अतीत के पन्ने - भाग 23 RACHNA ROY द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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अतीत के पन्ने - भाग 23

आलेख ने कहा हां मैं भी तुम्हारे लिए बहुत खुश हूं।।

फिर सब मिलकर खुब इन्जाय किया और फिर वहां से सब कैंटीन चलें गए और फिर वहां पर पिया ने कहा आज मैं सबको समोसे और पेस्ट्री खिलाऊंगी।
पिया ने कहा छोटू सबको खिलाओ।
फिर सब खुश हो गए और ताली बजाने लगे।
पिया ने सबको सबको खिलाया और फिर आलेख ने कहा दोस्तों एक दावत मेरे हवेली पर होगी। रविवार को सब लोग आ जाओ।
सबने मिलकर कहा हां ज़रूर।इस बहाने हवेली भी घुम लेंगे।
आलेख ने कहा हां ठीक है सब दोपहर तक आ जाओ।।
फिर सब अपने अपने घर चले गए।
पिया ने कहा अच्छा ठीक है फिर कल नया अध्याय शुरू।।
आलेख ने कहा हां ठीक है मैं भी कल का इंतजार कर रहा हूं।
घर पहुंच कर ही सबसे पहले आलोक को फोन लगाया पर पापा तो फोन नहीं उठा रहे हैं ।
आलेख खुशी जाहिर करते हुए अपने छोटी मां के कमरे में जाकर बैठ गया और फिर बोला कि, देखो छोटी मां आप का बाबू आज अव्वल आया है और फिर गोल्ड मेडल अपने गले से उतार कर अपने छोटी मां के फोटो पर पहना दिया और फिर बोला ये लो तुम्हारे लिए।।
बस तभी मोबाइल बजने लगा और फिर आलेख ने फोन उठाया और फिर बोला अरे! पापा आप कहां थे? आलोक ने कहा हां बेटा वो काम पर था।
आलेख ने कहा पापा पुरे मेडिकल कॉलेज में अव्वल आया हुं और गोल्ड मेडल भी मिला है।।
आलोक ने सुनते ही कहा, अरे वाह!, क्या बात है बेटा बहुत खुश हुआ सुनकर। चलो मैं शुक्रवार को आता हूं।

आलेख ने कहा पापा जल्दी आओ आपके बिना मेरी सारी खुशियां अधुरी सी है और फिर रविवार को मैंने घर पर पार्टी रखी है कालेज के दोस्तों को बुलाया है।
आलोक ने कहा हां, ठीक है बेटा
आलेख ने कहा मैं इन्तज़ार करूंगा पापा।
फिर आलेख ने छाया को भी सब कुछ बताया और कहा कि देखिए जो,जो सामान लाना है दुकान से ले आइए।
तभी शाम भी आ गया और फिर बोला किशन तुम्हें तो गोल्ड मेडल भी मिला है।
आलेख ने कहा हां, दोस्त तुम्हारा क्या गया?
शाम ने कहा हां दूसरा स्थान मिला है।
दूसरे दिन सुबह एक नया उम्मीद के साथ आलेख कालेज निकल पड़ा रोज की तरह निकल गया बस स्टैंड पर हमेशा की तरह रिया इन्तजार कर रही थी फिर दोनों बस में बैठ कर मेडिकल कॉलेज में पहुंच गए।इस बार दूसरा साल था तो आज वेलकम पार्टी थी।
सब लोग हाल में उपस्थित हो गए।
कुछ देर बाद ही कार्यक्रम शुरू हो गया था।
आलेख को स्टेज पर बुलाया गया।
उसकी उसके अव्वल आने के लिए इसको सफलता का राज।।
आलेख ने स्टेज पर पहुंच कर सबसे पहले बोला।
आदरणीय प्रिंसिपल सर और मेरे प्यारे दोस्तों।
मेरी सफलता की कुंजी मेरी छोटी मां है जो आज इस दुनिया में नहीं है पर हमेशा मेरे साथ है, मेरे पास, अभी भी लग रहा है जैसे वो मुझे देख रही है मेरे लिए बहुत खुश है।।
कहते हुए रोने लगा आलेख।
और उसके लिए तालियों की गूंज उठने लगी।

