सुबह हो चुकी थी और अनिरुद्ध और संजना कैनेडा जाने के लिए रेडी हो चुके थे... दोनो एयरपोर्ट जाने के लिए निकल चुके थे ... वहा जाकर कुछ देर बैठने के बाद उनकी फ्लाइट आ गई ... संजना कैनेडा जाने के लिए बहुत एक्साइटेड थी पर अनिरुद्ध कुछ परेशान सा था... पर संजना की खुशी के लिए वो अपने चहेरे पर अपनी परेशानी आने नही दे रहा था... कुछ घंटों के बाद फ्लाइट ने कैनेडा के टोरंटो शहर में टेक ऑफ किया...
टोरंटो शहर जहा अनिरुद्ध ने अपनी फर्मसी की पढ़ाई कंप्लीट की थी... और यही वो अपने दोस्तो के साथ रहता था...
" वाउ घिस इस सो अमेजिंग ...! " संजना यहां का नजारा देखकर बोली...
" है ना ! " अनिरुद्ध के चेहरे पर भी रौनक आ गई ...
दोनो गाड़ी में बैठे और होटल की तरफ निकल गए...
संजना गाड़ी में से शहर को देख रही थी....
थोड़ी ही देर में गाड़ी एक बड़े से होटल के पास आकर रूकी... होटल में पहले से ही उनके नाम का बुकिंग हो चुका था... उनके मेनेजर ने आकर दोनो का स्वागत किया..
वैसे मेनेजर तो अनिरुद्ध को पहले से ही जानते थे.. इसीलिए उन्होंने उनकी होटल का स्पेशियल हनीमून स्वीट बुक किया था..
अनिरुद्ध ने संजना की आंख पर पट्टी बांधी और उसे कमरे तक ले गया...
" अभी तो पट्टी खोलो अनिरुद्ध .... ऐसा क्या दिखाना चाहते हो ? "
" बस थोड़ी देर... संजू " अनिरुद्ध ने कहा और संजना को कमरे में अंदर ले गया.. और आंखों से पट्टी खोली...
संजना ने जैसे ही आंखे खोलकर देखा तो वो सरप्राईज हो गई... इतना सुन्दर कमरा उसने आजतक नहीं देखा था.. कमरा बहुत ही बड़ा .. उसमे एक स्विमिंग पुल भी था... पूरा कमरा बहुत अच्छे से डेकोरेट किया हुआ था..
" ब्यूटीफुल..." संजना के मुंह से सिर्फ यही शब्द निकला..
" यह तो अभी शुरुआत है ... संजू... आगे और भी सरप्राईज बाकी है .."
" और भी ? अब तो मुझसे वैट ही नहीं होगा..."
" में भी नही चाहता तुमसे ज्यादा वैट करवाना ... " अनिरुद्ध बोलकर स्माइल करने लगा
संजना धीरे धीरे स्विमिंग पूल के नजदीक जाने लगी.. अनिरुद्ध भी सब डेकोरेशन देख रहा था.. तभी संजना का पैर फिसला और वो पुल में गिर गई...
अनिरुद्ध को जैसे ही आवाज आई वो भागता हुआ.. पुल के पास आया और बिना कुछ सोचे पुल में कूद गया...
संजना उसे देखकर हंसने लगी... अनिरुद्ध को तब अहसास हुआ की पानी तो उसके कमर तक ही था...
" तुम भी ना अनिरुद्ध... में थोड़ी ना इस पुल में डूबने वाली थी ! पानी कहा ज्यादा गहरा है ! "
संजना अनिरुद्ध के पास जाती हुई बोली...
" तुमने तो डरा दिया था मुझे ...मुझे तब और कुछ समझ में नहीं आया इसीलिए ..."
" ओह... इतना प्यार करते हो मुझसे ...? "
" अपनी जान से भी ज्यादा " अनिरुद्ध के चहेरे पर संजना के लिए चिंता साफ नजर आ रही थी...
" सोरी .. वो मेरा पैर फिसल गया इसीलिए..."
" शी....." अनिरुद्ध ने संजना के मुंह पर उंगली रख दी और उसे चुप कर दिया...
" तुम्हे कुछ कहने की जरूरत नहीं है ... संजू.. में तो सिर्फ यही चाहता हु की तुम हर वक्त मेरे पास रहो वो भी सही सलामत ..."
