कहानी प्यार कि - 52 Dr Mehta Mansi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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कहानी प्यार कि - 52

किंजल और करन का प्लेन बैंगलोर लैंड हो चुका था... दोनो ने कुछ घंटे के लिए एक होटल में स्टे किया...और फिर संजना की ऐप की परमिशन के लिए चले गए...

इस तरफ अनिरुद्ध और संजना पूरी फैमिली के साथ नाश्ता कर रहे थे...

तभी जतिन खन्ना वहा पर आ गए...

" अरे ! जतिन आओ ना हमारे साथ नाश्ता करने बैठो..." अखिल जी ने मुस्कुराते हुए कहा...

" नही नहीं अखिल... में बस यहां आप सबको इन्विटेशन देने आया हु..."

यह सुनकर अनिरुद्ध , संजना और सभी जतिन को हैरानी के साथ देखने लगे...

" इन्विटेशन पर किसका ? "
अखिल जी ने नासमझी के भाव से कहा..

" मेरी बेटी अंजली की एंगेजमेंट का...."

यह सुनते ही संजना के हाथ से चम्मच नीचे गिर गई... उसकी आवाज से सब लोग संजना की और देखने लगे...

" क्या हुआ बेटा संजना ? " अनुराधा जी ने चिंतित स्वर में कहा..

" नही कुछ नही..."
संजना के दिमाग में सवालों का तूफान खड़ा हो चुका था पर वो चाहते हुए भी सब के सामने कुछ नही बोल सकती थी...

अनिरूद्ध भी अखिल जी की बातो को सुनकर शॉक्ड था..

" अरे वाह ! ये तो बहुत बड़ी खुशखबरी है पर ये तो बताओ की वो सुपर लकी लड़का है कौन ? "

अखिल जी की बात सुनकर जतिन खन्ना मुस्कुराने लगे..

" अथर्व मैथ्यूज ...."
यह नाम सुनकर संजना और अनिरुद्ध अंदर तक हिल गए थे पर उससे भी ज्यादा कोई चौका था तो वो थी वैशाली....

अथर्व मैथ्यूज जिसके साथ काम करने के लिए वैशाली ने सारी हदें पार कर दी थी वही अथर्व का नाम सुनकर वैशाली का निवाला मुंह में अटक गया था...

" क्यों शॉक्ड लगा ना ? "

" हा भाई शॉक्ड तो लगेगा ही ... अथर्व मैथ्यूज ? पर कैसे ....? मतलब उससे तुम्हारी पहचान कैसे हुई ? "
अखिल जी के शब्द भी लड़खड़ा गए थे.. अथर्व का नाम सुनकर...

" हा वो अथर्व की मोम सोनाली मैथ्यूज मेरी बचपन की दोस्त है... हम साथ में ही पले बढे है ... और हमने तो पहले से ही इन दोनो का रिश्ता पक्का कर दिया था पर सोचा की दोनों कुछ बन जाए फिर ही हम इनके रिश्ते के बारे में आगे सोचेंगे...."

" ओह ऐसा है... तू तो बड़ा छुपारुस्तम है हमे जरा सी भी भनक नहीं लगने दी....! "

" अब तो बता रहा हु ना.. आप सब लोग सात दिन के बाद सरोवर पोर्टिका होटल पहुंच जाना और हा मुझे आप सब लोग वहा चाहिए ओके ? "

" ठीक है हम आ जायेंगे...."

जतिन खन्ना ने खुशी के साथ वहा से विदाई ली...

अनिरूद्ध को अब धीरे धीरे सब समझ आने लगा था की क्यों अंजली से मिलने के बाद मोहित इतना परेशान था...

संजना अपने कमरे में टेंशन के साथ इधर उधर चली जा रही थी....
" संजू तुम प्लीज इतना टेंशन मत लो...."

संजना : कैसे ना लू अनिरुद्ध...? उस अंजली ने भाई को धोखा दिया है .. वो अथर्व को इस लिए हॉस्पिटल में साथ लाई थी और उसने तब अथर्व को भी रोक दिया था ताकि उसकी सच्चाई हमारे सामने ना आए...!

अनिरूद्ध : नही मुझे ऐसा नहीं लगता संजू... कुछ तो और बात है जो अंजली हमसे छुपा रही है... मैने देखा है उसे ...वो मोहित को बहुत चाहती है...

