वैल्यू समय की होती है समय निकल जाने पर केवल पछतावे के अलावा कुछ नहीं रहता।
26 जनवरी के दिन तिरंगे को लोग खरीदते हैं 27 जनवरी को कोई नहीं खरीदा उसी प्रकार आप की वैल्यू समय पर ही होती है अच्छा आपको अपने समय पर ही चमकना होगा अन्यथा समय निकल जाने के बाद कोई नहीं पूछेगा
समय एक ऐसी तत्व है जो किसी के लिए नहीं सकता चाहे वह राजा हो या फकीर स्वयं ईश्वर भी क्यों ना हो समय लगातार चलता रहता है इंसान को चाहिए कि वह इस समय के अनुसार चलें यदि मनुष्य समय के अनुसार नहीं चलता तो वह अपनी वैल्यू खो देता है।
जैसे जब मनुष्य जवान होता है तो उसे अपनी जवानी में ही अपने शौक घूमना पैसे कमाना प्रेम करना आदि सुख जवानी में ही करनी चाहिए जवानी निकल जाने के पश्चात यदि उसने इन सब का आनंद लिया तो इसकी कोई वैल्यू नहीं रहती।
वैल्यू तो समय पर ही होती है जैसे फल सूख जाने के बाद यदि बारिश हो तो उसका कोई मतलब नहीं होता उसी प्रकार समय निकल जाने के बाद आप काबिल बनो या सफलता पाओ तो उसका भी कोई महत्व नहीं रहता मैथ में तू समय पर ही रहता है जिस प्रकार कोई मनुष्य अपनी जवानी पर आलस्य करें फालतू कार्य करें धन नहीं कब आए तो उसकी जवानी यदि निकल जाए और उसे बाद में अकल आए और वह धन कमाने लगे और अमीर भी बन जाए तो उसका महत्व नहीं रहता क्योंकि जिस समय उसको वह सब प्राप्त हो जाना चाहिए था वह समय निकल जाने के बाद प्राप्त किया। ऐसे में वह वस्तु जो प्राप्त है वह अपना महत्व खो देती है
इस चीज को एक प्रमाण से सिद्ध करता हूं
एक लड़का था वह अपने माता-पिता का बहुत ही अच्छा बच्चा था उस लड़के से उसके परिवार की बहुत सी उम्मीदें थी जब वह लड़का बढ़ा हुआ कॉलेज पहुंचा तो उस लड़के ने पढ़ाई की परंतु कोई परिणाम नहीं आया जैसे तैसे कॉलेज पास आउट हो गया और साथ ही गवर्नमेंट जॉब की तैयारी करने लगा फिर भी कोई परिणाम नहीं आया उसी कहीं जॉब नहीं लगती अब उसके परिवार की उस लड़के से जो उम्मीदें थी । भाई धीरे-धीरे खत्म हो रही थी ऐसे ऐसे बहुत समय बीत गया वह लड़का अपनी लाइफ के महत्वपूर्ण हिस्सा यानी उसकी जवानी में कुछ नहीं कर पा रहा था उसके परिवार की उससे सभी उम्मीदें समाप्त हो गई थी उसका सब कुछ बिखर गया था ना तो वह सफल हो पा रहा था और ना ही उसने जवानी के कुछ सुख लिए थे और परिवार की भी सपने टूट गए थे।
इस समय उसे हर सुख प्राप्त हो जाना चाहिए था जिसकी उसके परिवार को उम्मीद थी परंतु ऐसा नहीं हुआ उस लड़के का समय निकल रहा था फिर अचानक उसका पूरा परिवार एक एक्सीडेंट में खत्म हो गया और बदकिस्मती से वह लड़का बच गया फिर उस लड़के ने दिल से मेहनत की और दिन-रात एक करके सफलता प्राप्त की परंतु इस सफलता का कोई मतलब ना था जिस परिवार को उसे सुख देना था वह परिवार तो अब रहा नहीं उसकी सफलता किस काम की यह तो वही हुआ क्या वर्षा जब कृषि सुखाने
यानी फसल सूख जाने के बाद बारिश का होना।
