धारा - 25 Jyoti Prajapati द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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धारा - 25

धारा ने उन लड़कियों के साथ मिलकर अपना प्लान बना लिया था !! धारा का मक़सद था प्रोफेसर के मुंह से अपना जुर्म कबूल करवाना !! धारा ने कहा , " अच्छा सब ध्यान से सुनो..!! प्रोफेडर मेरे पीछे बहुत दिनों से पड़े हुए हैं ! उन्हें पता है कि मैं अपने अंकल की मेहनत बर्बाद नही होने दूंगी ! ईसलिये उनकी बक़क्त मानने के अलावा मेरे पास कोई ऑप्शन नही बचेगा !! तो तुम लोगो को करना ये है कि जब मैं उस प्रोफेसर के पास जाऊँ तो तुम लोग चुपके से उनकी रेकॉर्डिंग करोगी ! प्रोफेसर के मुंह से उनका सारा कालाचिठ्ठा कैसे उगलवाना है ये काम मेरा है !!"

"पर धारा.. प्रोफेसर को शक नही होगा तुम पर, अगर तुम इतनी आसानी से उनकी बात मानोगी तो..?? मतलब वो बहुत चालाक है, अगर तुम पकड़ा गयी तो...??" एक लड़की ने कहा।

धारा, " डर कर भी कब तक रहेंगे हम लोग ?? आज हमने हिम्मत दिखाई तो हो सकता है , प्रोफेसर की सताई और भी लड़कियां हिम्मत कर ले !!!"

"तुम्हे पता है, प्रोफेसर अकेले रहते हैं !! उनकी वाइफ और बेटियां अलग रहती हैं भोपाल में !!"

धारा,"ऐसे घटिया इंसान के साथ रहना भी कौन चाहेगा !! "

प्रोफेसर के घर पहुंचने से पहले धारा ने ध्रुव को फ़ोन लगाया ! उसे डर था, कहीं वो असफल हो गयी हो तो शायद वो कभी भी ध्रुव से नही मिल।पाएगी !!! धारा ने निर्णय लिया था कि यदि वो असफल होती है तो चुपचाप शहर छोड़कर, किसी ऐसी जगह पर चली जायेगी जहां उसे जानने वाला कोई ना हो !
रिंग जा रही थी पर ध्रुव ने धारा का कॉल रिसीव नही किया! उसने सोचा," अगर ध्रुव ने कॉल बैक किया और उस समय में प्रोफेसर के साथ हुई तो..?? एक।काम करती हूँ, एक मैसेज छोड़ देती हूँ उसके लिए !!"
धारा ने ध्रुव को मैसेज में बता दिया कि वो क्लास में रहेगी तो शायद कॉल रिसीव ना कर पाए ! इसलिए कालबैक ना करे ! फ्री होकर मैं ही कॉल बैक कर लुंगी तुम्हे !!"
ध्रुव ने मैसेज देख लिया था, पर धारा को डिस्टर्ब ना हो ये सोचकर उसने रिप्लाय भी नही किया। धारा प्रोफेसर के घर पहुंच चुकी थी !! घर के बाहर वो उलझन और डर से घिरी हुई थी। कहीं प्रोफेसर उसकी प्लानिंग खराब न कर दे ! अगर उन्हें शक हो गया तो लेने के देने न पड़ जाए...नही तो सारे किये कराए पर पानी फिर जाना है !! धारा ने एक बार अपने गले मे पहने रुद्राक्ष को को चूमा और उसमे ही फिट एक छोटे से ॐ के एंटीक लॉकेट को ठीक किया, जिसमे एक स्पाई कैमरा फिट किया हुआ था ! धारा ने गेट नॉक किया। उसे देखकर प्रोफेसर शॉक्ड रह गए ! धारा सीधे उनके घर ही पहुंच जाएगी इसकी कतई उम्मीद नही थी उन्हें !! प्रोफेसर ने जल्दी से बाहर आकर आसपास नज़रें घुमाई, कहीं किसी ने देखा तो नही !! फिर धारा पर गुस्सा करते हुए बोले, " किसने कहा था तुमसे यहां आने के लिए ?? क्या करने आई हो ..?"

धारा, " सर मुझे आपकी हर शर्त मंज़ूर है ! आप जो चाहते हैं, मैं वो करने के लिए तैयार हूँ! प्लीज़ आप मुझे फैल मत कीजियेगा ! मेरे अंकल की इच्छा थी मैं डॉक्टर बनूँ !! अब मेरे लिए ये उनकी पहली और अंतिम इच्छा बन गयी है...जिसे हर हाल।में पूरा करना ही है !!"

प्रोफेसर," तो आखिरकार तुम तैयार हो ही गयी ! वैसे तो मैं जानता ही था... आजतक किसी की हिम्मत नही हुई मेरी बात टालने की, या मैं जिस काम करने के लिए कहूँ उसे मना करने की! पर तुम मुझे सबसे अलग लगी..इसलिए तुम्हे इतने मौके दिये !!लेकिन तुम्हारे मान जाने पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है तुमपर !! बहुत चालाक लड़की हो तुम ! इतने सालों से बचती आ रही हो मुझसे... और अचानक ही मेरी बात मान ली तुमने थोड़ा शक हो रहा है मुझे तुमपर !! बताओ... क्या चालाकी कर रही हो तुम"?"

धारा, "अब क्या चालाकी कर सकती हूँ मैं सर..?? आपने कोई और ऑप्शन छोड़ा ही नही मेरे पास !! सर क्या मैं अंदर आऊं...??"

प्रोफेसर, " पागल हो क्या..?? ये शरीफो की कॉलोनी है !! किसी ने तुम्हे अंदर आते देख लिए तो प्रॉब्लम हो जाएगी!! तुम चौराहे पर रुकना ! मैं आता हूँ थोड़ी देर में !! वही से तुम्हे ले लूंगा !!"


