आनंदी एक आई एस अफसर बना चुकी हैं और अब आनंदी की लाइफस्टाइल, लाखों की सैलरी के साथ मिलती है ये सुविधा।
आईएएस यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस को सब से प्रतिष्ठित पदों में माना जाता है और आनंदी यूपीएससी का एग्जाम क्लियर करने के बाद मेरिट लिस्ट के आधार पर यह पद प्राप्त हुआ था आईएएस ऑफिसर बनना आनंदी के लिए गर्व की बात है।
इस पद पर कार्यरत आनंदी को अच्छी खासी सैलरी तो मिलती ही है लेकिन इसके साथ बहुत सी अन्य सुविधाएँ भी मिलती है।
आनंदी को आईएस अफसर के राज्य के राजधानी में वीवीआईपी प्रतिबंधित क्षेत्र में एक डुप्लेक्स बंगला मिला। उसे रहने के लिए अच्छी सुविधाएँ मिला। भले ही जिला/आयुक्त या मुख्यालय में पोस्टिंग हो तब भी उन्हें यह सुविधा प्राप्त होती हैं।
इतना ही नहीं आनंदी को यदि जिले या मुख्यालय में आईएएस आनंदी की पोस्टिंग होती है तो उन्हें एक सर्विस क्वार्टर भी मिलता है भले ही उनका राज्य की राजधानी में एक आवास भी हो।
इसके अलावा आनंदी को कहीं आने जाने और जरूरी काम के लिए ट्रांसपोर्ट करने के लिए कम से कम 1 एवं अधिकतम 3 सरकारी वाहन चालक सहित ट्रांसपोर्ट मिला है। ये गाड़ियां नीली बत्ती के साथ होती है। मुख्य सचिव के स्केल पर नियुक्ति होने पर लाल बत्ती वाला वाली गाड़ी मिली । और आनंदीको आवंटित किये गए वाहन के ईंधन एवं रखरखाव का खर्च भी गवर्नमेंट चुकाती है।
आईएएस आनंदी एवं उसकी मा को कड़ी सुरक्षा प्रदान की गई।राज्य मुख्यालय में नियुक्त आईएएस आनंदी को 3 होम गार्ड एवं 2 बॉडीगार्ड आवंटित किया गया हैं। इतना ही नहीं खास परिस्थितियों में या जान पर खतरा होने पर उनके लिए एसटीएफ कमांडो भी तैनात किया जा सकता है। जिला मजिस्ट्रेट/आयुक्त के पद पर तैनात आईएएस अधिकारी के लिए पूरी पुलिस फ़ोर्स उनके अंडर में आती है और वे अपने हिसाब से अपनी सेफ्टी के लिए कितने भी पुलिस वालों को रख सकती हैं।
आईएएस आनंदी को आम घरेलू सेवाओं के लिए भी कोई भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती है। उदाहरण के लिए उनके गवर्नमेंट द्वारा मिले घर की बिजली का बिल पूरी तरह मुफ्त मिलेगा।। वे फोन भी फ्री में इस्तेमाल कर सकती हैं क्योकिं उन्हें फ्री कॉल्स, टॉक टाइम, एसएमएस और इंटरनेट सेवाओं के साथ 3 बीएसएनएल सिम कार्ड आवंटित किये जाते हैं। इसके अलावा उन्हें बीएसएनएल ब्रॉडबैंड कनेक्शन भी मिलता है।
आनंदी को इसके साथ हीअधिकारिक और अनाधिकारिक यात्राओं के लिए आईएएस अधिकारी सर्किट हाउस, सरकारी बंगले या अलग-अलग राज्यों के विश्राम गृहों में रियायती दरों पर आवास सुविधा का आनंद लेने का मौका मिला हैं।
आईएएस आनंदी को राज्य के आधिकारिक आवास या सर्विस क्वार्टर में उनके रोजमर्रा के काम को करने के लिए घरेलू स्टाफ भी मिला है।
