चाहत - 7 sajal singh द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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चाहत - 7

पार्ट -7

सलिल के अंदर जाने के कुछ समय बाद मैं भी अंदर चली गयी। सब लोग आपस में बात्तें कर रहे हैं। शिव भैया और प्राची साथ बैठे बिलकुल मेड फॉर each other लग रहे हैं। तभी दादी जी पंडित जी से कहती हैं -पंडित जी ,शुभ मुहर्त में कितना टाइम बाकी है ?

पंडित जी -माता जी ,अभी तो 40 मिनट बाकी हैं।

दादी जी -ठीक है। (फिर हम सब दोस्तों की तरफ देखते हुए ) क्यों रे बच्चो ? तुम्हारे दोस्तों की सगाई है कुछ नाच -गाना नहीं करोगे ?

नेहा -पर दादी ,हमे तो बाराती डांस आता है। अच्छे से नहीं आता।

सुमन -अब कौन करेगा डांस ? किसी को नहीं आता।

भाभी - (मेरी और इशारा करते हुए )चीनू करेगी डांस। इसे तो आता है।

नेहा और सुमन -(एक साथ ) क्या चाहत को डांस आता है ?

भाभी -हाँ। बहुत अच्छा नाचती है चीनू।

शिव भैया -पर चीनू क्या तुम आज डांस करोगी ?

दादी जी -हाँ करेगी।

आंटी (शिव भैया की माँ )-पर माँ जी एक बार चीनू से तो पूछ लो कि वो डांस करना चाहती है या नहीं।

दादी जी -हाँ। करेगी क्यों नहीं ? शिव भाई है इसका। उसकी सगाई में डांस तो बनता है।

राघव भैया -हाँ। दादी जी ,आप बिलकुल ठीक कह रही हैं। गुड़िया डांस करेगी अपने भाई की सगाई में।

शिव भैया -चीनू ,प्लीज ! कर दे ना डांस।

मैं -(शिव भैया की ओर देखा तो पता नहीं क्यों मना नहीं कर पायी। ) जी भैया ,मैं तैयार हूँ। (तभी मैं डांस करने के लिए चलने ही लगती हूँ दादी मुझे रोकती हैं। )

दादी जी - चीनू अकेले डांस ना करेगी।

अंकल (शिव भैया के पापा )-क्या मतलब माँ ?

दादी जी -लड़की वालों की तरफ से भी तो कोई होना चाइये।

दादा जी -पर बहन जी हम सब तो बाराती डांस कर सकते हैं इससे ज्यादा हमसे ना हो पायेगा।

दादी जी -भाई साहब , (सलिल की ओर इशारा करते हुए )आपका इतना लम्बा -चौड़ा ये पोता नाचेगा आपकी तरफ से।

दादा जी -(हँसते हुए ) बहन जी ,इससे तो बाराती डांस भी अच्छे से नहीं हो पता। भला ये कैसे नाचेगा ?

दादी जी - हम कुछ नहीं जानते। नाचना तो इसे पड़ेगा। समझो ये डिमांड है हमारी।

मैं -दादी ,रहने दो जब उन्हें नहीं आता तो कैसे नाच पाएंगे।

सलिल -(मेरी और देखते हुए ) दादी जी मैं तैयार हूँ।

मैं -(मन ही मन सोच रही हूँ डांस आता तो है नहीं इसे फिर भी अकड़ देखो। डांस करेंगे )

दादी जी - तुम तैयार हो जाओ दोनों। गाना मेरी पसंद का होगा।

सब लोग दादी को ऐसे हैरानी से देख रहे हैं।

दादी -क्या हुआ उम्र हो गयी है ? पर मेरी भी पसंद है। (सब हँसते हैं )

फिर क्या दादी जी ने पूरे फ़िल्मी मूड में गाना प्ले किया -" आज है सगाई ,सुन लड़की के भाई ,ज़रा नाच के हमको दिखा ,कुड़ी की तरह ना शरमा..................." सलिल भी अपने स्टेप्स बखूभी निभा रहा था। फिर जो गाने के लास्ट तक आते -आते सारी फैमिली वाले झूम कर नाचे देखने लायक था। कहाँ पहले हर कोई मना कर रहा था।

