करोड़ों-करोड़ों बिजलियां - 9 S Bhagyam Sharma द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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करोड़ों-करोड़ों बिजलियां - 9

अध्याय 9

वैगई के हृदय में स्लो मोशन में बादल गरज रहें है उसने ऐसा महसूस किया |

“क्या बोला............... ईलम चेरियन एक्सीडेंट ?”

“डरो मत............ मिस वैगई..........! डरने के लिए कुछ नहीं | आपसे मिलने के लिए मैं और ईलम चेरियन स्कूटर से तेजी से आ रहे थे............ वडपरणी गंगाअम्मन मंदिर के रास्ते में आते समय, एक बच्चे के बीच में आने से अचानक ब्रेक लगाने पर, स्कूटर उलट गया | पीछे बैठा मैं बच गया | ईलम चेरियन के हाथ पैर में चोट लगी | सीधे हाथ में एक फ्रेक्चर.........! फ्रेक्चर कोई सीवियर नहीं है हेयरलाइन फ्रेक्चर ही है |” ईलम चेरियन का दोस्त नवनीत कृष्णन दूसरी तरफ से नम्रता से बोल रहा था, वैगई को घबराहट अधिक हो रही थी |

“कौनसा अस्पताल बोला आपने ?”

“वडपरणी नर्सिंग होम |”

“तुरंत निकल कर आ रहे हैं........ कौनसा वार्ड ?”

वाणी नर्सिंग होम में रिसप्शन काउंटर पर अार्थो वार्ड किस माले में है पूछ रही थे तब ही, वह युवा पास में आकर खड़ा हुआ |

“मिस वैगई........... मैं नवनीत कृष्णन हूँ |”

वैगई और अर्चना मुड़े | माथे पर, कोहनी पर दो पट्टियांलगाऐ हुए वह युवा मुस्कुराया |

“सिरियस तो नहीं कुछ .........?”

“नो....... नो........ ! आप ही आकर देखो....... हाथ में ठोड़ी में बांध कर फैशन टी. वी. देख रहा है | दो तीन दिन में घर जा सकता है डॉक्टर कह रहे हैं |”

अार्थोपैडिक्स वार्ड के पलंग पर टेक लगा कर बैठा ईलम चेरियन मिला |

वैगई को देखते ही टी. वी. को बंद करके मुस्कुराया |

अच्छी बात है सिर पर चोट नहीं लगी |”

“लगी होती तो भी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता मिस अर्चना.....”

“क्यों ?”

“मुझे तो अक्ल ही नहीं है.........”

अर्चना हंसी | वैगई ने बिना हँसे ईलम चेरियन को घूरा |

“क्या है ?” जोक सुना रहे हो ऐसा सोच रहेहो क्या ? मैं भी कुछ दिनों से आपको वॉच कर रही हूँ ?”

नवनीत कृष्णन बीच में बोला “करेक्ट बोली वैगई | मैंने भी कितना समझाया | उसके हाथ में कोई भी टू विलर हो, वह हरीकोटा का रॉकेट ही है | आज सुबह आपके काम के विषय में शास्त्री भवन को जा रहे थे, अडैयार चिक्केंल्लुर के पास एक एंबासेडर कार से टकराने वाला था, पता नहीं कैसे बच गया......”

“मैं तो ठीक ही गया......... वह एंबासेडर कार वाला रोंग साइड से आया |”

वैगई ने चिंता से उसे रोका |

“वेट......... वेट................. मेरे विषय में शास्त्री भवन गए थे |”

“हाँ”

“क्या............ मेटर है वहाँ ?”

“वह......... वह है ना ‘महिला उन्नति के लिए |”

“महिला उन्नति ? क्या मतलब !”

“वह एक अवार्ड है वैगई........! सेंट्रल गवर्नमेंट देती है | सम्मान का नाम ‘महिला उन्नति’ महिलाओं में जो श्रेष्ठ है इसका मतलब............ वह सम्मान मैट्टीओचै की तरफ से आपके लिए सिफ़ारिश करने के लिए ही शास्त्री भवन को जाकर वहाँ के ह्यूमेन वेलफेर चेयरमेन को मिला | आपके बारे में सारे डिटेल फेक्स के द्वारा चले गये |”

“इन सब की जरूरत है क्या ईलम चेरियन.........?”

