अनचाहा रिश्ता ( मिसअंडरस्टैंडिंग) - 3 Veena द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अनचाहा रिश्ता ( मिसअंडरस्टैंडिंग) - 3

( अब तक आपने पढ़ा कि समीर की कही बाते स्वप्निल को मीरा की तरफ अलग नज़रिए से देखने के लिए मजबूत कर रही थी। अब आगे )

अगले ही दिन सुबह सुबह फिर एक घटना हुई। कंपनी के पार्किंग में एक तरफ स्वप्निल अपनी कार से बाहर निकल रहा था ओर दूसरी तरफ मीरा अजय के साथ बाइक पर थी। स्वप्निल ने एक गुस्सेभरी नजर से देखा और कुछ कहे बिना वहा से बाहर चला गया। मीरा औेर अजय ने आशचर्य भरी नजरो से एक दुसरे को देखा। स्वप्निल वहा से सीधा अपने केबिन में जाकर समीर के आने की राह देखने लगता है।

स्वप्निल : आज ही लेट आना था क्या ???
समीर : तुझे सच में सीखने की जरूरत है । सुबह सुबह गुड मॉर्निंग केहते है न कि वो जो तुमने अभी अभी कहा ?
स्वप्निल : मॉर्निंग गुड तब होगी जब मॉर्निंग में कुछ अच्छा हो? आज की मॉर्निंग कुछ ज्यादा ही खराब है।
समीर : क्या हुआ ? सुबह सुबह ऐसे मूड में क्यों है ???
स्वप्निल : मैंने सुबह में उन दोनों को देखा ! साथ में।
समीर : किन दोनों को ???
स्वप्निल : अरे मीरा औेर अजय ।
समीर : ओ ! तो मीरा अवेलेबल नहीं है इस लिए तुझे बुरा लग रहा है। हा हा हा ।।।।।
स्वप्निल : जस्ट शट अप। मुझे ऑफिस में ऐसी चीजे बिल्कुल पसंद नहीं इस लिए तू अभी मीरा को यहां बुलाएगा ओर इस चीज का एक्सप्लिनेशन पूछेगा ।
समीर :अच्छा ओर ये में क्यों करू मुझे एक व्यलिड रीजंन दे?
स्वप्निल : क्यों की अजय तेरे डिपाटमेंट से है । तो तू अपने कलीग के लिए जिम्मेदार है।
समीर : उस हिसाब से तो मुझे अजय से बात करनी चाहिए ना की मीरा से?
स्वप्निल : में मीरा पे ज्यादा भरोसा करता हू इसलिए तू मीरा से बात करेगा । हा तूने ही तो मीरा को मेरे डिपाटमेंट में डाला मतलब मीरा तेरी भी जिम्मेदारी है। अब चुप रेह में उसे बुलाता हू।
स्वप्निल अपने फोन से नंबर लगा कर मीरा को अंदर बुलाता है। मीरा हमेशा की तरह बिना नॉक किए अंदर आती है।
स्वप्निल : तुम्हे कितनी बार एक ही बात समझानी पड़ेगी।
नॉक कर के किसी के भी केबिन में जाओ।
मीरा : अरे पर आपने ही तो फोन कर के बुलाया ओर दरवाजा भी खुला हुआ था तो आ गई।
स्वप्निल : दरवाजा खुला हुआ था इसका ये मतलब नहीं होता के में बिजी नहीं हू समझी हमेशा नॉक करो ओर मैंने नहीं समीर ने तुम्हे बुलाया था।
( मीरा वापस जाने को मुड़ने लगती है।)
अब कहा जा रही हो उसकी बात तो सुनो?
मीरा : आप चिल्ला क्यों रहे है ? में अब नॉक करने जा रही हूं ।
समीर : मीरा इट इज ओके अब इसकी कोई जरूरत नहीं अगली बार याद रखना ठीक है।
मीरा : ओके सर
वापस जाने लगती है। स्वप्निल समीर को इशरोइशरो में उसे रोकने की सलाह देता है।
समीर : मीरा वेट।
मीरा : येस सर।
समीर : A a a मैंने ऑफिस में अभी एक बात सुनी बस सोचा तुमसे पूछ लू सच के बारे में । मुझे यकीन है तुम्हे मुझे सच बताने में कोई तकलीफ नहीं होगी। जो भी बात हो तुम बिना किसी डर ओर झिझक के कह देना। ठीक है।

ये कह कर समीर स्वप्निल की तरफ देखता है।

मीरा : जी सर । पूछिए में इस कमरे में किसी से नहीं डरती?

