नीम का पेड़ (भाग 18) Kishanlal Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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नीम का पेड़ (भाग 18)

58--दोषी
बुकिंग खिड़की के पास एक बूढ़ा कराह रहा था।।मैंने पास जाकर देखा।उसकी सांसे तेज तेज चल रही थी।मैने स्टेशन मास्टर को सूचना दी।स्टेशन मास्टर ने रेलवे डॉक्टर को फोन कर दिया।
अस्पताल स्टेशन से मात्र एक फर्लांग की दूरी पर था।लेकिन डॉक्टर को आने में एक घण्टा लग गया।डॉक्टर आया तब तक बूढा इस दुनिया को छोड़कर जा चुका था।
बूढ़े की मौत ने मुझे झिंझोड़ दिया।मैने डॉक्टर का इन्तजार क्यो किया। बूढ़े को अगर मैने अस्पताल पहुंचा दिया होता,तो शायद उसकी जान बच जाती।डॉक्टर से ज्यादा दोषी मैं था,जो उसके इन्तज़ार में समय बर्बाद किया
59--शिकायत
मुझे पास बुक में एंट्री करवानी थी।बैंक में सभी कर्मचारी आ चुके थे लेकिन एंट्री का काउंटर खाली था।एंट्री क्लर्क गयारह बजे तक नही आयी तो मैं बोला,"क्या आज नही आएगी?"
"मैडम कभी साढ़े गयारह से पहले नही आती।"पास बुक में एंट्री कराने के लिए लाइन में और लोग भी खड़े थे।उनमें से एक बोला था।
"मुझे ड्यूटी पर दिल्ली जाने के लिये ट्रेन पकड़नी थी।इसलिए मैनेजर के पास जा पहुंचा।मेरी बात सुनकर मैनेजर बोला,"साढ़े गयारह तक आ जायेगी।"
"बैंक खुलने का समय दस बजे का है,तो मैडम साढ़े गयारह बजे क्यों आती है?"मैं मैनेजर से बोला,"आप कुछ करते क्यो नही।?"
"एक बार कहा था लेकिन--बैंक मैनेजर ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी थी।
"लेकिन क्या?"मैने पूछा था।
'मुझे यौन उत्पीड़न की शिकायत करने की धमकी दी थी।अगर उसने शिकायत कर दी तो सब उसकी सुनेंगे।मेरी कोई नही सुनेगा।"बैंक मैनेजर बोला,"इसी डर से आंखे बंद किये हूँ।"
बैंक मैनेजर बेबस था लेकिन मैं नही।
60--मुक्ति
धार्मिक मान्यता है कि गंगा दशहरे पर गंगा स्नान करने स सारे पाप धुल जाते हैऔऱ पुण्य मिलता है इसलिए गंगा दशहरे पर लाखों लोग गंगा में डुबकी लगाते है।
मंगतराम माँ, पत्नी,बच्चे और परिवार के अन्य लोगो को टैक्टर में लेकर गंगा स्नान को निकल पड़ा।नैनी पर गंगा नदी पर बने पुल को पार करते समय टेक्टर की सामने से आते ट्रक से टक्कर हो गयी।टेक्टर नदी में जा गिरा और सभी की मौत हो गयी।
मुक्ति मिली या नही कौन जाने?
61--इलाज
"पथरी का ऑपरेशन कराना होगा।"डॉक्टर शरण पाल ने परेश की अल्ट्रा साउंड की रिपोर्ट देखकर कहा था।
परेश ने अपनी बीमारी का जिक्र अपने दोस्त मुकेश से किया था।
"ऑपरेशन कराने की जरूरत नही है,"परेश की बात सुनकर मुकेश बोला,"मेरे साथ चलना मैं एक बाबा को जानता हूँ,जो भभूत से पथरी का इलाज करता है।"
एक दिन परेश,मुकेश के साथ बाबा के आश्रम में गया।आश्रम के बाहर भीड़ और पुलिस की जीप खड़ी देखकर मुकेश ने एक आदमी से पूछा तो वह आदमी बोला,"एक आदमी को पथरी थी।डॉक्टर ने ऑपरेशन बताया था।वह आदमी बाबा से भभूत ले रहा था।बाबा भभूत में दर्द निवारक दवा मिलाकर देता है।उस आदमी ने ऑपरेशन नही कराया और मर गया।उसके बेटे की शिकायत पर पुलिस आयी है।"
उस आदमी की बात सुनकर परेश सोचने लगा।अच्छा हुआ बाबा का भांडा पहले ही फूट गया।वरना उसका भी यही हश्र होता।झोला छाप डॉक्टर हो या बाबा इसी तरह इलाज करते है।फिर भी न जाने क्यों लोग उनके चुंगल में फंस जाते है।
62--सोच
"बेटा देखो यह फोटो कैसी है?"रमेश के हाथ मे फोटो देते हुए कमला बोली।
(शेष लघुकथा को अगले भाग में पढ़े और प्रतिकिरया दे