नौकरानी की बेटी - भाग 5 RACHNA ROY द्वारा मानवीय विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

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नौकरानी की बेटी - भाग 5

नौकरानी की बेटी भाग चार में पढ़ा था कि आनंदी हवाई जहाज में सवार होकर उड़ान भरने को तैयार थी और अब आगे।।।


रीतू बोली आनंदी पहले अपना फोन को एयरप्लेन मोड़ पर रखना होगा, सीट बेल्ट लगा लो और हां अगर कुछ भी जरूरत हो तो एयर होस्टेस को बेल बजा कर बोलोगी, और ये देखो ऊपर लगे दो बेल एक एसी को कंट्रोल करने के लिए है और दूसरी एयरहोस्टेस को बुलाने के लिए।
आनंदी बोली अरे वाह दीदी ये तो बहुत अच्छा है, क्या मैं अभी ट्राई करूं? आनंदी ने बेल बजा कर रुक गई।
तभी एक लड़की आकर बोली हेलो आई एम राधिका, मे आई हेल्प यू? आनंदी देख कर दंग रह गई और बोली टू बोटल प्लीज़, राधिका बोली ओके। रीतू बोली देखा ना। आनंदी बोली हां दीदी, अच्छा दीदी हमलोग कब पहुंचेंगे लंदन? रीतू बोली नौ घंटे तक।
कुछ देर बाद सबको लंच बॉक्स दिया गया।

आनंदी बोली अरे वाह दीदी क्या बात है? रीतू बोली हां लंच कर लेते हैं बहुत भुख लगी है फिर दोनों लंच बॉक्स खोल कर देखा तो उसमें चिकन बिरयानी और सलाद था और साथ में जूस भी था। खाना खा कर थोड़ी देर तक रिलेक्स करने लगी।

उधर राजू के घर में कृष्णा वाई खाना बना कर टेबल में रख दिया।अनु और राजू खाना खाने बैठ गए और कृष्णा बोली मैं जाती हूं मैम।
अनु बोली ठीक है शाम को आ जाना और खाना लेकर जा। कृष्णा बोली हां अब मेरे लिए ही लिया खाना ।। कृष्णा चली गई अपने सुने मन के साथ।।घर पहुंच कर भी बार बार आनंदी का ख्याल आ रहा था। किसी तरह से उसने थोड़ा सा खाया और सो गई।

हवाई जहाज में आनंदी भी सोच रही थी कि मां घर पहुंच गई होगी और पता नहीं अकेले क्या कर रही होगी।
फिर हवाई जहाज में कई तरह के अनाउंसमेंट होने लगे।
रीतू आनंदी को सब कुछ समझा रही थी। आनंदी बोली दीदी बहुत लोकप्रिय लग रहा है। रीतू बोली हां पर थोड़ा लम्बा सफर है ना उतरने से पहले कुछ बातें ध्यान रखेंगे हम।
आनंदी उत्सुकता से पूछा क्या बात दीदी। रीतू बोली देखो जैसे लैडिंग के कुछ समय पहले सीट से उठकर पैरों को आराम देंगे, फोन को एयर प्लेन मोड़ से हटा लेंगे। और फिर उतरने से पहले ही इंस्ट्रक्शन की जांच कर लेंगे।

आनंदी सब सुन कर बोली अच्छा ठीक है दीदी,हम भी करेंगे ऐसा।
फिर धीरे धीरे समय बितने लगा
आनंदी को हवाई जहाज का यात्रा अच्छा लग रहा था। अब उसका सपना अब सच होने वाला है।
रीतू बोली आनंदी अब हमें शाम का नाश्ता मिलेगा।
फिर कुछ देर बाद ही नाश्ता, चाय आ गया। आनंदी और रीतू ने नाश्ता शुरू किया, सैंडविच और चाय मिलकर खाने लगे।

रीतू बोली आनंदी हम रात तक लंदन पहुंच जायेंगे। आनंदी बोली अच्छा ठीक है।
एयरहोस्टेस आकर सारी निर्देश देने लगी।
क्या क्या जरूरत है ये सब बताने लगी।


राजू के घर शाम को कृष्णा काम करने आ गई और जल्दी- जल्दी काम करने लगी । चाय नाश्ता बना कर टेबल पर रख दिया।
अनु बोली कि रात के खाने में दाल मखानी और कलोंजी बना दे।

कुछ देर बाद अमर भी घर पहुंच गए और बोले कि रीतू के जाने के बाद घर खाली हो गया।
राजू बोला पापा दीदी कब तक लंदन पहुंच जाएगी?
अमर बोले कि नौ घंटे का सफर है। रात तक पहुंच जाएगी। यहां पर जब रात के८ बजेगा तो लंदन में २.३०पीएम होगा। राजू बोला हां ऐसा ही होता है।


