इत्तेफाक - भाग 3 Jagruti Joshi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इत्तेफाक - भाग 3

विकास,,,,,
ओ महाशय आखरी बार पुछ रहा हु
क्या हुआ,,? इस तरह गोल गोल मत घुमा।

यार मुझे क्यों लग रहा है कि तुम लोग पागल हो गए हो मैंने कहा ना कि मुझे उससे प्यार हो गया है तो हो गया है।
राज को पहली नजर वाला प्यार हो गया था,, , और वह भी भी खुशी के प्यार के नशे में ही था। पर उसके सारे दोस्त कंफ्यूज थे एक ऐसा थोड़ी ना होता है, एक बार देखा और प्यार हो गया। वह सब सोच ही रहे थे तभी उनके कानों में राज के कुछ शब्द पड़े वह शायरी गुनगुना रहा

कोई पूछ रहा है मुझसे अब मेरी ज़िन्दगी की
कीमत,
मुझे याद रहा है हल्का सा मुस्कुराना तुम्हारा!

रवींद्र- आज गुलजार साहब क्यो फुट रहे हे तुम्हारे अंदर से,,,,,?

राज- यार आप लोग मानोगे नही पर ,,,, प्यार सा हो गया हे उसकी मासूमियत से ,,,
बड़ी ही मासूम और अड़ियल है थोडी।
वो आगे कुछ बोलता तभी उसको एक आवाज सुनाई दी
भैया थैंक्यू थैंक्यू सो सो मच।

राज ने देखा की रिया थी उसके पापा के दोस्त की बेटी

रिया- भैया आप ना होते तो ˈपॉसब्‌ल्‌ ही नही होता की हमारा यहा एडमिशन हो पाता आपका जीतना भी धन्यवाद करे कम है।
आज आप बोलो मे क्या कर सकते हु आपके लिए आपका हुकुम सर माथे पर।

राज ने थोडी देर सोचाकर बोला कर पाओगी ?
हा आप बताइए रिया ने कहा ।
एक लडकी मुझे बहुत पसंद आई है,,, उसके साथ दोस्ती करनी है,!
और वह कब कहा जाती हे वो मुझे बताना है ।
फीर चाहे वो क्लास रूम, लाइब्रेरी, ‍ˈकॉरिडॉर्‌ या गार्डन हो या केनटीन बस मुजे खबर करनी होगी तुम्हे,
ओर उसके सामने तुम ये दिखावट कर ना की तुम मुजे जानती नही।
ओ हो भैया को प्यार हो गया है ,,,,?
रिया____चलो आप भी क्या याद रखोगे,,,
कुछ देर सोचाकर बोली ओक बट मे उसे पहचानुगी केसे,,,?

राज ने सोना को साथ मे जाने का ईशारा कीया वो जाना तो नही चाहती थी पर वो राज को कुछ बोल भी नही सकती थी।
तो वो रीया के साथ चली गई।
राज के दादा जी कोलेज के ट्रस्टी थे पहले राज का बडा भाई कोलेज के काम संभालता अब राज ने ये जिम्मेदारी उठा लीथी।
रिया क्लास रूम 101 मे पहुची ओर सोना ने खुशी की तरफ ईशारा करा ओर वहा से चली गई।
खुशी दुसरी बेन्च मे बेठी थी रिया उसके पास आई और बोली ----- क्या मे यहा बैठ सकती हु?

खुशी ने उपर देखा तो एक चुलबुली सी लडकी खड़ी थी काली आंखे छोटे बाल ओर बिल्कुल टोमबोय जेसी अल्हड़ सी थी ।
खुशी ने हा कहा बैठ जाइए हम भी अकेले ही है,, कंपनी रहेगी आपकी।

रिया को तो बस यही चाहिए था वह फट से बैठ गई।

मेरा नाम रिया है,,,आपका ,
खुशी ।

रिया ने हाथ बढ़ाकर कहा मे इस शहर मे नइ हुं क्या हम दोस्त बन सकते है ,,,?
खुशी ने भी हाथ मिलाकर कहा ,,, हां हमें दोस्त कि सख्त जरूरत है और दोनों हंसने लगी।

उस तरफ कीसी को भी राज का खुशी की तरफ आकर्षित होना अच्छा नही लगा बट सब उसका नेचर जानते थे तो कोई कुछ बोल नही पाया ।

खुशी का घर_________

खुशी आज बहोत थक गई थी। अपनी माँ सा को काम मे हाथ बटाकर खा पीकर अपने कमरे मे आ गई ।
ओर पूरे दिन जो हुआ वो सोच ने लगी।एक बात उसे बहोत अजीब लगी के राज को ईतना सुनाया फिर भी वो सिर्फ मुस्कराता रहा कुछ भी बोला,,,🤨 वेरी स्‍ट्रेन्‍ज्‌ ,, ।
पर आज की एक बात अच्छी लगी जो रिया जेसी दोस्त मीली ये सब सोचते सोचते नींद कब आई उसे पता ही नही चला ।
सुबह अलार्म बजा वो उठी अपनी दिनचर्या निपटाकर नास्ता कीया ओर कोलेज के लिए तैयार हो गई, अपनी माँ सा को बाय बोल कर निकल गई ।
कोलेज कैम्पस_______

वो कोलेज पहुंच गई ,रिया उसे रास्ते मे ही मील गई थी। रिया ने अपने भाई को मैसेज कर दीया था ,
खुशी ने देखा की आज उस जगह कोई नही था उस ने मन मे सोचा की यार हम क्यों उस के बारे मे सोच रहे है वो आये ना आऐ हमारी बला से।
राज भी उन के साथ ही चल रहा था पर थोड़ा दूर था सिर्फ वो ही खुशी को देख सकता था । राज को ईस तरहा खुशी के लिए दिवाना होते देख विकास ने मोबाइल मे गाना लगा दिया

मैं ता तेरे नाल ही रहना जी
हर गम संग तेरे सहना जी
मैं ता तेरे नाल ही रहना जी
हर गम संग तेरे सहना जी
जो जग से कहा ना जाए
वो मुझको बस तुझसे कहना जी
सोहणा सोहणा इतना
भी कैसे तू सोहणा सोहणा सोहणा
इतना भी कैसे तू सोहणा
तेरे इश्क में जोगी होना मेनू जोगी ।

राज खुशी देखकर मुस्कराता है, तभी खुशी की नजर राज पर पडती है और वो गुस्से से देखती है और वो वहा जट से निकल जाती है।
राज ____ देख तेरी नजर लग गई ,,,,

विकास _____ कंफ्यूज होते हुए कैसे यार,

राज ने उसे घुरते हुए कहा वह चली गई ,,,।

विकास______
अरे भाई वह कॉलेज में से थोड़ी चली गई ,,,अपने क्लास रूम में ही गई है ना,
वापस मिल जाएगी टेंशन मत लो,,,

जारी है.........