धारा मन ही मन प्रोफेसर को गाली देते हुए चैराहे पर पहुंच गई और खुद से ही बड़बड़ाने लगी, " शरीफों की कॉलोनी !! जैसे खुद दुनिया का सबसे शरीफ इंसान हो..!! हुह ! हद्द है... ऐसे इंसान रह कैसे लेते हैं अपने चेहरे पर अच्छाई का नाकाब लगाए ! सही है धारा... ध्रुव ने बिल्कुल सही कहा था ! दुनिया दोहरे चरित्र वाले लोगो से भरी पड़ी है ! जैसे दिखते हैं वैसे होते नही !!"
थोड़ी देर में प्रोफेसर अपनी कार लेकर पहुंचे और धारा को अंदर बैठने का इशारा किया। धारा झट से आगे बैठ गयी !

धारा प्रोफेसर के साथ कार में बैठ तो गयी मगर उसे इस बात का अंदाज़ा भी नही था कि ध्रुव ने उसे प्रोफेसर के साथ जाते देख लिया था ! ध्रुव को धारा पर पूरा विश्वास था मगर प्रोफेसर पर बिल्कुल नही ! इसलिए उसने कार का पीछा करना शुरू किया !

प्रोफेसर ने अपने फार्महाउस पर कार लेजाकर रोकी। ध्रुव ने भी थोड़ी दूर पहले ही अपनी बाइक रोक ली थी!! प्रोफेसर धारा को लेकर अंदर पहुंचे !!ध्रुव धारा को प्रोफेसर के साथ ऐसी सुनसान बंगले पर आया देख सोचने लगा, " ये धारा इस घटिया इंसान के साथ यहां क्या कर रही है..?? अगर ये इस इंसान के साथ यहां आई है मतलब के जरूर इसके दिमाग के कोई खिचड़ी पक रही है !! भगवान जाने क्या करने वाली है ये अब..?? जो भी हो भगवान ! रक्षा करना इस लड़की की ... और साथ मे मेरी भी !!"



धारा अपने बनाये प्लान के अनुसार ही चल रही थी। उसने प्रोफेसर को रिझाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। मगर प्रोफेसर की चालाकी के आगे उसका अनुभव ना के बराबर था ! शायद इसी का शिकार होने वाली थी। और प्रोफेसर ने जबरन ही धारा को ड्रिंक पिलाई। जिसका तेज़ नशा उसपर जल्द ही हावी हो गया था !! धारा को समझ आ चुका था कि उसने समझदारी दिखाने के चक्कर मे बेवकूफी कर दी है ! अकेले आकर और भी बड़ी गलती हो चुकी थी उससे !! नशे के कारण आंखे बंद होती जा रही थी और उसे अब अपने साथ होने वाली घटना के बारे में सोचकर ही रोना आ रहा था !! बार बार आंखे बंद करते ही ध्रुव का मुस्कुराता चेहरा दिखाई देने लगता !! लेकिन ज्यादा समय तक धारा स्वयं पर कंट्रोल नही कर पाई और अंत मे बेहोंश हो गयी।
जब काफी समय तक धारा बाहर नही आई और कोई दूसरी हलचल होते नही दिखी तो ध्रुव को उसकी चिंता सताने लगी।
उसने अंदर जाकर देखने का मन बनाया और फार्महाउस के चारो ओर चक्कर लगाकर अंदर जाने का रास्ता देखने लगा!! सारे खिड़की दरवाज़े बन्द थे। मगर एक खिड़की के कांच थोड़ा ढीला था ! ध्रुव ने थोड़ी देर उसे निकालनी की कोशिश की और अंत मे उसने कांच को निकालकर धीरे से खिड़की की चिटखनी खोली और अंदर कूद गया !! उसने आसपास नज़र दौड़ाई, कही कोई है तो नही..?? फिर धीरे से दरवाज़े के पास जाकर बाहर देखा ! किसी की उपस्थिति नही देख उसने धीरे से दरवाजा खोला और दबे पैर बाहर निकलने लगा !!
लेकिन उनके कानों में प्रोफेसर की आवाज़ पड़ते ही ध्रुव झट से कोने में रखे टेबल के पीछे छुप गया !! प्रोफेसर किसी से कह रहे थे, " इस लड़की की चिंता तुम मत करो..!! अपने आपको ज्यादा ही होशियार समझ रही थी !! अपने दिमाग को लेकर घमंड आ गया था इसे !! भूल चुकी थी कि पाला किस्से पड़ा है !!"

"अगर किसी को शक हो गया तो...??" फ़ोन से आवाज़ आई जिसका प्रोफेसर ने जवाब दिया, " किसी को शक होने की कोई गुंजाइश नही है !! इस लड़की को सर्फ इतना ही पता है कि मैं इसके साथ क्या करना चाहता हूँ मगर ये लड़की इस बात से बिल्कुल बेखबर है कि मैं इसके द्वारा सिर्फ इसके उस डीएसपी अंकल तक पहुंचना था !! जिसने हमारे खिलाफ सबूतों को इकठ्ठा कर हमें बेनकाब करने का षड्यंत्र बनाया हुआ था !! पता नही कैसे उसके पास सारे पेपर्स और सीडी पहुंच गई !! अगर वो सब सीबीआई वालो के हाथ लग जाते तो हमारा जेल जाना निश्चित था !! करोड़ों का घोटाला पकड़ा जाता एक ही झटके में !! जिन दवाइयों को सरकार ने प्रतिबंधित किया हुआ था उसका नाम बदलकर हम अपने हॉस्पिटल में बेच रहे हैं !! इसके साथ ही उन्हें ये भी ना जाने कैसे पता लग गया कि हम लोग ऑपरेशन की आड़ में मानव अंगों की तस्करी भी हो रही है !! रुपये लेकर मेडिकल डिग्रियां दे रहे हैं !!! पता नही किसने गद्दारी की है जो ये खबर बाहर पहुंच गई !! इस केस में जुड़े हर व्यक्ति को उसकी मुंहमांगी रकम समय पर मिल जाती है उसके बाद भी किस धोखेबाज ने अपना मुंह खोला होगा ???
खैर रास्ते का सबसे बड़े दो कांटे तो निकल ही चुके हैं ! एक वो इंस्पेक्टर और दूसरा वो राजस्व विभाग का कर्मचारी...!!! इन दोनों ने ही नाक में दम कर के रखा हुआ था ! बस अब सीबीआई वालो के यहां से बचना थोड़ा मुश्किल काम है !! वो फाइल्स एक बार वापस आ जाये ! फिर तो कोई सबूत ही नही बचेगा हमारे खिलाफ !!"

