Noukrani ki Beti - 17 books and stories free download online pdf in Hindi

नौकरानी की बेटी - 17

शैलेश ने कहा हां ज़रूर मिलेगा और अब आगे।।

आनंदी ने कहा हां,सच में मेरा एडमिशन हो जाएगा है।

रीतू ने कहा हां आनंदी ऐसा ही होगा। फिर दोनों खुब सारी मस्ती करते हुए दिन बिताए।

फिर फाइनल एग्जाम के रेजल्ट आ गया
आनंदी ने अपना रोल नंबर रीतू को बताया
तो रीतू ने जल्दी से लैपटॉप पर देखा और वो देखती रह गई की आनंदी का फोटो भी आया था वो वहां के टापर्स स्टुडेंट के लिस्ट में शामिल थीं।
इस बार भी फर्स्ट रेंक होल्डर हुई। रीतू को खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

आनंदी को गले से लगा कर गालों को चूमा और फिर आनंदी भी दीदी को पैर छूकर आशीर्वाद लिया।


फिर आनंदी को स्कूल से बुलाया गया। आनंदी और एक छात्र जो दुसरा स्थान प्राप्त किया था उनको गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट दिया गया।

तालियों की गूंज से आनंदी के आंखो में खुशी के आंसु बहनें लगें।


अब आगे आनंदी का सफर और भी अधिक चुनौती पूर्ण होने वाला था अब आनंदी कालेज में दाखिला लेने वाली थी।


आनंदी घर आते ही अपना गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट एक जगह रख दिया जहां उसके पहले के भी सारे मेडल रखे हुए थे। आनंदी अपने सारे गोल्ड मेडल को देख रही थी और अपने सपनों को ऐसे ही साकार करने के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही थी।


आज वो जो कुछ भी कर पाई सब रीतू दीदी की वजह से।


आनंदी ने मां को फोन कर के सब बताया और रोने लगी।

कृष्णा ने कहा हां तू अब कालेज जाएगी तो और भी बिजी हो जाएगी।

आनंदी ने कहा हां मां तू चिन्ता मत कर।


फिर रीतू ने आते ही कहा कि कल हमें युनिवर्सिटी जाना होगा शैलेश ने सब इंतजाम कर लिया है।

रीतू बोली आनंदी ग्रेजुएशन के बाद तुझे वापस दिल्ली जाना होगा क्योंकि आई एस अफसर बनने के लिए तुम्हें वहीं जाना होगा।


आनंदी ने कहा हां दीदी मैं अपना सपना पूरा करूंगी और क्या।


रीतू ने कहा सारे डाक्यूमेंट्स और सर्टिफिकेट के ओर्जिनल और फोटो कापी भी।
इसके अलावा पासपोर्ट साइज के फोटो।
अपना स्टुडेंट वीजा और आधार कार्ड।


आनंदी ने कहा हां ठीक है दीदी सब तैयारी कर लेती हुं।


आनंदी ने पूछा दीदी क्या अब हमें स्कालरशिप मिलेगा?

रीतू ने कहा हां तेरी जैसी बिलिएनट स्टुडेंट को ही मिलेगा तुम तो गोल्ड मेडलिस्ट हो गई हो।



दूसरे दिन शैलेश, रीतू और आनंदी निकल गए।
युनिवर्सिटी कालेज लंदन(UCL).
शैलेश अपनी कार लेकर आए थे। फिर तीनों निकल गए।



कुछ घंटों में युनिवर्सिटी कालेज लंदन पहुंच गए।


आनंदी ने कहा अरे बाप रे कितना बड़ा कालेज।

फिर सब लोग अन्दर पहुंच वहां पर रेजिसटर में साइन करने के बाद अन्दर पहुंच कर रिसेप्शन में फार्म भरने के बाद सब लिफ्ट से सातवें तलें पर पहुंच गए।

