खामोश प्यार - भाग 15 prashant sharma ashk द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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खामोश प्यार - भाग 15

कुछ ही दिनों में जॉली और जेनी पूरे कॉलेज में काफी पापुलर हो गए थे। उनके कई दोस्त भी बन गए थे। लगभग डेढ महीना हो गया था और एक्सीडेंट में आई चोट से पूरी तरह से ठीक होने के बाद कायरा आज कॉलेज आई थी। आज वो कुछ अलग लग रही थी। खुले बाल, माथे पर एक छोटी सी बिंदी, हाथों में हमेशा की तरह दो कंगन, सफेद सूट और खुले बालों में वो परी लग रही थी। कॉलेज के कई लड़कों ने उसे एक बार पलटकर जरूर देखा था, परंतु कायरा ने किसी की ओर भी ध्यान नहीं दिया था। वो जब क्लास में पहुंची तो मानव सिर झुकाए उदास बैठा हुआ था। तभी स्नेहा ने जोर से पुकारा- अरे कायरा तू आ गई। तू पूरी तरह से ठीक हो गई है।

स्नेहा की आवाज जैसे ही मानव के कानों तक पहुंची उसने गर्दन उठाकर क्लास के गेट की ओर देखा, वहां कायरा खड़ी थी। स्नेहा उठकर कायरा के पास गई और उसे गले लगा लिया। कायरा को देखते ही मानव के चेहरे पर चमक और होंठों पर मुस्कान लौट आई थी। मानव कायरा से मिलने के लिए बस उठा ही था कि उसके सामने जॉली निकलकर कायरा के पास पहुंच गया।

जॉली ने अपना हाथ कायरा की ओर बढ़ाते हुए कहा- हैलो कायरा। मेरा नाम जॉली। वेलकम बेक।

कायरा उसे सवालिया नजरों से देख रही थी। तभी स्नेहा ने उसे बताया।

ये जॉली है और मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया है। और वो जेनी है जॉली की सिस्टर। दोनों बीच टर्म में ही कॉलेज में आए हैं। तुम नहीं थी, इसलिए तुम्हारा परिचय नहीं हो पाया।

कायरा ने जॉली से हाथ बिना मिलाए ही उसे हैलो कहा।

जॉली ने फिर आगे कहा- मैंने अब तक आपके बारे में बहुत सुना है, पर मुझे लगता है कि मैंने जितना सुना है वो बहुत कम है। स्नेहा और अन्य लोगों ने मुझे बताया था कि आप बहुत अच्छी है और बहुत प्यारी भी। मुझे लगता है प्यारी से भी बढ़कर अगर कोई शब्द है तो आप वो हैं। आप सच में बहुत खूबसूरत है। क्या मैं आपका दोस्त बन सकता हूं।

कायरा जॉली की इन बातों को सुनकर आश्चर्य में थी। उसने जॉली की किसी भी बात का कोई जवाब नहीं दिया और अपनी सीट पर आकर बैठ गई। जॉली की बातें मानव भी सुन रहा था और उसे गुस्सा भी आ रहा था। कायरा अपनी सीट पर बैठते ही मानव की ओर देखती है। दोनों की नजरें मिली और दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा दिए थे।

क्लास खत्म होने के बाद स्नेहा कायरा के साथ कैटिंन में चली गई थी। वहीं मानव भी पार्क में बैठा हुआ था। स्नेहा और कायरा बैठकर चाय पी रही थी, तभी वहां जॉली पहुंच गया। उसने एक बार फिर कायरा से बात करने की कोशिश की और उससे कहा-

कायरा तुमने मेरी बात का जवाब नहीं दिया।

जॉली को देखते हुए पहली बार कायरा ने जॉली से कहा- कौन सी बात ?

यहीं कि क्या मैं आपका दोस्त बन सकता हूं ?

मैं अंजान लोगों से इतनी जल्दी दोस्ती नहीं करती हूं। और दूसरी बात यह है कि मैं कॉलेज में सिर्फ स्टडी करने के लिए आती हूं किसी से दोस्ती करने के लिए नहीं।

कायरा से इस तरह का जवाब मिलने की उम्मीद जॉली को नहीं थी, उसने कायरा की बात का जवाब देते हुए कहा- कायरा दोस्त तो मैं तुम्हारा जरूर बनूंगा, आज ना सही पर कल तुम खुद मेरी ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाओगी।

कायरा ने कहा- वक्त आएगा तो देखा जाएगा। इतना कहने के साथ ही वो उठी और कैंटिंन से बाहर चली गई।