" तुम्हारे होते हुए मुझे कुछ हो सकता है क्या ! " संजना अनिरुद्ध की आंखों में देखती हुई बोली...
" नहीं मेरे जीते जी में तुम पर एक आंच भी नही आने दूंगा..."
अनिरुद्ध के इतना बोलते ही संजना उससे लिपट गई..
दोनो पानी से पूरे गीले हो चुके थे...
अनिरुद्ध ने संजना को अपनी गोद में उठा लिया और उसे पुल से बाहर लाया... गीले बालों में संजना और भी सुंदर लग रही थी... पानी की बूंदे उसके चेहरे पर जैसे मोती की तरह चमक रही थी... अनिरुद्ध ने हल्के से उसके माथे को चूमा और फिर उसे नीचे उतार दिया...
" तुम जाके कपड़े चेंज करलो नही तो ज़ुकाम हो जायेगा ..."
" हम..." संजना ने कहा और वो बाथरूम में चेंज करने चली गई...
अनिरुद्ध ने अपना फोन उठाया और सौरभ को कोल लगा दिया...
" तुम दोनो ठीक से पहुंच गए ? " सौरभ ने तुरत ही फोन उठाते हुए कहा..
" हा हम ठीक से पहुंच गए है ..."
" सुनो यहां का टेंशन मत लेना हम यहा सब संभाल लेंगे .. तुम बस वहा एंजॉय करो ..."
" सौरभ में जानता हु की तुम लोग वहां सब संभाल लोगे .. पर मुझे टेंशन यहां का है .. में संजू को वो बात कैसे बताऊं कुछ समझ नहीं आ रहा .. वो मेरे बारे में क्या सोचेगी ? " अनिरुद्ध थोड़ा परेशान हो गया था।
" तू ज्यादा ही सोच रहा है ... संजना बहुत समझदार है .. और वो तुझे अच्छे से जानती है वो तुम्हारी बात जरूर समझेगी.. और ये तो हम सब जानते है की तू किसी भी लड़की के साथ कभी बत्तमीजी भी नहीं कर सकता तो किसी का फायदा उठाने की बात तो और है ..! करने की तो छोड़ तू ऐसा सोच भी नही सकता..."
" हा पर वो तुम सब समझते हो .. वो करन नही... उसे तो सिर्फ उसकी गर्लफ्रेंड की बात सच लगती है और वो प्रुफ जो उसके पास है... "
" पर आंखों देखा हर बार सच हो वो जरूरी नहीं ना ! "
" बात यहां देखने की नही विश्वास की है .. और में संजू का विश्वास नहीं तोड़ना चाहता ... में कोशिश करूंगा की उसे सब सच बता दू ..."
" कौन सा सच ...? " संजना ने पीछे से कहा...
संजना की आवाज सुनते ही अनिरुद्ध ने तुरंत सौरभ का कोल कट कर दिया...
" कुछ नही संजू वो तो में सौरभ से बात कर रहा था "
" हा पर क्या .. तुम कुछ बताने की बात कर रहे थे ..? "
" हा वो वो तो सौरभ मुझे तुम्हे सरप्राईज के बारे में बता देने के लिए कह रहा था.. तो मैंने कह दिया की में तुम्हे बता दूंगा ..."
" हा तो बताओ....! "
" क्या तुम भी संजू...! वो तो मैने उसे ऐसे ही कहा था अगर सरप्राईज के बारे में पहले ही बता दू तो सरप्राईज का क्या मजा ! "
" अच्छा ठीक है बाबा मत बताओ... पर अब तुम जाके चेंज कर लो ... "
" हा " अनिरुद्ध ने कहा और वो भी तुरंत चेंज करने चला गया...
उसके जाते ही संजना सोच में पड़ गई..
" अनिरुद्ध कुछ तो छुपा रहा है ... में उसे पूछ लू क्या...? नही नही में उससे सवाल नही करना चाहती... मुझे यकीन है की सही समय आने पर वो खुद मुझे बता देगा..." उसने कहा और वो तैयार होने लगी...
इस तरफ ... दिल्ली में ...
" अर्जुन कैनेडा में हमारी मीटिंग कब हैं? " करन फोन में बात करता हुआ बोला..
" सर वो मीटिंग तो १० दिन बाद है..."