अब नाच -गाना खतम हुआ तो हर कोई मेरे और सलिल के डांस की तारीफ किये जा रहा है। तभी पंडित जी कहते हैं -मुहर्त का समय हो गया है। रिंग बदलने की रस्म कर लेते हैं। दोनों परिवार वालों ने पहले आपस में शगुन एक -दूसरे को दिए। फिर आंटी ने प्राची को चुनर उढ़ाई। इसके बाद शिव भैया और प्राची ने आपस में एक दूसरे को रिंग पहनाई। फिर सब बड़ों ने अपना आशीर्वाद और दोस्तों ने बेस्ट wishes प्राची और शिव भैया को दी। इसके बाद सब खाना खाने बैठ गए। धीरे -धीरे अब सारे मेहमान जा चुके थे। बस प्राची की फैमिली ही बाकी थी। भैया ,भाभी को घर ले गए थे आराम करने के लिए। अब भाभी को नौवाँ महीना लगने ही वाला है। ऐसी हालत में ज्यादा समय भाग -दौड़ करना उनके लिए ठीक नहीं है । मुझे प्राची ने रोक कर रखा है अपने पास। मैं और प्राची एक तरफ बैठे बात कर रहे हैं। (तभी शिव भैया की आवाज़ आती है। )

शिव भैया -चीनू ,तुझे मम्मी बुला रही हैं।

मैं -(आंटी के पास जाकर ) जी आंटी। आपने बुलाया मुझे ?

आंटी -चीनू ,शिव के कमरे में कुछ गिफ्ट रखे हैं। ले कर आ जल्दी से। प्राची को देने हैं।

मैं -जी, अभी लाती हूँ। (कहकर मैं शिव भैया के कमरे में ऊपर चली आयी। गिफ्ट टेबल पर ही रखे थे तो मैं उठा कर वापस मुड़ने लगी तो दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आयी। मैंने देखा सलिल दरवाज़ा बंद कर के मेरी तरफ बढ़ रहा है। ) आप ? दरवाज़ा बंद क्यों किया ?

सलिल -तुमसे बात करनी है इसलिए।

मैं -मुझे नहीं करनी आपसे कोई बात। मुझे नीचे जाना है सामने से हटो।

सलिल - मैं तब तक नहीं हटूंगा ,जब तक तुम मेरी बात नहीं सुन लेती।

मैं -मुझे आप की कोई बात नहीं सुननी। (मैं दरवाज़े की ओर जाने लगी तो पीछे से उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। ) आप मेरा हाथ छोड़िये।

सलिल - नहीं छोड़ रहा। और बात तो तुम्हे मेरी सुननी होगी। तुम कैसे मुझे इग्नोर कर सकती हो। 6 महीने हो गए हैं तुम्हे मेरे साथ ऐसा करते -करते।

मैं -(अपना हाथ छुड़ाने की कोशिस कर ही रही थी कि उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी ओर खींचा और मैं उसकी बाहों में थी। पहली बार किसी के इतना पास होने से बड़ा असहज महसूस कर रही थी। ) ये क्या कर रहें हैं आप ? मुझे छोड़िये।

सलिल -तुम्हे दिक्कत क्या है मुझसे ? क्यों हमेशा मुझसे दूर भागती रहती हो ? क्या तुम्हें मुझसे प्यार नहीं है ?

मैं -मैंने आपको बताया था होली वाले दिन कि मैं आपसे प्यार नहीं करती।

सलिल - क्या कमी है मुझमे ? दिखने में भी अच्छा हूँ ,कॉलेज भी टॉप किया है ,अच्छी फैमिली से हूँ ,और अब तो ठीक -ठाक कमाता भी हूँ। फिर भी तुम बताओ तुम्हे क्या चीज मुझमे अच्छी नहीं लगती ? मैं अपने आप को वैसा बना लूंगा जैसा तुम चाहोगी।

मैं -देखिये ! आप जैसे हो वैसे ही रहिये।

सलिल - चाहत देखो ,मैं तुम्हारे साथ अपनी पूरी लाइफ बिताना चाहता हूँ। अगर तुम ना मिली तो शायद मैं कुछ कर लूँ।

मैं -पागल हो गए हो क्या ?

सलिल -हाँ। तुम्हारी चाहत में।

मैं -आप जाने दीजिये मुझे।

सलिल -क्या तुम बात -बात पर आप -आप कहती हो मुझे। मुझे तुम मेरा नाम लेकर बुला सकती हो। तुम भी कह सकती हो आप कहने की कोई जरूरत नहीं है।

मैं -अनजान लोगों को मैं आप कहकर ही बुलाती हूँ। आप मेरे लिए सिर्फ प्राची के भाई हैं इससे ज्यादा कुछ भी नहीं।

सलिल -(हँसते हुए ) बहुत ज़िद्दी हो तुम। मैं भी कम ज़िद्दी नहीं हूँ। शादी तो मैं तुमसे करके रहूँगा।

मैं -मैं आपसे शादी नहीं करूंगी।

सलिल -करोगी वो भी अपनी मर्ज़ी से।

ये कहकर मेरे चेहरे की ओर झुका और मेरे गाल पे किस किया।

मैं -आपने मुझे किस क्यों किया ?