"तो क्या सोचा है तुमने उन फाइल्स को कैसे वापस निकालना है वहां से..??" फ़ोन पर उस व्यक्ति ने पूछा।

"हमारा जो सिस्टम है ना वो करप्ट ऐसे ही नही है !! हर काम भेड़चाल या कछुए की चाल से होता है !! सालों लग जाने हैं वो फाइल्स आगे पहुंचने में ! तबतक तो मैं अपने किसी ने किसी व्यक्ति को वहां पहुंचकर सारे सबूत नष्ट करवा दूंगा ! और आप चिंता मत कीजिये, मेरे पहचान के भी कुछ लोग हैं उस विभाग में !! जहां अब तक करोड़ो रूपये खिलाकर लोगो का मुंह बंद किया हुआ है... वहां थोड़ा खर्चा और सही !!"

"जब तुम्हारे पहचान के लोग हैं उस डिपार्टमेंट में तो तुम उनसे ही कहकर वो फ़ाइल गायब क्यों नही करवाते..??"

प्रोफेसर, "क्योंकि उन लोगो पर मैं इतना विश्वास नही कर सकता !! अगर उन्हें पता चल गया कि उन फाइल्स में क्या है तो हो सकता है वे लोग मुझे ही ब्लैकमेल करने लगें ?? अब मैं कोई रिस्क नही ले सकता !! मुझे लगा था इस लड़की को कुछ न कुछ तो पता ही होगा, इसके अंकल ने उसे कुछ तो बताया ही होगा इसलिए मैंने इसे ड्रग्स देकर उसके मुंह से उगलवाना चाहा ! मगर शायद उस डीएसपी ने इसे भी कुछ नही बताया है !!! कुछ भी नही बोली ये...!!"

"वैसे तुम किसे भेजने वाले हो..? जब तुम्हे अपने पहचान के लोगो पर ही विश्वास नही है तो..? ऐसा कौन है जिसपर तुम विश्वास कर सकते हो ??" उस व्यक्ति ने थोड़ी शकभरे लहजे में पूछा ! प्रोफेसर ने जिस व्यक्ति का नाम लिया उसे सुनकर ध्रुव को विश्वास ही नही हुआ !! प्रोफेसर ने कहा, " कोई और नही है वो... उसी डीएसपी का बेटा ! देव नाम है उसका! वो करेगा हमारी मदद!!"

"दिमाग खराब हो गया है तुम्हारा..? जिस लड़के के बाप को हमने मरवाया है वो हमारी मदद करेगा ?? प्रोफेसर बेवकूफी मत करो !!"

प्रोफेसर, " दिमाग खराब नही हुआ है मेरा !! इतने सालों से इतना कुछ सम्भल रहा हूँ तो इतना बेवकूफ तो नही हो सकता..!!! ये हॉस्पिटल, कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज सब मेरे हैं ! लेकिन किसी को इस बात की भनक तक नही है कि इन सबका वास्तविक मालिक मैं ही हूँ !! जब आजतक कोई पता नही कर पाया तो आगे कैसे किसी को पता चलेगा !! और रही बात उस देव की.... तो उसका बाप चाहे पुलिसवाला था! मगर बेटा बहुत ही खुदगर्ज और बेईमान है! जहां बाप रातदिन मेहनत करके अपना फर्ज निभा रहा है वहीं बेटा, अपने बाप की इज्जत की धज्जियां उड़ा रहा है..!!! हज़ार, हज़ार से लाख और लाख से करोड़ो रूपये हार गया है वो सट्टे में !! दोस्तो के साथ उसे अय्याशी की ऐसी लत लगी है कि उसे इनके आगे कुछ नज़र नही आता !! जब उसके बाप को उसकी करतूत पता चली न तो उसे दूसरे शहर में शिफ्ट कर दिया ताकि दोस्तो की संगति से दूर रहे.!! और यही पर उसने गलती कर दी !! बेटे को इतने नियम और कड़े कानून के बीच रखा कि उसे अपना बाप ही दुश्मन लगने लगा !! बस उनकी इसी कमज़ोरी का फायदा उठाकर मैंने बेटे का दिल जीता, उसकी इच्छाएं पूरी की और बाप से भी बढ़कर हो गया उसकी नज़रो में ! और तुम इस बार से बिल्कुल निश्चिंत रहो की देव हमे नुकसान पहुंचाएगा !! क्योंकि उसे यही पता है कि उसके बाप की किसी ने हत्या कर दी ये नही की हमने ही उसके पिता की हत्या करवाई है!! उसे तो आज भी यही लगता है कि पापा पुलिस में थे तो किसी ने रंजिश के चलते हत्या कर दी है !! और वो लड़का इस लड़की का दीवाना भी है थोड़ा !! बस अब इस लड़की को जरिया बनाके मैं कैसे उस लड़के से काम करवाता हूँ !!"


प्रोफेसर की बात सुनकर ध्रुव का सिर चकराने लगा था! धारा के अंकल की हत्या के पीछे इन लोगो का हाथ है और देव के बारे में सुनकर तो उसे विश्वास ही नही हो रहा था !! प्रोफेसर ने जब कहा कि राजस्व विभाग के कर्मचारी की हत्या....तो ध्रुव को अपने ही पापा का सुसाइड करना याद आ रहा था !! वो भी तो मेडिकल कॉलेज के बारे में ही बात कर रहे थे !! इसी सब के कारण कई दिनों से तनाव में थे और अंत मे उन्होंने आत्महत्या कर ली !! "
मतलब पापा को सुसाइड के लिए इन लोगो ने ही उकसाया था !!! पापा की हत्या ही तो थी वो भी !!!" ध्रुव ने मन ही मन सोचा।

प्रोफेसर बात करते हुए बाथरूम में चले गए!! ध्रुव ने मौका देखकर एकदम आहिस्ते से बाथरूम का दरवाजा बाहर से बन्द कर दिया और सीधे रूम में भागा!! अंदर का नज़ारा देख ध्रुव के हाथ पैर ठंडे पड़ गए !! धारा एकदम बेसुध हालत में पड़ी हुई थी !! उसके साथ कुछ गलत तो नही हुआ, ये समझ गया था ध्रुव ! मगर धारा को लेकर कैसे जाए ये समझ नही आ रहा था!!
प्रोफेसर की बातें सुनकर ध्रुव का दिमाग पूरी तरह से सुन्न हो चुका था !
"इतनी बड़ी गलती कैसे कर दी तूने ध्रुव? जब ये प्रोफेसर खुद अपने मुंह से सारा कंफेशन कर रहा था तभी वीडियो रिकॉर्डिंग कर लेनी थी मोबाइल से.!!!" ध्रुव ने खुद को कोसा और धारा को कैसे लेकर जाए ये उपाय सोचने लगा!!

