दो पल (love is blind) - 2 ભૂપેન પટેલ અજ્ઞાત द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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दो पल (love is blind) - 2


फिर से मीरा अपनी यादों में खोने लगती है।

" पढ़ सके तो पढ़ लो,
मेरे दिलकी दास्तान को....।"

मिली किसी बुक से एक लाइन पढ़ती है।इतने में मीरा का ध्यान उसी ओर जाता है और चिल्ला के कहती है.....
" Wow, nice line. ये कौनसी बुक है, मिली? "
" कुछ तो था" बिगड़े हुए मुंह से कहती है।

" ज़रा मुझे दिखाना....।" मीरा से किताब लेती है।

" कुछ तो था ( उपन्यास है)..... गुरु की लिखी हुई है। पर ए गुरु कौन है? ( अपने आप ही) जो भी हो, पर इस किताब को पढ़ना चाहिए।" मिराने मुस्कुराकर कहा।

मिली - " मुझे तो ये पहली लाइन ही बोरिंग लगती है।पता नहीं कैसे तुझे अच्छी लगी!"

मीरा - " तेरी समझ से बाहर है ये सब, तू नहीं समझ पाएगी।" चहरा बनाते हुए कहा।

मिली मीरा को धक्का लगाते हुए..... " चल हट, समजनेवाली बच्ची.....।"

धक्का लगने से मीरा दीवाल से टकराती है।
" ओई मां..... क्या करती है तू ,यार? मार डालेगी क्या ?" मुख पर नाजुक भाव बनाती है। फिर मिली गला दबाकर कहती है।
" तेन्नु मार कर ही छोड़ूंगी। हा... हा.... हा..... हा." रावण के भाती अट हास्य करती है।

" गला छोड़ यार , सच में मर जाऊंगी। अगर में मर गई तो तेरा ही खून चुसलुंगी। चुड़ैल बनकर डराऊंगी।" - मीरा

मिली - " ऐसे भी , तू चुड़ैल ही है। मेरा खून तो चूसती रहती है।"

लायब्रेरियन साइलेंट रहने को कहता है। दोनों किताब लेकर गार्डन की ओर जाते है।

मीरा - " में किताब पढ़ना चाहती हूं...... मीरा कुछ आगे कहे उसके पहले ही मिली बोल पड़ी,
" ओई ... तेरे बाप का घर नहीं है ये ! ये तो गार्डन है गार्डन .... गार्डन का मतलब समजती है तु? हम लोगो यहां मस्ती करेगे।"

मीरा -" तू पागल है यार ! यहां पर मस्ती कैसे कर सकते है ? " मिली के सर पर प्यार से मारते हुए कहा।

मस्ती का मतलब था किसी की खिचतानी करना, शरारत करना। इतने में मिली की नजर सिद्ध पर पड़ती है।

मिली - " वो देख Gk जा रहा है।"
मीरा - " क्या यार किसे दिखा रही है! सुबह सुबह मूड बिगाड़ दिया , इतना ठीक नहीं है कि ओर भी पागल बनना है तुझे।" मीरा पूरा मुंह बिगाड़ कर कहती है।

मिली - " मुझे तो वो क्युट लगा। ऐसा ही बॉयफ्रेंड होना चाहिए।" मीरा को चिडा ते हुए कहा।

मीरा - " लड़का देखा नहीं की लट्टू हो गई ।"

मिली:- " देखना तेरा हाल इश्कमे ऐसा हो जाएगा की तु चैन से मर भी नहीं पाएगी।"

मीरा:- " चल, चुप कर। मेरे साथ ऐसा लव शव नहीं होगा।"

मिली - " देखते है........" कहकर मुस्कुराती है।

मीरा के गाल पर आंसु गिरता है ओर वापिस आ जाती है।आंख खोलकर देखती है तो उसकी मा रो रही होती है। कुछ कहती है मा पर मीरा सुन नहीं पा रही थी, बस मा को देखे ही जा रही थी। ऐसा लग रहा था कि उसकी ख्वाइश के लिए ही आंख जग रही थी। मा को बेटी का दर्द देखा नहीं जाता इसलिए बाहर चली जाती है। मीरा आंख बंद करती है ओर फिर वापस यादों में खो जाती है।

क्रमिक...........