और फिर एक लेडी ने उनको बैठने को कहा।

शैलेश ने कहा देखो कितना भीड़ है मैंने पहले से ही एक लेटर मेल कर दिया था।

फिर सबको बुलाया गया।

अन्दर पहुंच आनंदी ने देखा एक सुंदर सी लेडी बैठी थी उनका नेम प्लेट देखा। फातिमा शेख लिखा था।

फिर लम्बी बातचीत हुई और आनंदी सारे मार्क सीट, देखा तो वो बोली वैलकम आनंदी यू आर सिलेक्ट।

आनंदी ने कहा थैंक्स मैम।

फातिमा शेख ने कहा प्लीज़ सबमिट हियर।

फिर सब जाकर काउंटर पर जमा कर दिया ।।

फिर आनंदी को एडमिशन कार्ड मिला।
आनंदी ने एडमिशन फार्म भर कर दे दिया।

रीतू ने कहा आनंदी वी फिल वैरी प्राउड ऑफ यू।
आनंदी ने कहा येस दीदी,बट ओल कैडिट गोज टु यू।

फिर मुख्य परिसर में घूमने लगे।
बड़े, बड़े इमारतें सुन्दर सुन्दर पार्क, फव्वारे और क्लास रूम भी देखने लायक था।

आनंदी ने कहा दीदी आप का कालेज भी इतना बड़ा है।
रीतू ने कहा हां आनंदी।

फिर वहां से हम वापस घर आ गए।

शैलेश ने कहा आनंदी को कोई सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ेगी।वो अपनी काबिलियत पर ही दाखिला ले लिया।

आनंदी ने कहा शैलेश सर कुछ बताइए ना।
शैलेश ने कहा हां ठीक है।

यह लंदन विश्वविद्यालय का एक बहुत ही चुनिंदा घटक कालेज है।ये लंदन का सबसे पुराना और सबसे बड़ा कालेज है।
यू सी एल का मध्य लंदन के ब्लूम्सबरी क्षेत्र में अपना मुख्य परिसर है।यू सी एल पूर्व जो फरवरी २०१९ को खोला गया था। इसी प्रकार यू सी एल के पास कई संस्थान और केन्द्रीय लंदन में एक शिक्षण अस्पताल है।

आनंदी ने कहा हां बहुत ही अच्छा है। शैलेश ने कहा आनंदी तू एक दम सही जगह गई हो।
और फिर अगले हफ्ते से तुम्हारा कालेज शुरू।


रीतू ने कहा हां चल कुछ शापिंग करा दुंगी। अब तो युनिफोर्म नहीं चलेगा।

आनंदी ने कहा हां पर क्या मैं पहन कर जाऊंगी? रीतू ने कहा तुम जीन्स कुर्ती पहनाकर जा सकती हो।


फिर तीनों ही निकल गए और शापिंग मॉल से कुछ कुर्ती और जीन्स खरीद कर घर लौट आए।

और शैलेश कनाडा वापस चलें गए।

फिर आनंदी ने पूछा दीदी वो जो बैग आपने दिलाया था वो मैं लेकर जाऊंगी।

रीतू ने कहा हां ठीक है। फिर रीतू ने कहा
युनिवर्सिटी में एक लाइब्रेरी भी होता है जहां तुम्हें बहुत सारी किताबें मिल सकती है।
आनंदी ने कहा अच्छा वो कैसे? रीतू ने कहा जब तुम जाओगी तो एक लाइब्रेरी कार्ड बना लेना।
और तुम्हारी सब्जेक्ट बुक्स ऑनलाइन पर आॅडर कर दिया है।


फिर आनंदी का एक नया पड़ाव शुरू हुआ।

आज आनंदी का कालेज में पहला दिन था वो तैयार हो गई थी।

रीतू ने देखते ही कहा वाह एक कालेज गोइंग गर्ल् लग रही है। अब तेरा ग्रेजुएशन शुरू हुआ एक नया सफर।