ये कह मीरा भी स्वप्निल की तरफ देखती है । दोनों की सारी बाते सुनने के बावजूद स्वप्निल ना सुनने का नाटक कर अपना काम कर रहा होता है।

समीर : तुम ऑफिस में किसी को यहां ज्वॉइन होने से पहले से जानती हो?
मीरा : हा। अजय सिंह मेरा बचपन का दोस्त है।
समीर : दोस्त के अलावा ? और कुछ ?
मीरा : दोस्त । दोस्त के अलावा वो बोहोत अच्छा लड़का है। ओर वो गाता भी अच्छा है। हा खाना भी बोहोत अच्छा बनाता है। बस गाड़ी थोड़ी तेज चलाता है।
समीर : इन सब बातो के अलावा?
मीरा : अलावा ? मतलब ?
समीर : ये अलावा का मतलब पूछ रही है आप समझाने में मदत करना चाहेंगे?
स्वप्निल (काफी शान्त आवाज में) : मीरा । समीर सर ये जानना चाहते है कि कहीं अजय तुमसे प्यार तो नहीं करता?
मीरा : अजय मुझसे प्यार करता है।
स्वप्निल : हा aaaaaaaaaaa । अजय तुमसे प्यार करता है???
मीरा : पर वो ऐसा नहीं कर सकता । में क्या कहूंगि आरती से । में अपने दोस्त को संभाल नहीं सकी । ओर उसी की जिंदगी में एक दूसरी औरत बन के जा रही हूं ।

