अनचाहा रिश्ता - (खुशखबरी_१) 20 Veena द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • क्या लड़की होना गुनाह है

    आज की कहानी उन सभी लड़कियों के लिए जो अपने परिवार के बीच होत...

  • Black Queen ( A Mysterious Girl )

    Rathore's club ( काल्पनिक नाम )यह एक बहुत बड़ा क्लब था ज...

  • Revenge Love - Part 1

    जय द्वारिकाधिश..जय श्री कृष्ण.. जय भोलेनाथ...... ॐ नमः शिवाय...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 48

    अब आगे थोड़ी देर बाद डॉक्टर का केबिनरूही और रुद्रा डॉक्टर के...

  • जिंदगी

    खुद के एहसासों को कुछ इस तरह बिखेरना चाहती हूमैं रहूं तुझमें...

श्रेणी
शेयर करे

अनचाहा रिश्ता - (खुशखबरी_१) 20

" देखो मुझे घूमा फिरा के बात करने की आदत नही है। इसिलिए सीधे बात करूंगा, मीरा के बारे मे क्या सोचते हो ? " मिस्टर पटेल ने स्वप्निल से पूछा। मीटिंग के बाद बात करने के लिए वो सिर्फ स्वप्निल को एक अलग केबिन मे ले गए। जहा उन्होंने वो काम शुरू किया जिसके लिए वो आज कंपनी आए थे।

" वो हार्ड वर्किंग है। जल्दी काम सीखती है। लेकिन अभी भी वो एक बॉस की पोजिशन के काबिल नही हैं अभी भी निर्णय दिल से लेती है, ना की फायदे के बारे मे सोच कर। क्या यही जानना चाहते है आप ?" स्वप्निल अभी भी एक संभ्रम मे था, के आखिर उसे यहां सब से अलग क्यो लाया गया है।

" में उसके प्रोफेशन की नही तुम्हारी पर्सनल फीलिंग की बात कर रहा हू ?" मि पटेल।

" मेरी पर्सनल फीलिंग ????? Ok।" स्वप्निल कुछ मिनिट सोच मे पड़ गया, ये किस तरह का सवाल है। " में समझ नही पा रहा हूं, मिस्टर पटेल। क्या आप खुल के बता सकते है। आप क्या जानना चाहते है?"

" क्या तुम मीरा को पसंद करते हो ? किसी खास तरीके से ? " मि पटेल ने अपनी बात साफ साफ कहना जरूरी समझा।

" नही जानता।" स्वप्निल।

" मतलब तुम इस बात से इन्कार नहीं कर रहे?" मि पटेल।

" जी। नही जानता के मीरा के लिए इतनी परवाह क्यो करता हु ? उसके साथ रहना पसंद है, पर प्यार है या नही कह नहीं सकता।" स्वप्निल को इस वक्त जो ठीक लगा उसने कहा।

" तुम्हारा मेरी बेटी से कही कोई मेल नहीं है, इस लिए पहली और आखरी चेतावनी समझ अपने दिल की भावनाएं वही रोक लो। क्यों की में तुम दोनो को कभी साथ नही रहने दूंगा। समझे।" इतना कह मि पटेल गुस्से से केबिन के बाहर चले गए। बिना किसी से मिले वो सीधे कार पार्किंग की ओर चले गए।

" अंकल। आपने क्या बात की?" अजय दौड़ते हुए वहा पोहोचा।

" कुछ खास नही बस इतना समझ लो मीरा अकेली नहीं है, जो बहक रही है। ये भी कुछ कम नहीं है, मुझे लगता है मीरा की प्रॉपर्टी के लिए उसे फसा रहा है।" मि पटेल।

" मुझे नहीं लगता वो ऐसा कुछ करेगा ? क्यों की वो मॉरल वाला इंसान है, उसे पैसों से प्यार नही है।" अजय की ये बात सुनते ही मि पटेल ने उसे कोहनी मारी।