संजना : मुझे इस वक्त कुछ समझ नही आ रहा है...

अनिरूद्ध : पर मुझे आ रहा है... अंकल ने कहा था की उन्होंने अथर्व और अंजली का रिश्ता पहले से ही तय कर दिया था... शायद ऐसा हो की अंजली मजबूरी में यह रिश्ता अपना रही हो ? और शायद पहले वो इस बारे में जानती भी ना हो...?

संजना : ऐसे कैसे हो सकता है अनिरुद्ध ? अंजली का रिश्ता पक्का हो और उसे ही ना पता हो ?

अनिरूद्ध : नही नही संजू मुझे पक्का ऐसा लगता है की अंजली अपनी मर्जी से ये सगाई नही कर रही है...!

संजना : तो अब हम कैसे पता लगाएंगे ?

अनिरूद्ध : मेरे पास एक आइडिया है...

अनिरूद्ध ने अपना प्लान संजना को समझाया.. और यह सुनकर संजू के चहरे पर मुस्कुराहट आ गई...

अनिरूद्ध : ऐसे ही मुस्कुराती रहो मेरी जान....! तुम्हारी एक मुस्कुराहट से हर मुश्किल आसान लगती है...!

संजना बिना कुछ कहे अनिरुद्ध के सीने से लग गई ...

" अब तो हमारा छोटू भी हमारे साथ है ... क्यों छोटू ? "
संजना ने अपने पेट पर हाथ रखते हुए कहा...

" हा बिल्कुल मम्मा..." अनिरूद्ध धीरे से संजना के कान में बोला ..

और यह सुनते ही संजना हसने लगी....

आज मीरा कब से फोन खोलकर बैठी थी... वो फोन निकालती उसमे कुछ चेक करती और उदास होकर फिर से फोन रख देती... दो दिन से सौरभ का एक भी मैसेज मीरा को नही आया था... मीरा को अब बहुत गिल्टी फील हो रहा था...
" आज शाम को हैली के यहां पार्टी है....! और पार्टी में वो राज भी आएगा... अब में क्या करू ? पार्टी में नही जाऊंगी तो हैली गुस्सा करेगी और जाऊंगी तो वो राज ना जाने क्या करेगा...? वो तो मेरे पीछे ही पड़ गया है... काश सौरभ मेरे साथ पार्टी में आता...! "
मीरा उदास होती हुई बोली...

" सौरभ को कीतना बुरा लगा होगा... मैने उसके बारे में क्या कुछ नही कहा ! अब तो वो मुझसे बात भी नही कर रहा है ...! " मीरा की आंखे नम हो गई थी...

मीरा अब पार्टी के लिए रेडी होने लगी... पार्टी की थीम के मुताबिक मीरा ने पिंक शॉर्ट ड्रेस पहनी थी....

मीरा पार्टी में जाने के लिए निकल गई...

पार्टी मीरा के पहुंचने तक शुरू हो चुकी थी...

" हाय हैली ....! विश यू वेरी हैपी बर्थडे डार्लिंग...." मीरा ने हैली को हग करते हुए कहा...

" थैंक यू स्वीट हार्ट... यार संजू नही आई क्या ? "

" नही यार उसकी तबियत कुछ ठीक नहीं थी..."

" ओह कोई बात नही ...."

हैली से मिलने के बाद मीरा अपने दोस्तो के साथ पार्टी एंजॉय करने लगी....
सब के साथ डांस करते हुए मीरा की नजरे चारो और राज को ढूंढ रही थी... एक डर था जो उसे कब से सताए जा रहा था...

और मीरा का डर बेवजह नही था.... राज शराब के काउंटर पर बैठा कब से मीरा को ऊपर से नीचे तक घूर रहा था... एक शैतानी मुस्कुराहट राज के चेहरे पर छा गई थी....

मीरा की नजर अचानक राज पर जा टिकी... और राज को अपनी और इस तरह से देखने के बाद मीरा अंदर तक सहम गई थी...

दरअसल राज मीरा और संजना के साथ ही कॉलेज में पढ़ता था... और तब से राज की बुरी नजर मीरा पर थी... दो बार वो मीरा और संजना दोनो के हाथो से थप्पड़ खा चुका था पर ऐसे लड़के जिसे औरत की इज्जत करनी नही आती वो थप्पड़ से कैसे सुधर सकते थे!

