खामोश प्यार - भाग 24 prashant sharma ashk द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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खामोश प्यार - भाग 24

श्लोक ने कमरे में प्रवेश करते हुए मानव पर सवालों की बौछार सी कर दी थी। श्लोक ने मानव से प्रश्न किया- क्या भाई कहां है ? कहां चला गया था ? 15 दिन से कॉलेज भी नहीं आ रहा था ? क्या परेशानी है? ऐसे कोई गायब होता है क्या? कम से कम से मुझे तो बताकर जा सकता था।

मानव सिर्फ श्लोक की बातों को सुन रहा था, उसने अब तक कोई जवाब नहीं दिया था। मानव के खामोश रहने से श्लोक लगभग चिढ़ गया और फिर बोला- मैं यहां सिर्फ तेरी सूरत देखने के लिए नहीं आया हूं, कुछ तो बोल।

मानव कुछ देर और खामोश रहा और फिर बोला- जेनी का कहना है कि जॉली कायरा से प्यार करता है।

श्लोक ने कहा- पर कायरा जॉली को नहीं तुझे पसंद करती है। मैं तुझे इतने समय से कह रहा हूं, पर तू तो पता नहीं कौन सी सोच में रहता है। कायरा ही तुझे आकर कहेगी तभी तू मानेगा। मैं फिर कह रहा हूं जॉली अपनी और से कुछ और करें, इससे अच्छा तू उससे बात कर ले।

मानव ने श्लोक की बात सुनकर कहा- हां तू सही कह रहा है। मुझे अब कायरा से बात करना ही होगी। पर सच कहूं तो मेरी हिम्मत ही नहीं होती है।

उसे खो देने से अच्छा है कि एक बार हिम्मत करके उससे बात कर ले। ज्यादा से ज्यादा मना ही करेगी, इससे ज्यादा कुछ नहीं होगा। इसके बाद दोनों के बीच सामान्य बात हुई और फिर श्लोक वहां से चला गया। मानव कायरा के बारे में सोच रहा था। उसके मन में अब भी वहीं प्रश्न था कि क्या कायरा उसकी बात का सकारात्मक जवाब देगी। फिर वो अलमारी खोलकर कायरा के फोटो को देखने लगता है। रात को वो अपने बेड पर लेटता है और रोज की तरह आज भी ऑनलाइन था, परतु आज भी उसने कोई मैसेज नहीं किया था, जबकि उसे पता था कि कायरा भी ऑनलाइन थी। कायरा की ओर से भी कोई मैसेज नहीं आया था। ऐसे ही एक और रात दोनों के ऑनलाइन होने की गवाह बन बीत चुकी थी।

अगले दिन कॉलेज में मानव पहुंचा और उसने कायरा को देखा। कायरा हमेशा की तरह क्लास में खामोश थी। हालांकि मानव को देखकर उसके चेहरे में एक चमक आ गई थी। इसी बीच जॉली और जेनी भी क्लास में आ गए थे। वे दोनों भी काफी खुश नजर आ रहे थे, क्योंकि वे दोनों अपने दिलों की बात अपने माता-पिता से कर चुके थे। जॉली को देखते हुए कायरा के चेहरे पर गुस्सा नजर आने लगा था, वहीं जेनी मानव के पास जाकर बैठ गई थी और उसे देखकर मुस्कुरा रही थी। मानव की नजर बार-बार जॉली और कायरा पर जा रही थी। जेनी मानव को नोटिस कर रही थी और वो भी बार-बार कायरा को देख रही थी। जबकि कायरा नजर नीचे किए हुए बैठी हुई थी।

क्लास खत्म हुई और रोज की तरह सभी कैटिंन में मिले। मानव भी श्लोक के साथ कैटिंन पहुंच गया था। स्नेहा और कायरा भी कैटिंन में ही थी। जेनी मानव और श्लोक के पास आकर बैठ गई थी। जेनी ने मानव से बात की और कहा-

क्या तुम कायरा को पसंद करते हो ?

मानव ने जेनी की बात का कोई जवाब नहीं दिया।

जेनी ने फिर कहा- मानव तुम मानों या ना मानों पर मैं तुम्हें बहुत पसंद करती हूं।

मानव ने इस बार भी जेनी की बात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। श्लोक जेनी की बात को सुनकर आश्चर्य में था। जेनी खुले शब्दों में मानव से अपने प्यार का इजहार कर रही थी। मानव ने जब जेनी की बात पर कोई रिप्लाई नहीं दिया तो वो उठकर खड़ी हुई और फिर जाते हुए कहा-

मानव मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हें प्यार करती हो। एक ना एक दिन तुम्हें मेरे प्यार के सामने झुकना ही होगा। एक दिन आएगा जब तुम मुझे अपनाओगे। इतना कहने के बाद जेनी वहां से चली गई थी। जेनी के जाते ही श्लोक ने मानव से कहा- मानव मुझे लगता है कि ये तुझे बहुत प्यार करती है। ये कुछ करें इससे पहले तू कायरा से बात कर ले, कहीं ऐसा ना हो कि ये बात कायरा को पता चले और तू उसे खो दे।

मानव अब श्लोक की बात को लेकर गंभीर हो गया और उसने सिर्फ हां में सिर हिलाया।

वहीं दूसरी ओर जॉली ने कायरा और स्नेहा को कैटिंन में बैठे देखा तो वो उठकर कायरा के पास पहुंच गया था। उसने कायरा के पास जाते ही कहा-

कायरा तुमने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया।

जॉली को अपने सामने देखते ही कायरा का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था। वहीं अपनी सीट से उठी और पूरे कैटिंन के सामने उसने जॉली को थप्पड़ जड़ दिया था और कहा- मुझे लगता है कि तुम्हें तुम्हारी बात का जवाब मिल गया होगा। ये जवाब तो मैं तुम्हें ट्रिप ही देना चाहती थी, परंतु तुम मुझे वहां नजर नहीं आए।

कायरा के थप्पड़ से कैटिंन में सन्नाटा छा गया था। कायरा ने स्नेहा का हाथ पकड़ा और वहां से चली गई थी। जॉली अपने गालों पर हाथ रखे बैठा था। जेनी भी हालांकि उस समय कैटिंन में ही थी वो उठकर जॉली के पास आ गई थी और उसने जॉली के कंधे पर हाथ रखते हुए सांत्वना देने की कोशिश की। फिर जेनी और जॉली भी कैटिंन से बाहर चले गए थे। जॉली को जब कायरा ने थप्पड़ जड़ा तब मानव और श्लोक भी वहीं थे, मानव के चेहरे पर एक चमक आ गई थी। उसे समझ आ गया था कि कायरा के दिल में जॉली के लिए कुछ भी नहीं है। फिर श्लोक और मानव भी कैटिंन से बाहर निकल गए थे। श्लोक लगभग दौड़ते हुए कायरा और स्नेहा के पास पहुंच गया था।

वाह कायरा क्या जवाब दिया है तुमने जॉली को, मुझे तो तुमसे ऐसी उम्मीद ही नहीं थी।

कायरा ने श्लोक की बात का जवाब देते हुए कहा- जैसा उसका सवाल था, वैसा ही मेरा जवाब रहा है श्लोक।

स्नेहा ने कहा- तुमने बिल्कुल सही किया कायरा। जबरदस्ती उसे पसंद तो नहीं किया जा सकता।

कायरा कुछ देर खामोश रही और वहां से चली गई। श्लोक और स्नेहा उसे जाते हुए देख रहे थे, वहीं मानव भी कुछ दूरी से कायरा को जाते हुए देख रहा था।