नौकरानी की बेटी - भाग 7 RACHNA ROY द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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नौकरानी की बेटी - भाग 7

नौकरानी की बेटी भाग छः में आपने पढ़ा कि आनंदी और रीतू तैयार हो गई। और अब आगे।


रीतू बोली चल अब वाक् करने चलते हैं। फिर आनंदी और रीतू नीचे पहुंच कर पैदल चलने लगें और रीतू आनंदी को सब लंदन की बात करने लगी।
रीतू बोली कल इन्टरव्यू की तैयारी कर लेना।
और तेरे स्कूल का युनिफोर्म भी लेना होगा। आनंदी बोली हां दीदी ये सब कुछ आपकी कोशिश से हो पाया है।

फिर रीतू की कुछ सहेलियां आई और बातचीत करने लगी। आनंदी बोली दीदी आप लोग कितनी फराटेदार अंग्रेजी बोलती है।

अब दोनों ऊपर आ गई और आनंदी ने कहा दीदी मैं मां को फोन कर लेती हुं।
रीतू बोली हां कर लें।
फिर आनंदी ने फ़ोन किया कृष्णा ने फोन उठाया और बोली हेलो। आनंदी बोली हां मां कैसी हो? कृष्णा बोली हां ठीक हुं तु कैसी है लाडो?आनंदी बोली हां मां अच्छी हुं कल स्कूल में दाखिला लेने जा रही हुं बहुत बड़े स्कूल में।
कृष्णा बोली हां, रीतू बेबी हमेशा खुश रहे। फिर फोन रख दिया।

रीतू बोली आनंदी चल फैश हो कर चल खा लेते हैं।

फिर दोनों खाना खा कर सो जाते हैं। दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर कर तैयार हो कर आनंदी पढ़ने लगती है ।
और तब तक रीतू सैर कर के आती है

फिर दोनों ब्रेकफास्ट में उबले अंडे,बाउन बेड ,जूस लेते हैं
आनंदी अपनी पिछली साल का रेकॉर्ड् फाईल में लगा लेती है।और दोनों निकल जाते हैं।

आनंदी कार में सवार होकर पुछती है दीदी मुझे डर सा लग रहा है।
रीतू बोली, अरे इतना दूर आकर ऐसा बोल रही है।चल तू भी ना, और हंस कर आल द बेस्ट भी बोलती है।
फिर आनंदी ज़बाब में थैंक यू कहती हैं।

फिर गाड़ी निकल गई इन्टर नेशनल स्कूल की ओर। फिर कुछ देर बाद ही रीतू आनंदी को उसकी मंजिल तक ले चलती है।

सबसे पहले गेट पर ही पहचान पत्र देखा गया।
फिर दोनों को एंट्री मिली।

आनंदी एक दम आश्चर्य हो गई इतना बड़ा स्कूल देख कर अब तक सब कुछ सपना सा लग रहा था।
बड़े बड़े इमारतें सुन्दर बागीचा, बहुत सारी बसें और खुब बड़ा सा खेल का मैदान ये सब आनंदी देख रही थी।
फिर दोनों एक बड़े से हाल में पहुंच कर रिसेप्शन में एक सुंदर सी लेडी से रीतू ने अंग्रेजी में बात किया और फिर उसने एक फार्म फिल करने को कहा।

रीतू ने जल्दी से फार्म पर आनंदी का प्रोफाइल लिख कर सबमिट कर दिया और फिर वो अन्दर चली गई।

कुछ देर बाद ही दोनों को फर्स्ट फोल्रर में बुलाया गया और वहां से हेड सर के पास जाने को कहा गया।
रीतू और आनंदी रूम में एंट्री किये और सारी बातचीत हुई।

आनंदी का इंटरव्यू हुआं और वो पास भी हुई वहां से आनंदी को रिटेन टेस्ट के लिए क्लास रूम में भेजा गया।

तीन घंटे बाद आनंदी रूम से बाहर निकल कर आई। रीतू ने पुछा तो आनंदी ने हामी भर दी।

फिर वहां एक टीचर आकर बोली कि आनंदी यू यार डन वैरी ब्रिलीऐन्ट। टूमोरो यू विल कम अगेन। आनंदी ने कहा ओके मैम।

रीतू और आनंदी फिर वहां से घर लौट आए।

आनंदी ने पूछा दीदी क्या कल मेरा दाखिला हो जाएगा?
रीतू बोली हां गुड़िया और तुझे स्कोरलशिप भी मिलेगा । फर्स्ट सेमेस्टर के बाद से।

आनंदी ने कहा हां दीदी ठीक है। रीतू बोली आनंदी स्कूल कैसा लगा। आनंदी बोली अरे दीदी ये भी कोई पुछने वाली बात है?