मीरा अपनी दोस्त के पीछे छुपकर खड़ी हो गई...
रीना : क्या हुआ मीरा ?
मीरा : यार वो राज ...कब से मुझे घूर रहा है...
रीना : ओह शीट... पर तू टेंशन मत ले यहां हम सब तेरे साथ है...

रीना के तस्सली से मीरा की कुछ टेंशन कम हो चुकी थी..

इस तरफ सौरभ अपने दोस्त मयूर के साथ कही जा रहा था...
सौरभ : यार मयूर हम कहा जा रहे है ये तो बता ...!
मयूर : वो जीत की पेनड्राइव मेरे पास रह गई थी और उसमें जीत की बहुत इंपोर्टेंट फाइल्स है इसीलिए मुझे इसी वक्त उसे लौटाने जाना है...
सौरभ : पर उसका घर तो इस तरफ नही है...!
मयूर : हा वो अपनी एक फ्रेंड की पार्टी में B W क्लब में है तो उसने मुझे वही आने के लिए कहा है..
सौरभ : ठीक है पर जल्दी करना और हा में अंदर नही आऊंगा समझे ...
मयूर : ठीक है तू बाहर वैट करना मेरा..
सौरभ : ओके...

ग्यारह बज गए थे .... और पार्टी अब भी खत्म नहीं हुई थी...
मीरा : हैली में अब चलती हु... मुझे लेट हो जायेगा...
हैली : यार रुक ना अभी तो ग्यारह ही बजे है...
मीरा : नही मम्मी पापा ने साढ़े ग्यारह तक ही परमिशन दी थी में चलती हु...
हैली : ठीक है अपना ध्यान रखना पर सुन तुम गाड़ी लेकर आई हो क्या ?
मीरा : नही कैब बुक करके आई थी...
हैली : में किसीको कह देती हु तुम्हे घर छोड़ दे...
मीरा : नही नही मैने ऑलरेडी रिटर्न कैब बुक करदी थी...
हैली : ठीक है ... बाय...

मीरा ने एक नजर राज की तरफ देखा .. राज अपने फ्रेंड्स के साथ बाते कर रहा था... यही मौका देखकर मीरा वहा से बाहर निकल गई...

बाहर जाकर देखा तो कैब अभी तक पहुंची नही थी... तभी किसीने पीछे से मीरा का हाथ पकड़कर उसे खींच लिया और उसका मुंह बंध कर दिया...
वो राज था जो मीरा को जबरदस्ती अपने साथ क्लब के पीछे ले जा रहा था...
मीरा ने छूटने की कोशिश करते हुए वहा पर पड़ा एक गमला नीचे गिरा दिया... जिसकी आवाज जोर से आई थी... सौरभ को यह आवाज सुनाई दी... सौरभ बाहर से उस आवाज की तरफ आने लगा...
राज ने जोर से मीरा को दीवाल से टिका कर खड़ा कर दिया ...

" मुझसे छुपकर कहा जा रही थी हा मीरा ? "
राज ने मुस्कुराते हुए कहा..

" मेरा हाथ छोड़ो... राज... मरना अच्छा नही होगा..."

" ओह क्या कर लोगी तुम ? "

" राज ये क्या बत्तमीजी है ? मुझे जाने दो..."

" बत्तमीजी में कर रहा हु या तुम... मेरे हर नंबर को ब्लॉक कर देती हो... मुझसे मिलने के लिए तैयार नहीं हो तो में क्या करू हा ? "

" पर मुझे तुमसे कोई बात करनी नही है एक बार में समझ नही आता.. तुम्हे ? तुम्हारी ये गंदी हरकते मुझसे अब बर्दास्त नही होती.."

" जस्ट शट अप... अब कहा जाओगी तुम ? मेरी ये हरकत अब तो तुम्हे बर्दाश्त करनी ही होगी..."

बोलकर उसने मीरा को जोर से अपने पास खींचा और उसका मुंह बंध कर दिया...
वो धीरे से मीरा के ड्रेस की पीछे वाली डोरी खोलने लगा...मीरा बहुत कोशिश कर रही थी पर वो उससे खुद को छुड़ा नही पा रही थी....

तभी जोर से एक मुक्का राज के ऊपर आया... और राज जमीन पर गिर गया...
मीरा ने रोते हुए उस इंसान की और देखा...