" मीटिंग परसो की करदो ... "
" परसो ? पर क्यों सर ? "
" में कल कुछ काम से कैनेडा जा रहा हूं तो मीटिंग करके ही आऊंगा...उनको इनफॉर्म करदो "
" जी सर .. "
फिर करन ने कोल कट कर दिया...
" अनिरुद्ध तुमने क्या सोचा की में ऐसे ही तुम्हे जाने दूंगा ? ऐसे कैसे आज की रात अपना हनीमून एंजॉय कर लो ... क्योंकि कल के बाद तुम्हारी लाइफ पूरी तरह से चेंज हो जायेगी... कल तुम्हारा सच में ऐसे संजना के सामने लाऊंगा की तुम उससे नजरे तक नहीं मिला पाओगे..." बोलकर करन थोड़ा सीरियस हो गया... उसकी आंखे कुछ नम हो गई थी...
उसने आंखे बंध करी और फिर " आई एम सोरी मेरे दोस्त " कहकर आंखे खोल ली और फिर वहा से चला गया...
अनिरुद्ध के आते ही संजना और अनिरुद्ध होटल के बाहर आए.. वहा से दोनो गाड़ी में बैठकर चले गए... एक पार्टी क्लब के पास उसने गाड़ी रोकी..
" ये हम कहा आए है अनिरुद्ध ..? "
" आओ तो सही बाद में बताता हु..."
अनिरुद्ध ने संजना को हाथ पकड़कर उतारा तब वहा एक लड़की उनके पास आई...
" संजू तुम इनके साथ जाओ..."
" पर क्यों ? "
" जाओ ना तुम्हारे लिए एक सरप्राईज है..."
संजना थोड़ा मुंह बिगाड़कर उस लड़की के साथ चली गई.. वो लड़की संजना को क्लब के अंदर ले जाने के बजाय वहा सीडियो से ऊपर ले गई जहा से सीधा क्लब में जा सकते थे... वहा ऊपर दो कमरे थे.. वो लड़की संजू को एक कमरे में ले गई .. और उसने संजू को एक ड्रेस पहनने को दिया..
इस तरफ अनिरुद्ध भी दूसरी तरफ के कमरे में रेड़ी होने लगा.. उसने ब्लैक और रेड रंग का सूट पहना.. और हाथ में एक सुंदर सा रेड रोज़ ले लिया...
अनिरुद्ध ने उस लड़की को मेसेज किया...
उस लड़की ने भी रेड़ी का मेसेज दे दिया...
उस लड़की ने संजना को रेड़ी कर दिया था.. संजना ने रेड रंग का एक शॉर्ट पार्टी ड्रेस पहना था.. उसे पहले थोड़ा अनकंफर्टेबल महसूस हो रहा था क्योंकि उसने आज तक ऐसी कोई ड्रेस पहनी नही थी...
अनिरुद्ध वहा कमरे के बाहर आया और उसने नोक किया..
उस लड़की ने दरवाजा खोला और फिर वो वहा से चली गई... अनिरुद्ध कमरे में अंदर आया.. संजू मिरर में खुद को देख रही थी.. थोड़ी परेशान सी लग रही थी..
अनिरुद्ध ने जब संजू को देखा तो वो बस देखता ही रह गया... उसने इस देश में कई खूबसूरत लड़कियों को ऐसे कपड़े में देखा था पर संजू इन सब से अलग थी... वो इतनी सुंदर लग रही थी की उसके सिवा अनिरुद्ध की नजर किसी और लड़की पर जा ही नहीं सकती थी...
" बहुत बहुत सुंदर लग रही हो..." अनिरुद्ध ने संजना से कहा...
संजू तुरंत ही पीछे मुड़ी... अनिरुद्ध को सूट में देखकर वो भी थोड़ी देर के लिए सिर्फ उसे देखती रह गई..
वो धीरे धीरे अनिरुद्ध के नजदीक आई ..
वो चक्कर खाकर अनिरुद्ध के ऊपर गिरने लगी...
" क्या हुआ संजू.." अनिरुद्ध ने तुरंत ही उसे पकड़ लिया..
" इतने हेंडसम मुंडे को देखकर कोई भी लड़की चक्कर खाकर गिर जाए ...! " संजू मुस्कुराती हुई बोली..
" तो तो मुझे तीन बार चक्कर खाकर गिरना पड़ेगा..." अनिरुद्ध बोला..