सलिल -मुझे तुम पर प्यार आ रहा है इसलिए ?

मैं -क्यों ?

सलिल -पहली बात तुम इतनी प्यारी लग रही हो दूसरी तुमने मेरे साथ डांस किया इसलिए।

मैं -आप तो कह रहे थे आपको नाचना नहीं आता ? अच्छा -भला तो नाचते हैं।

सलिल -क्या है ना आज से पहले कोई इतना अच्छा नचाने वाली नहीं मिली। (फिर मेरे दूसरे गाल पर किस किया। )

मैं -(उसकी और देखते हुए ) बड़े बद्तमीज़ हैं आप। किसी ने बताया नहीं आपको लड़िकयों से कैसे पेश आते हैं।

सलिल -मेरी चाहत ! दूसरी लड़कियों से मुझे पेश आना ही क्यों है भला ? हाँ ये मुझे अच्छे से पता है अपनी होने वाली पत्नी से मुझे कैसे पेश आना है।

मैं -(उसकी आँखों में देखते हुए ,बड़ा आत्मविश्वास है उसकी आँखों में ) प्लीज छोड़ो मुझे ! सब वेट कर रहे होंगे नीचे।

सलिल -नहीं छोड़ रहा।

मैंने अपना पैर ज़ोर से उसके पैर पर दे मारा तो उसने मुझे छोड़ दिया। और आवाज़ आ रही है इतनी ज़ोर से भी कोई मारता है क्या ?

मैं तो वहां से गिफ्ट लेकर तुरंत निकल आयी पीछे मुड़ कर भी नहीं देखा। अब प्राची अपनी फेेमिली के साथ जा चुकी है। मैं भी फ्रेश हो कर सोने की कोशिस कर रही हूँ पर पता नहीं बार -बार सलिल की आत्मविश्वास से भरी आंखे सामने आ जाती हैं। क्या वो सच में मुझे चाहता है ? मैं समझ नहीं पा रही हूँ किसके साथ मैं ये बात शेयर करूँ। क्या सलिल ने अपने दिल की बात किसी से शेयर की होगी ?

दूसरी तरफ सलिल बार -बार डांस वाला वीडियो देखे जा रहा है। तभी दादाजी उसके कमरे में आते हैं तो सलिल वीडियो बंद कर देता है।

दादाजी -तू सोया नहीं अभी तक ?

सलिल -दादू ,बस नींद नहीं आ रही।

दादाजी -वैसे एक बात बता। तुझे चाहत कैसी लगती है।

सलिल -अच्छी लगती है दादू। पर आप क्यों पूछ रहे हो।

दादाजी -बस वो अपने वर्मा जी के बेटे के लिए चाहत ठीक रहेगी। है ना।

सलिल -नहीं ,बिलकुल नहीं।

दादाजी -क्यों नहीं ?

सलिल -क्यूंकि मैं प्यार करता हूँ चाहत से।

दादाजी -(ज़ोर से हँसते हुए ) पता है मुझे। मैं तो बस तुझे छेड़ रहा था।

सलिल -दादू ,आपको कैसे पता ?

दादाजी -मुझे शक तो तुझे देख कर पहले ही था पर आज सगाई में जिस तरह तु उसे देख रहा था मुझे यकीन हो गया।

सलिल -आपको चाहत कैसी लगी ?

दादू -बहुत प्यारी। तुम्हारी पसंद मुझे पसंद है। तेरे माँ -पापा को भी जरूर पसंद आएगी। वैसे बात तो है लड़की में जो तुझे इतने अच्छे से नचाया।

सलिल -क्या दादू आप भी !

दादाजी - नहीं सच में तुझे नचाया। हम तो आज तक नहीं नचा पाए तुझे। खैर ,बता रिश्ते की बात कब करें ?

सलिल -अभी नहीं दादू। अब तक तो उसने हाँ भी नहीं बोला। उल्टा मुझसे दूर भागती रहती है।

दादाजी -हार मत मानना मेरे शेर। कितना भी टाइम क्यों ना लगे।

सलिल -तब तक ये बात हम दोनों में ही रहेगी।

दादाजी -DONE .(फिर दोनों गले मिलते हैं )