" सौरभ....." इतना बोलते हुए मीरा जोर से सौरभ के गले लग गई...
सौरभ मीरा के माथे पर हाथ फेरने लगा..
" शी ... अब में आ गया हु ना... "



सौरभ ने मीरा की पीठ की और देखा.. उसकी खुली डोरी देखकर सौरभ ने अपना जैकेट मीरा को पहना दिया... और फिर गुस्से से राज की तरफ देखने लगा...

उसने राज को कोलर पकड़कर खड़ा किया और उसे जोर जोर से मारने लगा..
" लड़की के साथ बत्तमिजी करता है हा ..! एक लड़की की इज्जत करना नही आता है? ...पर तुम फिक्र मत करो मेरे ये मुक्के तुम्हे सारी इज्जत करना सीखा देंगे... " सौरभ बोलते हुए राज को मारे जा रहा था राज के मुंह से खून निकल आया था...पर फिर भी सौरभ उसे छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था...

" बोल अब दोबारा ऐसा कुछ करेगा ? "

" नही नही करूंगा...." रात ने हाथ जोड़ते हुए कहा...

" मीरा को परेशान करेगा...? "

" नही नही कभी नही करूंगा... "

" माफी मांग मीरा से.... "
सौरभ ने राज को मीरा के पास घसीडकर लाते हुए कहा...

" आई एम सोरी मीरा...."

तभी सौरभ ने जोर से एक और थप्पड़ मारा और राज फिर से जमीन पर गिर गया .. और राज उठाकर भागकर वहा से चला गया...

सौरभ अभी भी बहुत गुस्से में था.. मीरा ने स्वीट से सौरभ का गुस्से वाला ऐसा रूप पहली बार देखा था...
तभी मयूर वहा भागता हुआ आया...

मयूर : क्या हुआ सौरभ..?

सौरभ : साला आज बच गया मेरे हाथो से..

तभी मयूर की नजर मीरा पर पड़ी उसकी हालत देखकर वो समझ गया था कि यहां क्या हुआ था...

" चलो मीरा..." सौरभ ने कहा और वो जाने लगा..

पर मीरा अभी भी डरी सी सहमी से वहा पर खड़ी थी... वो अभी भी इस सदमे से बाहर नहीं आई थी...

सौरभ ने पीछे मुड़कर देखा.. वो मीरा की हालत समझ रहा था.. उसने मीरा के पास जाकर उसका हाथ पकड़ लिया...मीरा ने एक नजर सौरभ की और देखा...

और वो सौरभ के साथ चलने लगी...

बाहर जीत और मयूर दोनो खड़े थे...

मयूर : भाई तू उसे छोड़कर आ में जीत के सात चला जाता हु...

सौरभ ने हा में अपना सिर हिलाया और मीरा के पास चला गया...
सौरभ : गाड़ी में बैठो मीरा .. में तुम्हे घर छोड़ देता हु...

मीरा बिना कुछ बोले सौरभ के साथ गाड़ी के बैठ गई.. घर आने तक दोनो में से कोई कुछ बोला नहीं .. मीरा की बहती आंखे सौरभ को बहुत दर्द पहुंचा रही थी...

मीरा के घर के पास सौरभ ने गाड़ी रोकी..
मीरा चुपचाप गाड़ी में से उतरी और जाने लगी... सौरभ भी बिना कुछ कहे उसे जाते हुए देख रहा था...

तभी मीरा रुक गई और उसने मुड़कर सौरभ की और देखा वो धीरे धीरे गाड़ी के नजदीक आई...

" आई एम सोरी सौरभ.... मैने तुम्हे बहुत गलत समझा... और तुम्हारे बारे में क्या कुछ नही कहा... आई एम रियली सोरी .... तुम बहुत अच्छे हो... तुमने आज मुझे बचा लिया ... थैंक यू सो मच..."
इतना बोलकर मीरा रोते हुए भागकर अंदर चली गई...वो सौरभ से नजरे भी मिला नही सकी थी...

सौरभ बस उसे जाते हुए देखता रहा... मीरा के मुंह से यह सुनने के बाद अब सौरभ को हल्का सा महसूस हो रहा था.. एक छोटी सी मुस्कुराहट उसके चहेरे पर आ गई और फिर वो गाड़ी लेकर वहा से चला गया...

🥰 क्रमश : 🥰