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बागवानी

आइए वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
प्रर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वृक्षारोपण कार्यक्रम को बढ़ावा देने हेतु फूलों की
बागवानी करते हैं।

हमारे घर के आंगन में बागवानी करते हैं।
रंग बिरंगे फूलों के पौधे लगाकर बागवानी शुरू करते हैं।

गुलाब , गेंदा , हरसिंगार , सूर्यमुखी ,बेली , चमेली ,डालिया,
दो पाटी , सदाबहार , ट्यूलिप ,मोगरा ,रात की रानी , संध्या
फूल लगाकर बागवानी मिशन को आगे बढ़ाने का प्रयास
करते हैं।अब बारी आती है नियमित रूप से पानी पटाने की
तो एक समय निश्चित करेगे कि किस वक्त पौधें में पानी
डालेंगे कि पानी जड़ों तक पहुंचे। पौधों को थोड़ी छांव की
ज़रुरत होती है तो आंगन में बगीचे जो हमने लगाए हैं उसके
किनारे किनारे पर लत वाले पौधे लगा देंगे एवं थोड़ी थोड़ी
दूर पर एक एक छायादार वृक्ष के पौधे लगाएंगे। कुछ दिनों
में तो पौधे बड़े हो जाएंगे। पपीता ,सेमल ,केला नीम और
सहजन के पेड़ लगा देंगे। इन पौधों के बड़े होते ही फूलों
की सुरक्षा हो जाएगी। बगीचे के किनारे बाड़ लगा देने से
बगीचे की सुरक्षा हो जाएगी किनारे वाले पौधों को छाया
भी मिलेगी।

पेड़ पौधों से हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, खुशी मिलती
है , नवजीवन मिलता है , प्रेम भाव का संचार होता है।
पेड़ पौधे मानवता के प्रतीक हैं। ये हमें शुद्ध वायु देते हैं।
पेड़-पौधों को निहारते रहने से आंखों को लाभ होगा।
बग़ीचे में सुबह-शाम घूमने से शीतल और स्वच्छ बयार
मिलेगी । मन आनंदित होगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।
शारीरिक रोग व्याधि से दूर रहेंगे। मरीजों को फूलों को
देखने से लाभ पहुंचता है। वातावरण सही रहता है।
बागवानी का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रकृति को हरा भरा
रखना। ये स्वाभाविक है कि किसी के आंगन
में सुंदर महकता हुआ बगीचा है तो दूसरे-तीसरे लोगों
के मन में इच्छा होती है कि हमारे भी आंगन शोभा पाएं।
ये मानवीय गुण है। आज हमने आंगन में लगाया तो अब
बालकनी में दस पन्द्रह गमलों में तरह-तरह के फूलों के
पौधे लगाएंगे । जब धूप होगी तो उस समय बालकनी में
एक मोटा चादर डाल देंगे । इससे यह फायदा होगा कि
तेज धूप से पौधे मुरझाएगे नहीं।

धीरे-धीरे कमरे में दो चार गमले में फूल लगा देंगे।
दूसरे पौधे भी आप लगा सकते हैं जो कि हरे दिखते हैं।
सेंटर टेबल पर आप मनी प्लांट लगा सकते हैं बड़े बोतल में
पानी भर कर । वो आक्सीजन देगा।

एक बात गौर फरमाने योग्य है कि हर व्यक्ति पर बारह
पौधे की जरुरत होती है स्वस्थ रहने हेतु और शुद्ध वायु
के लिए। ये डाक्टरी सलाह है।

यहां कहने का तात्पर्य यह है कि जब हमने बागवानी करने
की ठानी तो बगीचा लग गया आंगन में। खूबसूरत फूलों
का बगीचा किसे नहीं अच्छा लगता है। यानी कि जो भी
राहगीर गुजरेंगे उनके मन को प्रफुल्लित करेंगे।

हमें तो लाभ होगा ही परन्तु प्रर्यावरण संरक्षण होगा।
बागवानी का सीधा संबंध प्रकृति से है । जो प्रकृति को
बचाने में सहायक सिद्ध होता हैं। प्रकृति है तो हम हैं।
बागवानी करें और प्रकृति को बचाएं। फूलों से औषधि
बनती है। बगीचे में जो फूल हमने लगाए हैं वो कभी
हमारे आपके काम आ सकता है। फूल सौंदर्य का
खजाना है। बागवानी के लिए अलग समय निकालें और
फूलों की सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी करें। क्योंकि बेवजह
फूल टूटने से बगीचे की खूबसूरती नष्ट हो जाते हैं।
तो बग़ीचे की देखभाल स्वयं करें।


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