हिंदी आध्यात्मिक कथा कहानियाँ मुफ्त में पढ़ेंंऔर PDF डाउनलोड करें होम कहानियां आध्यात्मिक कथा कहानियां फ़िल्टर: श्रेष्ठ हिंदी कहानियां युधिष्ठिर का धर्म – १ द्वारा SANJIV PODDAR " क्यों की मुझे दुर्योधन के धर्म की नहीं अपने धर्म की रक्षा करनी है " धृत क्रीड़ा में दुर्योधन और शकुनि के छल से पराजित होने के बाद ... एडजस्ट एवरीव्हेर द्वारा Dada Bhagwan ‘ एडजस्ट एवरीव्हेर’ इतना ही शब्द यदि आप जीवनमें उतार लेंगे तो बहोत हो गया | आपको शांति अपनेआप मिल जायेगी | प्रथम छह मास तक मुश्केली आयेगी | ... भक्ति माधुर्य - 9 - अंतिम भाग द्वारा Brijmohan sharma 9 ऐक अंगेज पुलिस आफिसर को उपदेश,रमण महर्षि 2महर्षि अनेक वर्षों से विरूपाक्ष गुफा में ध्यान में लीन थे | एक दिन एक अंग्रेज पुलिस ऑफिसर को महर्षि मुंबई ... श्री शिव रूद्राष्टकम द्वारा Jatin Tyagi नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥ निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार ... भक्ति माधुर्य - 8 द्वारा Brijmohan sharma 8 रसखान महाअम्रत रसखान एक मुस्लिम कवि थे किन्तु कृष्ण प्रेम में लीन होकर उन्होने जो कविताएं लिखी हैं वे काव्यजगत की अनुपम धरोहर है। हम उनकी भगवान कृष्ण ... भक्ति माधुर्य - 7 द्वारा Brijmohan sharma 7सूरदास – भक्ति रस परम माधुर्य अब हों नाच्यौ बहुत गोपाल। काम क्रोध कौ पहिरि चोलना, कंठ विषय की माल॥ महामोह के नूपुर बाजत, निन्दा सब्द रसाल। भरम भरयौ ... भक्ति माधुर्य - 6 द्वारा Brijmohan sharma 6 सूरदास की सुंदरतम कवितामहाभक्त कवि सूरदास ने जन्मांध होने के बावजूद भगवान कृष्ण के नखशिख रुपमाधुर्य का बड़ा सुन्दर वर्णन किया है। उनकी एक सुंदर रचना का आनंद ... भक्ति माधुर्य - 5 द्वारा Brijmohan sharma 5 “सुतीक्ष्ण मुनि”अरण्यकाड का “सुतीक्ष्ण मुनि “ अत्यंत मधुर सर्वश्रेष्ठ प्रसंग, “ॠषि अगस्त्य कर शिष्य सुजाना .... निज आश्रम पर आनि करि पूजा विविध प्रकार ।“ जब मुनि सुतीक्ष्ण ... भक्ति माधुर्य - 4 द्वारा Brijmohan sharma 4 हनुमान विभीषणरामायण ( महा अमृत ) के सुंदरकांड में एक प्रसंग हनुमान विभीषण प्रथम मिलन भक्तिभाव से ओतप्रोत एक बड़ा सुन्दर प्रसंग है | हनुमान सीता की खोज ... भक्ति माधुर्य - 3 द्वारा Brijmohan sharma 3 राम सुग्रीवरामायण का यह प्रसंग अत्यंत मधुर भक्तिभाव से पूर्ण अमृत है | ( रामायण महाअमृत) महाकाव्य रामायण का एक अन्य बड़ा सुंदर प्रसंग " राम सुग्रीव प्रथम ... सीता पर लांछन क्यों लगा ?? द्वारा गायत्री शर्मा गुँजन राम और सीता धर्म की मूर्ति थे यह तो पूरी अयोध्या और रघुकुल में विख्यात था। । प्रश्न यह है कि रामराज्य जैसी सुंदर अयोध्या नगरी में मंगल ही ... भक्ति माधुर्य - 2 द्वारा Brijmohan sharma 2राम हनुमान प्रथम मिलनयह प्रसंग रामायण का अत्यंत ही मधुर अमृतमय प्रसंग है | “ आगे चले बहुरि रघुराया .... रूप स्वामि भगवंत |” ( श्किन्धाकांड ) जब राम ... भक्ति माधुर्य - 1 द्वारा Brijmohan sharma ब्रजमोहन शर्मा समर्पण : भगवान शिव के श्री चरणों में यह पुष्प समर्पित ॐ नमः शिवाय भूमिका, मित्रों, मैंने प्रस्तुत ग्रन्थ भक्ति माधुर्य का अनुपम रसास्वादन करने ... अनोखी प्रेम कहानी - 11 द्वारा ranu rajpoot कालचक्र की गति इतनी तीव्र हो गयी कि किसी को सोचने-समझने और चिंतन का अवकाश ही न मिला। भरोड़ा की हवेली में बरतुहार बनकर स्वयं माया दीदी पधारी थीं। ... अनोखी प्रेम कहानी - 10 द्वारा ranu rajpoot बटेश्वर स्थान का गंगा-घाट और उससे लगा विशाल भू-भाग, नर-नारियों के हास-परिहास और हलचलों से भर गया था। सैकड़ों बीघे भू-भाग पर सहस्त्रों शिविर तथा तम्बुएँ। शिविरों के लिए ... अनोखी प्रेम कहानी - 9 द्वारा ranu rajpoot चम्पापुरी का गंगातट।