Anchaha rishta - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

अनचाहा रिश्ता ( एडजस्टमेंट ) - 2

(अब तक आपने देखा स्वप्निल और मीरा दोनों के एक दूसरे के खिलाफ इस तरह मानो किसी धागे के दो अलग-अलग सीरे, दोनों का अलग-अलग स्वभाव होने के कारण दोनों में अब तक काम के अलावा और कोई बात मिली नहीं अब आगे )

मीरा को ऑफिस में काम करते हुए एक महीना होने को आया था। स्वप्निल ने उसे केबिन में बुलाया
स्वप्निल : क्या ये रिपोर्ट तुमने बनाई है ?
मीरा : बॉस प्रोजेक्ट तो मेरा है लेकिन रिपोर्ट्स बदल दिए गए है । मेरे बनाए रिपोर्ट अभी भी सर्वर पर सेव है में दिखाती हू।
स्वप्निल : पता था मुझे तुम घमंडी हो पर काम गलत नहीं करती ओर ये रिपोर्ट की स्टाइलिंग भी तुम्हारी नहीं है। सही कहा ना ?
मीरा : स्टाइलिंग वाली बात तो सही है । पर में घमंडी नहीं हू।
स्वप्निल : अभी ये जरूरी नहीं है जरूरी ये है कि तुमने रिपोर्ट किसे दी ? ओर हा तुम हो।
मीरा ने स्वप्निल को गुस्से भरी एक नजर से देखा, तभी सचिन सामने से स्वप्निल के केबिन में आता है
सचिन ५ सालो से स्वप्निल के साथ काम कर रहा है वो मीरा को प्रोजेक्ट में गाइडेंस प्रोवाइड करता है
सचिन : बॉस आपने याद किया ?
स्वप्निल : क्या तुमने रिपोर्ट चेक की थी ?
सचिन : हा बॉस की थी ओर पुराने स्टैण्डर्ड के हिसाब से बदल दी थी ।
स्वप्निल : इडियट अगर मुझे पुराने स्टैण्डर्ड के हिसाब से चाहिए होती तो तुमसे कहता ना की इसे । अब जाओ ओर सही रिपोर्ट की कॉपी बना के रखो यहां।
सचिन केबिन से चला जाता है , मीरा को पहले से ही स्वप्निल कुछ खास पसंद नहीं है ऊपर से उसका अपने employees से इस तरीके से बात करना उसे खटकता है
मीरा : खुद बात करने की तमीज नहीं है ओर मुझे घमंडी केहते है।
स्वप्निल : सुना मैंने तुमने अभी जो भी कहा अगर तुम्हे तुम्हारी तरफदारी समझ नहीं आती तो तुम घमंडी के साथ साथ मूर्ख भी हो।
मीरा : क्या ? आपने पहले मुझे घमंडी कहा ओर अब मूर्ख इसमें मेरी तरफदारी कहा थी?
स्वप्निल : मैने तुम्हारे लिए अपने पुराने स्टाफ को डाटा ये तुम्हारी तरफदारी थी ।
मीरा : करेक्शन बॉस आपने मेरे काम के लिए उसे डाटा उस काम के लिए जो आप के प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ था ये काम की तरफदारी हुई ना की मेरी।
स्वप्निल : तुम्हारा सलाह देने का वक्त खत्म होता है अब जाएं
मीरा गुस्से में बाहर चली जाती है, लंच के वक्त अजय उसे लेने आता है
अजय : है मीरा लंच करने चले ?
मीरा : नहीं मेरा मूड नहीं है मुझे काम करना है
अजय : है ये खाने का वक्त है ओर अगर मेरी छोटी सी प्रिंसेस खाना नहीं खाएगी तो में क्या मु दिखाऊंगा अपने अंकल को ?
मीरा : ए ए तू बोहोत फिल्में देखने लगा है ?
अजय : चल चलते चलते बताना क्या हुआ?
मीरा उसे सुबह स्वप्निल के साथ हुई बहस के बारे में बताती है
अजय : जाने दे ना में आज हू समीर सर से बात कर के तुझे हमारे प्रोजेक्ट पे ट्रांसफर कराता हूं ।
मीरा : नहीं में उन्हीं के साथ काम करूंगी ओर उन्हें दिखाऊंगी कौन घमंडी है।