फिर सबके लिए टाइल्स मिला।
आलेख को मिस्टर पढ़ाकू का खिताब मिला।
फिर सब अपने अपने क्लास में चले गए।
रिया और आलेख एक साथ बैठ गए।
और फिर एक, एक लेक्चर सुनने को मिला।
कल आप लोग को प्रैक्टिकल करना होगा।
सब लोग आएंगे और एक प्रोजेक्ट भी फाइल में करना होगा।।





इसके बाद एक लेक्चरर आ गए पता चला कि विदेश से आए हैं।
तो सबको एक क्लास के लिए जाना पड़ा।
डॉक्टर (Doctor) बनने के लिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल होना बेहद जरूरी है। क्योंकि मरीजों से कैसे बात करना है, उन्हें उनकी बीमारी के बारे में कैसे समझाना है ताकि लोग आप पर विश्वास कर सके। यही नहीं बातचीत की कला आपको हर क्षेत्र में अच्छा मुकाम दिला सकती है।

इमोशनल इंटेलिजेंस

डॉक्टर (Doctor) बनने के लिए आपको अपने इमोशन पर कंट्रोल करना होता है। कई बार ऐसे मरीज देखने को मिलते हैं जिसे देखते ही आप अंदर से भावुक हो सकते है। लेकिन उसी समय आपको अपने इमोशनल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना होता है।
डॉक्टर (Doctor) के सामने मरीज अपनी सभी प्रॉब्लम को एक साथ बताता है। अगर आप में प्रॉब्लम सॉल्विंग की योग्यता रहेगी तो आप उनकी समस्याओं के जड़ तक पहुंच कर उन प्रॉब्लम का जल्दी से समाधान खोज सकते हैं।

डिसीजन मेकिंग स्किल

चूंकि कई बार परिस्थितियां विकट होती है ऐसे में डॉक्टर (Doctor) को समय रहते फास्ट डिसीजन लेकर मरीज की जान बचानी होती है। अगर आपने डिसीजन मेकिंग स्किल मौजूद है तो ही आप जल्दी फैसले लेने के लिए तैयार रहेंगे।


डॉक्टर मुख्यतया चार प्रकार के होते हैं, जो कि निम्नलिखित है।

एलोपैथिक डॉक्टर |

होम्योपैथिक डाक्टर |

आर्युवेदिक डाक्टर |

यूनानी डॉक्टर |

डॉक्टर (Doctor) बनने के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

अगर आप डॉक्टर (Doctor) बनना चाहते हैं तो 12वीं में फिजिक्स केमिस्ट्री या बायोलॉजी से पढ़ाई करें।

डॉक्टर बनने के लिए 12वीं में 50% अंक होने अनिवार्य है।

मेडिकल क्षेत्र में इंटरेस्ट है और डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आपको इंग्लिश सब्जेक्ट पर पकड़ अच्छी बनानी चाहिए। इसके साथ ही इंग्लिश में लिखना बोलना आना चाहिएं

अगर आप मरीजों की सेवा करना चाहते हैं और आपके अंदर कठिन परिश्रम करने की क्षमता के साथ मरीजों की सेवा करने का जज्बा है तो । डॉक्टर बनने की प्रक्रिया नीचे स्टेप बाय स्टेप बताई गई है जिसको फॉलो करके आप डॉक्टर बन सकते हैं।

डॉक्टर बनने के लिए सबसे पहले 10 वीं पास होना पड़ेगा। आपको दसवीं क्लास में 70 प्रतिशत से अधिक अंक लाने होंगे, हालांकि डॉक्टर बनने के लिए ज्यादा मार्क्स लाना जरूरी नहीं होता। लेकिन अगर दसवीं में बेहतर एक आएंगे तो आपके एक चिकित्सक बनने के हौसले में वृद्धि होगी।

10वीं पास कर लेने के बाद डॉक्टर बनने के लिए आपको 12वीं क्लास में साइंस स्ट्रीम का चयन करना होगा। जिसके अंतर्गत आपको बायोलॉजी विषय का चयन करना होता है। इसके साथ ही 12वीं में 50% से अधिक अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।

