विकास- बोला यार मुझे नही लगता की तेरी दाल यहा गलेगी वो तो एसे देखती है जेसे खाही जाऐगी तुजे।
राज- कोई दिक्कत नही कोशिश करने मे क्या हर्ज है।
विकास - ओहो भाई को प्यार हो गया है ।
राज हसकर फिर से शायरी गुनगुना ने लगता है,
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो
जाते हैं।
यार तु पागल मत हो जाना विकास बोलता है,
राज बोलता है, यार मे तो उसकी मासूमियत पर
मर-मीटा उसकी सादगी मे जो खुबसूरती है वो आजतक मेने किसी भी लडकी मै नही देखी। ओर वो आह भरने लगा।
ये सिलसिला रोज हो ने लगा खुशी जहा भी जाती रिया मैसेज कर के राज को बतादेती ओर राज खुशी से पहले वहा पहुंच जाता ।
एक दीन खुशी लायब्रेरी मे कुछ किताब लेने पहुंची सामने राज को देखकर बोखलाई और चली गई, जब राज नीकला तो उसे रोककर वो बोली क्या प्रॉब्लम है आपकी मे जहा भी जाती हु वहा आप चलै आते हो दिमाग खराब कर दीया है अब तो सांस लेती हुं तो आपकी खूशबू आती है वो अपना सिर पकड लेती है ओर वो पैर पटक कर चली जाती है।
रिया आती है, तो राज बोलता है की आप की भाभी को समझाओ के मे जहा जाता हु वहा वो आती है ,ओर वो
आँख मारकर चला जाता है।
खुशी- बोली क्या बोल रहे थे वो?
रिया- यार फोकट मे कीतना सुना दिया इत्तेफाक ये है की वो नही हम जाते हे वहा पहले से राज होता ही है उस ने कहा की आप को बुरा लगा तो वो तेरी क्लास के दौरान यहा वहा आयेगा ही नही ओर गलती से भी आ गया तो दुर से तुजे देखकर ही छीप जायेगा।
खुशी- क्या ज्यादा बोल दीया हमने।
रिया- कोई नी जब मिले तो सोरी बोल देना अगर अब मिले तो?
ओर दोनो घर के लिए निकल गई।
अब राज ने सोच लीया था की वो खुशी को देखेगा पर उसके सामने नही आयेगा।
खुशी ने नोटिस कीया की राज आजकल दिखाई नही दे रहा , उसे अच्छा नही लग रहा था वो सोरी भी बोलना चाहती थी पर राज दिखे तो ना वो दीखना ही बंद हो गया था ।
एक दिन राज के बारे मे सोचते सोचते वो जा रही थी आगे के फ्लोर मे मरम्मत का काम चालु था उसे पता ही नही चला, राज ने देखा तो वो घबरा गया वो तेजी से खुशी के पीछे भागा ।
कुछ लडके मस्ती कर रहे थे एक लडके का धक्का खुशी को लगा वो गीर ने ही वाली थी के राज ने जट से उसका हाथ पकड लिया, राज की आंखो मे डर साफ दिखाई दे रहा था खुशी घबराहट के मारे बेहोश हो गई थी।
राज ने खुशी को सेफ जगह लेटाया तबतक रिया ओर राज के सारे दोस्त आ गए थे। राज बार बार खुशी को होश मे लाने की कोशिश कर रहा था, खुशी को आधे घंटे बाद होश आया , तब राज की जान मे जान आई खुशी को इशारे से पुछि ठीक हो आप खुशी ने सिर हीलाया तो वो आँखो मे गुस्सा लेके चला गया, खुशी को कुछ समझ नही आया वो ठीक भी नही थी तो रिया अपनी स्कूटी से उसे लेकर घर के लिए निकल गई ।
इश और जीस लडके की वजह से खुशी मरते मरते बची थी राज ने उसे बराबर से धोया अगर रवींद्र ओर विकास बीच मे नही आते तो वो उसे मार ही देता।
राज- जीतने भी लडके खड़े थे उन सबको वॉर्निंग देते हुए बोला आज के बाद आप सबको याद रखना है की खुशी से 10 फुट दुर रहेना है ओर आप मे से किसी की वजह से खुशी को चोट आई तो मुझ से बुरा कोई नही होगा ओर वो वहा से चला गया।
इतने सालो मे पहेली बार सब ने राज का गुस्सा देखा था। दो दिन तक खुशी कोलेज नही आई राज ने रिया से खुशी का मोबाइल नंबर लीया फोन करने की हिम्मत नही तो उसने मैसेज करने की हिम्मत जुटाई ओर मैसेज कर दिया,
राज - केसी हो आप?
कीसी अनजान नंबर से मैसेज आया तो वो घबरा गई ओर रिप्लाय करते हुए बोली, कौन
राज- ने कहा मै राज
खुशी- ठीक हु मै
राज- कोलेज क्यु नही आ रही?
खुशी- तबीयत ठीक नही थी कल से आएंगे।
राज- वो आगे क्या बोले उसे समज नही आया वो चुप रहा सिर्फ उस ने 😊 स्माईली भेजी
खुशी- thank you
राज- कीस लिए
खुशी- आप ने हमे बचाया इस लिए ओर सोरी उस दीन के लिए जब आपको बेवजह बहोत सारा सुना दीया था ।
राज- अरे मुझे उस बात का बुरा लगा ही नही भुल जाओ
खुशी- मेने आपको बहोत गलत समझा सच मे आप बोहोत अच्छे हो। ओर वो आगे क्या बोले उसे समज नही आया तो उस ने शुभरात्री बोल दीया ओर फोन का डेटा बन कर दिया ।
राज- कल के बारे मे सोच के खुश हो गया, उस ने सोचा की दोस्ती की शुरुआत हो ही रही है तो क्यु ना एक तोहफ़ा दीया जाये पर क्या उस ने विकास को कोल कीया और उसे कहा की ऐसा कुछ बोल तु जो महेंगा ना विकास- भाई तु प्यार मे बजट देख रहा हे केसा प्यार है तेरा ।
राज- विकास के बच्चे तु पूरी बात सुन बाद मे अपना भाषण दिया कर। पहले तो वो गिफ्ट हमसे लेगी नही ओर लेगी तो भी एसी की ज्यादा महंगी ना हो ओर वो घर ले जाए तो कोई सवाल ना पूछे समजे।
विकास- अच्छा ये बात है, थोडी देर सोचाकर वो बोला मोबाइल कवर देदे।
राज- थैंक्स मेरे जीगर के छल्ले।
जारी है...........