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खामोश प्यार - भाग 19

कायरा अपनी मस्ती में आगे चल रही थी, उसे नहीं पता था कि जॉली उसके पीछे चल रहा है और उसे देख रहा है। कायरा कुछ देर के लिए किले के एक बंद दरवाजे के पास खड़ी होकर उसे देख रही थी, वहीं जॉली एक पेड़ के पीछे से उसे देख रहा था। तभी स्नेहा जॉली के पास पहुंच गई और अचानक उसे कहा- कायरा को देख रहे हो ?

जॉली स्नेहा की आवाज सुनकर अचानक चौंक गया था, उसने खुद को संभालते हुए कहा- अरे नहीं मैं तो बस ऐसे ही घूमने आया था।

स्नेहा ने कहा- 10 मिनट से मैं तुम्हारे पीछे हूं और देख रही हूं कि तुम कायरा के पीछे चल रहे हो।

जॉली अब समझ चुका था कि उसकी चोरी पकड़ी गई है तो उसने कहा- स्नेहा अब तुमने देख ही लिया है तो फिर पूछ क्यों रही हो ?

स्नेहा ने कहा- वैसे तुम कायरा का पीछा क्यों कर रहे हो ?

जॉली ने कहा- मैं पीछा नहीं कर रहा था बस उसे देख रहा था।

स्नेहा ने फिर सवाल किया- तो क्या तुम उसे पसंद करते हो ?

जॉली ने स्नेहा की इस बात का कोई जवाब नहीं दिया बस मुस्कुराकर रह गया था। स्नेहा जॉली की इस मुस्कुराहट से समझ गई थी कि जॉली भी कायरा को पसंद करता है। फिर स्नेहा ने जॉली से कहा- ठीक है समझ गई, पर अब तुम जाओ मैं कायरा से बात करती हूं।

जॉली अपने बालों पर हाथ फिराता और मुस्कुराता हुआ वहां से चला गया। स्नेहा आगे बढ़ी और कायरा के पास पहुंच गई। कायरा के पास पहुंचकर उसने कायरा से कहा- काश तू यूं अकेली ना घूम रही होती, काश कि तेरे हाथों में किसी का हाथ होता, चेहरे पर एक मुस्कान होती तो यह किला भी कितना रोमांटिक माहौल बना देता।

कायरा ने पलटकर स्नेहा को देखा और कहा- तेरे दिमाग में इसके अलावा कुछ और चलता है या नहीं।

स्नेहा ने कहा- नहीं चलता, क्योंकि मेरी किस्मत तेरे जैसी नहीं है। तुझे तो चाहने वालों की लाइन लगी है और हमें तो कोई पलटकर देखता भी नहीं है।

कायरा ने इस बार थोड़ा गुस्से के साथ स्नेहा को देखा और कहा- यार तू फिर से शुरू मत होना।

स्नेहा ने कहा- नहीं सच कह रही हूं पर तू है कि मानती ही नहीं है। मानव तो तेरे चाहने वालों की लाइन में पहले से ही था, अब एक और जुड़ गया है।

कायरा ने इस बार थोड़ा सा और गुस्सा दिखाते हुए कहा- अब किसका नाम लेगी तू ?

स्नेहा ने जवाब दिया- जॉली।

कायरा ने कहा- उसने वादा किया है वो मेरा सिर्फ दोस्त रहेगा, इससे आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करेगा तो अब तू उसका नाम क्यों ले रही है।

स्नेहा ने कहा- वहीं तेरा दोस्त अभी 15 मिनट से तेरा पीछा कर रहा था और छिप-छिपकर देख रहा था। मैंने पकड़ लिया तो चला गया।

कायरा ने चौंकते हुए कहा- क्या वो मेरा पीछा कर रहा था ?

स्नेहा ने कहा- हां देवी जी आपका पीछा ही कर रहा था। अच्छा मुझे एक बात सच सच बताएगी ?

कायरा ने कहा- जैसे मैं मना कर दूंगी तो तू पूछेगी नहीं ? पूछ क्या बात है ?

स्नेहा- तू मानव को पसंद करती है ना ?