मीरा खाना खा कर वापस काम करने चली जाती है पर अजय को अब भी उसकी फ़िक्र हो रही होती है वो बचपन से मीरा को पहचानता है लेकिन मीरा स्वप्निल की बातो से इतनी अफेक्ट क्यों हो रही है समझ नहीं पाता। उसी फ़िक्र में वो समीर से मीरा की ट्रांसफर की बात करता है पर समीर उसे समझा कर भेज देता है।
समीर स्वप्निल के केबिन में जाता है
समीर : है हाय ओर कैसा चल रहा है तेरा काम ???
स्वप्निल : हाय काम तो बिल्कुल ठीक ओर आप बताए इतने दिनों बाद याद आई?
समीर : यादे नहीं आप की तारीफे खींच लाई। सुन मीरा को १ मंथ कंप्लीट हो रहा है उसका रिव्यू जानना था । मेरे स्टाफ को वो काफी पसंद है क्यों ना उसे मेरे डिपार्टमेंट में ट्रांसफर कर दू?
स्वप्निल : ये नहीं हो सकता मैने उसे अपने हिसाब से ट्रेनिंग दी है ओर अब तू चाहता है उस तुझे सौप दू सॉरी।
समीर : क्या बात है ? ये वही आदमी है ना जिस ने इसी जगह १ महीने पहले एक लड़की को उस के डिपार्टमेंट में डालने की वजह से मुझ से झगडा किया।
स्वप्निल : जो बीत गई वो बात गई । जो सामने है वो सही है
तभी केबिन का दरवाजा खोल मीरा अंदर आती है ।
मीरा : बॉस आपके साइन चाहिए।
समीर : हाई मीरा तुम्हारी टाइमिंग काफी कमाल की है ।
स्वानिल समीर को कुछ गुस्से से घूरता है।
मीरा : सच में मेरे पा भी यही केह ते है के में उनकी जिंदगी में करेक्ट टाइमिंग में आयी।
समीर : मिस्टर पटेल तो गलत हो हि नहीं सकते पर शायद तुम किसी ओर की जिंदगी में भी सही वक़्त पर आयि हो
स्वप्निल : ज्यादा फुरसत हो तुम्हारे पास तो ओर ३-४ प्रोजेक्ट दे दू वो भी वक़्त पर पूरे कर देना
मीरा स्वप्निल को एक गुस्से से भरी मुस्कुराहट दे कर चली जाती है ।
समीर : स्वप्निल तुझे अब पता चला वो मुझे सिर ओर तुझे बॉस क्यों बुलाती है???
स्वप्निल : जस्ट शट अप यार । फीड बैक लेने आया था मिल गया अब मुझे काम है।
समीर : तू नहीं जानना चाहता कि मुझे आज फीड बैंक की क्यों सूझी तो ठीक है । चलता हू।
स्वप्निल : बता क्या बात है ??
समीर : क्या तुझे मीरा के बॉयफ्रेंड के बारे में कुछ पता है?
स्वप्निल : कोई पागल ही होगा ? या फिर वो जो उस के बाप का पैसा देख उस से एडजस्टमेंट करेगा। ओर वैसे भी में अपने कलीग के परसनल अफेयर्स पर ध्यान नहीं देता।
समीर : नहीं देता । तो फिर ठीक है । मुझे लगा तुझे ऑफिस अफेयर्स पसंद नहीं।
स्वनिल : तेरा मतलब जो लड़का उस का बॉयफ्रेंड है वो हमारे ऑफिस में काम करता है???
समीर : हा मेरे डिपार्टमेंट का अजय सिंग
स्वप्निल : मुझे नहीं लगता सिर्फ दोस्त होंगे वो सिंग ये पटेल कैसे हो सकता है??? नहीं ऐसा कुछ नहीं है।
समीर : कुछ ना ही हो तो अच्छा है। लेकिन कुछ हुआ तो ??????

(स्वप्निल समझ नहीं पा रहा कि समीर की इस बात से उस को फर्क क्यों पड़ रहा है शायद इस लिए क्यों की उस के हिसाब से मीरा एक बेवकूफ लड़की है जिसे रिश्तों की ओर जमाने की समझ नहीं। या फिर बात कुछ और थी ???? आखिर उसे ओरो से ज्यादा इसकी फ़िक्र क्यों थी)


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