स्नेहा ने जॉली से कहा- अरे ये क्या किया तुमने। उसे नाराज कर दिया।

जॉली ने कहा- नाराज। मैंने कहा नाराज किया, वो तो खुद ही नाराज हो गई।

स्नेहा ने फिर कहा- मैंने तुमसे कहा था ना कि वो अलग तरह की लड़की है।

जॉली ने स्नेहा की बात का जवाब देते हुए कहा- तो हम भी कहां आम है, अब भी बहुत अलग है।

इस बीच जेनी पार्क में बैठे मानव को देख रही थी। जेनी मानव को पसंद करने लगी थी। आज उसे पार्क में अकेला देखकर वो उसके पास पहुंच गई थी। मानव अब भी पार्क में गुमसुम ही बैठा था, जेनी उसके पास पहुंची और उससे कहा-

हैलो मानव, क्या मैं कुछ देर यहां बैठकर तुमसे बात कर सकती हूं ?

मानव ने सवालिया नजरों से जेनी को देखा और ना चाहते हुए भी सीट से थोड़ा सा हटते हुए जेनी को बैठने के लिए इशारा किया।

जेनी ने मानव से कहा- मेरा नाम तो तुम जानते ही हो। मैं पिछले कुछ दिनों से देख रही हूं कि तुम कुछ परेशान हो। तुम्हें कोई प्रॉब्लम है क्या मानव ? अगर है तो क्या मैं उसे दूर करने में तुम्हारी कोई मदद कर सकती हूं। अगर ऐसा है तो मुझे बहुत खुशी होगी।

मानव ने सिर से पैर तक जेनी को देखा और रूखे अंदाज में कहा- मुझे किसी की कोई मदद नहीं चाहिए। वैसे तुम्हें ऐसा क्यों लग रहा है कि मैं परेशान हूं।

जेनी ने कहा- वो मैंने नोटिस किया इसलिए पूछा।

मानव ने फिर कहा- ओह तुमने नोटिस किया तो परेशान हूं। वैसे मुझे कोई परेशानी नहीं है।

जेनी ने फिर कहा- ओके मान लिया कि तुम्हें कोई परेशानी नहीं है। वैसे क्या हम दोस्त बन सकते हैं ?

मानव ने कहा- मैं बहुत कम लोगों से दोस्ती करता हूं और वो भी मेरी पसंद होती है।

जेनी ने कहा- तो क्या मैं तुम्हारी पसंद में शामिल नहीं हूं ?

मानव ने कहा- मैं फिलहाल तुम्हें ठीक से जानता तक नहीं हूं तो दोस्ती का तो सवाल ही नहीं उठता है।

जेनी ने फिर मानव से कहा- कोई बात नहीं। बोलों वैसे तुम मेरे बारे में क्या जानना चाहते हो ?

मानव ने जेनी के सवाल का जवाब देते हुए कहा- फिलहाल मैं किसी के बारे में कुछ नहीं जानना चाहता हूं। कुछ देर यहां अकेला बैठना चाहता हूं। अगर तुम्हें मुझसे कोई काम ना हो तो क्या मैं यहां कुछ देर अकेले बैठ सकता हूं ?

जेनी ने जवाब देते हुए कहा- वैसे मेरा मन तो नहीं है कि तुम्हें अकेले बैठने दूं। पर फिर भी तुम्हारा मन है तो तुम बैठ सकते हैं। वैसे मेरी दोस्ती काफी अच्छी साबित हो सकती है तुम्हारे लिए। क्योंकि आज कायरा के आने के बाद से तुम्हारे चेहरे पर एक खास चमक भी नजर आ रही है। मैं जल्दी ही कायरा से दोस्ती कर लूंगी, फिर तुम्हारी से दोस्त तुम्हारे काफी काम आ सकती है।

मानव कुछ गुस्से के साथ जेनी को देखा, वो कुछ बोलता उससे पहले ही जेनी ने कहा- ओके सॉरी। अगर तुम्हें मेरी बात का बुरा लगा हो तो, पर मैंने जो महसूस किया बस वही कहा है। अब तुम यहां बैठो मैं चलती हूं। वैसे मेरी दोस्ती के बारे में एक बार सोचना जरूर। मैं इतनी भी बुरी नहीं हूं।

इतना कहने के बाद जेनी वहां से चली गई और मानव ने उसे दूर जाते देखा और फिर सामने आसमान में देखने लगा। इस दौरान जेनी ने तीन बार मुडकर मानव को देखा था।