कायरा कुछ देर के लिए चुप रही और फिर सिर्फ हां में सिर हिला दिया।

स्नेहा ने कहा- तो अब मेरी बात सुन। जॉली मानव से बहुत अलग है। जॉली भी तुझे पसंद करता है, वो तुझे कुछ कहे उससे पहले तू मानव से अपने दिल की बात कह दे। क्योंकि अगर जॉली ने कुछ कहा तो फिर बहुत परेशानी हो जाएगी।

कायरा ने कहा- सच कहूं स्नेहा मुझे कुछ समझ नहीं आता है। मैं क्या करूं। मुझे डर है कि मैंने उसे कुछ कहा तो वो क्या सोचेगा, क्यों मुझे ये नहीं पता कि वो क्या सोचता है ?

स्नेहा ने कहा- मैंने तुझे बताया तो है कि वो भी तुझे पसंद करता है।

कायरा ने कहा- तेरे कहने से क्या होता है ?

स्नेहा ने कहा- देख कायरा मैं प्यार को समझ सकती हूं, मैंने उसकी आंखों में तेरे लिए प्यार देखा है।

कायरा ने कहा- अगर तू प्यार को समझती है तो क्या तुझे खुद के लिए किसी की आंखों में प्यार नजर नहीं आया।

स्नेहा ने कहा- अरे तू बात को मत घूमा।

कायरा ने कहा- क्यों तू तो प्यार की प्रोफेसर हो रही है तो फिर तुझे कभी श्लोक पसंद क्यों नहीं आया। श्लोक भी तो कोई बुरा लड़का नहीं है। तुने कभी श्लोक को एक दोस्त से आगे बढ़कर क्यों नहीं देखा? तुम दोनों लगभग एक जैसा ही सोचते हो, फिर कभी दोनों एक-दूसरे के करीब क्यों नहीं आ सके।

कायरा की बातों ने स्नेहा को एक दम खामोश कर दिया था। स्नेहा कायरा की बातों के बारे में सोचने लगी थी। वो चुपचाप वहां से चली और कायरा उसे जाते हुए देख रही थी। कुछ देर बाद कायरा भी वापस कैंप की ओर लौट गई।

दूसरी ओर जेनी और श्लोक साथ घूम रहे थे। जेनी श्लोक से मानव के बारे में ही बातें कर रही थी, पर श्लोक जानता था कि मानव कायरा को पसंद करता है, इसलिए वो जेनी को मानव के बारे में कुछ स्पष्ट बातें नहीं बता रहा था। जेनी भी समझ गई थी कि श्लोक मानव के बारे में सब सच नहीं कह रहा है, इसलिए उसने बात को घूमा दिया।

जेनी ने श्लोक से कहा- अच्छा श्लोक ये बताओ कि तुम्हें कभी किसी लड़की से प्यार नहीं हुआ ?

श्लोक ने जोर से ठहाका लगाते हुए कहा- जेनी मुझे देखकर लगता है कि कोई लड़की मुझसे प्यार करेगी। लड़कियां मुझे अपना दोस्त तो बना सकती है परंतु अपना प्यार नहीं।

जेनी ने कहा- हो सकता है कि तुम गलत सोचते हो, पर क्या तुमने कभी किसी लड़की को प्रपोज किया है ?

इस बार श्लोक भी कुछ गंभीर हो गया था, उसने धीरे से कहा- नहीं।

जेनी ने फिर कहा- तुम जिसे अपना दोस्त कह रहे हो, हो सकता है कि वो मन ही मन तुम्हें पसंद करती हो, पर तुम्हारी फिलिंग्स उसे पता नहीं इसलिए उसने भी अपनी फिलिंग्स को जाहिर नहीं होने दिया हो।

श्लोक जेनी की बात को ध्यान से सुन रहा था। जेनी ने आगे कहा- स्नेहा तुम्हारी बहुत अच्छी दोस्त है कभी तुमने उसके बारे में सोचा है ?

श्लोक ने कहा- स्नेहा ? वो मेरी अच्छी दोस्त है बस।

जेनी ने फिर कहा- दोस्त है पर क्या तुमने उससे कभी ये जानने की कोशिश की है कि वो प्यार के बारे में या तुम्हारे बारे में क्या सोचती है।

श्लोक फिर सोच में पड़ गया था। श्लोक को इस तरह सोच में देखकर जेनी ने कहा- ठीक है तुम सोचते रहे और अगर कुछ सोच लो मुझे जरूर बताना। इसके बाद जेनी वहां से निकल गई थी।

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