आनंदी एक नई उम्मीद के साथ निकल पड़ी।

रीतू ने आनंदी को युनिवर्सिटी छोड़ कर चली गई।

आनंदी को थोड़ा सा नर्वस लग रहा था।

उसने अन्दर पहुंच कर अपना आईं कार्ड दिखाया जो उसे दाखिले के समय मिला था।

फिर मिस सुजेन ने आनंदी को उसके क्लास तक पहुंचा दिया।


और फिर आनंदी ने देखा कि बहुत सारे नये नये चहरे थे।

कुछ विदेशी और भारतीय सब थे।
सब आपस में बातचीत कर रहे थे।

आनंदी भी अन्दर पहुंच कर एक जगह बैठ गई।
आनंदी के बगल में एक लड़का बैठा था और उसने अपना नाम ज़ोन बताया और आनंदी ने उसके बारे में पूछा।

आनंदी ने अपने बारे में बताया। ज़ोन भी पढ़ने में बहुत अच्छा था। दोनों की दोस्ती हो गई।

आनंदी का क्लास शुरू हुआ।

अपने सब्जेक्ट के हिसाब से क्लासेज मिले थे।

टाइम टेबल नोट किया और फिर रीतू ने जैसे कहा था कि लाइब्रेरी में जाकर बैठने को तो आनंदी ने खोजते हुए कालेज लाइब्रेरी में पहुंच गई और उसने देखा कि बहुत सारे लड़के, लड़कियां पढ़ रहे थे ।

फिर उसने जाकर अपना लाइब्रेरी कार्ड बना लिया और फिर बुक भी इशु करवाया।

इसी तरह एक दिन आनंदी का कालेज में बीत गया।


आनंदी बहुत ही खुश हो कर घर लौट आई।
और सारी बात रीतू को बताया।

फिर गणित की बुक जो लाइब्रेरी से लाई थी उसमें से सवाल लगाने लगी। मुश्किल थे पर नामुमकिन नहीं था।

इसी तरह आनंदी बी एस सी फर्स्ट ईयर की पढ़ाई शुरू किया।

कुछ दिन बाद ही आनंदी की सारी किताबें आ गई।

और फिर आनंदी की युनिवर्सिटी की पढ़ाई शुरू हो गई। आनंदी ने एक कोचिंग सेंटर जाने लगी।

रीतू ने आनंदी को एक हफ्ते तक कालेज तक छोड़ दिया पर उसको दिक्कत हो रहा था।

आनंदी ने कहा दीदी मैं मेट्रो से जा सकती हुं कुछ सहेलियां हैं तो हम सब मिलकर जा सकते हैं।
रीतू ने कहा हां आनंदी कल हम मेट्रो स्टेशन जा कर तेरा पास बना लेंगे और फिर तुझे कोई दिक्कत नहीं होगी।

आनंदी ने कहा हां दीदी ठीक है।


फिर दूसरे दिन दोनों निकल गए अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन। वहां पहुंच कर सबसे पहले आनंदी के नाम पर कालेज स्टुडेंट पास बना लिया और फिर रीतू ने आनंदी को सब कुछ बता दिया कि कैसे क्या करना है।


देख ये मेट्रो की दिलचस्पी ये है कि लंदन ट्यूब के स्टेशन पूरी तरह से आटोमैटिक है।
टिकट से लेकर सवार होने तक किसी भी कर्मचारी की जरूरत नहीं है।

आनंदी ने कहा वाह दीदी बहुत अच्छे।


रीतू ने कहा हां इसका बड़ा हिस्सा जमीन में अन्दर काफी गहराई तक बना है।
ये देख एस्केलेटर है जहां से तू जल्दी आना, जाना कर सकती हैं।

आनंदी ने कहा थैंक यू दी।

फिर दोनों घर लौट आए।


दूसरे दिन से ही आनंदी अपने सहयोगियों के साथ मेट्रो से कालेज आना - जाना करने लगी।उसको ये नया अनुभव में बहुत मज़ा आ रहा था।