" क्यों ? "
" क्योंकि तुम इतनी ज्यादा खूबसूरत लग रही हो .."
" सच में ? पर मुझे कुछ अजीब लग रहा है " संजना ने अपनी ड्रेस को देखते हुए कहा..
" अजीब नही बहुत प्यारी लग रही हो...अब चलो ..."
अनिरुद्ध ने संजना का हाथ थामा और उसे ले जाने लगा..
दोनो सीढ़ियों के पास पहुंचे नीचे सब लाइट ऑफ थी...
" अनिरुद्ध यहाँ इतना अंधेरा क्यों है ? "
अनिरुद्ध ने हाथ से ताली बजाई ... और सभी लाइट शुरू हो गई... वहा बहुत सारे लोग थे जो अनिरुद्ध और संजना के नाम का पोस्टर लिए खड़े थे ... सब ताली बजाने लगे.. अनिरुद्ध और संजना सीढ़ियों से नीचे आए... अनिरुद्ध ने संजना का हाथ छोड़ा और उसके आगे जाकर उसके सामने घुटनों पर बैठ गया... और रोज संजना की तरफ किया...
तभी एक सोंग बजा...
"Baby, Come, stand by my side
Come n be my guide in life
O i’ll be what you want me to be
I’ll give all my love in
Whole of my life
( संजना ने खुश होते हुए रोज ले लिया और फिर अनिरुद्ध ने सोंग गाना शुरू किया ...)
सोनियो ओ सोनियो
तुम्हे देखता हूं, तो सोचता हू, बस यही
तुम जो मेरा साथ दो
सारे गम भुला के, जी लूं मुस्कुरा के,
जिंदगी..
( अनिरुद्ध संजना के पास आया और उसका हाथ थाम लिया और उसे घुमाकर कपल डांस करने लगा..)
तू दे दे मेरा साथ, थाम ले हाथ,
चाहे जो भी हो बात
तू बस दे दे मेरा साथ...."
सोंग खत्म होते ही सब तालिया बजाने लगे...
संजना ने अनिरुद्ध को गले लगा लिया...
" थैंक यू सो मच अनिरुद्ध मुझे इतना स्पेशल फील करवाने के लिए.. यू आर द बेस्ट.. लव यू सो मच.."
संजना बहुत ही खुश थी... अनिरुद्ध ने धीरे से उसके माथे को चूम लिया..
" आई लव यू टू ..संजू..."
उसके बाद वहा पार्टी शुरू हो गई.. क्लब में आए सब लोग पार्टी को एंजॉय करने लगे.. आज उन सब के लिए स्पेशल यह था की वहा इंडिया के फेमस पार्टी सोंग बज रहे थे जो संजू को पसंद थे.. अनिरुद्ध और संजना सब के साथ डांस का लुप्त उठा रहे थे... पार्टी के बाद अनिरुद्ध संजू को पीछे के गार्डन में ले गया... जहा उसने केंडल लाईट डिनर का आयोजन किया था.. दोनो ने मिलकर बहुत ही रोमांटिक डिनर किया... उसके बाद दोनो होटल में वापिस आ गए...
आज दोनो बहुत थक गए थे...
" संजू कल में तुम्हे यहां के मेरे फेवरेट प्लेसिस पर ले जाऊंगा .. जहा मेरे लाइफ की बेस्ट यादें है... "
" में भी वहा जाने के लिए एक्साइटेड हूं.. "
" तो चलो अभी सो जाते है... तुम भी थक गई होगी..."
" क्या तुम्हे सो जाना है ? "
" तुम्हे नही सोना ..! क्या तुम्हारा कोई और प्लान है " अनिरुद्ध शरारती नजरो से संजू की तरफ देखते हुए बोला...
" तुम भी ना " संजना ने उसे पिलो मारते हुए कहा...
" अरे मार क्यों रही हो ? "
" तुम मुझे परेशान करोगे तो मार ही पड़ेगी "
" पर मैने क्या किया .. ? "
" क्या किया अभी बताती हु " संजना अनिरुद्ध को पिलो से मारने लगी... अनिरुद्ध दूसरे पिलो से उसे रोक रहा था दोनो हस्ते हस्ते मस्ती कर रहे थे... उनके प्यार का रंग और इस सर्दी की गुलाबी ठंड ने उनकी रात को और भी खूबसूरत बना दिया था...
🥰 क्रमश: 🥰