इसके बाद डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम जैसे – CET, AIMEE और NEET की तैयारी करनी होगी।

मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम इंडिया लेवल और स्टेट लेवल पर किया जाता है। आप अपनी सुविधानुसार एंट्रेंस एग्जाम के लिए फॉर्म भर सकते हैं।

एंट्रेंस एग्जाम के फॉर्म भरने के बाद कठिन परिश्रम करनी होती है क्योंकि एंट्रेंस एग्जाम को क्रैक करना सरल नहीं होता, लाखों लोग इस एग्जाम में अप्लाई करते हैं।

आपको एंट्रेंस एग्जाम में अच्छे मार्क्स हासिल करने हैं क्योंकि अच्छे एक हासिल करने पर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलता है जिसमें आपको कम फीस में डॉक्टर बनने का कोर्स कराया जाता है।

डॉक्टर बनने के लिए सबसे लोकप्रिय कोर्स एमबीबीएस होता है। इस कोर्स की अवधि 5.5 (पांच साल 6 महीने) साल का होता है जिसमें 1 साल की इंटर्नशिप शामिल है।

एमबीबीएस का कोर्स पूरा करने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के द्वारा डॉक्टर की डिग्री प्रदान कि जाती है।

इसके बाद आप किसी भी हॉस्पिटल में डॉक्टर की नौकरी करने के लिए योग्य माने जाएं।

टॉप मेडिकल कोर्स लिस्ट

भारत में डॉक्टर बनने के लिए कई कोर्स किए जाते हैं। जिनकी अवधि 6 माह से लेकर 5 साल 6 महीने तक का होता है। नीचे भारत के टॉप डॉक्टर डिग्री धारक कोर्स के बारे में बताया गया।

बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS)

मेडिकल क्षेत्र में सबसे लंबा और लोकप्रिय कोर्स है इस कोर्स की अवधि 5 साल 6 महीना होती है जिसमें 1 साल का इंटर्नशिप शामिल होती है।
की अवधि वाले इस कोर्स को पूरा करने के बाद वेटरनरी डॉक्टर की उपाधि मिलेगी। जिसमें जानवरों में होने वाली बीमारियों के इलाज के बारे में सिखाया जाएगा।

क्लिनिकल साइकोलॉजी |

हैल्थ इंस्पेक्शन |

डाइटिशियन |

फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट |

हॉस्पिटल मैनेजमेंट |

रिसर्च अपोर्चुनिटीज़ |
के लिए स्कॉलरशिप और लोन भी मिलता हैं। अगर आप एंट्रेंस एग्जाम में अच्छे अंक लाएंगे और आपका नामांकन गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में होता है तो आपकी फीस प्राइवेट कॉलेज के मुकाबले कम होती है।
डॉक्टर बनने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
अगर आप डॉक्टर बनना चाहते हैं और उनसे जुड़े कोर्स में नामांकन कराना चाहते हैं



डिप्लोमा या वर्क एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट |

फिजिकल फिटनेस सर्टिफिकेट |

जन्म प्रमाण पत्र या पासपोर्ट |

सालाना फीस लगती है।

डॉक्टर बनने के लिए टॉप एंट्रेंस एग्जाम

भारत में डॉक्टर बनने के लिए एंट्रेंस एग्जाम के द्वारा नामांकन किया जाता है नीचे टॉप एंट्रेंस एग्जाम के नाम दिए गए हैं।
एम्स एंट्रेंस एग्जाम को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) के द्वारा कंडक्ट किया जाता है जिसमें 12000 सीटों के लिए एग्जाम लिया जाता है।

एंट्रेंस एग्जाम 150 शीट के लिए हर साल आयोजित की जाती
इस एंट्रेंस एग्जाम को क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर द्वारा आयोजित किया जाता हैं।