ध्रुव ने धारा के चेहरे को थपथपाया मगर कोई फायदा नही हुआ! थककर उसने मिताली को कॉल किया और सारी परिस्थितियों से अवगत कराया! मिताली भी परेशान हो गयी ध्रुव की बात सुनकर ! उसने भगवान से धारा की सलामती के लिए प्रार्थना की और ध्रुव से कहा, " ध्रुव मैं क्या हेल्प कर सकती हूँ तुम्हारी..??"

ध्रुव, "मीतू... मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा है क्या करूँ ?? इसे यहां इस हाल में अकेले नही छोड़ सकता ! प्रोफेसर ने कहीं कुछ गलत कर दिया तो..??"

ध्रुव के कानों में पुलिस की गाड़ी के सायरन की आवाज़ पड़ी! उसने खिड़की से झांककर देखा तो पुलिस के साथ तीन लड़कियां थी !! ध्रुव ने बड़ी गौर से देखा, तो उसे समझते देर नही लगी कि ये लोग पुलिसवाले हैं !! उन लोगों ने एक दूसरे को कुछ समझाया और फॉर्महाउस का दरवाजा खटखटाया। ध्रुव ने फौरन जाकर बाथरूम का लॉक खोला और पीछे खिड़की से ही कूदकर भाग गया! क्योंकि अगर वो वहां रुकता तो शायद ये उसकव लिए मुश्किल हो जाती!


दरवाजा नॉक होते देख प्रोफेसर ने गेट खोला और पुलिस को देखकर दंग रह गए!! पुलिस ने बिना देर किए ही अंदर प्रवेश किया व हर तरफ चेक करने लगे!! एक रूम में जब उन्होंने धारा को देखा तो प्रोफेसर से पूछा," पर आप इस लड़की के साथ यहां फॉर्महाउस पर क्या कर रहे हैं ? इस समय आपको अपने कॉलेज में होना चाहिए था न ? और ये लड़की कौन है ??"

उन लड़कियों ने जाकर धारा को सम्भाला ! धारा बेहोन्शी की हालत में थी! शायद प्रोफेसर ने उसे अल्कोहल ड्रग मिलाकर पिलाया था! धारा ने नशे में ही एक नज़र सब पर डाली !

प्रोफेसर ने ही अपने बचाव में कहा," ये मेरी स्टूडेंट है !! तबियत खराब होने की वजह से इसे मैं यहां ले आया था!!"

"इन्हें यहां लाने की क्या जरूरत थी ?? हॉस्पिटल लेकर जाना था न ? और आप दोनो की हालत देखकर लग तो कुछ और ही रह है..??" पुलिसवाले ने धारा ओर प्रोफेसर को घूरते हुए कहा।

तभी ध्रुव मैन गेट से अंदर आया ! इंस्पेक्टर ने उससे भी पूछा, " तुम कौन हो? और यहां क्या कर रहे हो??"

ध्रुव, " सर मैं धारा का दोस्त हूँ! इसने ही कहा था कि ये प्रोफेसर के साथ उनके फॉर्महाउस पर जा रही है !!"

इंस्पेक्टर, "लेकिन इन्होंने तो कहा कि इसकी तबियत खराब थी इसलिये यहां लेकर आये हैं !!"

पुलिसवाले आगे बढ़कर कुछ बोलते उसके पहले प्रोफेसर चक्कर खाकर ज़मीन पर गिर पड़े ! सब लोगो ने मिलकर उन्हें उठाया और हॉस्पिटल पहुंचाया!
धारा को वे लोग पुलिस स्टेशन लेकर पहुंचे ! प्रोफेसर का बयान हॉस्पिटल में ही ले लिया गया! उन्होंने धारा पर ही आरोप लगाया कि धारा एक चरित्रहीन लड़की है, जो फैल होने से बचने के लिए उन्हें ब्लैकमेल कर रही थी!!


धारा का नशा उतर चुका था ! ध्रुव उसके सामने दोनो हाथों को फोल्ड किये कुछ गुस्से और नाराज़गी के साथ उसे देख रहा था ! वो कुछ बोलती उसके पहले ही एक इंस्पेक्टर और लेडी कॉन्स्टेबल अंदर आए! धारा का बयान लेने !
धारा ने बताया कि "कई दिनों से प्रोफेसर उसे और कुछ लड़कियों को फैल करने की धमकी दे रहे थे! अगर हम उनकी बात नही मामते है। तो वे हमें फैल तो करें देंगे!!"

"और आप ने उनकी बात मान भी ली...?? आप जैसी लड़कियां इतनी आसानी से उनकी बात मान लेती हो इसलिए प्रोफेसर जैसे लोगो की हिम्मत बढ़ जाती है और ये आगे जाकर और ज्यादा गलत काम करने लगते हैं !!" इंस्पेक्टर ने धारा को लगभग डांटते हुए कहा।

धारा अपने बचाव में बोली, " मैंने उनकी बात नही मानी सर ! अगर उनकी बात माननी होती तो चार साल पहले ही मान लेती ! पर अब बात हद्द से ज्यादा आगे बढ़ चुकी है !! सर ने अपने मोबाइल में हमारी ही एक क्लासमेट का एमएमएस बनाया हुआ है, जिसकी वजह से एक लड़की ने तंग आकर सुसाइड भी कर लिया !क्योंकि सर उसे ब्लैकमेल करते थे ! और इस केस को ज्यादा तवज्जो ही नही दी गयी ! और उल्टा उस लड़की के सुसाइड का कारण एग्जाम में फैल हो जाना बताकर केस बन्द कर दिया !! इस कॉलेज में कई लड़कियों को सर ने अपनी हवस का शिकार बनाया हुआ है ..!! आपको विश्वास नही होता न मुझपर... एक मिनट रुकिए मैं आपको सबूत देती हूँ !!" धारा ने अपने गले मे फिर आसपास देखा और नर्स से कहा, " सिस्टर.. मेरा लॉकेट , देखा आपने ?? ॐ वाला था !! देखा क्या ??"