“वैगई ! बिना शोर के मौन रह कर आप सोशल वर्क कर रहे हो | घर पर हजारों समस्याएँ होने पर भी उन सब को एक तरफ सरका कर, अब तक 1000 लोगों को काउंसलिंग कर उन सब को आत्महत्या करने से रोक एक नया जीवन दिया | ये महिला उन्नति सम्मान महिलाओं को दिया जाने वाला एक बहुत बड़ा सम्मान है | ये सम्मान आपको मिलना चाहिए | पूरे भारत में आपका नाम मालूम होना चाहिए ये मैं चाहता हूँ.............. ये गलत है क्या ?”

चीफ डॉक्टर पंजाबकेशन और दो सहयोगी डॉक्टर अंदर आए |

“प्लीज...... सब लोग पाँच मिनिट के लिए बाहर जाईयेगा |”

वैगई और अर्चना बाहर आ गए | अर्चना ने वैगई के हाथ को धीरे से पकड़ा |

“सॉरी वैगई...........”

“किसलिए सॉरी........ ?”

“तुम्हारे प्रेम को और ईलम चेरियन को भी अंडर एस्टिमेट करने के लिए |”

“अब क्या कह रही हो ?”

“यह एक ईलम चेरियन हजार आदित्य के समान है........”

“एक और बार ज़ोर से बोलो..........”

चार दिन हुए होंगे, उस दिन शनिवार दोपहर को तीन बजे |

अर्चना आधे दिन की छुट्टी में घर गई थी | वैगई ही सिर्फ अकेली कम्प्यूटर के सामने बैठ अकाउंट स्टेटमेंटों का प्रिंट आउट निकाल रही थी |

पीछे की तरफ कोई आवाज आई |

मुड़ कर देखा |

चीफ डॉक्टर सर्वेक्ष्वरण |

“डॉक्टर............ कुर्सी को पीछे धकेल कर उठी |”

“कल संडे है | तुम्हारा कोई काम है क्या ?”

वैगई को वाणी नर्सिंग होम में रहने वाले ईलम चेरियन को देखने जाना था। पर उसके बारे में न बोल कर नहीं है जैसे सिर हिला दिया |

“कोई एंगेजमेंट नहीं है डॉक्टर........”

“ऐसा है तो......... कल शाम को साढ़े छ: बजे के करीब अपने बंगले पर आ जाना........... आदित्य की सगाई है |”

“बहुत खुशी के की बात है डॉक्टर.......”

“हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की लड़की है | नाम स्वर्णा है | आदित्य को भी लड़की पसंद होने से तुरंत ही सगाई है | शादी इस मार्च के आखिरी में तेईस तारीख को | शादी का स्थान भी पक्का कर दिया | शादी के दूसरे दिन ही, आदित्य और बहू केलिफोर्निया को रवाना हो जाएंगे |”

“सुनकर बहुत खुशी हो रही है डॉक्टर |”

“तुम्हें सगाई में जरूर आना है | आदित्य तुमसे विशेष रूप से कहने को बोला |”

“आऊँगी डॉक्टर |”

“अस्पताल में किसी और को नहीं बुलाया | सिर्फ तुम्हें ही कहा |”

“थैंक्यू वेरी मच डॉक्टर |”

डॉक्टर सिर हिला कर चले गए | वैगई आराम से एक दीर्घ श्वास छोडकर, कुर्सी में बैठ सेल फोन उठाकर वाणी नर्सिंग होम में लगाया |

“मिस्टर ईलम चेरियन.......... पेशेंट आर्थो वार्ड रूम नंबर फॉर |”

“वन मिनिट........”

वैगई रुकी रही | पूरे मन में एक खुशी धुएँ जैसे फैली हुई थी | दो मिनिट के मौन के बाद उस रिसेप्शनिस्ट की आवाज आई |

“पेशेंट का नाम क्या बताया....... ईलम चेरियन.........?”

“हाँ”

“वे अभी आई. सी. यू. में हैं |”

“ये........ ये क्या............. आई. सी. यू. ? और दो दिन में डिस्चार्ज होकर घर जाने वाले थे वे | अच्छी तरह देख कर बताइये ?”

“यहीं पास में स्टाफ नर्स है | आप ही बात कर लो.....”

वैगई परेशान होकर खड़ी थी, तब स्टाफ नर्स की आवाज आई |

“आप जिस पेशेंट ईलम चेरियन की बात कर रही हैं एक घंटे पहले तक ठीक थे | हंस कर बात कर रहे थे | अचानक.........”

“अचानक...........!

खून की उल्टी हुई | डॉक्टर आकर देखें उससे पहले कोलेप्स हो गए | आई. सी. यू. में ले गए हैं..........”

..........................