" आखिर किस की तरफ हो तुम ? " मि पटेल।

" में आप ही की तरफ हू बस बता रहा था, की वजह कुछ और होगी ये नही हो सकती।" अजय।

" में जा रहा हूं, मीरा को वक्त पर घर छोड़ देना।" मि पटेल वहा से चले गए।


" क्या तूने सच मे उनसे ये कहा। ओह मन! U r फैंटास्टिक। मतलब कौन अपने होनेवाले ससुर से ऐसी बात करता है ?" स्वप्निल से केबिन मे हुई बातचीत के बारे मे जानने के बाद समीर ने कहा।

" क्या करता में। उन्होंने सीधे सवाल किया, जवाब देना जरूरी था। मुझे लगता है, मीरा ने कुछ कहा होगा उन्हे। उस से बात करनी चाहिए।" स्वप्निल।

मीरा के आने से पहले काम के लिए समीर वहा से कही चला गया। मीरा केबिन मे आई।

" आपने क्या बात की डैड से ? प्रोजेक्ट की कोई खास बात थी।" मीरा।

" हा। बोहोत ज्यादा जरूरी बात थी। में बस जानना चाहता था, कल पार्टी के बाद कुछ हुवा क्या ? सुबह तुम काफी डल लग रही थी।" स्वप्निल।

" आ ... वो। कल पार्टी के बाद वो दीदी वाले हादसे की वजह से मेरा डैड और अजय से थोड़ा झगड़ा हुआ था। और कुछ नही।" मीरा।

" क्या उस के बीच तुमने मेरे बारे मे उनसे कुछ कहा।" स्वप्निल।

" हा बस थोडासा।" मीरा।

" क्या ?" स्वप्निल।

" आपको वो क्यों जानना है ? कुछ कहा क्या डैड ने, मेरा मतलब आपसे कल के बारे मे बात की।" मीरा।

" नही। बात आज की थी, पर मुझे कल की पूरी बात जाननी है। इसलिए बताओ क्या बात कही तुमने मेरे बारे में ?" स्वप्निल।

" यही के आप मेरा ध्यान रखते है।" मीरा।

" सिर्फ इतना??????" स्वप्निल।

" बिल्कुल उस लड़के की तरह जैसा मेरे डैड मेरी शादी के लिए ढूंढ रहे है।" मीरा ने ये बात कहने के बाद स्वप्निल की ओर देखना तक जरूरी नही समझा।

ये बात सुनने के बाद स्वप्निल ने अपने सर पर हाथ मारा, इसके बाद मीरा के डैड कैसे उसे पसंद कर सकते है?????

" मुझे नहीं देखना कोई लड़का। इसलिए मैने बताया उन्हे।" मीरा।

" हमने कुछ तय किया था ना, की जब हमे पता होगा आगे क्या करना है तब बताएंगे तो ये क्यों ???" स्वप्निल।

" उस वक्त मुझे जो ठीक लगा मैने कहा, अब कुछ कर नही सकते सॉरी।" मीरा।

" हे शक्ल ऐसी क्यो बनाई है ? चेहरा उतरा हुआ लग रहा है। तबियत ठीक नहीं है क्या ?" स्वप्निल।

" पता नही। शायद कुछ गलत खा लिया होगा कल से उल्टी जैसा हो रहा है।" मीरा।

" चलो डॉक्टर के पास चलते है। इन दिनों तुम्हारी तबियत बिगड़ना हमारे ऑफिस के लिए ठीक नहीं। चलो चलते है।" स्वप्निल मीरा को लेकर डॉक्टर के पास जाता है।

" आप अंदर नहीं आएंगे?" मीरा।

" मेरा अंदर आना ठीक नही। तुम जा कर चेक अप करवा लो फिर में आता हु।" स्वप्निल।

" No ! प्लीज अभी चलिए मेरे साथ। मैने कभी भी अकेले डॉक्टर से चेक अप नही करवाया। डैड हमेशा साथ रहते है।" मीरा।

" ठीक है। चलो।" स्वप्निल उसके साथ अंदर पोहोच गया।

चेक अप करने के बाद डॉक्टर " मुझे लगता है, हमे प्रेग्नेंसी चेक अप करवा लेना चाहिए। कांग्रेटुलेशन। प्रेग्नेंसी के हाई चांसेस है।"

" What ??????" मीरा और स्वप्निल ने एक दूसरे की तरफ देखते हुए कहा।