नर्स, " नही... मुझे नही पता !!"

धारा परेशान होते हुए बोली, "मैंने तो उसे अपने गले से उतारा भी नही फिर कहाँ गया ??"

इंस्पायर,"ऐसा क्या था उस लॉकेट में जो तुम इतना घबरा गई उसके ना मिलने से..?"

धारा, "सर मैंने उसमे एक छोटा सा कैमरा फिट किया था... ताकि प्रोफेसर के मुंह से उसकी सारी सच्चाई उगलवाकर उसे बेनकाब कर सकूं !!"

इंस्पेक्टर, " जब प्रोफेसर इतने ही घटिया इंसान है तो आपने पुलिस कंप्लेन करना जरूरी नही समझा ..? क्यों? पुलिस पर विश्वास नही है आपको ??"

धारा, " पुलिसवाले भी जिधर दम उधर हम वाला हिसाब रखते हैं सर !! ये प्रोफेसर जैसे लोग मुठ्ठी में रखते हैं कानून को अपने !!इससे पहले भी मैं शिकायत कर चुकी हूँ, पर उल्टा मुझ पर ही चरित्रहीन होने का झूठा आरोप लगा दिया गया !! आजतक कोई प्रोफेसर का बाल भी बांका नही कर पाया है ! नेता मंत्री, पुलिस पत्रकार, सबके सब मिले हुए हैं एक दूसरे से...!! जब तक इनको मुंह मांगी रकम नही मिल जाती तब तक आप लोग उनके पीछे, काले साये की तरह पड़े रहते हैं और जैसे ही जेब गरम होती है, आप लोग ठंडे पड़ जाते हैं !!"

इंस्पेक्टर, " आपके कहने का मतलब क्या है?? हम सब लोग यूँ ही फालतू हैं ! पूरा सिस्टम ही करप्ट है..??"

धारा ने कुछ नही कहा बस सिर झुकाकर बैठ गयी। ध्रुव बहुत कुछ कहना चाहता था मगर उसने चुप रहना उचित समझा! कययनकी जो इंस्पेक्टर प्रोफेसर से पूछताछ कर रहे थे वो ही उसके पापा के केस में भी इन्वॉल्व थे! उन्होंने बार बार घर आकर सबको बहुत परेशान किया था! इसलिए ध्रुव ने चुप रहना बेहतर समझा! क्योंकि उसे इंस्पेक्टर पर शक हो रहा था! क्यों जिस तरह से प्रोफेसर ने फ़ोन पर किसी से बात की उसके बाद इस इंस्पेक्टर का यहां आकर पूछताछ करना ध्रुव को हजम नही हो रहा था!! कुछ अंदाज़ा तो उसने लगा ही लिया था कि ये इंस्पेक्टर प्रोफेसर से मिला हुआ है इसलिए उन्हें छोड़कर धारा को ही उलझाकर पूछताछ कर रहा है।


धारा बस ध्रुव को ही देखे जा रही थी। थोड़ी देर उसे देखती और नज़रें नीची कर लेती। शायद हिम्मत नही थी उसमे ध्रुव का सामना करने की !! ध्रुव को बिना बताए ही उसने इतना बड़ा कदम उठाया, इसलिए डर रही थी वो ध्रुव के रवैये से!!


पूछताछ के कुछ घण्टे बाद ध्रुव धारा को लेकर बाहर आया और वे तीनों लड़कियां भी आ गयी !! उन्होंने कहा कि वे ही पुलिस को लेकर गयी थी और अपना बयान भी दर्ज करवा चुकी हैं !! उसके बाद सब अपने रास्ते चल दिये। धारा ने कई बार हिम्म्मत की ध्रुव से बात करने की पर हर बार हिम्मत जवाब दे जाती !!
दोनो के बीच की खामोशी को तोड़ते हुए ध्रुव ने ही कहा, " तो हो गया तुम्हारा काम...??"

धारा को ध्रुव का प्रश्न समझ नही आया! उसने हैरत से पूछा, " मतलब ??"

"मतलब यही की तुम फैल होने से बचना चाहती थी ना...!! अब तो यूनिवर्सिटी में टॉप करोगी !! बिना मेहनत के ही पास हो तुम तो...!! प्रोफेसर की कृपादृष्टि जो पड़ गयी तुमपर!!" ध्रुव की बात सुनकर धारा को गहरा धक्का लगा !!
आंखों में आंसू लिए उसने ध्रुव पर आश्चर्यमिश्रित नज़रें डाली। उसे अब भी यही लगा था कि ध्रुव अपने शब्दो मे कोई परिवर्तन करेगा! मगर ध्रुव चुप ही रहा !
धारा ने ही सफाई देते हुए कहा, " ऐसा कुछ भी नही हुआ ध्रुव जैसा तुम सोच रहे हो..!!!"

ध्रुव, " तुम्हे क्या पता तुम तो बेहोंश थी !!"

धारा, " बेहोंश थी ! लेकिन मेरे साथ कुछ होता तो क्या मुझे समझ नही आता! मुझे फील नही होता?? ध्रुव, मैं जब वहां गयी तो प्रोफेसर ने मुझे एक ड्रिंक दी। उन्होंने उसका ढक्कन ही मेरे सामने खोला तो मुझे लगा शायद इसमें कुछ नही है! फिर भी सिर्फ एक घूंट पीकर मैंने रख दी। पर प्रोफेसर ने जबरन मुझे वो कोल्ड्रिंक पिला दी थी जिसके बाद में बेहोंश हो गयी !! ट्रस्ट मी ध्रुव ऐसा कुछ भी नही हुआ !! और तुम्हे अपनी धारा पर इतना भी विश्वास नही है..??"