बखरी सलोना की सजी-सँवरी नौका में पाल बांधा जा चुका था और शांत बैठे नाविक माया दीदी के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे थे।माया दीदी के साथ ... अनोखी प्रेम कहानी - 8 द्वारा ranu rajpoot रात का दूसरा प्रहर बीतने को आया, परन्तु मधुरिया माय की आँखों से नींद गायब थी। पति गनौरी गोढ़ी की आँखें निद्रा के बोझ तले बोझिल होती जा रही ... अनोखी प्रेम कहानी - 7 द्वारा ranu rajpoot 'गुरूदेव!' बखरी सलोना से पोपली काकी का संदेश लेकर माया दीदी आयी हैं, 'शिवदत्त नाथ ने नतजानु होकर गुरु भैरवनाथ से कहा-' उन्हें द्वार पर ही रोककर आया हूँ। ... अनोखी प्रेम कहानी - 6 द्वारा ranu rajpoot अंगमहाजनपद के मुख्य केन्द्र चम्पा नगरी से पश्चिमोत्तर बीस कोस की दूरी पर बहुरा गोढ़िन के आधिपत्य में बखरी सलोना बसा था।तांत्रिक मच्छेन्द्रनाथ के अनुयायियों ने अपने गुरु की ... अजूबा ही नहीं, एक तिलिस्म है मानवी शरीर . द्वारा Dr Jaya Shankar Shukla अजूबा ही नहीं, एक तिलिस्म है मानवी शरीर ........................अपनी अंगुलियों से नापने पर 96 अंगुल लम्बे इस मनुष्य−शरीर में जो कुछ है, वह एक बढ़कर एक आश्चर्यजनक एवं रहस्यमय ... अनोखी प्रेम कहानी - 5 द्वारा ranu rajpoot शयन-कक्ष की सुखद शय्या पर राजा विश्वम्भर मल्ल सारी रात जगे थे। युवराज को देखकर अपनी आँखों को तृप्त करने की आकुलता में वे करवटें बदलते रहे।रानी गजमोती के ... अनोखी प्रेम कहानी - 4 द्वारा ranu rajpoot पुत्र-प्राप्ति-अनुष्ठान के अद्भुत नवदिवस व्यतीत हुए. रानी के दूसरे ऋतुकाल में वैद्य ने राजा को अपनी बधाई के साथ शुभ संदेश दिया और पाकशाला में निर्देश भिजवाया कि रानी ... अनोखी प्रेम कहानी - 3 द्वारा ranu rajpoot वीरा की नींद अचानक उचट गयी। समस्त तन में पीड़ा और जलन। मशाल बुझ गई थी। पूरे कक्ष में अँधेरा छाया था। उठकर उसने बुझे मशाल को मंत्रोच्चारण से ... अनोखी प्रेम कहानी - 2 द्वारा ranu rajpoot कार्तिक-पूर्णिमा की पूर्व रात्रि से ही भरोड़ा के नर-नारी और बाल-वृद्ध हाथों में प्रज्वलित मशालें थामे, गाते-बजाते और नृत्य करते घाट पर एकत्रित होने लगे।भरोड़ा के मल्लाह-राजा की ओर ... लघुकथा आध्यात्मिक कथा उपन्यास प्रकरण प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी अनोखी प्रेम कहानी - 1 द्वारा ranu rajpoot अमावस्या की अँधेरी रात ने बखरी सलोना अंचल को अपनी काली चादर तले समेट लिया था। समस्त बखरीवासी अपने-अपने झोपड़ों के अंदर गहन-निद्रा में खोये थे, परन्तु ड्योढ़ी में ... त्रिकाल सिद्धि - 1 द्वारा ranu rajpoot आज मैं आप लोगों के सामने एक ऐसी कहानी लेकर आया हूं जो आपने ना कभी सुनी होगी ना जानी होगी । और ऐसी कहानियां और सच्ची घटनाएं छुप ... मेरी भैरवी - 9 द्वारा निखिल ठाकुर 8. संंत सिद्धेश्वर (आप सबसे पाठकों से क्षमा चाहता हूं कि गलती से नौंवा भाग आठवें भाग की जगह पोस्ट हो गया ..जिसके लिए ... अवधूत संत काशी बाबा - 6 - अंतिम भाग द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" अवधूत संत काशी बाबा 6 6.जीवनानंद ... अवधूत संत काशी बाबा - 5 द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" अवधूत संत काशी बाबा 5 श्री श्री 108 संत ... मेरी भैरवी - 8 द्वारा निखिल ठाकुर क्षमा चाहता हूं कि गलती से यह नौंवा अध्याय आठवें अध्याय की जगह प्रकाशित हो गया ..मैं उम्मीद करता हूं कि आप सभी मेरी इस भूल को जरूर माफ ... अवधूत संत काशी बाबा - 4 द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" अवधूत संत काशी बाबा 4 श्री श्री 108 संत ... मेरी भैरवी - 7 द्वारा निखिल ठाकुर 7. सुनहरी घाटीसुनैना और विराजनाथ दोनों अब चलकर ही सुनहरी घाटी की ओर जा रहे थे....कुछ समय तक चलते हुये वे दोनों सुनहरी घाटी की सीमा पर पहुंच जाते ...