पढाई के लिए आईएएस आनंदीको 2 से 4 साल का अध्ययन अवकाश भी मिलेगा जिसमे छुट्टी पर होने पर भी उन्हें सैलरी मिलेगी । इसके अंतर्गत आईएएस आनंदी को किसी विदेशी विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए 4 साल का अवकाश ले सकती है। इसका पूरा खर्चा भी सरकार ही उठाती हैं।
आईएएस आनंदी को कई अन्य सुविधाओं का जैसे पीएफ, स्वास्थ्य सेवाओं, ग्रेच्युटी, जीवन भर पेंशन और कई अन्य सेवानिवृत्ति लाभ मिलेगा।
इसके अलावा आनंदी को उनके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आयोजित सभी प्रमुख कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है।
अब अगले महीने ही आनंदी अपनी मां को लेकर केरल जाने की तैयारी करने लगी।
आनंदी के आवास में हर तरह की सुविधाएं दे दिया गया था। ये सब देख कृष्णा खुशी से रो पड़ी।
आनंदी ने कहा मां आज जो कुछ भी मिला है इसका श्रेय सिर्फ रीतू दीदी को जाता है।
कृष्णा ने कहा हां बेटा। ये मरते दम तक मत भूलना कि तेरी इस सफलता का श्रेय रीतू बेटी का है।
आनंदी ने कहा कैसे भूल सकती हुं वो दिन जब रीतू दीदी मुझे अपने साथ लंदन लेकर गई और क्या क्या किया मेरे लिए, मेरे हर छोटी-बड़ी जरुरतों का ख्याल रखा। और मुझे प्रोत्साहित किया।
आज जो कुछ भी बन सकी हुं तो वो सिर्फ रीतू दीदी की वजह से।
आनंदी आगे बोली मां मुझे जब पहली सैलरी
मिलेगा ना तो मैं सबके लिए कुछ ना कुछ खरीदारी करुंगी।
कृष्णा ने कहा हां तूने तो मेरी मुंह की बात छिन लिया।पर उन लोगों का कर्ज हम पैसों से नहीं चुका सकते हैं।
आनंदी ने कहा हां मां एक दम सही बोला है। और मुझे अब इस इस काम को भी बहुत ईमानदारी से निभाना है मुझे जो पोस्ट दिया गया है उसके लिए मुझे बहुत सारा काम करना होगा।
फिर आनंदी का फोन आया और वो बात करने के बाद निकल गई।
कार्यालय पहुंचकर उसको सब कुछ समझा दिया गया। आनंदी सांसद में बनने वाले कानून को अपने इलाके में लागू करवाने की जिम्मेदारी दे दिया गया। और एक मिटिग के बाद आनंदी द्वारा कुछ नया कानून व कुछ नीति लागू किए गए।
आनंदी ने अपने कुछ नीति लागू किया जिसमें बहुत सारे बच्चों के पढ़ाई लिखाई पर कुछ छुट दिया गया और जहां, जहां सड़क की मरम्मत और रखरखाव पर भी ध्यान देने योग्य बातें आनंदी ने कहा।
फिर आनंदी घर आकर खाना खा कर लैपटॉप पर काम करने लगी।
आनंदी ने अब ठान लिया था कि कोई गरीब बच्चा अब अनपढ़ नहीं रहेगा और जिन महिलाओं को इज्जत और सम्मान नहीं मिलती उनके लिए भी आनंदी ने कुटीर उद्योग की स्थापना करवाने की मांग किया और फिर जो भी छोटे बच्चों को काम करवाने के लिए प्रोत्साहित करेगा उसको आजीवन कारावास दिया जायेगा।बाल मजदूरी पर प्रतिबंध लगाने के लिए आनंदी ने शिक्षा मंत्री को एक मेल कर दिया।
फिर इसी तरह आनंदी का एक आई ए एस अफसर बनने का सफर शुरू हो गया और उसने कुछ ही समय में वो कर दिखाया जो कोई ना कर सका।
फिर एक महीना बीत गए और आनंदी को अब केरल के लिए तैयार होना था।
आनंदी और कृष्णा दोनों ही दोपहर की फ्लाइट से केरल के लिए निकल गए।
केरल पहुंच कर आनंदी का एक नया सफर शुरू होने वाला था।
क्रमशः