ध्रुव, "विश्वास...?? अब तो ये विश्वास शब्द पर भी विश्वास नही है मुझे ! तुम पर कैसे करूँ फिर..??"
ध्रुव की बातें जैसे पहाड़ टूटकर गिरने जैसी थी धारा के लिऐ। ध्रुव ने धारा का चेहरा अपने हाथों में लिया और उसे अपने करीब लाते हुए कहा, " मैंने सोचा था, आज यहां का सारा काम निपटा कर वापस जाने से पहले अपने दिल की बात तुम्हे बताऊंगा !!"

धारा के चेहरे की सारी उदासी एक पल में ही दूर हो गयी, ध्रुव अपने दिल की बात कहने वाला है ये सुनकर ही।
धारा के चेहरे की खुशी देख दिल इतनी तेजी से धड़क उठा ध्रुव का! खुदपर कंट्रोल करते हुए उसने अपनी मुट्ठी बांधी और आवाज़ में थोड़ा रोष और नफरत लाते हुए कहा, " तुम्हे मैं बाकी लड़कियों से अलग समझता था धारा ! जो अपने स्वाभिमान के लिए, अपने मान के लिए कभी किसी तरह का समझौता नही करेगी! पर तब तो अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया... एक झटके में ही अपना सर्वस्व सौंप दिया उस प्रोफेसर को।"

ध्रुव की बात सुनकर धारा ने तेज़ी से ना में सिर हिलाते हुए कहा, " धुव ऐसे कुछ भी नही हुआ! तुम समझ क्यों नही रहे हो? अचानक क्या हो गया है तुम्हे? तुम मुझपर इतना विश्वास करते थे फिर ?? ध्रुव प्लीज़... ट्रस्ट मी ना !!" धारा की रुलाई फुट पड़ी। मगर ध्रुव को कोई असर नही हुआ!
धारा ने उसे काफी समझाया। ध्रुव की हर बात का , हर सवाल का उसने तर्क के साथ जवाब दिया। मगर ध्रुव तो जैसे मानने को तैयार था ही नही।
अंत मे ध्रुव ने इससे बस इतना ही कहा, " आज जबसे मैंने तुम्हें प्रोफेसर के साथ कार में जाता देखा उसके बाद फॉर्महाउस पर हिज हालत में तुम्हे देखा ना .. उस के बाद मैं तुम्हारी शक्ल भी नही देखना चाहता !! आज के बाद मुझसे किसी तरह का कोई सम्पर्क रखने की कोशिश मत करना!!"
ध्रुव ने कहा और धारा को वहीं छोड़कर चला गया! धार घण्टो तक बेसुध घूमती रही। उसके साथ क्या से क्या हो गया , सबकुछ समझ से बाहर था!

ध्रुव रूम पर आया और खूब रोया! " जिस लड़की ने इस दुनिया मे सबसे ज्यादा मुझसे प्यार किया उसके साथ ऐसा किया मैंने? माफ कर देना धारा, पर ओर कोई ऑप्शन भी नही था मेरे पास !"


धारा और ध्रुव जब हॉस्पिटल में थे तब वही इंस्पेक्टर जो ध्रुव के पापा के केस में भी शामिल था, आकर ध्रुव से बोला, " मुझे तो पहचान ही लिया होगा तुमने??"

ध्रुव ने गुस्से से कहा, " आप जैसा को भूल भी कौन सकता है? कितने विश्वास पर मैंने इतनी कॉन्फिडेंशियल फाइल्स आपको लाकर दी थी। ताकि आप मेरे पापा और उनके जैसे सैकड़ो। लोगो को न्याय दिल सके। पर आपने क्या किया? सारी फाइल्स को जला दिया। कुछ रुपयो के लिए अपना ईमान बेच दिया।"

इंस्पेक्टर," ईमान रखने से घर नही चलता ! अगर मैं तुम्हारा हेल्प कर भी देता तो वे लोग मुझे हटाकर किसी ओर को ला देते ! फिर भी यही सब होता ! वैसे भी मैंने कुछ गलत नही किया है! करोड़ो रूपये मिले तो कौन मना करेगा? इतने रुपये तो मैं पूरी सर्विस में नही कमा पाऊंगा !!"

ध्रुव उठकर जाने लगा तो उसे रोकते हुए इंस्पेक्टर ने कहा, " इस लड़की से दूर रहना अब !!"

ध्रुव ने आश्चर्य और प्रश्नवाचक नज़रो से इंस्पेक्टर को देखा।
इंस्पेक्टर, " अगर इस लड़की की सलामती चाहते हो तो दूर रहना इससे!!"
इंस्पेक्टर ने अपने मोबाइल में कुछ फ़ोटो और वीडियो दिखाई धारा की ध्रुव को और कहा, "वैसे तो इस वीडियो में धारा जो फ़ाइल दे रही है वो उसकी प्रैक्टिकल फ़ाइल है! मगर वास्तव में उसमे पुलिस डिपार्टमेंट की कुछ खुफिया रिपोर्ट्स हैं जो चोरी हो गयी थी और। जिन्हें धारा ने अपने एएसपी अंकल के यहां से चुराकर प्रोफेसर की लाकर दी है!!"

ध्रुव, " लेकिन ये सब झूठ है!"

इन्स्पेक्टर, "ये तो बस हमे ही पता है ना ! जांच टीम को थोड़े ही इससे कुछ मतलब!! उन्हें तो अपने ऊपर आ रहे प्रेशर को हटाना है जिसके लिए एक बलि का बकरा चाहिए बस !! और वो उन्हें धारा के रूप में मिल गयी है!!"

ध्रुव, " लेकिन मुझे उससे दूर करने का क्या मतलव है??"

