Noukrani ki Beti - 13 books and stories free download online pdf in Hindi

नौकरानी की बेटी - 13

आनंदी भी बहुत खुश थी क्योंकि उसके सपने पूरे हो रहे थे। और अब आगे।।




लंदन ब्रिज पर आज आनंदी की पार्टी थी और पार्टी रीतू ने रखीं थीं। रीतू ने अपने आफिस के दोस्तों को बुलाया था और आनंदी के स्कूल और कोचिंग क्लास के सहेलियां आई थी।
सब बहुत मज़ा कर रहे थे।


उधर अनु ने आनंदी का विडियो रिकॉर्डिंग देखा तो आश्चर्य हो गई राजू और अमर बहुत ही खुश हुएं और सबने आनंदी को फोन पर बधाई दी।

लंदन में सब एक साथ डांस भी कर रहे थे। फिर आनंदी के स्कूल के हेड सर,मिस मैरी को भी बुलाया गया था और सबने आनंदी को देखते ही कहा कोगराचुलेशन आनंदी।।
आनंदी ने कहा थैंक यू ओल!सर ने कहा आनंदी वाट ईज योर एम्? आनंदी ने कहा सर माई एम इज़ ए वेरी सक्सेजफुल आई एस ओफिसर । फिर इतना सुनते ही सब लोग मिलकर तालियां बजाने लगे।

फिर पार्टी में पहले केक कटिंग हुआं।
आनंदी ने शायद ज़िन्दगी में पहली बार केक काटा होगा। उसकी आंखों से अश्रु झलक रहे थे।
ये सब कुछ तो हो पाया था सिर्फ रीतू दीदी की वजह से।।

हेड सर ने ये अनाउंसमेंट किया कि आनंदी का नाम मैरिट लिस्ट में पहले नंबर पर है।मैथ में सार्वाधिक अंक आए थे।
लंदन ब्रिज तो पुरे तालियों से गूंज उठा था।
फिर सब ने मिलकर खाना खा कर घर लौट आए। आनंदी को सबने फुलों का गुलदस्ता भेंट किया था।पूरा घर फुलों से महक उठा था। रीतू बोली आनंदी तेरी वजह से मेरा घर गुलिस्तां हो गया।

दूसरे दिन सुबह आनंदी ने दीदी को गले लगा लिया और फिर कहा दीदी कल का दिन मेरी जिंदगी में बहुत ही खास था, आपको पता है मैंने कभी भी केक काट नही।फिर आपने वो सब कुछ दे दिया है।
रीतू ने कहा अच्छा बस कर हां मुझे निकलना होगा शाम को मिलते हैं।

आनंदी लैपटॉप पर अपना कल वाले पार्टी का विडियो देख रही थी। और नाश्ता करने के बाद फिर आनंदी अपनी पढ़ाई करने लगीं।
स्कूल से मेसेज आया कि कल रिपोर्टिंग करना है।

आनंदी तैयार हो कर कोचिंग सेंटर के लिए निकल गई। वहां पर सर ने ग्यारहवीं कक्षा में विषय चयन करने के लिए बहुत कुछ बताया।
ग्यारहवीं कक्षा में विज्ञान, वाणिज्य, कला विषयों का चयन कर सकते हैं।

आनंदी ने पूछा सर क्या मैं विज्ञान एवं गणित ले सकते हैं? सर ने कहा हां ज़रूर। जिस विषय में रूचि है उसी में कर सकती हो।
फिर थोड़ी बहुत पढ़ाई के बाद सब घर लौट आए।

शाम को रीतू के वापस आते ही आनंदी ने ग्यारहवीं कक्षा में विषय चयन करने के बारे में बताया और ये भी बताया कि कल स्कूल में रिपोर्टिंग है।
रीतू ने कहा हां ठीक है।तेरी स्कालरशिप भी
प्राप्त हो जाएगा आज मैंने अपडेट कर दिया है।

