जब एस.आई. बाहर आया तो कमल(हवलदार), जो कि उसका मुहलंगा था, ने पूछा "अंदर क्या हुआ साहब??" एस.आई. भयंकर मूड में था। कुछ देर तो कमल को घूरा फिर चिढ़ कर बोला कि मेरा मुजरा हुआ अंदर, तुझे भी आना चाहिए था, दोनों साथ मैं करते। उसका मूड देख कर कमल भौचक्का हो गया और दूसरा हवलदार मुँह दबा के हंसने लगा। एस.आई. ने कहर भरी नज़र से उसे देखा और चुपचाप गाडी में बैठ गया। दोनों हवलदार भी थोड़ा झेंप गए थे पर वो भी गाड़ी में बैठ गए। जब वो लोग चौकी पहुंचे तब उन्होंने देखा कि चौकी पूरी तरह अस्त व्यस्त है जैसे हाथियों का मदमस्त झुंड वहां से निकला हो और सभी हवलदार टूटी-फूटी हालत में नीचे पड़े कराह रहे थे।अपनी चौकी कि ये हालत देख कर विक्रम चौंकने के साथ-साथ भड़क भी गया। उसने देखा कि एक लगभग 30-32 साल का नौजवान उसकी चेयर पर बैठा आराम कर रहा है। नौजवान सूट-बूट-पेंट पहने हुए था।उसके चेहरे पर लापरवाही के भाव थे जैसे उसको विक्रम के आने का पता भी नहीं था। विक्रम ने गुस्से में डंडा टेबल पर मारते हुए चिल्लाकर पूछा " कौन हो तुम,और चौकी की ये हालत क्या तुमने की है???"
वो नौजवान एकदम शांति से खड़ा हुआ विक्रम के चेहरे को दो मिनट तक घूरने के बाद बोला" मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था परन्तु आपके हवलदारों को थोड़ी तमीज सिखाना जरुरी लगा। इन सब के लिए माफ़ी चाहता हूँ।"
विक्रम और साथ के दोनों हवलदारों को ये सुनकर शॉक लगा। जो सामने खड़ा था वो सूट-बूट में कोई नाज़ुक सा रईसजादा या कोई कॉर्पोरेट ऑफिस का मैनेजर लग रहा था। 12 हवलदारों को रूई की तरह धोने के बाद भी उसके सूट पर एक सलवट भी न पड़ी और ऊपर से उसे उस विक्रम से कोई घबराहट नहीं हो रही थी जिसने अच्छे-अच्छे क्रिमिनल्स को डरा के रखा था। जिसका आतंक था शहर के टपोरियों और चोर- उठाईगीरों में। जो पत्थर को भी गाने पर मजबूर कर सकता था। उसके आगे वो इतना इत्मीनान के साथ आराम कर रहा था और शांति से जवाब दे रहा है।
विक्रम की मसल्स तन गयी, उससे भयंकर गुस्सा आ रहा था परन्तु फिर भी उसने जाने क्या सोच कर शांति से पूछा "तुम हो कौन और तुमने ऐसा क्यों किया??"
उस नौजवान ने मुस्कुराते हुए हाथ मिलाने के लिए बढ़ाया और बोला "आई ऍम सॉरी, मुझे आपको अपना परिचय देना चाहिए था, माइसेल्फ अभिमन्यु और मैं इस शहर में हो रही कुछ किडनेपिंग की छानबीन करने में आपकी मदद करने के लिए डिफेन्स मिनिस्ट्री से स्पेशल परमिशन पर यहाँ आया हूँ।"
विक्रम को ऐसा लगा जैसे वहां कोई बम फटा हो, इतना छोटा लड़का और इंटेलिजेंस में??? और इसने ये हालत चौकी की कर दी मतलब ये काफी खतरनाक भी है। जबकि दिखने में किसी मूवी का रोमांटिक हीरो लग रहा है।
फिर अचानक विक्रम को होश आया और उसने अनायास ही हाथ मिलाया। उसकी विनम्रता देख कर उसे वो काफी अच्छा लगा पर एम. पी. के घर हुई बेइज्ज़त्ती याद आते ही उसका मूड खराब हो गया। पर इन सब से बेपरवाह अभिमन्यु बोला " मुझे यहाँ के एम.पी. साहब ने रिक्वेस्ट करके बुलाया है और मैं इस शहर में नया हूँ तो क्या आप मुझे उनसे मिलवा कर ला सकते हैं??"
विक्रम अभी ही वहां से बेइज्ज़त्ती करा के लौटा था उसका मूड तो नहीं था पर वो फिर भी उसके साथ वहां के लिए निकला। उसका मन तो कर रहा था कि उस लड़के को शूट करके कहीं भाग जाये पर नदी में रहकर वो मगर से बैर नहीं ले सकता था।
उसका चेहरा देख कर शायद अभिमन्यु उसके भाव समझ गया तो उसने रास्ते में कोई बात नहीं की।वहां पहुंचकर अंदर जाकर विक्रम ने एम. पी. को सैल्यूट मारा। एम.पी. ने दोनों को देखा और कहा "एस.आई. तुम अभिमन्यु से तो मिल ही लिए होंगे, इनको खास रक्षा मंत्री जी ने मेरे लिए भेजा है वो काम करने जो तुम से नहीं होता।आप बताइये अभिमन्यु जी कि आपकी क्या ख़िदमत करूँ? आप जो चाहे जितना चाहे वो आपको मिलेगा। बस मेरी भतीजी को ढूंढ दीजिये। आपका बहुत एहसान होगा मुझ पर।"
अभिमन्यु "अरे नहीं एम.पी. सर ये मेरी ड्यूटी है। जब भी कुछ जरुरत होगी मैं आप को कह दूंगा और मेरा वादा है की मैं जल्दी ही इस केस को सोल्व कर दूंगा।"
एम.पी- धन्यवाद अभिमन्यु जी, आपने इतना बोल दिया इस बूढ्ढे को चैन मिला। वरना कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जिन्हें ड्यूटी के नाम पर उबासियाँ आती रहती है।"(विक्रम की तरफ देखते हुए)
विक्रम इस बात से मन ही मन में भड़कता है पर चुप ही रहता है। उसके चेहरे को अभिमन्यु देख लेता है। उसे ऐसा लगता है अगर वो ज्यादा देर रुका तो कहीं ये एम.पी. पर हमला ना कर दे। तो वो यहाँ से जल्दी निकलने के लिए बोलता है "अब जाने दीजिये सर, आप बस अपनी भतीजी को ढूंढवाने पर ध्यान दें, बाकि मैं देख लूँगा।"
ऐसा करके वो दोनों लौट जाते हैं।
अभिमन्यु और विक्रम कि ठनती जा रही है, ऐसे में क्या दोनों मिलकर लड़कियों को ढूंढ पाएंगे??
क्या लड़कियों को कुछ हो गया या वो सही सलामत है ???
कौन है लड़कियों के गायब होने का ज़िम्मेदार ?? क्या वो आगे भी ऐसा करेगा??
इस कहानी का अंजाम जानने के लिए बने रहें.
To be continue....