डॉक्टर (Doctor) का स्कोप

डॉक्टर की डिग्री पाने के बाद सरकारी और प्राइवेट क्षेत्रों में आसानी से जॉब पा सकते हैं। इसके अलावा खुद के हॉस्पिटल या क्लीनिक खोलकर अपना बिजनेस कर सकते हैं। इसके अलावा बायोमेडिकल फोर्मनसिक, हेल्थ केयर इंस्टिट्यूशन, लैबोरेट्रीज, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, मेडिकल सेंटर में आसानी से नौकरी पा सकते हैं।



सिलेबस और पैटर्न

डॉक्टर बनने के लिए होने वाले एंट्रेंस एग्जाम नीट के परीक्षा पैटर्न नीचे दिए गए हैं। डॉक्टर बनने के लिए अलग-अलग कॉलेज में अलग-अलग सिलेबस पढ़ाया जाता है।
मेडिकल क्षेत्र में सबसे लंबा और लोकप्रिय कोर्स है इस कोर्स की अवधि 5 साल 6 महीना होती है जिसमें 1 साल का इंटर्नशिप शामिल होती है।


फिर लेक्चर खत्म हो जाता है।
सभी अपने अपने काम पर लग गए।
आलेख लाईब्रेरी में जाकर अपने बुक लेकर बैठ गया।
पिया अपने दोस्तों के साथ गप्पे कर रही थी।
काफी देर तक आलेख ने पढ़ाई किया और फिर कुछ किताबें ईशु कर लिया।।
फिर सब अपने अपने घर को निकल गए।
पिया भी वहां से मार्केट चली गई।
आलेख हवेली वापिस आ गए।
आलेख ने लाईब्रेरी से लाई किताबें अपनी टेबल पर रख दिया।
और फिर नहाने चला गया।
फिर खाना खाने के बाद पढ़ाई करने लगा।
इसी तरह से शुक्रवार भी आ गया।
आलेख बहुत खुश था क्योंकि उसके पापा आने वाले थे।
छाया ने कहा गर्म- गर्म कचौड़ी बना लुंगी।
आलेख ने कहा हां, पापा को आने दो।
कुछ देर बाद ही आलोक की गाड़ी की आवाज से आलेख दरवाजा खोला तो देखा कि पापा खड़े होकर हंस रहे थे।
आलेख जाकर पैर छुए और गले लगा लिया।
आलोक ने कहा शाबाश! मेरे बेटे।।
ड्राईवर ने बहुत सारा सामान लेकर अन्दर पहुंच गए।
फिर आलोक और आलेख अन्दर पहुंच गए।
आलोक ने कहा ये देखो बेटा तुम्हारे लिए क्या-क्या लाया हुं।
आलेख ने कहा हां, मैं तो समझ गया हुं।
आलोक ने कहा छाया जो,जो सामान फिज् में रखना है वो रख दो।
छाया ने कहा हां, बाबूजी।
आलेख ने कहा पापा आप फ्रेश होकर आ जाइए।
नाश्ता करते हैं।आलू दम और कचौड़ी।।
फिर नाश्ता लग चुका था और फिर आलेख बैठ गया था और इन्तजार कर रहा था पापा का,
कुछ देर बाद आलोक भी आकर बैठ गए।
फिर दोनों बड़े आराम से नाश्ता करने लगे।
आलोक ने कहा वाह! क्या लाजबाव बना है, घर का खाना कितने दिन बाद खाने को मिला।
अरे छाया वो गुलाम जामुन तो ले आ,वो गर्म है।
फिर छाया ने गुलाब जामुन प्लेट में निकाल कर टेबल पर रख दिया।
फिर दोनों मिलकर चाय पीने लगे और फिर आलोक ने कहा आज शाम को चलते हैं पिया के घर पर,,उसके लिए भी कुछ लाएं हैं।
आलेख ने कहा हां,सच पापा आप पिया के लिए भी कुछ लाएं हैं?
आलोक ने कहा हां, और क्या।
अरे छाया नाश्ता ड्राईवर नितिन को भी दे दो।
आलेख ने कहा हां,बैठक में आराम से बैठ कर नाश्ता करवाओ।
फिर आलेख ने एक मैसेज पिया को कर दिया और फिर पिया ने फोन किया और फिर बोली अरे वाह अंकल आ गए हैं हां तो जल्दी आ जाना।।
फिर आलेख ने कहा हां, ठीक है।
कुछ देर बाद आलेख ने फोन करके शाम को बुलाया और फिर उसे भी कचौड़ी सब्जी और गुलाब जामुन खाने को दिया।
शाम ने आलोक के पैर छुए और फिर बोला कि अंकल मैं क्या कहूं मेरा दोस्त कलयुग का कृष्णा है मैं तो भुख से मर रहा था उस समय आलेख ने मेरा कितना साथ दिया।।
आपके संस्कार की वजह से ही।।
आलोक ने कहा हां, ठीक है बेटा चलो नाश्ता कर लो।।
आलेख ने कहा शाम तुम पहले अच्छी तरह से नाश्ता कर लो।
शाम बैठ कर नाश्ता करने लगा।

