फिर विक्रम ने पूछा-" चल दोस्त, अब बता तीनों लड़कियाँ, कहाँ है??"
गौतम-" सर मुझे पता है आप यकीन नहीं करोगे पर मैं सच बता रहा हूँ, इसमें मेरा कोई हाथ नहीं है। मैं खुद परेशान हूँ, क्योंकि मेरी कोमल भी तो गायब है।"
अभिमन्यु-" देखो, हम तो दोस्त बनकर तुझसे पूछ रहे हैं और तुम हमें सहयोग ही नहीं कर रहे?? चलो,अछ्छे बच्चे कि तरह बता दो लड़कियाँ कहाँ है??"
गौतम(थोड़ा चिल्लाते हुए)-" मैंनें कहा ना...." ( इतने में विक्रम का जोरदार झापड़ उसके गाल पे पड़ता है,वो कुर्सी सहित जमीन पर लुढ़क जाता है।
विक्रम(दांत पीसते हुए)-" साले, लगता है कुत्ते को घी हज़म नहीं हो रहा। इज़्ज़त रास नहीं आ रही तुझे, अभी बताता हूँ तुझे।" ऐसा कहकर विक्रम गुस्से में आगे बढ़ता है पर अभिमन्यु उसे रोक लेता है।
अभिमन्यु-" रुको यार, मैं बात करता हूँ न इससे। तुम शांत रहो। वर्ना तुम्हारे दो हाथ तो ये सह गया आगे नहीं सह पायेगा। रुको, मैं समझाता हुँ इसे।"
अभिमन्यु ने बड़ी मुश्किल से रोक रखा था,विक्रम गुस्से में छटपटा रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे वो गौतम को मार ही डालेगा आज।गौतम ये सब देख कर बहुत ज्यादा डर गया था। वो बोला-" रुकिए सर प्लीज, मैं बताता हूँ, और मत मारिये।मैं सब बताता हूँ।"
विक्रम थोड़ा ढ़ीला पड़ा पर कहर ढ़ाती निगाहों से उसकी आँखों में देखकर दांत पीसता बोला-" बकना शुरु कर और अगर मेरे लायक कुछ न बक के दिया तो आज तू नहीं रहेगा,चल भौंक अब।" ऐसा कहकर उसने सामने एक वीडियो रिकॉर्डर चालु करवा दिया।
गौतम-" सर, असल में मैं और क्लास के कुछ लड़के ड्रग्स सप्लाई करते हैं और हमारा बॉस म्यूजिक टीचर ही है।एक बार हम पकडे़ भी गए पर उस वक़्त एक लड़के को हमने उसके बैग में चुपके से माल रखकर पकड़वा दिया। वो कोमल, भावना, और उनके ग्रुप की दोनों फ्रेंड प्रियंका और मानसी भी हमारी क्लाइंट है। इनके अलावा भी हमने काफी स्टूडेंट्स और, जो दूसरी कॉलेजेस के भी हैं को कैप्चर कर रखा है। परन्तु इसकी खबर उस नयी लड़की नूतन को पड़ गयी तो उसने हमारी छानबीन शुरू कर दी और सबूत जमा करने शुरू कर दिए थे। हमने पहले तो बचने की कोशिश की, फिर टीचर ने उसको कई बार क्लास में बेइज़्ज़त करके धमकाने की भी कोशिश की थी। फिर उसको साथ मिलाने कि भी कोशिश की थी।परन्तु वो पता नहीं किस मिट्टी कि बनी थी, मान ही नहीं रही थी।इधर ये चारों सहेलियां भी उस से चिढ़ गयी थी। हमने नूतन को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। परन्तु मुझे वो अच्छी लगने लगी थी तो मैंने उसको बचाने के लिए एक बार समझाया भी( जैसा पानवाले ने बताया) परन्तु वो मेरी बात को झटक के चली गयी। फिर बाद में अंदर मुझे पता चला कि उसने स्टोर में छिपकर टीचर के मुँह से हमारी प्लानिंग सुन ली थी और वहाँ से फटाफट निकल गयी।पर टीचर ने उसे भागते देख लिया।मैंने खिड़की से देखा तो पता चला कि वो चारों भी उसके पीछे-पीछे भागी हैं।मैं बाहर आता उस से पहले ही सब गायब हो गए। उनके जाने के बाद वो लड़का प्रियांशु उसे लेने आया पर हमने उसे बोल दिया कि वो चली गयी। बस सर,इसके अलावा मुझे कुछ नहीं मालूम प्लीज मुझे छोड़ दो।मैंने कुछ नहीं किया है।"
अब अभिमन्यु का माथा गरम हो गया।"साले इतने गैरकानूनी काम किये, ड्रग्स बेचते हो कम उम्र के लड़के लड़कियों को, फिर भी बोलते हो कि कुछ नहीं किया। तूं झूठ बोल रहा है, सच बता लड़कियाँ कहाँ है??" ऐसा कहते हुए वो उसे मारने लगता है।गौतम हलाल होते बकरे कि तरह चीखने लगता है। अभिमन्यु फिर बोलता है" कमीने वहाँ फौजी बॉर्डर पर इसलिए जान देते हैं ताकि सब यहाँ सूकून से सो सके। हम जैसे जो देश के अंदर है सीक्रेट लाइफ जीते जीते गुमनामी कि मौत मर जाते हैं ताकि तुम लोग भविष्य सम्भालो, परन्तु नहीं, तुम सबको तो दाल में नोट डुबाकर खाने हैं।" कहते-कहते अभिमन्यु गौतम को अधमरा कर देता है। विक्रम और हवलदार उससे बडी़ मुश्किल से रोकते हैं।
विक्रम गौतम और म्यूजिक टीचर के खिलाफ ड्रग्स और किडनेपिंग का केस बनाने लगता है। सब कुछ लगभग साफ़ हो चूका होता है।इन सब में शाम भी बीत जाती है कि तभी एक औरत जो रईस लगती थी,एक पी.ऐ.(पर्सनल असिस्टेंट)के साथ चौकी में एंटर होती है और बोलती है कि" इंस्पेक्टर साहब मेरी बेटी मानसी दोपहर से घर नहीं लौटी।"
अब ये क्या चक्कर है??
अगर गौतम ही सबके पीछे है तो फिर मानसी को किसने गायब किया??
क्या टीचर कोई इससे भी बड़ा खेल, खेल रहा है???
जहाँ केस सुलझ रहा था वहां नया मामला खड़ा हो गया??
कुछ तो ऐसा है जो सबकी नज़रों से छुपा हुआ है!!! पर क्या??
जानने के लिए साथ बने रहें।