तस्सवुर मे आया करो l
आके फ़िर न ज़ाया करो ll
जूठा दिलासा दे देकर यू l
जी को न जलाया करो ll
गर दिल से चाहते हो तो l
इश्क़ को जताया करो ll
********************************
सुनो तो सही क्या कहता है मन l
बेशुमार आवाज़े सहता है मन ll
जिंदगी जीने को सब-कुछ l
बिना मरजी के ढहता है मन ll
सदा ही मुस्कराता रहता है l
चाहा अनचाहा गहता है मन ll
दिलों दिमाग को बहला कर l
वक्त की धारा में बहता है मन ll
हमेशा उसकी ही सुनो सदा l
सच्ची बातें कहता है मन ll
रेज़ा रेज़ा हो जाता है पर l
फिर भी चुपचाप रहता है ll
मुससल खुशी की तलाश में l
सखी चारो ओर विहरता है मन ll
१५-७-२०२२
********************************
ख्वाबों से चमकते हैं आँखों के मोती l
सितारों से चमकते हैं रातों के मोती ll
मिलन की तड़प बढ़ती तब बारहा l
आँखों में चमकते हैं यादों के मोती ll
बेपनाह बेइंतिहा मुहब्बत मे की हुईं l
मीठी मीठी प्यारी बातों के मोती ll
चादनी रात में नगमा ओ शेर की l
महफिल में गूँजते साज़ों के मोती ll
बहता झरना, पत्तों की झनकार l
फिझाओ में सुनो आवाजों के मोती ll
१६-७-२०२२
********************************
समय अनमोल है गँवाना नहीं l
बेकार की बातों में गँवाना नहीं ll
जीवन से भरपूर है कायनात l
लम्हों को गम से सजाना नहीं ll
हो सके तो खुशी देना सबको l
किसी भी दिल को सताना नहीं ll
सखी जो भी करो दिल से करना l
अनचाहा रिसता निभाना नहीं ll
भरोसा करके दिल खोला है l
राज किसी को बताना नहीं ll
कभी भी वक्त बदल सकता है l
हार कर सर झुकाना नहीं ll
********************************
खुशियो के लिए खोल दर को l
दर्द को सीनेसे लगाना नहीं ll
दिल में जगह बनाले सुन l
रेत पर नक्श बनाना नहीं ll
१९-७-२०२२
********************************
दिल में आश का चाराग जल रहा है l
ये वहम ही सही जीवन पल रहा है ll
हुश्न की डॉली गूजर रहीं हैं सामने l
आज अरमानो का दम निकल रहा है ll
यहां नहीं तो जन्नत में जरूर मिलेगे l
जूठे वादों से हौसला सम्भल रहा है ll
१७ -७-२०२२
********************************
आँखों मे आई है बरखा l
यादों को लाई है बरखा ll
पत्ता पत्ता भीगा भीगा l
चारो और छाई है बरखा ll
********************************
देखी नहीं कोई शिरीन फरहाद के बग़ैर l
आज महफ़िल सुनी है उस्ताद के बग़ैर ll
हथेली में हथेली पोर कर साथ चलना l
कटता नहीं है सफ़र इमदाद के बग़ैर ll
दिल मे जुजून सवार करना चाहिए l
प्यार मिलता नहीं है उन्माद के बग़ैर ll
रुपैया ही बोलता है क़ायनात में,इंसान l
की पहचान नहीं है जायदाद के बगैर ll
सखी ग़ज़लो से फ़िज़ाए गूँजती हो तब l
महफिल में फन नहीं इरशाद के बग़ैर ll
२१-७-२०२२
********************************
देखो दुल्हन सी सजी है आज धरती l
बरखा की ऋतु में वो सजती सँवरती ll
हर कही प्यार की बूँदों को समेटे वो l
हर छोटे बड़े पैमाने पर पालती पलटी ll
दुल्हन की तरह सजी हैं क़ायनात आज l
बादलों की खुशी देख ख़ुदा सी मलकी ll
युगों से निरंतर अपनी ही मस्ती में l
