नीम का पेड़ (भाग 17) Kishanlal Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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नीम का पेड़ (भाग 17)

54--तरकीब
"तो वापस जा रहे हो"?डेविड ने रमन से पूछा था।
"जाना पड़ेगा,"रमन बोला,"दो साल के वर्किंग वीजा पर यहाँ आया था।समय पूरा हो रहा है।"
"अगर जाने का मन न हो तो मत जाओ।यहां रुक जाओ।"
"यहां कैसे रुक सकता हूँ?"रमन ने पूछा था।
"शादी,"डेविड बोला,"यहां की औरत से शादी कर लो।फिर रुक सकते हो।"
"लेकिन मैं तो विवाहित हूँ।"
"तुम्हारी पत्नी भारत मे है।उसे क्या पता चलेगा तुमने दूसरी शादी कर ली है।"
"और पता चल गया तब?"
"अगर पता चल जाये तो तय कर लेना किसके साथ रहना है।जिसके साथ न रहना हो।उसे तलाक दे देना।"
और रमन सोच में पड़ गया।
55--बहरूपिया
दोषियों को पकड़ने और बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून की मांग को लेकर वह अनशन पर था।
चलती बस में युवती से गैंगरेप हुआ था।युवती अस्पताल में बेहोश पड़ी थी।शहर में आये दिन हो रही बलात्कार की घटनाओं को लेकर जनाक्रोश फुट पड़ा था।दोषियों को पकड़ने और सख्त कानून बनाने की मांग को लेकर रोज धरना प्रदर्शन हो रहे थे।
युवती की तबियत अस्थिर थी।डॉक्टर पूर्ण प्रयास कर रहे थे।डॉक्टरों की मेहनत रंग लायी।युवती के होश में आने के साथ उसकी तबियत में सुधार होने लगा।एक दिन युवती पलँग पर लेटी टी वी देख रही थी।टी वी पर धरना प्रदर्शन का समाचार दिखाया जा रहा था।आमरण अनशन पर बैठे युवक पर नज़र पड़ते ही वह चीखी थी।
"क्या हुआ?"युवती की चीख सुनकर डॉक्टर नर्स दौड़े चले आये।
"वो--"युवती ने हाथ का इशारा करके बताया था।
आमरण अनशन पर बैठा युवक युवती के साथ गैंगरेप करने वालो का सरगना था।पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए आमरण अनशन का नाटक कर रहा था।
56--नज़ीर
माननीय जज के आदेश पर पुलिस ने आरोपियों के साथ घटना के समय होटल में मौजूद लोगों को भी अदालत में पेश किया था।
एक युवती अपने बॉयफ्रेंड के साथ होटल में गयी थी।होटल में एक लड़के ने युवती पर छीटाकशी की थी।जब युवती ने उस लड़के को टोका तो लड़के ने उससे छेड़खानी कर युवती ने लड़के को थप्पड़ मार दिया।लड़की की इस हरकत से लड़के के दोस्त भड़क गए।वे भी युवती से छेड़खानी करने लगे।युवती के बॉयफ्रेंड ने उसे बचाने का प्रयास किया था।लेकिन वह अकेला था और वे पांच।
लड़के युवती से छेड़छाड़ कर रहे थे।उस समय होटल में बीस लोग मौजूद थे।होटल का स्टाफ भी था।लेकिन किसी ने भी लड़को को रोकने का प्रयास नही किया।
युवती रिपोर्ट करने पुलिस स्टेशन गयी लेकिन पुलिस ने भी उसे टरका दिया।वह मीडिया के पास जा पहुंची।मीडिया में मामला उछलते ही पुलिस हरकत में आ गयी। आरोपियों को पकड़ लिया गया।
कोर्ट ने दोषियी को सजा देने के साथ घटना के समय मौजूद लोगों को चौबीस घण्टे की सजा सुनायी तो वे बोले,"सर्।हमारा क्या कसूर है?"
"तमाशबीन बना रहना भी अपराध है।अगर आप लोग चुप नही रहते,तो इन लड़को की इतनी हिम्मत नही बढ़ती।क्या उस लड़की की जगह तुम्हारी माँ बहन होती तब भी क्या चुप रहते?"उन लोगो की बात सुनकर जज बोले,"मैं नजीर पेश करना चाहता हूँ ताकि भविष्य में लोग मूक दर्शक न बने रहे।"
57--अपहरण
"इस देश मे प्रतिभा की कोई कीमत नही है।अमेरिका योग्यता को मोल समझता है।तभी उसने मुझे यह नोकरी दी है।"
इंजिनीरिंग करते ही सुरेश को अमेरिका में नौकरी मकल गयी थी।उसी के बारे में दोस्तों को बता रहा था।सुरेश की माँ बेटे की बात सुनकर बोली,"अमेरिका ने तुम्हारी योग्यता का सम्मान नही किया।भारत की प्रतिभा का अपहरण किया है।"