आनंदी के फर्स्ट ईयर के एक्जाम आ गए।


इस बार पुरी युनिवर्सिटी की पढ़ाई थी और बहुत ही चुनौतीपूर्ण था क्योंकि एक युनिवर्सिटी की पढ़ाई बहुत ही कठिन तो था पर नामुमकिन नहीं था।

आनंदी ने अपना जी तोड मेहनत से एक्जाम दिया और फिर पूरे युनिवर्सिटी में सेकेंड रैंक होल्डर बनीं।

उसकी हौसला अफजाई करने उसके कालेज के युवा नेता के द्वारा मिडिया बुलाया गया और आनंदी का इंटरव्यू लिया गया।

जिस कारण आनंदी पूरे लंदन में फेमस हो गई और सोशल मीडिया के द्वारा सब जगह आनंदी का इंटरव्यू आने लगा।


वहां इंडिया में राजू ने देखा तो घर में सबको दिखाया।

कृष्णा वाई अपनी आनंदी को टीवी पर देख कर फुली ना शमाई।

और फिर आनंदी अपनी पढ़ाई के दम पर चर्चित हो गई।


अब आनंदी बीएस सी सेकंड ईयर में पहुंच गई।
ये बात रीतू ने कहा।

आनंदी ने कहा हां दीदी अब दो साल और फिर मुझे पोस्ट ग्रेजुएशन करना है फिर मैं आई एस की तैयारी करूंगी।


रीतू ने कहा हां आनंदी मुझे यकीन है कि तुम ये सब कर लोगी,एक बार में ही हासिल कर लोगी।


आनंदी ने कहा हां दीदी अब क्या मुझे फिर से एडमिशन फार्म भरना होगा।


रीतू ने कहा हां तुझे युनिवर्सिटी में ही फार्म भरने के बाद सबमिट करना होगा।

आनंदी ने कहा और बुक भी नया लेंना होगा।

रीतू ने कहा हां अब एक, एक करके तेरे सारे बुक लेने होंगे।
कोर्स और भी लेनदी हो जाएगा। जितना अच्छा लिखेगी उतना अच्छा मार्क्स आयेंगे तेरे।


आनंदी ने कहा हां दीदी मैं घर में नोट्स तैयार करूंगी फिर लाइब्रेरी में जाकर भी बुक्स ले सकती हुं।

रीतू ने कहा हां आनंदी तू सेकेंड रैंक होल्डर बनीं है अब तुम को फर्स्ट आना है एंड गोल्ड मेडल भी।

आनंदी ने कहा हां दीदी मैं और भी मेहनत करूंगी।

फिर आनंदी का सेकेंड ईयर का क्लास भी शुरू हो गया।
आनंदी अब ज्यादा देर लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई करती थी जब भी उसका फ्री पीरियड रहता था।
आनंदी ज्यादा देर तक नोट्स तैयार किया करतीं थीं।

शाम को भी कोचिंग क्लास शुरू कर दिया।


राजू ने एक दिन आनंदी को विडियो कालिंग किया और आनंदी ने कहा दादा ग्रेजुएशन के मैथ बहुत ही कठिन है।

राजू बोला अरे तेरे लिए क्या कठिन है बहन।।

फिर राजू बोला कि वो सब लोग गर्मी में लंदन आ रहें हैं।

आनंदी बहुत खुश हुईं पर उसे अपनी मां की याद आ रही थी।


रीतू ने कहा आनंदी तू चिन्ता मत कर कृष्णा वाई के भी एयर टिकट बुक करवाया है मैंने हां।

सब आयेंगे तो तेरी मां भी आयेंगी।
आनंदी ये सुनकर ही गर्व से बोलीं दी ये आपने क्या दे दिया मुझे।।

क्रमशः

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