आनंदी बोली दीदी एक ,एक बैल्क काफ़ी हो जाएं।
रीतू बोली हां ।

आनंदी बोली ओके। फिर आनंदी ने दो कप कॉफी बना कर टेबल पर रख दिया और कहा दीदी मां को फोन करूं?
रीतू बोली हां बाबा करो ना।
फिर आनंदी ने फ़ोन किया और कृष्णा को सब कुछ बता दिया। कृष्णा ये सब सुन कर बहुत खुश हूं।

रीतू ने फिर जल्दी से लंच तैयार किया और खाकर दोनों सो गए।

शाम के समय रीतू और आनंदी नीचे सोसायटी में जाकर खुब सारी मस्ती करते और कुछ देर बाद दोनों ऊपर आकर टीवी इनजोय करने लगे।

आनंदी बोली दीदी आप तो कल भी आफिस नहीं जा पाओगी?
रीतू बोली अरे आनंदी तू चिन्ता मत कर मैं सेकेंड हाफ में जाऊंगी।

तेरा एडमिशन कल करवा कर फिर मैं तुम्हें घर छोड़कर आफिस जाऊंगी।

आनंदी ने कहा दीदी एक बात कहूं क्या आपका और मेरा पिछले जन्म का कोई रिश्ता है नहीं तो यहां पर एक गरीब नौकरानी की बेटी को कौन पूछता है दीदी।।

रीतू बोली अरे आनंदी तू इतना मत सोच शायद ऊपर वाले ने मुझे इस काबिल बनाया है जो आज मैं तेरे काम आ सकूं और मैं ऐसे ही सबके काम आना भी चाहती हुं जो कुछ करना चाहते हो, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हो।

आनंदी रोने लगी तो रीतू ने उसे प्यार से समझाया और कहा देख अब सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना है तुझे ,और एक इमानदार और सफल आई एस अफसर बनना है और हां फिर तू भी किसी के काम आ सकती है खुद को ऐसा बना कि सब एक मिसाल दे।
आनंदी ने कहा हां दीदी ठीक है।

रीतू ने कहा चल अब डिनर कुछ आनलाइन मंगवाती हुं और रीतू ने डोसा इडली सांभर मंगवाया और फिर खाकर दोनों मिलकर एक साथ किचन की साफ़ सफाई करके सो गए


दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नाश्ते में बाउन बेड, मिल्क शेक खाकर जल्दी घर से निकले और रीतू ने कार निकाला और जल्दी से दोनों निकल गए आनंदी के स्कूल।

स्कूल पहुंच कर फिर सारी जो -जो जरूरी कागज था वो सब सबमिट करके सीधे हेड सर के पास भेजा गया।

आनंदी को देखते ही हेड सर बोले पड़े।यू यार सच अ बिलिएन्ट स्टूडेंट् ,आई एम सो हैप्पी,
माई चाइल्ड ।
आनंदी सुनकर ही बोली थैंक्स यू सर।

रीतू ने सारी और जो जरूरी थी सब पुरा किया और फिर बस के लिए भी एक फार्म अप्लाई कर दिया।


फिर दोनों नीचे काउंटर पर फीस जमा कर दिया और वहां से आनंदी का स्कूल यूनिफॉर्म का मेजरमेंट हो गया। उसके बाद स्कूल बुक शाप से सारी बुक ,नोट बुक भी ले लिया।

उसके बाद आनंदी को घर छोड़ कर रीतू अपने आफिस को निकल गई।

घर पहुंच कर आनंदी ने अपनी सारी बुक को कवर किया और उस पर लेवल लगाकर नाम लिखा और फिर पढ़ने बैठ गई और साथ ही उसे जो भी समझ नहीं आ रहा था उसको लैपटॉप पर देख रही थी जैसा रीतू ने उसको सिखाया था।

आनंदी मैथ के सारे सवालों के जवाब बहुत ही जल्दी दे रही थी उसे अभी तक ये सब सपना सा लग रहा था।


क्रमशः