"वो जिद्दी सी छोरी में बुधू सा छोरा"
"वो नुर के महीने में आयी किसी हूर की तरह"
अगले दिन में फूल जोश के साथ उठा या यूं मानो की पूरी रात नींद ही नहीं आयि सुबह जल्दी से तैयार हो कर उसको मेसेज किया कि कब जाना है कॉलेज ,बहोत बैचेनी के साथ रिप्लाइ का इंतज़ार कर रहा था । मगर ११ बजे तक रिप्लाइ नहीं आया और मेरे फ्रेंड्स भी मेरे घर आ गए तो हम कॉलेज चल दिए ।
पार्किंग में उसकी एक्टिवा मौजूद थी । लेक्चर तो थी नहीं सब पाली पर बैठने गए मगर में पानी पीने का बहाना बता कर डिपार्टमेंट में गया । उन लोगो की लेक्चर चालू थी । तो में भी पानी पिके बैठक पर चला गया । और बड़ी बेसब्री से ब्रेक का इंतज़ार कर रहा था । और ब्रेक ख़तम हो गया मगर वो इस तरफ नहीं अाई मुझे लगा कुछ काम में व्यस्त होगी शायद । तो हम लोग ब्रेक के बाद कैंटीन गए क्योंकि भीड़ कम हो इसलिए और कुछ खाके सब फ्रेंड्स लेक्चर में गए । मगर में वहीं पर उसका इंतज़ार कर रहा था। कुछ देर बाद लायब्रेरी में गया तो वहां मनाली और युग्मा वो मैकेनिकल वाले लड़के के साथ बेइठे थे । युग्मा मोबाइल में थी कुछ सुन रही थी शायद गाने और वो दोनों बातें कर रहे थे। में उन लोगो के पास बैठने जाने वाला था तभी मेरी ओर मनाली कि नज़रे मिली तो उसने बड़ा अजीब सा मुंह बनाया शायद मुझे लगा कि उसको मेरा आना पसंद नहीं आया में उसके बाजू वाले टेबल पर बैठा और मोबाइल में व्यस्त होने कि एक्टिन करने लगा ।
बातो बातो में उस लड़के ने मनाली को हल्का सा चाटा मार दिया मानो मेरा तो खून खोल उठा में जोर से खुर्सी को लात मारकर उठा और बाहर चल दिया । में मुड़कर मनाली के रिएक्शन देखना चाहता था मगर ऐटिट्यूड दिखाने के लिए नहीं देखा और पार्किंग में फ्रेंड्स के आने का इंतज़ार करने लगा । ओर फिर घर चला आया । रात को मनाली का मेसेज आया कि क्यों एईसे चले गए । मैने कहा कि अगर में बाहर ना चला आता तो वो लड़का अभी हॉस्पिटल में होता । वो हसने लगी ओर तभी उसने वॉइस कॉल किया मैने कट कर दिया ओर थोड़ी देर बाद ऊपर छत पर जाके उसको कॉल किया ।
देर रात तक हमने बातें कि उसने मुझे सबकुछ बताया अपने बारे में वो बचपन से उसके दादा जी के वहां रहती थी ओर वो लड़का उसका बचपन का फ्रैंड है ओर दोनों साथ में ही पढ़ते थे । वो उसको भईया बुलाती है ओर वो दोनो बहोत अच्छे फ्रैंड है ओर एक दूसरे को समजते है।
बहोत सारी बातें की उसने मुझे सबकुछ बताया कि उसका बचपन केसे गुजरा और मम्मी पापा के बारे में सब। वो बहोत अच्छी लड़की थी । फिर हम कॉलेज में अनजान बनते थे ओर रात को फोन पर एक दिल दो जान बनके बातें करते थें । कुछ दो महीने से सब चल रहा था । हा उसको पत्ता था कि में उससे बहोत प्यार मगर अभी तक में सिर्फ दोस्त के जैसे ही बात कर रहा था ।
फिर एक दिन उसने बताया कि अब में तुमसे बातें नहीं कर सकती मैने उसे पूछा कि क्यो मुझसे कोई गलती हो गए तो उसने बताया कि में मेरे भईया से जूठ नहीं बोल सकती ओर तुम्हारे लिए मुझे बहोत जूठ बोलना पड़ता ओर वो मुझे अच्छा नहीं लगता । फिर उसने मुझे उसके भईया के बारे में सबकुछ बताया की वो दोनो सबकुछ एक दूसरे को बताते ओर अच्छे दोस्त भी हैं।
हा मुझे उसकी बातों का बूरा लगा मगर उसके विचार मुझे अच्छे लगे ओर मुझे उनसे बातें करना बहोत पसंद था । शायद इतना ही साथ था हमारा फिर वो हफ्ते में एक या दो बार मुझसे बातें करती थी । में अब भी उसे प्यार करता था मगर शायद वो मुझसे ज्यादा उसके परिवार को महत्व देती थी । आज भी जब कॉलेज में हमारी आंखे मिलती है तो दोनो जरा सा मुस्कुरा देते हैं बस यही हमारा प्यार था ओर इसके साथ ही हम जी रहे है । अब तो ओर कोई ख्वाहिश नहीं हैं खुदा से बस एक ही दुआ करता हूं कि वो जिंदगी में वापिस आ जाएं ।
हा फिर कभी उनसे मुलाकात नहीं हुए मगर आज भी में उसको देखने कॉलेज जाया करता हूं । आज भी मुझे यकीन है कि कभी ना कभी वो जरूर मेरे पास आएंगी । वो बहोत खुश नजर आती थीं । ओर उसी हसी को देखकर हम भी खुश रहते थे।
बस अब तो रब से यही दुआ है कि
जाने अनजाने में हम याद भी ना आये
वो रहे इतने खुश जमाने में
- ब्रिज भारतीय
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" brij indian22 "