यह कहानी से आपको क्या सीख मिली हर चीज का महत्व समय पर ही होता है ना तो समय से पहले ना समय के बाद।
मनुष्य को अपने समय पर ही हर चीज प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए यदि आप सोचते हैं कि समय से पहले और नसीब से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता तो दोस्तों अपनी सोच को बदल लीजिए यदि ठान ली जाए तो समय और नसीब दोनों बदल जाते हैं।
यदि आप अपने जीवन में किसी भी कार्य के लिए लेट हो या देर हो चुकी है आपको तो अपनी उर्जा बढ़ाएं ज्ञान बढ़ाएं और निर्धारित समय पर उस वस्तु को प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयत्न करें।
इसको मैं एक उदाहरण से स्पष्ट करता हूं।
मान लीजिए आप कहीं दूर घूमने जा रहे हैं।
आपको कार से 1 घंटे में 25 किलोमीटर का सफर तय करना है परंतु वह किसी कारण से 2 घंटे तक चालू नहीं हुई आप अपने समय से 2 घंटे लेट हो गए अब आपको 3 घंटे में 75 किलोमीटर का सफर तय करना है, अब आप क्या करोगे
जब हम किसी काम को करने के लिए लेट हो जाते हैं कम क्या करते हैं हम अपनी स्पीड बनाते हैं।
माली जी आपको सुबह 9:00 बजे ऑफिस मीटिंग के लिए जाना है और आपको पता है कि आप अपने घर से 1 घंटे में ऑफिस पहुंच जाएंगे परंतु आप आधे घंटे लेट हो गए हो तो अब आप क्या करेंगे आप अपनी गाड़ी की स्पीड बढ़ा कर 1 घंटे का रास्ता आधे घंटे में तय कर लेंगे और हर हाल में मीटिंग में पहुंच जाएंगे।
ठीक इसी प्रकार आप अपनी लाइफ में लेट हो गए हो तो अपनी स्पीड (ऊर्जा) बढ़ाएं।
1 घंटे में 25 किलोमीटर
3 घंटे में 75 किलोमीटर
-2 घंटे आप लेट हो गए
अब 1 घंटे में 75 किलोमीटर
आपको 1 घंटे में 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलना होगा तो आप अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे यानी आपको अपनी गति को 3 गुना करने की आवश्यकता है।
इस संसार में कोई भी कार्य ऐसा नहीं जो ना हो सके यदि मनुष्य ठान ले तो मंगल ग्रह पर भी जा सकता है एलोन मस्क ने एसडी किया है कि थाने से ही होता है यदि आप सोच रहे हैं कि किस्मत आपका साथ नहीं दे रही तो इसके लिए आप मेरी बुक 75/25 रोल्स को पढ़ सकते हैं।
आप अपनी कार्य करने की क्षमता को बढ़ाकर अपने लक्ष्य को समय पर प्राप्त कर सकते हैं जैसे आप दिन में 4 घंटे पढ़ते हैं तो आप 8 घंटे पढ़ना शुरू कर दे जिससे क्षमता तो बढ़ेगी समय कम लगेगा।
चाल=दुरी/समय
अपनी क्षमता को बढ़ाओ और निर्धारित समय पर अपने लक्ष्य को प्राप्त करो क्योंकि दोस्तों समय निकल जाने के बाद आपको कोई नहीं पूछेगा रेस समाप्त होने के बाद यदि आप पहुंचे तो उसका कोई मतलब नहीं रहेगा इसलिए कहा जाता है समय पर ही सब की कीमत होती है जब वर्षा की आवश्यकता होती है तभी उसका पानी काम आता है बाद में फसल सूख जाने पर यदि पानी बरसे तो उसका कोई महत्व नहीं होता।
इसलिए मित्रों अपनी कीमत भी इसी समय पर निर्भर करती है।
आप का महत्व आप के समय पर ही होना चाहिए बाद में नहीं।