नागिन - का पाचवा अध्याय Datta Jaunjat द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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नागिन - का पाचवा अध्याय

ये काहाणी सो साल पुराणी हे एक टेकडी पे मूजूत मंदिर से शुरू होगा नागिन का पाचवा अध्याय मंदिर मे आरती चालू थी तब शिव के चरणो से एक नागिन आती है और वो तांडव करती है तब शिव आते है और बोलते है आप सबकी क्या समस्या हे तब सब बोलते है हमे बचाओ वो दानव फिरसे आगया हे तब शिव बोलते है मे इस नागिन को महानागराणी का वरदान देता हु और वो आप सब कि रक्षा करेगी तब सब उसे उसका नाम पुछते हे तब वो बोलती हे मेरा नाम रुही हे तब सब चले जाते हे तब रुही उस दानव के पास जाती हे तब वो बोलती हे ए दानव मे तुम्हे मारडालूगी तब उनमे बोहत लढाई होती हे तब एक लडका उस रुही को देखता हे तब उसे प्यार हो जाता है तब रुही उस दानव को मार देती है तब वो लडका आता हे और बोलता हे मैं तुमसे बोहत प्यार करता हो तब रुही बोलती हे मुझे माफ करदो मे तुमसे प्यार नही कर सकती तब वो बोलता हे क्यो तब रुही बोलती हे मुझे एक रक्षा कि नागिन ‌‌‌‌‌‌‌‌‌बनाया हे तब वो बोलती हे तुम्हारा नाम क्या है वो बोलता हे मेरा नाम विक्रम हे तब दोनो शादी करलेते हे तब रुही सब भोल जाती हे तब शिवजी उसे श्राप देते हे कि सो साल बाद तुम नागिन बन पावोगी तब विक्रम रुही को मार देता हे तब रुही बोलती हे क्यो तब शिव आते है और बोलते है इस नागिन का पुनर्जन्म होगा लेकिन इस काहाणी को वापस लाए गी वो नागिन जो करेगी इस काहाणी को पुरा सो साल बाद एक लडकी शिवमंदिर मे होती हे और बोलती हे शिवजी मुझे पास करदो तब उसकी दोस्त बोलती हे तुम पास हो गइ हो तब बोहत बारीश गिरती हे तब कोइ तो उस लडकी को किडन्याप करलेता हे तब वो लडके उसे छेडते तब बोहत हवा चलती है तब शिव आते है और बोलते है मै तुम्हे वरदान देता हु तुम भी एक नागिन हो तब वो लडकी बोलती हे मुझे नया चेहरा चाहिए तब उसे नया चेहरा मिलता हे तब वो घर जाती हे तब उसकी मा बोलती हे निशा तुमे क्या होवा तब निशा बोलती हे कि मे एक नागिन हो और मेरा चेहरा बदल गया है तब निशा की मा बोलती हे मेने तुम्हारे लिए लडका देखा हे तब निशा बोलती हे वो लडका कोण हे तब उसकी मा बोलती हे उसका नाम विक्रम हे तब निशा जाती हे तब उसके सबी कातील वाहा होते हे तब निशा विक्रम से शादी करलेती हे शादी के दुसरे दिन रात को बोहत जोरसे आवाज आती है तब निशा देखणे जाती हे तब विक्रम आता हे और बोलता हे वाहा मत जावो तब दोनो कमरे मे जाते हे तब सुबह विक्रम के भाइ आते है राहुल,सागर,रोहन, विनोद तब वो सब बोलते है चलो घुमणे जाते हे तब निशा बोलती हे चलो तब सबको मार डालुगी तब वो एक रहस्य मय मंदिर मे जाते हे वाहा निशा राहुल और सागर को मार देती है तब सब आते है और बोलते है इने किसणे मारा तब विक्रम की मा बोलती हे पास मे काली मा का मंदिर हे वही हमे पता चलेगा तब सब चले जाते हे तब मंदिर मे एक औरत बोलती हे इन लडको को एक नागिन ने मारा हे तब विक्रम की मा बोलती हे तो वोस नागिन को कैसे पकडे तब वो औरत बोहत तपस्या करती है तब आती है काली मा और वो ‌‌‌उस नागिन को मारणे जाती हे तब निशा
बोलती हे मा शांत हो जावो तब काली बोलती हे तुने मेरे भकतो को तुने मारा हे तब निशा बोलती हे लेकिन मेने इसलिए मारा कि उन्होंने मुझे मारा था और मे कभी निर्दोष कि जान नही लेती तब काली मा चली जाती हे तब निशा बोलती हे अब रोहन और विनोद तब निशा उन्हे शिवमंदिर ले जाती है और उन्हे मारडालती हे तब निशा बोलती हे ये आवाज कैसी तब निशा उन दोनो को खाइ मे फेक देती है तब वो देखती हे तो क्या वाहा एक तसबीर थी तब वो बोलती हे ये नागिन कोण हे तब बोहत हवा चलती है और बिजली गिरती हे तब आता हे विक्रम और बोलता हे निशा तुम आज नही बचोगी जैसे मेने रुही को मार दिया था तब वो निशा को मारता हे तब निशा बोलती हे तुम और तुम्हा रे मा बाबा भी थे तब वो बोलती हे तुमणे हमारे नागराणी को मारा था लेकिन वो वापस आएगी तब निशा उन्हे एक पिंजरे मे केद करती है तब वो तांडव करती है तब वो पिंजरा तुट जाता है तब विक्रम निशा को मारता हे तब सफेरे आते है तब बोहत हवा चलती है और बोहत बारीश गिरती हे और बिजलिया गिरती हे तब शिव के चरणो से दो नाग आते है और तब आती है एक नागिन वो नागिन रुही होती हे तब सफेरा बीन बजाता हे तब रुही बोलती हे मे सबको मार डालुगी तब रुही सब सफेरे को मार देती है तब वो निशा को उठाती हे तब शिव आते है और बोलते है रुही मे तुम्हे श्राप मुक्त करदेता हो तब निशा विक्रम के मा बाबा को मार देती है तब रुही बोलती हे मेने तुमसे बोहत प्यार किया लेकिन तुमणे धोका दिया तब रुही और निशा विक्रम को मार देती है तब निशा बोलती हे तो चलो मे चलती हो तब रुही बोलती हे कि तुम एक आत्मा थी तब निशा चली जाती हे तब पिछेसे रुही कोई तो मार देता हे तब रुही बोलती हे तुम मे दोबरा वापस जरुर आउंगी याहा काहाणी का अंत होवा लेकिन रुही को किसणे मारा The End 🐍🐍🐍