उधर हवाई जहाज में नाश्ता करने के बाद आनंदी बोली, दीदी आप मुझे लंदन में घुमाओगी। रीतू बोली हां आनंदी जरूर।

फिर रात हो गई तो सबको डिनर सर्व किया गया। आनंदी बोली दीदी डिनर में तो पेपर चिकन बिरयानी है। रीतू बोली हां गुड़िया तुझे तो बहुत पसंद हैं।
फिर दोनों ने खाना खाया और फिर आंख बन्द कर के रिलेक्स करने लगी।

फिर देखते देखते लेंडिंग का समय हो गया और दोनों बैंग लेकर बैठ गए। फिर सभी यात्री धीरे धीरे एयर बस पर सवार हो गए।
आनंदी को ये सब कुछ एक सपना सा लग रहा था।

लंदन के सर्टेन स्टेड हवाई अड्डे पर आनंदी इधर उधर देखने लगी उसके लिए सब कुछ एकदम नया था।

रीतू ने जल्दी अपना और आनंदी का बैगेज के लिए इन्तजार करने लगी।
उसके बाद रीतू ने फोन पर ही उबर कैब को बुलवाया।

रीतू ने आनंदी को दिखाया की यहां पर मुद्रा बदलने वाला ए टीम भी है। जहां पर सुरक्षा जांच से पहले और बाद में एंटी एम मौजूद है। जहां से जी बी पी यूरो और अमेरिकी डॉलर निकाले जा सकते हैं। रीतू एटीएम से पैसे निकाले और फिर बाहर की तरफ दोनों निकल गए।

आनंदी बाहर आ कर एकदम खुश हो गई। वाह ये लंदन हैं। फिर कुछ देर बाद ही उबर कैब आ गया और लगेज डिक्की में रख दिया और

आनंदी और रीतू दोनों गाड़ी में बैठ गए। रीतू ने पहले ही ड्राईवर को अपने घर का पता दे दिया था।
बस फिर क्या था गाड़ी चालक गाड़ी स्टार्ट कर दिया और गाड़ी निकल पड़ी।

आनंदी ने खिड़की से बाहर झांकने लगी तो देखा कि गाड़ियों की कतार लगी हुई थी रंग बिरंगी गाड़ी दिख रही थी,लग ही नहीं रहा था कि रात के ३बज रहे थे।

रीतू ने घर में फोन करके गाड़ी में बैठने की बात बता दिया।
फिर रीतू आनंदी को एक, एक जगह की जानकारी देने लगी।
आनंदी भी बड़ी उत्सुकता से सुन रही थी।

रीतू ने कहा ये देखो लंदन में चार विश्व धरोहर स्थल,ये है किऊ गाडन बहुत ही खूबसूरत है ये।
आनंदी भी सब देख रही थी।
रीतू बोली अब देखो पिकैडिली सर्कस बहुत ही खूबसूरत है ये भी। अब आगे आयेगा टावर ब्रिज, मैं तुम्हें सब घुमा दुंगी।
आनंदी बोली हां दीदी ठीक है।
बस कुछ घंटों में ही रीतू अपने अपार्टमेंट तक पहुंच गई और उसने आनंदी को भी दिखाया अपना अपार्टमेंट।
आनंदी तो देखती रह गई ये ऊंची इमारतें, सुन्दर सा बागीचा स्विमिंग पुल ,सब देख रही थी।
फिर रीतू ने कैब ड्राइवर को पैसे देकर विदा किया और फिर अपने ब्लॉक ए की तरफ़ जाने लगी।

फिर सर सर करता हुआ लिफ्ट आ गया और लिफ्ट मे रीतू और आनंदी चढ़ गए। आनंदी ने देखा लिफ्ट में बड़े बड़े शीशा लगे हुए हैं चारों ओर। आनंदी को बहुत ही अच्छा लगा। फिर लिफ्ट २४माले पर लिफ्ट रूक गई। रीतू और आनंदी लिफ्ट से बाहर निकल गए और लगेज भी ले लिया।
आनंदी बोली दीदी आप कितनी खूबसूरत जगह में रहती हो,सपनों का शहर है ये। रीतू मुस्कराई।

रीतू बोली देख ये है हमारा फैल्ट नवंबर देख३०९, फिर रीतू ने पर्स में से चाबी का गुच्छा निकाल कर दरवाजा खोला।

आनंदी अन्दर पहुंच कर देखती रह गई। वाह क्या घर है बहुत ही खूबसूरत।
रीतू लगेज रख कर बोली अच्छा चल अभी फैश होकर सो जाते हैं तभी थकान दूर होगी। फिर दोनों फैश हो कर सो जाते हैं।

क्रमशः।।