खामोश प्यार - भाग 14 prashant sharma ashk द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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खामोश प्यार - भाग 14

स्नेहा उखड़ी हुई सी वहां से चली जाती है। दूसरे दिन वो कॉलेज पहुंच जाती है। वो श्लोक से बात ही कर रही होती है कि मानव भी अपनी क्लास में पहुंच जाता है। मानव को क्लास में आया देख स्नेहा वहां से चली जाती है। मानव को क्लास में पहुंच अभी कुछ ही देर हुई थी कि क्लास में एक लड़के ने प्रवेश किया। उसके साथ एक लड़की भी थी। घुंघराले बाल, हल्की नीली सी आंखे, सफेद शर्ट पर ग्रे रंग की जैकेट, आंखों पर स्टालिश चश्मा, महंगे जूते और चेहरे पर एक मुसकान लिए इस लड़के ने जैसे ही क्लास में एंट्री की थी क्लास के हर बंदे की नजर इस पर टिक गई थी।

वहीं लड़के के साथ आई लड़की भी कम खूबसूरत नहीं थी। हल्के गुलाबी रंग का टॉप और नेवी ब्लू कलर की जींस के साथ आंखों पर चश्मा और हाथों में महंगा पर्स, होठों पर हल्की लाल लिपिस्टक, हाथों में कंगन, छोटे पर खुले हुए बाल, गालों पर एक छोटा सा काला तिल उसके रूप को और भी निखार रहा था। क्लास में बैठे लड़के तो लड़के, लड़कियां भी उस लड़की को देख रही थी।

दोनों क्लास में आते हैं, आंखों से चश्मा उतारते हैं और पूरी क्लास को एक बार देखते हैं। फिर दोनों एक-दूसरे को देखते हैं और क्लास में खाली पड़ी कुर्सी पर जाकर बैठ जाते हैं। इस लड़के का नाम जॉली था, वहीं लड़की का नाम जेनी। जॉली ने क्लास के कुछ लड़कों को अपना परिचय दिया और फिर उनसे बाते करने लगा। वही जेनी ने भी क्लास के कुछ लड़कियों से बात शुरू कर दी थी। इसी दौरान कुमार राघव क्लास में आ गए। सभी स्टूडेंट्स अपनी सीट पर सलीके से बैठ गए थे। प्रोफेसर राघव ने क्लास में आते ही दो नाम पुकारे, जॉली, जेनी ?

दोनों एक साथ अपनी जगह पर खड़े हो गए थे। प्रोफेसर राघव ने अब क्लास को बोलना शुरू किया। डियर स्टूडेट्स ये जॉली है और ये उसकी बहन है जेनी। ये दोनों अब तक बैंगलोर में हैं, परंतु किसी कारण से ये अब यहां आ गए हैं। ये दोनों अब हमारे कॉलेज और तुम लोगों की क्लास में ही अपनी आगे की स्टडी करेंगे। जॉली और जेनी के पिता देश में काफी बड़े बिजनेस मैन हैं। जॉली स्टडी के साथ अपने पिता का बिजनेस भी संभालता है और जेनी भी उसका साथ देती है। मैं चाहता हूं कि आप इनका स्वागत करें। प्रोफेसर राघव की बात सुनकर स्टूडेंट्स ने दोनों को हैलो कहा। इसके बाद प्रोफेसर राघव ने स्टडी शुरू करा दी। हालांकि इस दौरान मानव ने एक बार भी जॉली और जेनी को नहीं देखा था। क्लास खत्म होते ही जेनी प्रोफेसर राघव के पास आ गई।

जेनी ने प्रोफेसर राघव ने कहा- सर अब तक की क्लास के नोट्स मेरे पास नहीं है। यदि आप किसी स्टूडेंट को कह कर मुझे नोट्स उपलब्ध करा दे तो मेरी स्टडी कुछ आसान हो जाएगी।

प्रोफेसर राघव ने एक बार पूरी क्लास को देखा और फिर कहा- वैसे तो मैं कियारा से तुम्हें नोट्स दिला देता, पर उसका एक्सीडेंट हुआ है और वो फिलहाल क्लास में नहीं आ रही है। इस दौरान उनकी नजर मानव पर गई और उन्होंने मानव को आवाज दी- मानव।

मानव ने प्रोफेसर की आवाज सुनी और उठकर उनके पास आ गया। जी सर।

प्रोफेसर राघव ने मानव से कहा- मानव ये जेनी है, आज ही क्लास में आई है। मैं चाहता हूं कि तुम इस अब तक क्लास के जो भी नोट्स है वो इसे दे दो, ताकि ये अपनी स्टडी कर सके।

मानव ने स्वीकृति में अपना सिर हिला दिया। फिर प्रोफेसर राघव वहां से चले गए। जेनी ने मानव की और हैलो कहते हुए हाथ बढ़ाया। मानव ने जेनी को अपनी हाथ बढ़ाते देखा तो बेहद ही साधारण तरीके से उसके हैलों का जवाब दिया और हाथ मिलाया।