आलेख ने कहा पापा," वो कोचिंग क्लास वाला आइडिया भी शाम ने ही दिया है"।

आलोक ने कहा शाबाश! बेटा , ये बिल्कुल सही कहा है तुमने।
इस बार जब गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाएगी तो हम हवेली का काम शुरू करवा सकते हैं।

आलेख ने कहा हां, पापा ठीक है।
फिर शाम भी दुकान पर चला गया।
आलोक ने कहा चल बेटा कुछ देर तेरी छोटी मां के कमरे में जाकर बैठते हैं।
फिर दोनों कमरे में जाकर बैठ गए।
आलेख के कहा देखो पापा, छोटी मां के गले में मेरा गोल्ड मेडल लटक रहा है।।
आलोक ने कहा हां, देखा तो समझ गया आज तेरी छोटी मां को शान्ति मिल गई है।
आलेख ने कहा हां,वो मुझे डाक्टर बनता हुआ देखना चाहती थी।
मैं यहां पर रह कर सबके पास रहना चाहता हूं।
आलोक ने कहा हां ठीक है मैं तुम्हारे साथ हुं।
इस तरह से कब दोपहर से शाम हो गई।
आलेख और आलोक तैयार हो कर गाड़ी में बैठ गए और फिर पहुंच गए पिया के घर।
पिया देखते ही कहीं आईए अंकल।।
आलोक ने कहा हां, इसी मुस्कान को देखने के लिए आ गया बेटा।।
फ़िर पिया ने आलोक के पैर छुए और फिर बोली।
बैठिए आप लोग!
पापा ने ठंडाई बनाया है आप लोगों के लिए, अभी लाती हूं।
आलोक ने कहा, हां ठीक है पर कहां है तुम्हारे पापा?
पिया ने कहा और, कहां किचन में!आप लोगों के लिए दाल बाटी बना रहे हैं।
आलोक ने कहा हां,सच में उनके हाथ में बड़ा स्वाद है!
पिया दो ग्लास ठंडाई लेकर आ गई।
आलेख ने पीते हुए कहा वाह क्या बात है।।
फिर कुछ देर बाद जतिन पकौड़े लेकर आ गए।
आलेख ने पैर छुए और फिर बोला अरे अंकल आप कब से किचन में है।।
जतिन ने कहा हां, बेटा बस खुशी की बात है तुम्हारे अव्वल आने की खुशी में यह सब!
सब हंसने लगे।
आलोक ने कहा और सुनाइए कैसे हैं?.
जतिन ने कहा हां ठीक है।
बच्चों के अरमान पुरे हो रहें हैं हमें और क्या चाहिए?
आलोक ने कहा हां, बिल्कुल ठीक कहा आपने!
पिया ने सबको पकौड़े खाने को दिया।
आलोक ने कहा पिया बेटी इधर आओ।
पिया ने कहा मारेंगे तो नहीं??
आलोक ने कहा हां, बहुत मारूंगा।
पिया मुस्कान लिए पास गई।
आलोक ने वो पैकेट हाथ में देते हुए कहा ये तुम्हारे लिए!
पिया ने कहा हां, थैंक यू।
और हां, ये कुछ फल और मिठाई है।।
जतिन ने कहा अरे वाह।।
पिया सारा चीज़ लेकर अन्दर चली गई।
कुछ देर बाद सब खाना खाने बैठ गए।
आलोक ने कहा सन्डे को आप लोग आ जाइएगा।।

