इम्पोर्टेड लिपिस्टिक Rohit Kumar Singh द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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इम्पोर्टेड लिपिस्टिक

रेणू कोअपने पति रमेश के साथ बंबई मे रहते अब पांच साल से भी उपर हो चुके थे,पर अभी तक उसने कोई बडा शापिंग माल नही देखा था,सिर्फ उसकी बाते सुनी थी,ना कभी भीतर गयी थी,बाहर से ही कई बार नजारे करते करते,भीतर घुसने की हसरत मे उसका दम घुटा जा रहा था।अंदर कैसा होगा,सामान कैसे होंगे,चीजे कितनी कीमती रहती होंगी,कैसे कैसे लोग भीतर जाते होंगे,सुनते है कि दरवाजे पर ही बडी चेकिंग हुआ करती है,ऐसी ढेर सारी बाते वो सोचती रहती।रमेश को कितनी बार उसने कहा कि बस एक बार घुमा दो,एक बिस्किट के पैकेट से ज्यादा नही खरीदुंगी,पर सुनता ही नहीं, कहता,एक बार मोटा पैसा आने दो,तुम्हें वहां जी भर के खरीदारी करवाऊंगा,पता नहीं कब,हूं..।
और बडेे संजोग से वो दिन आ गया जब रमेश को बोनस की एक मोटी रकम मिली, और उसने रेणू को बडे फराखदिली से कहा,"चल रेणू,कल इन्फिनिटी माल मे चलते हैै,जो जी मे आये,5000 रुपये तक का जो भी आये,वो ले लैना।
वो रात बडी मुश्किल से आंखो मे कटी,और रेेणू ने अपना सबसे बढिया सूूूट प्रेेेस किया,शानदार मेेेक अप किया,और खडी हो गयी,अपना वैनिटी बैग कंधे से लटका के,रमेश उसकी खुशी को देखता ही रह गया।
दोपहर का लंच ऊन्होने माल मे ही किया,मसाला डोसा खाया,मंहगा तो था,पर रमेश ने कहा,आज कुछ नही सोचना है,रेणू की खुशी का कोई ठिकाना नही था।कुछ खरीदने का वक्त आया तो रेणू बडा अकचकायी,आंखे कही ठहरती ही नही थी,एक से बढ कर एक आईटम,क्या ले,और क्या ना ले।और वो ये भी देख रही थी कि अमीर और फैशनेबल औरते ऐसे सामान खरीद रही थी,जैसे मूंगफली खरीद रही हो,और उसके साथ चल रही उस परकटी खूबसूरत लडकी ने तो मानो पूरा माल खरीदने का ही बीडा उठा लिया हो,ऐसा लग रहा था।सेल्समैन उसके आगे बिछे जा रहे थे,किसी ने उसे बताया कि वो टी वी सिरीयल्स की हीरोइन थी,पर उसने पहचाना नही।
दिल को काबू रखते हुये उसने कुछ सामान और अपने लिये एक सूट खरीदा,और रमेश को इशारा किया,कि बस हो गया,यहां तो जितनी देर ठहरो,मन ही नही भरेगा,पैसा तो जैसे धुंआ बन कर उडता है,उनका सामान बाहर काऊन्टर पर मिलेगा,पेमेंट भी उधर ही करनी है,उसै समझ मे आया।जब तक वो लोग काऊन्टर तक पहुंचे,तब तक परकटी हीरोइन भी अपनी शापिंग खत्म करके वहाँ पहुंच गयी।
अचानक से एक सिक्योरिटी लेडी गार्ड काऊन्टर पे आई,और उसने पेमेंट लेने वाले सेल्समैन के कानो मे कुछ कहा,वो तूरंत सतर्क हो गया,और उसने रेणू को एक दूसरे लेडी गार्ड के साथ चेकिंग रुम मे जाने को कहा।रमेश के पूछने पर सेल्समैन ने बताया,कि मैडम ने कोई चीज चुरा के अपने बैग मे डाली है,जिसका बिल नही बना है,ये सुन कर
रेणू का चेहरा सफेद पड गया,और रमेश के मुंह से बोल नही फूटा,सेल्समेन ने बताया कि सब कुछ c c t v मे दिख जाता है मैडम,रेणू ने कहा कि उसने ऐसा कुछ नही किया है,पर उसे चेकिंग रुम तक ले जाया गया।
रमेश लज्जा सै वहीं बेंच पर सर पे हाथ रख के बैठ गया,और हताशा से चारो ओर देखने लगा,कुछ लोग,जिनमें परकटी भी शामिल थी,उन्हें तिरछी मुस्कान से निहार रहे थे,इतने समय मे वही पहले वाली लेडी गार्ड फिर से दौडी दौडी आई और फिर से उसने धीरे धीरे सेल्समैन को कुछ कहा।
रेणू चेकिंग रुम से वापस लौटी तो गार्ड ने बताया कि इनके पास तो कुछ नही निकला,ये सुनते ही रमेश का चेहरा दमक उठा,अब सेल्समैन ने उस परकटी हीरोइन को गौर से देखा,और उसे लेडी गार्ड के साथ चेकिंग रुम मे जाने को कहा,इतना सुनते ही परकटी ने पूरा माल सर पे उठा लिया,पर गार्ड उसे हाथ पकड कर चेकिंग रुम तक ले गयी।
काऊन्टर वाले सेल्समैन ने हाथ जोड कर रेणू और रमेश से माफी मांगी और कहा कि गार्ड को c c t v मे देखने मे कुछ गलतफहमी हो गयी,उसे लगा कि आपने अपने बैग मे कोई सामान डाला है,पर असल मे आपके बगल मे चल रही उस हीरोइन ने अपने बैग मे कुछ डाला था,ये धोखा उसे हो गया था,उसने बार बार माफी मांगी।
चेकिंग मे उस हीरोइन के वैनिटी बैग से एक मंहगी इम्पोर्टेड लिपस्टिक बरामद हुई,जिसका कि बिल नही बना था,और उस पर उस माल का टैग लगा हुआ था।पर उस परकटी हीरोइन की आंखो मे कोई शरमिन्दगी नही थी,और वो अभी भी जोर जोर से माल वालो को ही भला बुरा बोल रही थी,रेणू ने उसे रोष से देखा,और कहा,इतने पैसे कमाने वाली हीरोइन होते हुये भी एक मामूली सी चोरी?
सेल्समैन नै कहा,ये लोग ही चोरी करते है मैडम,आज तक हमने कोई ऐसा केस नही पकडा,जिसमे किसी मध्यम वर्ग या किसी गरीब औरत ने यहाँ कोई चीज चुरायी हो,ये लोग चोरी भी करते है,और सीनाजोरी भी,ये इनकी फितरत मे शामिल है।
रेणू घर लौटी तो उसके साथ एक बेहतरीन शापिंग माल के अनुभव के साथ साथ,एक नया बेहतरीन एडवेंचरस अनुभव भी था।