Jasbat-e-Mohabbat - 4 books and stories free download online pdf in Hindi जस्बात-ए-मोहब्बत - 4 1.5k 2.5k 1 और रिचा को धीरे से उसके कान मे कहती है ओए ये क्या कर रही है रिचा घबरा जाती है और नयन्सी से कहती है कुछ तो नहीं लेकिन रिचा और नयन्सी एक दूसरे से काफी क्लोज़ हो जाती है उनकी दोस्ती बहुत गहरी हो जाती है इस वजह से नयन्सी रिचा को छेड़ देती है ये कह कर की मैं समझ रही हूँ जो तू बार बार अवस्थी सर को देख रही है तो रिचा नयन्सी से कहती है चल हट पागल कुछ भी बोलती है मैं क्यू देखने लगी अवस्थी सर को ऐसा कुछ नहीं है ये कह कर रिचा बात को टाल देती है और फिर चारों क्लास की ओर चल देती है क्लास रूम मे जा कर फर्स्ट हाफ अटेण्ड करती है पर रिचा के दिल को तो जैसे कॉलेज के सेकंड हाफ का इंतेजार होता है फिर फर्स्ट हाफ खत्म होता है पर रिचा क्लास मे ही रुकती है तो रितु कहती है रिचा कैंटीन नहीं चल रही क्या तो रिचा कहती है नहीं यार तुम तीनों चली जाओ मेरा मन नहीं है तो नेहा कहती है यार रिचा चल न अभी तो लंच टाइम है क्लास शुरू होने मे बहुत वक़्त है यहा अकेली बैठ कर क्या करेगी तो नयन्सी रिचा को छेड़ते हुए कहती है चल न यार रिचा भाव मत खा तो रिचा कहती है ठीक है चलो और चारों कैंटीन पहुँचती है कॉफी नसता करके वापस क्लास रूम की तरफ जाती है तभी सामने से प्रोफ़ेसर अवस्थी आ रहे होते है चारों उन्हे देख कर गुड आफ्टरनून कहती है और आगे बढ़ जाती है आगे जाते हुये रिचा मुड़ कर प्रोफ़ेसर अवस्थी को देखती है तो रिचा के कदम रुक से जाते है तभी नयन्सी कहती है अबे चल न क्लास मे देख लेना अब सारे दर्शन यही करेगी क्या और दोनों ज़ोर से हस पड़ती है ये देख कर नेहा कहती है ओए तुम दोनों पागल हो गई हो क्या ऐसे क्यू हस रही हो हम दोनों भी है इस ग्रुप मे हमे भी तो बताओ हम भी हस लेंगे साथ मे,तो नयसी कहती है कुछ नहीं न बे मैं रिचा के साथ मस्ती कर रही थी ये कहते हुये नयन्सी नेहा की कमर मे गुदगुदी कर देती है तो चारों फिर हसने लगती है इस तरह से नयन्सी बात को घूमा देती है और चारों क्लास रूम पहुँचती है कुछ ही देर मे प्रोफ़ेसर अवस्थी क्लास मे एंटर होते है ये देख कर रिचा के चेहरे पे स्माइल आ जाती है ये देख कर नयन्सी कहती है ये फिर शुरू हो गई, ओए मेडम कबसे चल रहा है ये सब तो रिचा कहती है कहा क्या चल रहा है कुछ भी नहीं,अच्छा रिचा की बच्ची तुझे क्या लगता है मुझे कुछ नहीं पता तो रिचा कहती है ये तू क्या बोल रही है नयन्सी,तो नयन्सी कहती है तू जो ये अवस्थी सर को बार बार देखती है उन्हे देख कर तेरा चेहरा खिल उठता है तुझे क्या लगा मुझे नहीं समझ आया,अबे बहुत पहले ही समझ गई थी कि तू अवस्थी सर को पसंद करती है तो रिचा कहती है चुप कर कुछ भी बोलती है ऐसा कुछ नहीं है ꠰ ‹ पिछला प्रकरणजस्बात-ए-मोहब्बत - 3 › अगला प्रकरणजस्बात-ए-मोहब्बत - 5 Download Our App अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी dinesh amrawanshi फॉलो उपन्यास dinesh amrawanshi द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ कुल प्रकरण : 16 शेयर करे आपको पसंद आएंगी जस्बात-ए-मोहब्बत - 1 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 2 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 3 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 5 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 6 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 7 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 8 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ए-मोहब्बत - 9 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 10 द्वारा dinesh amrawanshi जस्बात-ऐ-मोहब्बत - 11 द्वारा dinesh amrawanshi NEW REALESED Love Stories ठंडी सड़क (नैनीताल) - 11 महेश रौतेला Moral Stories शोहरत का घमंड - 64 shama parveen Fiction Stories अमावस्या में खिला चाँद - 1 Lajpat Rai Garg Moral Stories कंचन मृग - 18. दिल्ली की ओर भी प्रस्थान कर सकता है Dr. Suryapal Singh Short Stories ये तो होना ही था S Sinha Love Stories प्रेम गली अति साँकरी - 137 Pranava Bharti Love Stories मेरे हमदम मेरे दोस्त - भाग 1 Kripa Dhaani Moral Stories सर्कस - 9 Madhavi Marathe Short Stories मालिक दिनेश कुमार कीर Mythological Stories भगवान् के चौबीस अवतारों की कथा - 2 Renu