इत्तेफाक - भाग १ Jagruti Joshi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इत्तेफाक - भाग १

मेरे सारे पाठको को मेरा नमस्कार। लेखक के तौर पर ये मेरी पहेली कहानी है। तो इस मे व्याकरण की भूले हो सकती है । यह कहानी राज ओर खुशी की है जो मिलते है बिछड़े हे, ओर फिर इत्तेफाक से एक होते है ।

खुशी का घर :

खुशी के पापा डीजीपी थे , एकदम कडक और नियमो का चुस्त बंध पालन करने वाले। खुशी की बडी बहन ने भाग कर शादी की थी।
तब से वो ज्यादा कठोर बन गये ते। अब उनके जीवन मे अपनी बडी बेटी की कोई जगह नही थी ।
वो खुशी को प्यार तो बहुत करते थे पर डर लगता था उन्हे के वो भी वो गलती ना करे ,
जो उनकी बडी बेटी ने की थी।

खुशी का कोलेज का पहेला दीन था आज वो तैयार होकर कोलेज जा रही थी ।
खुशी के पापा____
पीछे से एक रौबदार आवाज आई,,, कोलेज जा रही हो तो दोस्त सोच समझ कर बनाना।
ओर सीधे सादे सुट मे ही जाना ,,,वहा तू पढ़ने के लिए जा रही हो कोई फैशन शो में नहीं,!!
एक भी गलती हुई तो कोलेज बंद ,, समझी खुशी के पापा ने खुशी को चेतावनी देते हुए सूर मे कहा ।

खुशी ने सिर्फ हा मे सर हिलाकर अपनी सहमती दी ओर कोलेज के लिए निकल गई। वह आज इन सब बातों से अपने कॉलेज के फर्स्ट डे को किरकिरा नहीं करना चाहती थी।
वो आज पहली बार कॉलेज जा रहे थी नए दोस्त नए और नया माहौल।

खुशी एक राजपूत घराने से थी। खुशी के अलावा सायद ही किसी लडकी ने कोलेज की होगी।
खुशी कोलेज जा पाई क्युं की मउसकी मां की जीद थी।
ओर वो अपने घरवालो को मनाने मे कामयाब भी हुई पर , उस मे भी काफी शर्त रखी गई थी।
पर खुशी को इन सब बातो से कोई दिक्कत नही थी।
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GovtCollege (Science, Arts and Science, Arts and Commerce) indore
आज कोलेज का पहला दिन था ,, थोडी सी घबराहट ओर खुशी दोनो थी।
वो अपनी ही धून मे जा रही थी वो थोडी ही आगे बढ़ी होगी तभी किसी की आवाज सुनाई दी,
ओ बहिनजी कहा जा रही हो अपने सिनियर को सलाम तो ठोको ।
खुशी पीछे मुड़कर देखा तो 10-12 लडकी लडके का एक समूह था।
वो कुछ बोल ने ही जा रही थी तभी उन मे से कोई एक लडके ने कहा तुम जाओ।

ओर वो धीरे धीरे से चल ने लगी तभी उसके कान मे आवाज सुनाई दी, जो गुस्सा हुई थी

ओओओओओ,,,,, विकास क्यो उसे जाने दीया,,,?
तुम लोग रेंगिग करते हो तो मे कभी बीच मे आती हु क्या ? तो आज मेरे शिकार को नॉट फेयर😡

विकास- ने बड़े प्यार से कहा ____ सोना एसा नही है बाबु आज ही मेने राज भाई से बात की ओर पुरे दो साल बाद उन्होंने कहा की वो भी कीसी की रेंगिग कर ना चाहते हे तो ये बकरा उनके लिए है ।
ओर वो जोर जोर से हसने लगा...........

जब खुशी ने ये बात सुनी तो उसे बहोत ही गुस्सा आया ओर वो अपने क्लास के लिए निकल गई,,,,
और सोचने लगी की उस राज के बच्चे को बराबर का सबख सिखायेगी।

खुशी अपने क्लास में जाती है और वह सारी क्लास वो
अˈटे᠎̮न्‍ड्‌ करती है ।
जब सारे क्लास खत्म हो जाती है तो घर के लिए निकल जाती है।
आज कोई नया दोस्त तो नही मिला था पर पहला दिन बकवास।


जारी है............