जतिन ने कहा हां, बिल्कुल आऊंगा।।
आलेख ने कहा वाह पुलाव बहुत अच्छा बना है देसी घी की खुशबू आ रही है।।
पिया ने कहा हां,वो आएगी।।
जतिन ने मुस्करा कर कहा, अरे ये तो मेरी गुड़िया का कमाल है उसने घर में घी तैयार किया है।।
आलोक ने कहा हां, क्या बात है सर्वगुण संपन्न है पिया!
आलेख ने पिया के तरफ़ देखा और कहा अरे, ये तो पता नहीं था, मेरे लिए?
पिया ने कहा हां,वो क्या रखा है टेबल पर।बेसन का लड्डू, पापड़,घी।।
आलोक ने कहा भगवान, हमने कोई तो पुण्य किया होगा जो पिया जैसी जीवन साथी मिल रही है आलेख को।। आज इसकी छोटी मां जीवित होती तो!
पिया ने कहा अरे अंकल, आंटी ने मुझे मेरे जन्म से पहले ही बहुत सारा आशीर्वाद दे दिया था और फिर आप लोग मेरे अपने हो, आप लोगों के लिए इतना भी नहीं करूंगी तो कैसी ये पढ़ाई-लिखाई और कैसी संस्कार।। पापा ने हमेशा सिखाया कि बड़ों का मान में खुद का अभिमान हो! "मेरी शिक्षा मेरा आत्मा है,मेरी संस्कार मेरी गुरूर है"!
आलोक ने कहा वाह बेटा,जुग जुग जियो!
फिर सब मिलकर खाना खाने के बाद टहलने लगे।
फिर सब जतिन जी के रूम में जाकर बैठ गए।
जतिन ने अलमारी में से एक डिब्बा निकाल कर आलेख को दिया और फिर बोला कि बेटा ये तुम्हारे लिए।।
आलेख ने कहा हां, शुक्रिया अंकल पर इसकी क्या जरूरत थी?
आलोक ने कहा अरे बेटा ले लो।
जतिन ने कहा, "बेटा भगवान का दिया हुआ सब कुछ तो है मेरे पास पर एक बेटा नहीं था अब वो भी मिल गया है" मेरा जो कुछ भी है सब तुम दोनों का ही तो है।!

आलेख ने पैर छुए और फिर बोला मैं इसे अभी देख सकता हूं?
जतिन ने कहा हां, हां बेटा।
आलेख ने वो डिब्बा खोल कर देखा तो उसमें एक बहुत ही खूबसूरत सी घड़ी थी,गोल वाली।
आलेख ने कहा अरे, वाह बहुत अच्छा है!
पिया ने कहा पहन कर देख लो!
आलेख ने घड़ी कलाई में पहन लिया और बोला बहुत अच्छा है अंकल।।
फिर सब कुछ देर तक आराम करने के बाद आलेख और आलोक जाने लगें।
पिया ने घी, और पापड़, लड्डू का पैकेट गाड़ी में रखवा दिया।
और फिर आलेख और आलोक गाड़ी में बैठ कर हाथ हिलाते हुए चले गए।

पिया और जतिन अन्दर आकर कुछ देर टीवी देखते हुए चाय पीने लगे।
फिर पिया अपने कमरे में जाकर अंकल के द्वारा दिए उपहार को खोला तो देखा एक बहुत ही खूबसूरत सा लखनऊ की कढ़ाई वाली सलवार सूट था।
पिया बहुत ही खुश हो गई और फिर उसने तुरंत आलेख को फोन किया और फिर बोली कि अंकल को फोन दो।
आलोक ने कहा हां, बेटा बोलों।।
पिया ने कहा अंकल आपका तोहफा बहुत ही अच्छा है मुझे बहुत पसंद आया।।
आलोक ने कहा हां, बेटा ठीक है मुझे मालूम था कि तुमको पसंद आएगा।

पिया ने कहा हां, अंकल जरूर।।
फिर मिलते हैं।।

क्रमशः