के बीच काफी खतरनाक लड़ाई होती है और दोनों में से कोई भी हार मानने के लिए तैयार नहीं था। मगोरा अब रॉनी पर विशेष शक्तियों का प्रयोग करता है, जिसमें रॉनी कुछ हद तक घायल हो जाता है, फिर रॉनी भी उस पर अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करते हुए अग्नि वर्षा करता है। इससे मगोरा एकदम से चौंक जाता है और फिर वहां से भाग खड़ा होता है। 

वहां से निकलकर वो एक सुनसान स्थान पर पहुंच जाता है। वहां पहले से उसके साथ आए कुछ और लोग वहां मौजूद थे। ये वो लोग थे जोग मगोरा की ही तरह दूसरे गांव के लोगों को युद्ध का अभ्यास करा रहे थे। उन सभी को वहां देखकर मगोरा उनसे वहां आने का कारण पूछता है। 

मगोरा- तुम सभी लोग यहां क्या कर रहे हो। जानते हो ना यदि तुम गांव वालों से ज्यादा दूर रहोगे तो हमारी शक्ति का असर उन पर कम हो जाएगा और वो हमारे वश में नहीं रह पाएंगे। 

सुबाहा- हां जानते हैं मगोरा पर हमें वहां से आना पड़ा। 

मगोरा- क्यों आना पड़ा ? 

कमाटा- क्यों वहां एक मानव आ गया था। हमने उससे युद्ध किया परंतु वो मानव हम पर भारी पड़ रहा था, इसलिए हमें वहां से भागना पड़ा। 

मगोरा- कौन था वो मानव ? 

सुबाहा- नाम तो नहीं पता था परंतु उसके पास विशेष शक्ति थी वो जल को हथियार के रूप में प्रयोग कर रहा था। 

कमाटा- जिस मानव से मेरा युद्ध हुआ वो तो एक लड़की थी और वो पत्थर, धूल इनको मुझ पर हथियार के रूप में प्रयोग कर रही थी। 

मगोरा- मेरा भी एक ऐसे ही मानव से सामना हुआ था और उसने तो अग्नि वर्षा की थी। 

सुबाहा- पर ये मानव है कौन और अचानक कहां से आ गए ? 

मगोरा- ये कौन है और कहां से आ गए प्रश्न यह नहीं है सुबाहा। प्रश्न यह है कि क्या मानव इतना विकसित हो गया है कि इस प्रकार वो शक्तियों का प्रयोग कर सके। अग्नि वर्षा या जल को हथियार के रूप में प्रयोग करना या बड़े पत्थरों को हवा में उछालना या धूल को हथियार बना देना कोई साधारण मनुष्य नहीं कर सकता है। 

कमाटा- हां इतने समय से हम मानवों को अपने वश में कर उनसे अपने कार्य करा ही रहे थे, उनमें से किसी मानव के पास ऐसी तो क्या किसी प्रकार की कोई शक्ति होने का कोई आभास नहीं हुआ है हमें। 

मगोरा- वहीं मैं भी सोच रहा हूं कमाटा। इन मानवों के पास ऐसी शक्तियां कहां से आ गई। फिर इन्होंने सिर्फ हमें ही क्यों रोका। क्या ये हमारे शत्रु हैं ? 

सुबाहा- तो क्या इन्हें हमारे यहां आने का कारण पता चल गया है ? 

मगोरा- यह कैसे संभव हो सकता है सुबाहा- हमने यह बात अब तक किसी पर जाहिर नहीं होने दी है तो फिर इन मानवों को कैसे पता चल गया ? 

कमाटा- अब हम इनका मुकाबला कैसे करेंगे मगोरा ? 

मगोरा - फिलहाल मैं यह सोच रहा हूं कि इन मानवों के बारे राजा त्रियाची को कैसे बताया जाए ? क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि मानवों ने अब तक कोई विकास नहीं किया है और हमने उन्हें अपने वश में कर रखा है। 

सुबाहा- तो अब क्या करोगे मगोरा ? 

मगोरा- सबसे पहले इन विशेष शक्तियों वाले मानवों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करो। तुम दोनों अपने कुछ लोगों को लेकर जाओ और पता करो कि ये मानव कौन है और कहां से आए हैं। 

कमाटा- परंतु इन मानवों के बारें में कैसे पता करेंगे, क्योंकि गांव में भी इन्हें कोई नहीं पहचानता है। 

मगोरा- कुछ भी करो पर इनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करो, तब तक मैं राजा त्रियाची से मिलकर वापस आता हूं। उन्हें भी इसके बारे में जानकारी देना आवश्यक है क्योंकि वो भी शक्तिपूंज को प्राप्त करने के लिए पृथ्वी पर आने की तैयारी कर रहे हैं। 

सुबाहा- ठीक है मगोरा तुम राजे से मिलकर आओ तब तक हम इन मानवों के बारे में पता करने का प्रयास करते हैं। 

इतनी बात होने के बाद मगोरा त्राचा ग्रह के लिए रवाना हो जाता है और सुबाहा और कमाटा अपने कुछ लोग के साथ रॉनी, प्रणिता, अनिकेत के बारे में पता करने के लिए चले जाते हैं। हालांकि अब तक इन लोगों को इन तीन के बारे में ही जानकारी मिली थी, क्योंकि बाकि अन्य गांव से त्राचा ग्रह का कोई भी व्यक्ति उस स्थान पर नहीं आया था। जबकि यश और तुषार भी अन्य गांवों में जाकर गांव के लोगों को बचा रहे थे और त्राचा ग्रह से आए लोगों से युद्ध कर रहे थे। हालांकि इन लोगों की यह पहली मुलाकात लगभग बराबर रही। मगोरा, कमाटा, सुबाहा ये लोग वहां इसलिए भागे क्योंकि उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि पृथ्वी पर रहने वाले मानवों के पास इस प्रकार की कोई शक्ति होगी। पृथ्वी पर रहने वाले मानवों को त्राचा ग्रह के लोग के बीच युद्ध की शुरूआत हो चुकी थी। यह युद्ध किस अंजाम पर पहुंचेगा यह कहना अभी मुश्किल था। मगोरा त्राचा ग्रह के लिए रवाना हो गया था और त्रियाची इन मानवों के बारे में जानने के बाद क्या करेगा यह भी अभी पता नहीं था। परंतु यह तय था कि त्रियाची जब भी पृथ्वी पर आएगा बहुत भयंकर युद्ध का सामना पृथ्वी वासियों को करना होगा। 

कुछ ही समय में मगोरा त्राचा ग्रह पर पहुंच जाता है और राजा त्रियाची से मिलने के लिए उसके महल की ओर चल देता है। त्रियाची को मगोरा के पृथ्वी से लौटकर आने की सूचना मिलती है तो वह भी अपने विशेष कक्ष में पहुंच जाता है। कुछ ही देर में मगोरा त्रियाची के सामने होता है।