आनंदी ने कहा हां दीदी ठीक है।
अच्छा दीदी ग्यारहवीं के बाद बारहवीं कक्षा है ना? रीतू ने कहा हां, उसके बाद ग्रेजुएशन एवं पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी कर ले और फिर तू आईएएस की तैयारी करेंगी। उसके बाद चाहे पीएचडी भी कर सकती है।आनंदी ने कहा दीदी मुझे सब कुछ समझा दिजियेगा।
रीतू ने कहा हां ज़रूर।।
फिर खाना खा कर सो गए।

दूसरे दिन सुबह आनंदी स्कूल जाने के लिए तैयार हो गई और रीतू ने उसको स्कूल छोड़ दिया और फिर वो चली गई।
आनंदी स्कूल पहुंच कर ही उसकी कुछ सहेलियां मिल गई सब साथ क्लास में पहुंच गए।
फिर एक- एक करके सभी को मार्क सीट देने लगी।
सभी अपने नम्बर देखने लगी। आनंदी के सभी विषयों में शत् प्रतिशत नम्बर आए थे। उसके बाद मैडम मैरी ने सबको ग्यारहवीं कक्षा के दाखिला फार्म भरने को दे दिया।
सभी ध्यान पूर्वक भरने लगें।

फिर फोटो लगा कर,मार्क सीट और सर्टिफिकेट की फोटो कापी लगा कर जमा कर दिया गया।
फिर सब बाहर नोटिस बोर्ड पर नोटिस देखने गए और आगे की क्लास की टाइमिंग और टाइम टेबल नोट किया ।

फिर वहां से निकल कर बस सर्विस के लिए आनंदी ने ही अंग्रेजी में एक एप्लिकेशन जमा कर दिया।
और फिर स्कूल युनिफोर्म भी मिल गया।

आनंदी घर आकर एक दम थक गई थी।
फैश हो कर वो सो गई।

शाम को जब रीतू आ गई तो आनंदी ने मार्क सीट और सर्टिफिकेट दिखाया।
रीतू ने अच्छे से देखा और कहा आई एम् वैरी प्राउड ऑफ यू।।वेल डन।

थैंक यू दी आनंदी ने मुस्कुराते हुए कहा।
रीतू ने पूछा अब क्या टाइम है तेरे स्कूल का?
आनंदी ने कहा अब डे टाइम हो गया। शाम को मिलेंगे हम।
रीतू बोली ओके गुड, कोचिंग क्लास सुबह कर लें।
आनंदी ने कहा हां दीदी मैंने मेल कर दिया सर को। और जैसा आपने सिखाया था वैसा ही एक एप्लिकेशन जमा कर दिया।
रीतू ने कहा शाबाश आनंदी।।

फिर इस तरह आनंदी के ग्यारहवीं कक्षा भी की पढ़ाई शुरू हो गई। सुबह उठते ही पहले कोचिंग क्लास जाती और उसके बाद स्कूल की तैयारी करने के बाद बस में स्कूल चली जाती थी।

आनंदी का बिजी लाइफ स्टाइल हो गया था।
फिर फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा भी शुरू हो गई थी आनंदी इस बार भी जी जान से पढ़ाई कर रही थी।उसको अपनी मंजिल नजर आ रही थी।
इस बार आनंदी को और भी अधिक नम्बर लाना था। आनंदी की कुछ कर गुजरने की तमन्ना हमेशा से ही था। रीतू ने हमेशा आनंदी को प्रोत्साहित किया और आगे बढ़ने को कहा।

रीतू ने कभी ये नहीं समझा कि आनंदी किसी तरह से छोटे घर की है या कुछ और। उसने आनंदी की खुबी को बचपन से ही देखा था।
आनंदी हमेशा रीतू दी की इस प्रेरणा को ह
सम्मान ही किया है और आगे भी करेंगी।

क्रमशः

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