मां कब आयेगी - (भाग -६) Dikshadixit द्वारा आध्यात्मिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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मां कब आयेगी - (भाग -६)

शरद पूनम की तस्वीर से बातें करते सोए ही होते हैं, तभी उनके कानों में एक अजीब सी आवाज गूंजती है, उनको लगता है कि शायद उनका बहम होगा। पर बह आवाज धीरे, धीरे बढ़ती जाती है, बह उठ कर देखते हैं की दरवाजे पर कोई है जो जोर जोर से शरद,शरद की आवाज लगा रहा है,बह हड़बड़ाहट में उठते हैं और कमरे का दरवाजा खोलते हैं, दरवाजे पर मीठी की दादी हैं, बोलती हैं, शरद जल्दी बाहर आओ तैयार हो कर शरद दरवाजे से थोड़ा सा झांक कर देखते हैं। बाहर उनके भाई साहब, भाभी, मझली भाभी,मझले भाई और उनके सभी बच्चे हैं, बड़ी भाभी जोर से कोने में बैठी रो रही हैं शरद यह देख कर चौंक जाते हैं और कहते हैं। ये किया हो रहा है भाभी रो क्यू रही है। किया हुआ और सब घर पर क्यूं आए हैं कही आपने तो नही बुला लिया मेने बस भाई साहब से बात करने के लिए कहा था अपने सबको बुला हो लिया। शरद बोलते जा रहे हैं तभी भाई साहब बोलते हैं, तू अभी यहीं खड़ा है जल्दी तैयार हो जा टाइम हो है हमारे पास भाभी का रो रो कर बुरा हाल है, रश्मि के यहां बस हमारा ही इंतजार हो रहा है, जल्दी चल, शरद बोलते है रश्मि के यहां क्यों।उधर किया हुआ भाई साहब
भाई साहब बोलते है अचानक से रश्मि के पति का देहांत हो गया है, उधर जाना है जल्दी तैयार हो अब, शरद यह सुन कर जल्दी से तैयार हो कर बाहर आते हैं, रश्मि मीठी की बड़ी मां की छोटी बहन हैं। सभी जल्दी से कार में बैठ जाते है और रश्मि के यहां जाते हैं, बच्चों को दादी मां के पास हो छोड़ दया भाई साहब बोले बच्चों को रात में ले जाना ठीक नही होगा। मां के पास ही रहने दो सभी चले जाते हैं, रश्मि के यहां पहुंचते ही जगह जगह चीखने चिल्लाने के आवाजें गूंज रही हैं इधर रश्मि की बहने रोना शुरू किया सब तरफ दुख,ही दुख का माहौल है यह सब एक दुख से भी बहुत ज्यादा दुख है। सभी का रश्मि को समझना बहुत मुश्किल है बह रोती है थक कर चुप हो जाती है। फिर रोटी है बेहोश हो जाती है उसकी हालत बहुत खराब है सभी पास बैठी औरते उसे समझा तो लेती हैं पर जब बह अमित की लाश की तरफ देखती है तो अपने आप को रोने से रोक नही पाती है, बह रोते रोते अपनी बहन से कहती है कि कल ही बोले थे उसे दुनियां से डरने की जरूरत नहीं है और आज देखो ना जीजी मुझे अकेला छोड़ गए मैं कैसे रहूंगी किया होगा अब मुझे खाई में गिरा गए, अभी अभी तो मुझे प्यार करने लगे थे कभी साथ रहने की जिद नही की आज साथ रहना चाहा तो इतनी दूर चले गए। अजीबो सी बातें कर कर कर रश्मि चुप हो जाती है रोते हुए बेहोश हो जाती है, औरतें उसको पानी पिलाते पिलाते होश में लाती हैं बह गुम सुम सी सबके तरफ देखती है। सबको बोलती है इनको वापस ले आइए अपनी सासू मां से कहती है मां आपके कहने से वापस आ जाते थे नोकरी से आप बुला लीजिए । आ जायेगे सबसे रश्मि बोलती रहती है की उनको वापस बुला लो कोई तो बुला लो।
क्रमश: