Ittefaak - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

इत्तेफाक - भाग 5

विकास- छेडते हुए बोला तो खुशी क्या?
राज- गुस्साई हुई आवाज मे कल कोलेज मी मील बताता हु ओर हसते हुए फोन रख देता है।
अगले दिन सुबह जल्द उठकर वो बाजार के लिए निकल जाता है।
उस तरफ खुशी भी नाह कै रेड्डी हो जाती है आज पूरे दो दिन बाद वो राज को देखने वाली थी, उस ने खुद को आईने मे देखा सफेद सलवार सुट मे वो आज बहोत खूबसूरत लग रही थी। उसको काजल लगाना अच्छा नही लगता था फीर भी आज पहली बार काजल लगाया उस ने सिर्फ राज के लिए ओर वो कोलेज के लिए निकल गई।

कोलेज
¤¤¤¤¤¤
राज गिफ्ट लेके कोलेज पहुंच गया था ओर खूशी की राह देख रहा था। जैसे ही खुशी आई वो उसे देखकर फीर से उसके प्यार मे पड गया और उसने शायरी गुनगुनादी,
तीन गवाह है ,
इश्क के
एक "रब " .....
एक तुं
ओर एक मैं !!!!!!!
वो खुशी के पास जाना चाहता था पर आस पास इतनी भीड थी वो खुशी को अन्ˈकम्‍फ़्‌टब्‌ल्‌ फील करवाना नही चाहता था तो वो उसके सामने की दुसरी और चला गया ओर खुशी के कदम से कदम मिलाकर चलने लगा, राज ने खुशी को मैसेज कीया ओर फोन दीखाकर उसे देखने को बोला।
मैसेज मै लीखा था , क्यु देर हुई ?
खुशी- ट्राफिक बोहोत था।
राज- केसी हो आप दो दिन हो गए आप को देखे हुए।
खुशी- आप सिर्फ दो दिन मे इतना याद कर ने लगे हमे?
राज- आपको देखने की आदत हो गई है तो.......उस ने बात अधुरी ही छोड़ दी ओर वो कुछ बोले उससे पहेले खुशी को बोला के एक एक कप चाय हो जाए।
खुशी- हम चाय नही पीते 😊
राज- तो कोफी प्लीज मना मत करना रिक्वेस्ट है।
खुशी- ओके
राज ने कहा मे ऑर्डर देके रखता हु आप केनटीन मे आइये। ओर वो चला जाता है।
खुशी केनटीन मे गई तो देखा राज तीन कप कोफी रखी थी वो कुछ बोलती तभी मैसेज की बीप की आइ उसने देखा तो लीखा था ,
मुजे नही पाता की आप को कोल्ड, होट या ब्लेक इन मे से कोनसी पसंद है , आप तीनो मे से थोडी थोडी सिप ले लीजिए बाकी की मे पी लूंगा।
खुशी मुस्कुराई ओर चेर पर बैठ गई, ओर बोली क्या आप हमारी झूठी कोफी पियेंगे?
राज- बोलने गया तो हलक मे से आवाज ही नही नीकली ,
इस दीन का वो पीछले दो सालो से इन्तज़ार कर रहा था पर वो बोल ही नही पाया,
उस ने मैसेज मे कहा सोरी मेरा गला खराब है ।
ओर रही झूठी कोफी की तो उससे प्यार बढता है , ओर हम तो दोस्त है तो सायद हमारी दोस्ती गहरी हो।
खुशी उस बात पर मुस्कराई और कोफी पीने लगी।
तभी राज का फोन बजा कोई जरूरी कोल आ गया तो राज जाने लगा उस ने गिफ्ट देते हुए ईशारा कीया कै वो बाद मे मिलता है।
खुशी को अजीब लगा गिफ्ट लेते हुए पर तबतक राज चला गया था वहा से । उस ने गिफ्ट बेग मे रखा और केनटीन से निकल गई। अपनी सारी क्लास खत्म करके वो रिया के साथ घर के लिए निकल गई।

खुशी का घर
खुशी घर आई,
अपना बेग रुम मे रखा ओर कपडे बदलकर वो अपनी माँ सा के साथ बैठी , उसकी मां ने कोलेज मे क्या हुआ केसी चल रही है पढाई कोई दिक्कत तो नही वो पुछा।
खुशी अरे मेरी प्यारी मा सबकुछ ठीक चल रहा है कोई दिक्कत नही अगर होगी तो हम आपके अलावा कीसे बताएंगे और वो अपनी मासा से लीपट गई। अंधेरा हो रहा था दोनो मा बेटी किचन मै गई ओर दोनो साथ मिलकर
खाना पकाने लगी, खुशी के पापा घर आये सब डाइनिंग टेबल पर डीनर के लिए बैठ।
खुशी सबकुछ निपटाकर अपने कमरे मे आई ओर अपना मोबाइल हाथ मे लिया ओर राज को मैसेज टाइप करा।
खुशी - आप ने हमे गिफ्ट क्यो दी?
राज- क्यो नही दे सकते,
खुशी- हम घर पर क्या बोलेंगे के ये कीस ने दिया ,
राज ने कहा आपने खोला
खुशी ने कहा नही,
राज आप गिफ्ट को खोलकर देखे मेने कोई महंगा गिफ्ट नही दिया ओके आप टेंशन मत लो ओर गिफ्ट अच्छा लगे तो थैंक्स मत बोल ना एक स्माइली सेन्ट कर देना। ओर राज ने गुडनाइट कहे दिया , वो बाते तो बोहोत कर ना चाहता था पर उसकी बेड इम्‌ˈप्रे᠎̮श्‌न्‌ ना पडे इस लिए उस गुडनाइट बोल दिया।
खुशी ने बेग मे से गिफ्ट नीकाली ओर खोलकर देखी उसकी आंखे चमक गई क्युकी उस मे मोबाइल कवर था उस कवर पे खुशी की खुबसूरत आंखे फोटोशॉप की गई थी। उस ने फोन को हाथ मे लीया ओर
थैंक्यू थैंक्यु सो मच ओर ढेर सारी 🙂😄🙂🙂🙂😃 स्माइली सेन्ट कर दि, ओर गुडनाइट बोल कर सो गई।

जारी है..........

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