इंस्पेक्टर, " अब ये तो मैं भी नही जानता ! मगर तुमने हमारा कहना नही माना तो तुम्हारे पिता पर ही धोखाधड़ी का केस दर्ज कर तुम्हारी माँ और बहन को टॉर्चर करने में हमे बिल्कुल मज़ा नही आएगा ! और अगर एक बार तुम्हारी माँ और बहन सलाखों के पीछे चली गयी तो ये बात तो तुम भी बहुत अच्छे से जानते हो कि चाहे व्यक्ति निर्दोष ही क्यों न हो, एक झूठ आरोप ही काफी है उसे दोषी बनाने के लिए। उसके बाद तो हमारे देश के समान के बेवकूफ लोग ही काफी हैं हवा देने के लिए। व्यक्ति का आरोप सिद्ध करने के लिए! और तुम्हारी बहन भी मेडिकल की तैयारी कर रही है ना गवर्नमेंट कॉलेज से...?? अगर एफआईआर दर्ज हो गयी तो न तो उसे सरकारी कॉलेज में एडमिशन मिलेगा न ही तुम दोनो को सरकारी नौकरी मिलेगी कभी। और दुनियाभर की बेइज्जती अलग...!! तो अब तुम सोच लो..!! ये लड़की चाहिए या फिर अपनी माँ और बहन !! और हां, एक और बात... तुम्हे ही उस लड़की से दूर नही जाना है! उस लड़की को भी अपने करीब नही आने देना है! समझे ??"
इंस्पेक्टर ने अपनी बात कही और उठकर चला गया!!
उसके बाद ध्रुव ने धारा को खुद से दूर करने के लिए ना जाने कितनी बातें सुनाई उसे, उसके चरित्र पर भी उंगली उठाई! लेकिन धारा फिर भी उससे दूर जाने को तैयार नही थी!
धारा और आने परिवार की सुरक्षा के लुए ध्रुव को ये कदम उठाना पड़ा!



ध्रुव वापस लौट चुका था ! मगर धारा को अब भी यही लगता था कि ध्रुव ने जो भी उससे कहा वो गुस्से में कहा। नाराज़गी में। क्योंकि उसने बिना उसे बताए इतना बड़ा कदम जो उठाया।
काफी दिनों तक ध्रुव का ना कॉल आया न मैसेज। धीरे धीरे धारा की उम्मीद भी टूटने लगी थी। ध्रुव अपने परिवार के साथ दूसरे शहर में शिफ्ट हो गया मगर धारा के बारे में बराबर जानकारी रख रहा था वो।

प्रोफेसर के खिलाफ लड़कियों के शोषन का केस चला। कई लड़कियों ने गवाही दी ! मगर फिर भी प्रोफेसर पर कड़ी कार्यवाही नही हुआ। सभी लड़कियों के लिए ये एकक झटका था! क्योंकि लड़कियों की गवाही काफी नही थी।एक ठोस सबूत चाहिए था! जो मिताली के पास था! मिताली के पास प्रोफेसर और कॉलेज के डीन के खिलाफ एक वीडियो क्लिप थी । जो उसने एक बार होस्टल की एक लड़की के मोबाइल से ली थी चुपके से !! मिताली ने धारा को कॉल कर मिलने के लिए बुलाया। ताकि वो उसे वीडियो क्लिप दे सके!
पर धारा पर नज़र रखी जा रही थी ! धारा जब मिताली से मिलने पहुंची तब तक देर हो चुकी थी। एक तेज़ गति से आती हुई कार ने मिताली को रौंद दिया था!
हॉस्पिटल पहुंचते पहुंचते मिताली दम तोड़ चुकी थी। और वो वीडियो क्लिप भी गायब थी ! धारा जानती थी ये एक्सीडेंट प्रोफेसर ने ही करवाया होगा! ताकि उसके खिलाफ कोई सबूत न बचे।
केस में होने वाली घटनाओं के कारण केस काफी पेचीदा हो गया था ! जिस भी सबूत या गवाह की बात होती, उसके साथ कोई न कोई हादसा हो जाता ।इसलिए ये तय किया गया कि
कॉलेज व हॉस्पिटल की ज्यादा बदनामी न हो इसलिए प्रोफेसर को हॉस्पिटल की दूसरी ब्रांच में भेज दिया जाए!
केस सालों चलता रहा।

धारा की पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे एक अच्छे हॉस्पिटल में जॉब मिल गई। वही उसकी मुलाकात डॉ निखिल, दिव्या सब से हुई !!


ध्रुव भी अपनी आईएएस की तैयारी छोड़कर सीबीआई में पहुंच गया! काफी मेहनत करनी पड़ी थी। साम दाम दंड भेद सब तरीके अपनाकर आज वो इस मुकाम ओर पहुंचा था! बहुत देख लिया था शरीफ बनकर। मगर कदर तभी हुई जब वो एक ऊंचे ओहदे पर पहुंचा !
ध्रुव ने सबसे पहला काम उस फ़ाइल और सबूत को ढूंढने का किया जिससे वो उस प्रोफेसर और उसके जैसे कई लोगो को सज़ा दिलवा सके !!! कई लोगो का तो पर्दाफाश हो चुका था मगर प्रोफेसर बचे हुए थे। क्योंकि वे किसी भी केस में डायरेक्ट न जुड़कर इंडिरेक्टली इन्वॉल्व थे! इसलिए हर बार बच जाते। ध्रुव ने अपने पापा के केस को भी रेओपेन करवाया। उसके पापा को भी आत्महत्या के लिए उकसाया गया था! ये बात तो वो जानता ही था! पर क्यों ये सवाल उसके मन मे हमेशा चुभता।
ध्रुव के पापा के पास कई लोगो ने अपने बच्चो को एडमिशन दिलवाने के लिए फर्जी तरीके से सर्टिफिकेट बनवाये थे! जिनका वेरिफिकेशन उन्हें करना था ! लेकिन जब उन्हीने मना कर विरोध किया तो स्टाफ के लोगो ने उनपर ही धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी जैसे संगीन आरोप लगा दिए और साथ ही उनपर अपनी साथ महिलाकर्मी से अभद्रता करने जैसे आरोप भी मढ़ दिए ! जिससे विचलित होकर ही उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया था। पड़ताल में ध्रुव को फिर भी कुछ कमी लग रही थी। कुछ और जो उसे समझ नही आ रहा। था। बहुर्त जरूरी नो छूट रहा था !
इसलिए उसने देव पर निगरानी रखना स्टार्ट किया! देव को अमीर बनना था ! महंगी लाइफ स्टाइल जीने का शौक था ! इसलिए उसने पैसों के लालच में आकर गलत रास्ता अपनाया लिया। सीबीआई में होकर भी उसने गलत लोगो का साथ दिया। लेकिन जब उसे पता चला कि प्रोफेसर ने ही उसके पिता की हत्या करवाई तो उसने विद्रोह कर दिया! जिसके नतीजा ये रहा कि उन लोगो ने देव को भी रास्ते से हटाने का निर्णय ले लिया था!!

