The Author dinesh amrawanshi फॉलो Current Read जस्बात-ए-मोहब्बत - 3 By dinesh amrawanshi हिंदी प्रेम कथाएँ Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books Aapke Aa Jaane Se - 2 Episode 2अब तक साहिल दिल्ली से अपनी पढ़ाई खतम करके वापिस कोल... जिंदगी के पन्ने - 7 रागिनी की ज़िंदगी में एक ऐसा समय आया जिसने पूरे परिवार को गह... आई कैन सी यू - 26 अब तक हम ने पढ़ा के मां के समझाने के बाद रोवन ने आवेदन पत्र... खामोशी का रहस्य - 3 छुट्टी वाले दिन दीपेन देर से उठता औऱ सारे काम धीरे धीरे से प... करवा चौथ का व्रत **करवा चौथ का व्रत** लो जी, पतियों के 'पतिपन' की खटारा गाड... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास dinesh amrawanshi द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ कुल प्रकरण : 16 शेयर करे जस्बात-ए-मोहब्बत - 3 (2) 1.9k 3.5k कॉलेज का नेक्स्ट डे क्लास का फर्स्ट हाफ तो जैसे तैसे बीत ही जाता है लेकिन जब सेकंड हाफ मे प्रोफ़ेसर अवस्थी क्लास मे आते है रिचा के चेहरे पे एक अलग ही मुस्कान आ जाती है और रिचा प्रोफ़ेसर को एक टक देखने लगती है प्रोफ़ेसर अवस्थी अपनी क्लास शुरू करते है फिर भी रिचा का ध्यान प्रोफ़ेसर पर ही होता है तभी नयन्सी रिचा को कोनी से मारते हुये उसका ध्यान तोड़ती है इससे रिचा घबरा जाती है जिससे प्रोफेसर अवस्थी का ध्यान रिचा और नयन्सी पर जाता है प्रोफेसर दोनों की ओर देख कर कहते है ध्यान कहा है तुम दोनों का तो दोनों प्रोफ़ेसर को सॉरी कहती है और प्रोफ़ेसर फिर पढ़ाने लगते है कुुुछ देर बाद क्लास ख़त्म करके प्रोफ़ेसर क्लास से चले जाते है ꠰ कॉलेज के बाद रिचा घर पहुँचती है और अपने रूम मे बैठ कर कॉलेज मे जो हुआ उसके बारे मे सोचने लगती है कि आज तो बच गई पर ये मुझे क्या हो रहा है मैं प्रोफ़ेसर अवस्थी को ऐसे क्यू देख रही थी रिचा ये सोचते सोचते प्रोफ़ेसर के ख़यालों मे खो जाती है कुछ देर बाद रिचा की मम्मी उसके रूम मे आती है और रूम साफ करते करते रिचा से कहती है क्या हुआ रिचा आज कॉलेज से आई ओर सीधा रूम मे आ गई,न मुझसे बात की न कॉफी मांगी पर रिचा प्रोफ़ेसर के ख़यालों मे खोई हुई होती है तो अपनी मम्मी की बात सुन नहीं पाती तो रिचा की मम्मी उसे ज़ोर से हिलाती है जिससे रिचा हड्बड़ा कर अपने ख़यालों से बाहर आती है हा __हा मम्मी क्या हुआ,वही तो मैं पूछ रही हु कुछ हुआ क्या आज कॉलेज मे तू बड़ी खोई खोई सी है अभी मेरी बात भी नहीं सुनी तुमने तो रिचा कहती है नहीं मम्मी कुछ नहीं हुआ रिचा मम्मी को अपनी बातों मे घूमा देती है कि वो मैं पढ़ाई के बारे मे सोच रही थी मम्मी ओर कुछ नहीं, मम्मी कॉफी दे दो प्लीज मम्मी कॉफी लेने चली जाती हैं रिचा कहती है -थैंक यू गॉड जी आज तो बाल बाल बच गई ꠰ अगले दिन रिचा ओर नयन्सी कॉलेज पहुँचती है और क्लास जाती है फिर नेहा ओर रितु से मिलती है क्लास शुरू होने मे अभी कुछ टाइम होता है तो चारों कैंटीन जाती है जैसे ही ये चारों कैंटीन पहुँचती है तो रिचा के दिल की धड़कने बढ़ जाती है पर रिचा इस एहसास को समझ नहीं पाती है,कहते है न कि जब सच्चा प्यार दिल मे दस्तक दे रहा होता है तो खुद से पहले हमारे आस पास के लोगो को पता चल जाता है और अचानक से एक आवाज आती है _____यार अवस्थी सर बैठे है तो रिचा कहती है अरे बैठते है न प्रोफ़ेसर ही तो हैं और चारों कैंटीन की एक टेबल पर बैठ जाते है रिचा जानबूझ कर उस चैर पर बैठती है जहा से प्रोफ़ेसर अवस्थी रिचा के ठीक सामने बैठे होते है रिचा बार बार प्रोफ़ेसर अवस्थी को चोर निगाहों से देखती है जो नयन्सी देख लेती है ‹ पिछला प्रकरणजस्बात-ए-मोहब्बत - 2 › अगला प्रकरण जस्बात-ए-मोहब्बत - 4 Download Our App