नौकरानी की बेटी - भाग 3 RACHNA ROY द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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नौकरानी की बेटी - भाग 3

नौकरानी की बेटी भाग दो मे आपने पढ़ा था कि आनंदी बोली हां दीदी सब तैयारी हो चुकी है। अब आगे।
आनंदी मन में मुस्कुरा रही थी कि अब रविवार आने वाला है बस, और तभी अनु बोली आनंदी क्या अभी पहुंच गई हो लंदन।। आनंदी घबरा कर बोली अरे नहीं मैम।। रीतू बोली आनंदी चल जल्दी से तुझे कुछ दिखाती हुं। आनंदी ने कहा हां, दीदी आप जाओ मैं आती हूं। फिर आनंदी रसोई घर में सारा काम करने लगी और फिर बोली कि मां अब तो रविवार आने वाला है और मैं तो लंदन चली जाऊंगी। कृष्णा ने कहा हां बेटा जाना तो होगा ही।
कृष्णा जल्दी से नाश्ता तैयार करके टेबल पर रख दिया और फिर रसोई में आकर दोपहर के खाने के लिए सब्जी काटने लगी और फिर सारे लोग नाश्ता करने लगे। रीतू बोली कृष्णा वाई के हाथ का खाते -खाते आदत पड़ गई है अब लंदन में जाकर बहुत परेशानी होगी।
आनंदी ने ये सुन कर बोला, अरे दीदी मुझे थोड़ा बहुत आता है खाना बनाना।।
रीतू बोली हां ठीक है हम मिलकर बना लेंगे, आनंदी चल तुझे कुछ दिखाना है। आनंदी ने कहा चलिए दीदी। रीतू अपने कमरे में आकर बोली देख अपना लैपटॉप ओपन कर। आनंदी ने जल्द ही लैपटॉप खोला और पुछा कि क्या बात है दीदी? तभी रीतू बोली कि तेरा फेश बुक अकाउंट बना दिया है देख ले। आनंदी अच्छा ये क्या होता है? रीतू ये एक सोशल मीडिया साइट्स हैं जहां पर बहुत सारे दोस्त बनाये जाते हैं। आनंदी ये सुनकर बोली,अच्छा।। रीतू बोली ये बहुत जरूरी है कि तुझे भी दोस्त बनाने होंगे। आनंदी हंस कर कहा,हां दीदी जरूर। रीतू बोली मैं तुझे सब कुछ सीखा दुंगी।
फिर आनंदी नीचे आ गई तब तक कृष्णा वाई का खाना बन चुका था। और फिर अनु को बोल कर कृष्णा और आनंदी घर को निकल गए।
घर पहुंच कर आनंदी बोली मां जल्दी से खाना दे दो भुख लगी है। कृष्णा बोली, हां चल अभी देती हुं। फिर आनंदी और कृष्णा खाना खाने बैठे। आनंदी बोली मां आज दाल तरका बहुत ही स्वादिष्ट बना है। पनीर कोफ्ते भी मस्त बने है, मां आपके हाथ में जादू है।
कृष्णा बोली आनंदी तू परदेश जाकर मां को ना भुलाना। आनंदी भी बहुत गम्भीर रूप में बोली मां ऐसा कभी नहीं होगा।
कृष्णा रुंधे स्वर में बोली अभी रूलाना मत चल खा ले, शाम को फिर जाना है। आनंदी हंस कर बोली, अरे मां अब तो बस कुछ दिन बाद ही हमें जाना है। कृष्णा बोली हां मुझे पता है। फिर दोनों आराम करने लगती है।
शाम को राजू के घर पहुंच कर कृष्णा चाय बना कर टेबल पर रख देती है तभी अनु बोली कि आज छोले भटूरे बना दे साथ में दही बड़ा।
कृष्णा जल्दी जल्दी बर्तन धोने लगी और फिर छोले कुकर में उबालने दिया, और मैदा गुथने लगी। रीतू रसोई में आकर बोली कृष्णा वाई शनिवार को आप और आनंदी हमारे घर रूक जाना क्योंकि रविवार को हमलोगो को निकलना है। कृष्णा ये सुनकर बोली रीतू बेबी आप जैसा बोलो। रीतू ने कहा हां शनिवार को ही कपड़े लेकर आ जाना और आनंदी का बैग तो यहां ही है। आनंदी खुशी से झिलमिला उठी और फिर बोली बड़ा मज़ा आयेगा।
अनु बोली अच्छा कृष्णा कल थोड़ा जल्दी आना। कृष्णा वाई बोली ,हां मैम आ जाऊंगी।
कृष्णा सारा काम करके खाना टेबल पर लगा दिया और अपने टिफिन बॉक्स में खाना लेकर अनु मैम को बोल कर जाने लगी। आनंदी बोली मां आज क्या बनाई थी? कृष्णा बोली छोले भटूरे, दही बड़ा।।
फिर घर पहुंच कर कुछ देर आराम करने के बाद
दोनो ने खाना खाया और फिर सो गए।
दूसरे दिन सुबह उठकर तैयार हो कर राजू के घर पहुंच गए। अनु बोली अच्छा हुआ जल्दी आ गई पहले चाय बना दे और हां रीतू को नाश्ते में समोसे, जलेबी खाना है । कृष्णा बोली हां मैम मैं फटाफट तैयार करती हुं। क्रमशः।