दिन रात लगातार बिना रूके चलती ll
किसी भी तरह की सिकवा किये वगैर l
अंगिनत बोझ सहकर लगातार हसती ll
२२-७-२२
********************************
संघर्ष करते रहो सफलता क़दम चूमेगी l
फ़िर रूठी हुई क़िस्मत भी क़दम छू लेगी ll
२३-७-२०२२
********************************
खुशबु से भरी भीनी माटी की महक है l
बरखा से सारे क़ायनात में रौनक है ll
एक छाते के साथ बाहिर घूमने जाते l
भीगना भिगोना याद आज तलक है ll
२४-७-२०२२
********************************
आँखों के सामने हमनज़र है l
वो राहे दिल के हमसफ़र है ll
उम्रभर साथ चलने का वादा l
चाहत है फ़िर अगर मगर है ll
उलझन में है कहा जाएगे l
मयखाने के सामने घर है ll
मालूम है राहे जिंदगी की l
कठिन सही अहले सफ़र है ll
सकून कहा जाके ढूँढे बोलो l
सखी दिल का चैन किधर है ll
खामोशी भी सुन सकते हैं l
पास हुश्न के अहले-हुनर है ll
२५-७-२०२२
********************************
कल रात ख्वाबों मे वो आया था l
सुन्दर रंगबेरंगी तोहफ़े लाया था ll
सजना के आने का पैगाम आया l
फ़िजा मे अजीब शुरुर छाया था ll
हुश्न को रिझाने के लिए ख़ुदा ने l
आसमाँ मे इंद्रधनुष रचाया था ll
आशिक ही रहनुमा बना हुआ तो l
क़ायनात मे अब्र का साया था ll
वस्ले-यार की ख़ातिर लैला ने l
सखी गजब का ज़ज्बा पाया था ll
२६-७-२०२२
********************************
प्यार के गुल खिल गये l
दिल से दिल मिल गये ll
जुदाई की बात सुनकर l
सर से पाँव हिल गये ll
अचानक सामने आने से l
मुस्कराते होठ सिल गये ll
ख्वाबों की ताबीर हुईं तो l
अजीज के पास दिल गये ll
हसरत दिल में लिए फ़िर l
समंदर से साहिल गये ll
२७-७-२०२२
********************************
बरसात मे भीगा सूखा मन l
बेहद खुशियो मे डूबा मन ll
पलकों में छुपा लेना चाहते हैं l
मौसमी वातावरण ने लूटा मन ll
अंदर की तपिश यू बढ़ी कि l
बादलो की तरह टूटा मन ll
गुमसुम वीरानी छाई हुई है l
यार के बिना बेहद सूना मन ll
दर्द मे भी मुस्कुराता रहता है l
सखी अनपढ़ है अजूबा मन ll
२८-७-२०२२
********************************
तस्सवुर मे आया करो l
आके फ़िर न ज़ाया करो ll
जूठा दिलासा दे देकर यू l
जी को न जलाया करो ll
गर दिल से चाहते हो तो l
इश्क़ को जताया करो ll
बन ठन कर जो निकले हो l
काला टीका लगाया करो ll
मुहब्बत मे इक़रार के लिए l
हौसलों को बढ़ाया करो ll
चाँद सा मुखड़ा देखने दो l
सखी यू न सताया करो ll
आधी अधूरी ना कहो l
बात पूरी बताया करो ll
अपने और अपनों के लिए l
रुख से पर्दा हटाया करो ll
२९-७-२०२२
********************************
जान जानेके बाद वो आया था l
प्यार का तोहफा लाया था ll
गम में भी मुव्कुराती हूँ l
हँसती हूँ और हँसाती हूँ ll
नसीब को बदलने को l
मंदिर मस्जिद जाती हूँ ll
दिन तो गुजर जाते है l
ख्वाबो से रात सजाती हूँ l
ज़िंदगी में लम्हा लम्हा l
संजोके खूबसूरत बनाती हूँ ll
हर पल को जी भरके जीती हूँ l
ख़ुशी के गौहर न गँवाती हूँ ll
३१-७-२०२२
********************************