जिन्नजादी - भाग 13 M BOSS मुस्ताक अली शायर द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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जिन्नजादी - भाग 13

जिन्नजादी 13

उधर तांत्रिक बंगाल शास्त्री को संदूक में
एक नगीना मिलता है।
उस नगीने से इतनी तेज रोशनी निकलती है।
तांत्रिक बंगाल शास्त्री उसे बर्दाश्त नहीं कर पाता
और झट से नगीने से दूर हो जाता है।
थोड़ी देर बाद तांत्रिक बंगाल शास्त्री
एक बड़ी साधना कर के नगीने को अपने हाथ में उठा लेता है।

जैसे ही उसने नगीने को अपने हाथ में लिया।
नगीने के रोशनी में उसे हिना की सारी सच्चाई दिखाई देती है।
हिना की सच्चाई जानकर
तांत्रिक बंगाल शास्त्री दंग रह जाता है।
उसके सारे अनुमान गलत साबित होते हैं।
उसने जो सोचा था हिना के बारे में
हिना उससे कहीं ज्यादा शक्तिशाली थी।

तांत्रिक बंगाल शास्त्री को हिना की बहुत बड़ी कमजोरी मिल गई थी।
हिना का नगीना उसको मिल चुका था।
उसके जरिए वह हिना को कैद कर सकता था।
और उसने किया भी वैसा।
उसने तंत्र-मंत्र के जरिए
नगीने की मदद से हिना को कैद कर लेता है।
हिना पल में युसूफ अली के बाहों से गायब होकर।
तांत्रिक बंगाल शास्त्री के मायाजाल में क़ैद हो जाती है।

जब सुबह होती है
हिना को अपने पास ना पाकर
युसूफ अली बहुत परेशान हो जाता है।
उसे कुछ समझ नहीं आता।
अचानक से ही ना बिना बताए
कहां चली गई।
यह सोच सोच कर वह बहुत परेशान होता है।

वह सारा घर छान मारता है लेकिन उसे हिना कहीं नहीं मिलती।
वह परेशान होकर अपने कमरे में आकर बढ़ता है।
उसे तकिए के नीचे कुछ दिखाई देता है।
एक तकिए को हटा कर देता है
उसके नीचे उसे एक कागज मिलता है
जो हिना ने उसके लिए लिखा होता है।

वह कागज को अपने हाथ में लिए पढ़ने लगता है
कागज में लिखा हुआ होता है।
युसूफ जी मैं आपको अपनी जिंदगी का सबसे बड़ी सच्चाई बताने जा रही है।
जो मैंने इतने दिनों से आप से छुपा कर रखी था।
मुझे पहले ही आपको बता देना चाहिए था।
लेकिन मुझे बहुत डर था।
सच्चाई जानकर आप मेरा साथ छोड़ दोगे।
मुझे किसी भी कीमत पर आपको खोना नहीं था।
इसलिए अब तक इस सच्चाई से आपको
महरूम रखा।

लेकिन अब वक्त आ चुका है
आपको सारा सच बताने का
मैं जानती हूं मैंने सच्चाई छुपाकर
आप को बहुत बड़ा धोखा दिया है।
शायद ही आप मुझे कभी माफ कर पाए।
मैं यह नहीं जानती कि आप मुझे कभी माफ कर पाएंगे या नहीं।
हां लेकिन इतना जरूर कहूंगी।
आप मुझे से कभी नफरत ना करना।
मेरा आपको धोखा देने का कोई इरादा नहीं था।
मैं बस आपके प्यार में अंधी हो चुकी थी।
इसीलिए मुझसे इतनी बड़ी गलती हो गई।
मैं तहे दिल से आपसे माफी चाहती हूं।
हो सके तो मुझे माफ कर देना।

अब मैं आपको अपनी सच्चाई बताने जा रही हूं।
मैं इंसान बनकर अब तक आपके साथ रही हूं।
लेकिन मैं कोई इंसान नहीं हूं।
मैं जिन की दुनिया की शहजादी जिन्नजादी हूं।
बिलाल की अलमारी जो आपको नगीना मिला था।
एक बहुत बड़े जादूगर ने मुझे उस नगीने में
कैद किया था।
मैं हजारों सालों से उस नगीने में कैद थी।
आपने मुझे कुछ नगीने से कैद किया था।
मैंने जब पहली बार आपको देखा था।
तभी आपके प्यार में गिरफ्तार हो चुकी थी।

धीरे-धीरे आप भी मुझसे प्यार करने लगे थे।
मेरा बहुत मन किया आपको सच्चाई बताने का।
लेकिन आपके खोने के डर से मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई।
मैं बहुत दिलो जान से आपसे बेइंतहा मोहब्बत करती हो।
फिर से एक तांत्रिक मुझे क़ैद करके
मेरी सारी शक्तियां पाना चाहता है।
उसने मेरी संदूक से उस नगीने को चुरा लिया है।
अब कभी भी वह मुझे क़ैद करके
मुझे अपना गुलाम बना लेगा।
मैं चाह कर भी वापस आपके पास नहीं आ सकता।

अगर मैं बिना बताए कहीं चली जाऊं
तो आप समझ लेना उस तांत्रिक ने मुझे कैद कर रखा है।
मुझे पूरा यकीन है
आप मुझे माफ कर दोगे
सच्चे दिल से मेरी मोहब्बत को अपना लोगे।
मुझे बचाने के लिए आप जरूर आओगे।
इतना यकीन मुझे मेरी मोहब्बत पर है।
अगर आप ना आए
तुम्हें समझ लूंगी मेरी ही मोहब्बत में कुछ कमी रह गई।
आप हमेशा अपना ख्याल रखना।
मैं रहूं या ना रहूं
मेरी मोहब्बत हमेशा आपके साथ रहेगी।
कभी उदास मत होना।
एक बुरा सपना समझकर मुझे भूल जाना।
फिर से मैं आपसे तहे दिल से माफी चाहती हूं।
आपकी अपनी हिना।

क्रमश: