करोड़ों-करोड़ों बिजलियां - 10 S Bhagyam Sharma द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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करोड़ों-करोड़ों बिजलियां - 10

अध्याय 10

वैगई वडपरणी के वाणी नर्सिंग होम में पहुँची, चीफ डॉक्टर कहीं जाने के लिए तैयारी में थे | वैगई को देख उनका चेहरा सख्त हुआ, अर्चना को सामने वाली कुर्सी की ओर दिखाया |

“बैठिए...........”

वैगई के बैठते ही, “आई. सी. यू. में जाकर ईलम चेरियन को देखा ?”

“नहीं डॉक्टर............... पहले आपको मिल कर जाऊँ सोच कर आई | कैसे अचानक खून की उलटी ? अच्छे हेल्थी ही तो थे |”

“वही तो मुझे भी आश्चर्य है...... दो बजे मैं राउड में गया | उस समय भी ईलम चेरियन खुश होकर मुथल टी. वी. देख रहे थे | उसके बाद उन्हें खांसी आई......... खाँसते हुए अचानक खून की उलटी हो गई | तुरंत स्केन करके देखा......... लिवर में सूजन है मालूम हुआ.......”

वैगई की आँखों में डर फैल गया डॉक्टर आगे बोले |

“ईलम चेरियन को स्कूटर से नीचे गिरते समय पेट में चोट लगी है | केवल सिर का स्केन करके देखा | पेट का नहीं किया | बड़ी गलती कर दी | वे एक बार भी पेट दर्द है बताते तो निश्चय ही स्केन कर देते | वे हंस कर बातें कर रहे थे अत: हम भी थोड़ा असावधान रह गए |”

“डॉक्टर जिगर (Liver) में सूजन हो तो उसे ट्रीटमेंट से ठीक कर सकते है ना ?” वैगई के पूछते ही तुरंत जबाब दिये बिना डॉक्टर मौन रहे , अपने उलटे हाथ की अंगुली से अपने सफ़ेद बालों पर हाथ फेरते हुए वैगई को देखा |

“तुम और ईलम चेरियन प्रेमी-प्रेमिका हो उनके मित्र नवनीत कृष्णन ने बताया | ये सच है ?”

“सच है डॉक्टर.......”

“ईलम चेरियन के माता-पिता ?”

“कोई नहीं है डॉक्टर | रिश्ता कहने को गाँव में एक मामा थे ऐसा बताया |” कहते हुए वैगई, डॉक्टर के निगाहों को ध्यान से देखा |

“डॉक्टर.......! मेरे प्रश्न का अभी आपने जवाब नहीं दिया......... लिवर में सूजन हो तो उसका ट्रीटमेंट देकर ठीक कर सकते हैं ना ?”

“सॉरी वैगई................! ईलम चेरियन की कंडिशन थोडी सीरियस है | उनकी शारीरिक स्थिति देख तुम्हें झूठी तसल्ली देना नहीं चाहता | हार्ट में कुछ प्रॉब्लम हो तो भी ऑपरेशन के द्वारा दूर कर सकते हैं | बट लिवर में प्रॉब्लम हो तो कठिन है.........! जिस दिन ये हुआ उसी दिन स्केन लेकर देखते तो, शायद ठीक कर सकते | अभी लिवर 40% खराब हो गया | साधारण: खून की नलियों में ज़ोर-ज़ोर से दौड़ रहे खून को लिवर एक स्पंज जैसे सोख लेता है फिर जितनी जरूरत है उतना खून हृदय को भेजता है | ईलम चेरियन का खराब हुआ लिवर कोई काम नहीं करने के कारण हृदय पर ज्यादा खून जाने के कारण उसको सांस लेने में तकलीफ हो रही है | ये उन्हें पीछे धकेल रहा है |”

वैगई का चेहरा काला पड़ा और आँखों से पानी आने लगा | “डॉक्टर...........! आपके बोलने से लगता है उन्हें बचा नहीं सकते.............?”

“नो........ नो........... ! तुम क्यों ऐसा सोचती हो ! ईलम चेरियन की कंडीशन थोडी सिरियस है बोला | पर उनको तुरंत खतरा है नहीं बोल रहा | लिवर में कोई भी प्रॉब्लम आए, उसे ठीक करने का क्योर रेट 50% ही है | ईलम चेरियन का अभी ही ट्रीटमेंट शुरू किया है | ये ट्रीटमेंट उनके शरीर ने स्वीकार कर लिया, तो वे पहले वाले स्तर पर आ जाएंगे |”

“डॉक्टर मैं एक बात बोलूँ तो आप उसे गलत मत लीजिएगा |”

“बोलो.......! तुम कुछ भी गलत नहीं बोलेगी मुझे पता है |”

“डॉक्टर मैं हंसा अस्पताल में नौकरी करती हूँ……….. ये आपको पता है.................. सिटी में जितने अस्पताल है उसमें नंबर वन अस्पताल वही है | सेंट्रल मिनिस्टर भी यहाँ आकर ट्रीटमेंट लेते हैं | अस्पताल में विदेशी डॉक्टर आकर, पेशेंट को देखते हैं |

जो ठीक नहीं हो सकते उन्हें भी ठीक करके गए हैं | इसलिए..........”

“मैं समझ रहा हूँ........... ईलम चेरियन हंसा अस्पताल में लेकर जाकर, विदेशी डॉक्टरों के द्वारा ट्रीटमेंट दें ऐसा सोच रही हो......... वही बात है ना ?”

“हाँ डॉक्टर...........!”

“बिल्कुल कर सकते है....... तुम अस्पताल के ओनर से बात कर मुझे इतला करो............ ईलम चेरियन को वहाँ ले जा सकते हैं | एकदम से नहीं | दो दिन यहाँ रहने दो |”

इंटरकॉम बजा |

डॉक्टर रिसीवर को लेकर सुनने की कोशिश की पर बात न हो पाने से उसे रख दिया | फिर से रिंग आया वे वैगई को देखते हुए उठाकर सुना |

“आई. सी. यू. में एडमिट पेशेंट ईलम चेरियन को कॉन्शियस वापस आने की सूचना..........”

“जाकर देखें डॉक्टर...........?”

“हाँ आओ दोनों चलते है |”

आई. सी. यू. में वैगई और डॉक्टर दोनों ही घुसे | गले तक ओढ़ाए हुआ हरे रंग की चादर में ईलम चेरियन दिखा स्प्लिट ए.सी. 18 डिग्री सेल्सियस पर था कमरे में ठंडक थी | थके हुए ईलम चेरियन का चेहरा वैगई को देख खिल गया | “गुड इवनिंग” बोला |

वैगई कुछ भी बोले बिना बड़ी फिकर वाले चेहरे से ईलम चेरियन पास जाकर खड़ी हुई |

“आपकी तबीयत अब कैसी है.......?”

“प्रमोशन मिला है ?”

“प्रमोशन........?”

“हाँ प्रमोशन ही तो है............. एक घंटे के पहले बिना ए.सी. के एक साधारण कमरे में था........ अब ए.सी. वाले आई. सी. यू. कक्ष में | ये प्रमोशन ही तो है ?” बोल कर हँसने वाले ईलम चेरियन को थोड़े गुस्से से देखा वैगई ने|

“बी सीरियस ईलम चेरियन…………..”

“मैं तो सीरियस ही हूँ ! डॉक्टर ने बोल दिया होगा ?’ वैगई ने ज़ोर से आ रहे रोने को मुश्किल से दबाये उसके कंधे को छुआ | “धैर्य से रहो ईलम चेरियन......... आपको ठीक कर सकते हैं डॉक्टर ने बोला..........”

“ थोड़े समय पहले हुए एक सर्वे में क्या मालूम हुआ मालूम है वैगई ? वकील के बाद डॉक्टर ही बहुत झूठ बोलते है |”

डॉक्टर बीच में बोले |

“नो.......... नो.......... ईलम चेरियन वाट आई एम सेयिंग इज करेक्ट........... आपको कुछ नहीं है |”

“डॉक्टर मैंने जो उलटी करी वह अजीर्ण या पित्त की उलटी नहीं थी | खून की उलटी थी| मिस्टर लिवर ‘फिकर की जगह’ ऐसा स्केन का रिपोर्ट ने शपथ लेकर बोला है ?”

“कुछ प्रॉब्लम है उसको ठीक कर देंगे | डरने की जरूरत नहीं..........! क्या हंस रहे हो ईलम चेरियन !”

“फिर झूठ |”

“.............”

सोमवार के सुबह ग्यारह बजे |

हंसा अस्पताल अकाउंट सेक्शन कंप्यूटर से निकले हुए प्रिंट आउट के कागजों को फ़ाइल में लगा कर रख रही अर्चना ने बिल इनवॉइस में डूबी हुई वैगई को छुआ |

“वैगई.......! वाणी नर्सिंग होम को फोन किया ? ईलम चेरियन कैसे हैं ?”

“एक घंटे पहले ही बात करी | ईलम चेरियन कुछ रिकवर हुए है | खून में हीमोग्लोबिन एक पॉइंट बढ़ा है |”

“अपने अस्पताल में लेकर आने के बारे में सोचा ? चीफ डॉक्टर इस समय कमरे में होंगे | जाकर बात करके देखो...........”

“वे क्या बोलेंगे सोच कर डर लग रहा है |”

“इसमें डरने की क्या बात है ?”

“ईलम चेरियन से तुम्हारा क्या रिश्ता है पूछें तो मैं क्या जवाब बोलूँ ?”

“सच बता दो.......” अर्चना बात कर ही रही थी तब ही अकाउंट सेक्शन का काँच का दरवाजा खोल कर आदित्य अंदर आया | वैगई और अर्चना उठकर खड़े हुए |

“गुड मॉर्निंग सर........”

आदित्य हँसा | मिस अर्चना........! सिर्फ आपको ही गुड मॉर्निंग है वैगई को नहीं |”

असमंझस के साथ वैगई ने आदित्य को देखा |

“क्यों सर ?”

“मेरी शादी की सगाई के फंक्शन में आने के लिए अप्पा ने आपको बुलाया था कि नहीं ?”

“बुलाया था |”

“क्यों नहीं आई ?”

“वो......... क्या............”

“कोई और झूठ मत बोल देना वैगई | कल पूरे समय आप वाणी नर्सिंग होम में ही थी ठीक है ?”

“यस सर |”

आदित्य मुस्कुराया | “मेरे एक दोस्त डॉक्टर ने उस नर्सिंग होम में आपको देखा ऐसा उसने सगाई के फंक्शन में बताया | वहाँ किसको क्या बीमारी थी ?”

“वो.......... वहाँ”

अर्चना बीच में बोली | “मैं बताती हूँ सर |” बोलना शुरू कर एक दो मिनिट में ही ईलम चेरियन के बारे में बोलते ही आदित्य के माथे पर पसीने की बूंदे आ गई |

"माय गुडनेस! क्या वैगई आप भी! इलंम चेरियन ने ब्लड वामिट करा। अपने अस्पताल में ही तुरंत लाकर एडमिट नहीं करना चाहिए था ?"

"2 दिन रहने दो वहां के डॉक्टर ने ही बोला।"

" नो नो ! लिवर डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए यहां डॉक्टरों की पूरी टीम है। वहां क्यों ट्रीटमेंट लेना है? वहां डॉक्टर कौन है?"

जवाब देने के लिए उसने मुंह खोला ही था उसका सेलफोन बजा।

"पहले उसे अटेंड करो वैगई |”

सेल फोन को उठाकर कान से लगाया। दूसरी तरफ एक लड़की की आवाज आई। आवाज में घबराहट थी।

"मिस वैगई ?"

"स्पीकिंग।"

"वाणी नर्सिंग होम से बात कर रहे हैं। आप तुरंत नर्सिंग होम को आ सकते हैं ? मैटर थोड़ा अर्जेंट है।"

"-----"

…………………………………