जब उन लोगो ने देव को मारकर खाई में फेंका था तब ध्रुव ने ही उसकी जान बचाई थी और उसे होस्पिटलाइज़ किया था! फिर धारा को एक केस के सिलसिले में उस हॉस्पिटल में बुलाया और देव तक पहुंचाया ! धारा का देव को अपने हॉस्पिटल से लेकर तो अपने घर तक लेकर आना, फिर देहरादून तक का सफर... सब पर ध्रुव की नज़र रही ! ध्रुव देव को जानबूझकर ऐसी दवाइयां दिलवाता जिससे वो लंबे समय तक कोमा में रहे और ध्रुव उसके बारे में सबूत जुटा सके। मगर जब उसे कोई सबूत नही मिला तो ध्रुव ने देव को होंश में लाने का और उससे खुद ही अपने आप गलती कर सबूत देने का प्लान बनाया !
देव को धारा के पास ध्रुव ने इसलिए पहुंचाया, क्योंकि वो जानना चाहता था कि आखिर धारा से उसने उसे दूर क्यों किया?? अगर वो धारा से प्यार करता ही था तो आकर एक्सेप्ट करता! पर देव ने गलत राह चुनी !




अपने अतीत के गलियारो से निकलकर ध्रुव वापस वर्तमान में लौटा ! जहां वो अपने साथ धारा की यादें लेकर जी रहा था..!! ध्रुव की नाराजगी खुद से तो थी ही, मगर धारा से भी कम नही थी ! आखिर उसने भी तो एक वक्त के बाद ध्रुव तक पहुंचने की कोशिश बन्द कर दी थी !! उस प्रोफेसर के चक्कर मे ध्रुव से उसका प्यार अलग हुए था, जिसमे देव भी कहीं न कहीं बराबर का जिम्मेदार था ! ध्रुव का अब सिर्फ यही मकसद था कि किसी भी तरह प्रोफेसर को सज़ा दिलाना और देव का असली चेहरा धारा के सामने लाना और उससे ये पता करना कि उसने ऐसा क्यों किया??"


ध्रुव जब ऑफिस पहुंचा तो वहां कुछ लोग उसका इंतजार कर रहे थे! उन्होंने कुछ फाइल्स और बैग ध्रुव को दिए। उनमे से एक व्यक्ति ने कहा, " सर ये मेडिकल स्कैम किसी एक शहर में ही नही है... कई शहरों में फैला हुआ है!! गलत तरीके से एडमिशन और फर्जी डिग्री देना ही नही हो रहा है यहां...! और भी बहुत से गलत काम हो रहे हैं! जैसे, " साधारण घटना में घायल हुए व्यक्ति को गलत दवाइयां देकर उन्हें मारा जा रहा है फिर उनके अंगों की तस्करी की जा रही है!! गरीबो को इसमें मैन टारगेट किया जा रहा है! जो दवाइयां एक्सपायर हो जाती है उन्हें नष्ट न करके मरीजों को बांटी जा रही है।"
उस व्यक्ति ने पूरी डिटेल के साथ ध्रुव को समझाया अगले एक्शन के बारे में पूछने लगा! ध्रुव ने उससे कहा, " अगर हम लोग इतनी जल्दी एक्शन लेते है, तो बाकी के शहरों में जो घोटालेबाज़ लोग हैं वो सतर्क हो जायेंगे! पहले तो हमे ये पता करना होगा कि इस तरह के काम और कहां कहां किये जा रहव हैं ?? कौन कौन इनमें शामिल है उन सबकी लिस्ट तैयार करो ! और ये बात हम लोगो के अलावा और किसी को भी पता नही चलना चाहिए! कितने ही नामी गिरामी लोगो के नाम सामने आनेवाले हैं इस केस के खुलासे के साथ !!!"



देव बड़ी गौर से धारा को देख रहा था ! धारा ने अपना अतीत तो देव को बताया । मगर सिर्फ उतना ही जितना देव के लिए जरूरी था। उससे ज्यादा कुछ नही। देव और भी बहुत कुछ जानना चाहता था उससे मगर धारा कुछ कहना ही नही चाहती थी।
धारा ने उससे सिर्फ इतना कहा, " देव... मैं नही जानती मेरा अतीत जानकर तुम मेरे बारे में क्या सोचते हो? मगर मैं एक बात फिर भी स्पष्ट कर देना चाहती हूँ कि, मेरी लाइफ में उसकी जगह कोई नही ले सकता ! कोई भी नही !!"

देव, " लेकिन क्यों धारा..?? तुम्हारी गलती ना होते हुए भी उसने तुम्हे दोषी ठहराया और तुम अब भी उसकी तरफदारी कर रही हो ??"

धारा, " मैं कुछ नही जानती देव ! जो जानती हूँ वो बता दिया है!!" बोलकर धारा वहासे चली गयी।
देव गुस्से में हाथ मलता ही रह गया! अपनी आंखें बंद कर देव ने लंबी सांस ली और गुस्से में बोला, " उस ध्रुव से तो तुम्हे दूर कर दिया था धारा...पर तुमसे उसे दूर नही कर पाया मैं!! कितना कुछ किया मैंने तुम्हें पाने के लिए और तुम आज भी उसी के नाम की माला जब रही हो !! तुम सिर्फ मेरी हो.! सिर्फ मेरी!!"





जारी...........


(JP)