इतना कह कर मीरा रोने लगती है।

स्वप्निल ओर समीर एक दूसरे के तरफ देखते है : दूसरी औरत।
समीर : मीरा प्लीज हमारी बात का ग़लत मतलब मत निकालो । मी......
स्वप्निल : एक मिनिट । ये आरती कौन है??
मीरा : आरती अजय की मंगेतर है। दोनों शादी करने वाले है।
स्वप्निल (चैन से सास लेते हुए) : तो तुम क्यों रो रही हो?
मीरा : अजय अब आरती से प्यार नहीं करता ना इसलिए।सारे मर्द ऐसे ही होते हैं । धोखेबाज। मैंने बोहोत मूवीज में देखा है।
स्वप्निल : जस्ट शट अप। अजय आरती से प्यार नहीं करता ये उसने तुमसे कहा?
मीरा : नहीं । आपने कहा।
स्वप्निल : ये क्या मजाक है। मैंने कब कहा ये?
मीरा (फिर रोते हुए): अभी कुछ देर पहले आपने ही तो कहा अजय मुझसे प्यार करता है। इसका तो यही मतलब हुआ ना कि वो आरती से प्यार नहीं करता।
स्वप्निल : मैंने सवाल पूछा था । क्या अजय तुमसे प्यार करता है??? ना कि तुम्हे ये बताया ।
मीरा : मतलब ?
स्वप्निल : मतलब ये हमे नहीं पता कौन यहां किस से प्यार करता है ? तुम हमे बताओ क्या कोई तुमसे वो बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड वाला प्यार करता है?
समीर : स्वप्निल मुझे लगता है अब तू अपनी लिमिट्स भूल रहा है । ये तेरे साथ काम करती है तू इसका मालिक नहीं है। इसलिए......
मीरा रोना बंद करती है ओर बीच में बोलती है।
मीरा : अच्छा। तो आपको गॉसिप जाननी है ऑफिस की। आपने तो मुझे डरा दिया ।
( अपना चेहरा मोबाइल कैमरे में देख कर ठीक करने लगती है)
स्वप्निल धीमी आवाज में समीर से केहता है : देखा थोड़ी देर पहले ऐसे रो रही थीं मानो नजाने में कैसे जुल्म करता हूं अब देखो उसको अपने मेक अप की पड़ी है । मैंने कहा था ना इसे सेहना आम इंसान के बस की बात नहीं।
दोनों फिर से मीरा कि तरफ देखते है।
मीरा: सॉरी मै बस देख रही थी।
स्वप्निल : कोई नहीं हो जाए तो मेरे सवालों का जवाब दे देना।
मीरा: हा मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। वो मेरे डैड की वजह से कोई मेरे खास करीब नहीं आता है।
समीर : अच्छा वो क्यों?
मीरा : वो स्कूल में एक लड़के ने ६ क्लास में मेरी पेनसिल पे अपना नाम लिख कर मुझे प्रपोज करने की कोशिश की थी ।
समीर : फिर क्या हुआ?
मीरा : पता नहीं उस दिन बाद किसी ने उसे या उसकी फैमिली को नहीं देखा। स्कूल में अफ़वा फैल गई के मेरे डैड है इस के पीछे । उस के बाद किसी ने मेरा पीछा नहीं किया।
समीर : ओ मिस्टर पटेल इस ए वेरी वेरी गुड फादर।
स्वप्निल : अपनी लव स्टोरी सुना दी हो तो जाकर थोड़ा काम करलो आज एक मीटिंग है। जल्दी जाओ।
मीरा: पर आप को ओर नहीं जानना ऑफिस के अफेयर्स के बारे में। अब तक तो मैंने आपको आरती की फोटो तक नहीं दिखाई।
स्वप्निल : नहीं देखनी । जब शादी होगी देख लेंगे अब तुम जाओ तुम ने कहा हम ने सुना अब इस बात को यही रोक दो जाओ।
मीरा केबिन से चली जाती है। समीर जोरों से हसने लगता है।
स्वप्निल : इस में हसने वाली क्या बात है।
समीर : सुना नहीं उसका पीछा करने वालो का क्या हाल होता है । ओर तू उस से इस तरीके से बात करता है । थोड़ी तमीज रख।
स्वप्निल : बकियोके हिसाब से तो में उस से बोहोत अच्छे तरीक़े से बात करता हूं । समझा। ओर रही उस के डैड की बात तो में उन्हें संभाल लूंगा। अब तू जा।

समीर हसते हुए वहा से निकल जाता है। स्वप्निल को काफी रिलैक्स महसूस होता है। ऑफिस का पूरा दिन काम ओर मीटिंग्स में निकल जाता है। शाम को मीरा ७ बजे के करीब एक मखमली साड़ी पहन कर बाथरूम से बाहर आती है।
लिफ्ट के एंट्री पर उसे स्वप्निल मिलता है। कुछ सैकंड वो उसे देखने में खो जाता है। गोरा रंग, परफेक्ट बॉडी और उस पर लाल रंग की साड़ी किसी हुर से कम नहीं हैं मीरा। वो समझ नहीं पाती कि स्वप्निल उसे क्यों देख रहा है।

मीरा : बॉस आप कुछ भूल गए क्या???
स्वप्निल (होश में आता है): नहीं। नहीं तो। मैं तुम्हे देख कर शॉक हू ! आज अलग लग रही हो। ( उसे खूबसूरत कहना था पर वो कह नहीं पाया)
मीरा: अलग मतलब ??? कुछ गडबड है क्या में अच्छी नहीं लग रही हू????? क्या मेरा मेक अप ठीक नहीं है।
स्वप्निल : मेरा मतलब अच्छी तरह अलग याने अच्छी लग रही हो । खूबसूरत।
मीरा : हा वो तो में हू । वैसे आप भी सूट में अच्छे लग रहे है। कहीं शादी में जा रहे है?
स्वप्निल : हा जा रहा हूं। वैसे तारीफ के लिए शुक्रिया।
मीरा : में भी शादी में जा रही हू मेरी फ्रेंड की शादी है। हम सब सहेलियां साड़ी पहन कर जा रही है। ओर
स्वप्निल : ओर लिफ्ट आ गई है । मुझे लेट हो रहा है। तुम्हे आना है?
मीरा : हा आना है।