जेनी को लगा कि शायद मानव को प्रोफेसर राघव की बात पसंद नहीं आई। उसने फिर भी उसे थैक्स कहते हुए कहा- तो फिर आप नोट्स कब देंगे।

मानव ने कहा- कल जब मैं कॉलेज आउंगा तो सभी नोट्स ले आउंगा। फिलहाल मेरे पास नहीं है।

जेनी ने एक बार फिर उसे थैक्यू कहा इसी बात मानव वहां से चला गया और अपनी सीट पर जाकर बैठ गया।

अगले दिन मानव ने जेनी को नोट्स दे दिए। जेनी ने नोट्स लिए और मानव को फिर थैक्स कहा परंतु मानव ने कोई रिप्लाई नहीं किया। मानव वहां से चला गया, पर जेनी लगातार उसे देखे जा रही थी। जेनी को वहां खड़ा देखकर स्नेहा उसके पास आ गई।

स्नेहा ने आते ही कहा- हाय जेनी, कैसी हो ? मेरा नाम स्नेहा है, मैं भी इसी क्लास में हूं।

जेनी ने भी स्नेहा को हैलो कहा- फिर कहा इस लड़के में बहुत एटीट्यूड है, ठीक से बात ही नहीं करता है।

स्नेहा ने कहा- अरे वो कॉलेज का टॉपर है। वो कुछ ऐसा ही है। किसी से बहुत ज्यादा बात नहीं करता है।

जेनी ने कहा- टॉपर होने का घंमड है क्या ?

स्नेहा ने कहा- अरे नहीं। बस आजकल थोड़ा परेशान है।

जेनी ने फिर सवाल किया- परेशान है पर क्यों ?

स्नेहा ने कहा- अरे वो छोड़ों ना। चलो तुम्हें कॉलेज के कैटिंन में बढिया सी चाय पिलाती हूं। वहां तुम्हें कुछ और लोगों से भी मिलाती हूं।

जेनी ने भी स्नेहा की बात पर अपनी स्वीकृति दी और फिर दोनों वहां से कैटिंन के लिए रवाना हो गई। कैटिंन पहुंचने के बाद रूनेहा ने जेनी को अपने कुछ और दोस्तों से मिलवाया फिर सभी ने वहां एक चाय पी। चाय पीते हुए जेनी ने स्नेहा से पूछा- स्नेहा ये कायरा कौन है, प्रोफेसर कह रहे थे कि वो होती तो उससे नोट्स दिला देते। फिर कहा कि उसका एक्सीडेंट हो गया है।

स्नेहा ने कहा- हां वो भी मानव की तरह कॉलेज टॉपर ही है। कुछ दिन पहले उसका एक्सीडेंट हो गया था, इस कारण घर पर ही आराम कर रही है।

जेनी ने कहा- ओह, अब तो ठीक है ना वो ?

स्नेहा ने कहा- हां, हां अब बिल्कुल ठीक है, मुझे लगता है कि कुछ ही दिनों में वो कॉलेज भी आने लग जाएगी। मैं तुम्हें उससे भी मिलवा दूंगी। वो भी बहुत अच्छी लड़की है।

जेनी ने सिर्फ ओके कहा और अपनी चाय का सिप लेने लगी।

इस दौरान जॉली ने भी कुछ लड़कों से दोस्ती कर ली थी। इनमें से एक श्लोक भी था। श्लोक भी जॉली को कैटिंन में लेकर आ गया था और वे भी वहां चाय पी रहे थे। श्लोक ने भी जॉली को वहां कुछ और लोगों से मिलवाया। इसी दौरान वहां मानव आ गया। मानव को वहां देखकर श्लोक ने उसे आवाज दी- मानव, मानव आ जा चाय पीते हैं।

मानव ने कहा- मुझे चाय नहीं पीना। मैं तो बस ये नोट्स स्नेहा को देने के लिए आया था।

मानव स्नेहा के पास गया और उसे नोट्स दिए और फिर एक बार जेनी को देखा और वहां से चला गया। मानव को जाता देख जॉली ने श्लोक से सवाल किया- कौन है ये ?

श्लोक ने कहा- ये कॉलेज का टॉपर है मानव। मेरा सबसे अच्छा दोस्त है।

जॉली ने कहा- तो फिर ये तुम्हारे साथ चाय पीने क्यों नहीं आया ?

श्लोक ने कहा- आजकल कुछ परेशान चल रहा है।

जॉली ने भी वहीं सवाल किया जो जेनी ने किया था- क्यों क्या परेशानी है इसे ?

श्लोक ने कहा- पता नहीं ना मैंने कभी पूछा और ना ही उसने कभी बताया।