नौकरानी की बेटी - भाग 11 RACHNA ROY द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

नौकरानी की बेटी - भाग 11

रात को डिनर के बाद विडियो कालिंग करेंगे। और अब आगे।।


आनंदी ने कहा हां दीदी जरूर।।

फिर रात को डिनर के बाद रीतू ने मम्मी को विडियो कालिंग किया और राजू ने उठाया ,सब एक दूसरे को देख कर खुश हो गए।
राजू बोला अरे दी ,आनंदी कहा है?

तभी आनंदी कैमरे के सामने आ गई और सबको अभिवादन किया।

राजू बोला आनंदी पेपर कैसे जा रहे हैं?

आनंदी ने कहा हां दादा, बहुत ही अच्छा।।

अनु बोली अरे रीतू तेरी याद आती है बहुत, और सुन घर में पार्टी रखी है।
रीतू बोली अच्छा बहुत बढ़िया।।पर अपने दोस्तों को बुलाया है?
अनु बोली , हां,सुन मेरी किटी पार्टी की दोस्ते आएगी और कुछ पड़ोस वाली।
रीतू बोली अच्छा ,आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं और खुश रहिए।

फिर आनंदी बोली मैम आपको जन्मदिन पर बधाई।।अनु बोली हां, हां।।
आनंदी ने कहा दीदी अगर आप लोग ने मुझे यहां सहायता ना किया होता तो शायद मैं कभी भी आज दसवीं की परीक्षा नहीं दे रही होती।।

रीतू बोली अरे आनंदी ये सब होना ही था और सिर्फ तेरी मेहनत और लगन से ही हो पाया।
फिर विडियो कालिंग के बाद दोनों सो गए।

दूसरे दिन सुबह राजू के घर में तैयारियां शुरू हो गई थी।
कृष्णा भी जल्दी से आकर काम पर लग गई ।पहले ही नाश्ता बनाने लगी पुरी और छोले तैयार करके टेबल पर रख दिया।

फिर सब लोग नाश्ता करने लगे।अमर के पापा,भाई, भाभी सब आ गए थे।

सब लोग मिलकर बात कर रहे थे ।

तभी अनु के नाम गिफ्ट आ गया लंदन से।।
अनु तो खुशी से झूम उठी और बोली मेरी बेटी ने भेजा है।
अमर बोले हां बाबा,रीतू ने ही भेजा है।

अनु गिफ्ट लेकर अपने रूम में जाकर खोलने लगी तो देखा बहुत ही खूबसूरत सा मेकअप बाक्स था चारों ओर शीशा लगा था और बहुत सारे लिप सेड,आई सैंडो,फेश पाउडर।
अनु ने तुरंत फोन करके रीतू को थैंक यू कहा।
रीतू डाइविंग कर रही थी इसलिए उसने कहा बाद में बात करेंगी।

लंदन में आनंदी घर में सेल्फ स्टडी कर रही थी। अब आगे उसका बीज गणित और रेखा गणित का पेपर था वो भी डबल सिफ्ट में।
आनंदी अपनी जी तोड मेहनत से सफलता प्राप्त करना चाहती थी।

उधर दिल्ली में राजू के घर शाम को पुरी सजावट फुलों से और रंग बिरंगी लाईटों से हो गई थी घर जगमग कर रहा था।

अनु भी पार्लर से सज धज कर आ गई ।

फिर उसकी सारी सहेलियां भी आने लगी कोई फुलों का गुलदस्ता तो कोई तोहफा ला रही थी।

फिर पार्टी शुरू हो गई खुब खाना -पीना मजाक मस्ती ये सब चल रहा था ।

फिर अनु बोल पड़ी देखो मेरी बेटी ने एक नौकरानी की बेटी को कहां से कहां पहुंचा दिया और आज वो दसवीं कक्षा भी पढ़ रही है मेरी बेटी की वजह से ही।।

राजू बोला अरे वाह! मम्मी क्या बोल रही हो आज आनंदी जो कुछ बन पाई है वो सिर्फ उसी की मेहनत और लगन से।
रीतू दीदी ने सिर्फ उसको एक दिशा दी है आनंदी को उसकी मंजिल तक पहुंचने का श्रेय
रीतू दीदी को जाता है।मम्मी आप ये बोल कर दीदी को छोटा कर रही हैं।क्या आप को पता है आनंदी को स्कॉलरशिप मिल गया है वो भी उसकी काबिलियत की वजह से मेरिट लिस्ट में भी शामिल हो गई।


अमर बोले हां राजू एक दम सही बोले हो , हमें आनंदी पर गर्व होना चाहिए कि उसने सबका नाम रोशन किया।

फिर सब लोग ने आनंदी और रीतू के लिए तालियां बजाकर खुशी जाहिर किया।

सबने मिलकर अनु को बधाई दी और फिर केक काट कर सबको खिलाया गया

उसके बाद सब डिनर करने बहार गार्डेन पर पहुंच गए। काफी अच्छी डोकोरेशन हुई थी
तरह तरह-तरह के डिशेस रखें थे सब खाना कृष्णा ने बनाया था।
मेनू कार्ड- पुरी, रूमाली रोटी,नान,मलाई कढ़ी,पनीर कोफ्ते,वेज राइज, पुलाव, आलू दम पंजाबी,दही बड़े, चटनी, पापड़, आइसक्रीम।।

सब लोग बड़े चाव से खाते दिख रहे थे और खाने के स्वाद की तारीफ करते नहीं थक रहे थे।
पार्टी काफी रात तक चली।

क्रमशः