दोनों लिफ्ट से नीचे आते है। मीरा बार बार मोबाइल देख रही होती है।

स्वप्निल : क्या हुआ? तुम्हारा दोस्त तुम्हारे लिए नहीं रुका?
मीरा : नो वो तो वेट करने वाला था मैंने उसे भेज दिया आरती को पिक करने बाइक पे ३ लोग बैठ नहीं सकते ४ व्हीलर लेने जाता तो लेट होता। में टैक्सी का इंतेज़ार कर रही हूं।
स्वप्निल : में छोड़ दू तुम्हे?
मीरा : नो नो आप को लेट होगा ? आप जा सकते है। में मैनेज कर लुंगी।
स्वप्निल : इट इज ओके । चिंता मत करो। चलो भी अब रात में तैयार हो कर यहां खड़े रेहना भी खतरे से खाली नहीं है ????

मीरा स्वप्निल के साथ चली जाती हैं। स्वप्निल कार स्टार्ट करता है ।

स्वप्निल : कहा जाना है तुम्हे ? बताओ।
मीरा : पायोनियर हॉल बांद्रा।
स्वप्निल : अजीब है।
मीरा : अब आपको हॉल के नाम से भी प्रॉब्लम है। आप सच में एक परेशान इंसान है।
स्वप्निल : मेरा मतलब था वो हॉल मेरे भाई ने बुक किया है जिस की आज शादी है। तो वो हॉल तुम्हारी फ्रेड कैसे बुक कर सकती है?
मीरा : ओ लेकिन अगर वो दोनो एक ही हॉल में शादी कर रहे होंगे तो ? वाउ फिर तो आप मुझे रात को भी छोड़ने आ सकते है। ग्रेट।
स्वप्निल ( खासते हुए): तुम्हारी उम्मीदे बोहोत तेजी से बढ़ती है।

इतने में स्वप्निल के मोबाइल पर समीर का कॉल आता है।स्वप्निल मीरा को फोन उठाने का इशारा करता है। वो मीरा को आगे कुछ कहे उस से पहले ही मीरा फोन उठा के अपने कानो में लगा लेती है।

मीरा: हैलो सर मीरा बात कर रही हूं। बॉस अभी कार चला रहे है। आप को कोई मेसेज देना हो तो मुझे दे सकते है।
समीर : हा कुछ कहना तो था पर अब में भूल गया । उस से कहना फ़्री होने के बाद मुझे कॉल करे । थैंक्स। एन्जॉय युर् इवनिंग। Bye
मीरा : Bye। बॉस सर ने कहा वो भूल गए क्यों कॉल किया था ओर आप फ़्री होकर उन्हें कॉल करिए।
स्वप्निल : तुमने फोन उठा कर स्पीकर पर क्यों नहीं किया?
तुम्हे अंदाजा भी है तुम्हारी वजह से मुझे कल कितना सुनना पड़ेगा कितने जवाब देने होंगे????
मीरा : आप हमेशा मुझे क्यों डाटते है ? कार चलाते वक्त फोन पर बात करना नियम के खिलाफ है। मैंने आप को नियम तोड़ने से बचाया। आप हम दोनों की जान खतरे में डाल देते। अच्छा लगता आप को आप की वजह से एक खूबसूरत लड़की को चोट लगती तो ???
स्वप्निल (उसे देखता है, उस के पास जाता है ओर उसके कानो में कहता है) : तुम्हे पता है तुम सब से ज्यादा खूबसूरत कब लगती हो?
मीरा : नहीं।
स्वप्निल : जब तुम अपना मुंह बंद रख के चुपचाप बैठती हो।
इतना कह कर स्वप्निल कार से बाहर रास्ते पर नजरें लगा लेता है। मीरा गुस्से के मारे पूरे सफर में चुप चाप उसे घूरती रहती है।

( दो लोग एक दूसरे से बिल्कुल अलग दोनो ही अनोखे। एक ने अब तक दुनिया देखी भी नहीं तो दूसरा इस दुनिया को जितना चाहता है। अपने सपनों के साथ अपनी खुबियोको संभालते हुए क्या ये दोनों एक दुसरे के हो पाएंगे? या जो पहले अधूरे थे फिर अधूरे रह जाएंगे????)