दो पागल - कहानी सपने और प्यार की - 9 VARUN S. PATEL द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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दो पागल - कहानी सपने और प्यार की - 9

गाढ़ दोस्ती १.५ - दो पागल - कहानी सपने और प्यार की अंक ९

       हेल्लो दोस्तो तो केसे हो आप लोग। मे फिरसे हाजिर हु आप सब के बिच आपकी अपनी सबसे मजेदार नवलकथा को लेकर जीसमे प्यार, ड्रामा, सपने और दोस्ती सबकुछ है लेकिन इसको पढने से पहले मेरी आपसे एक अपील है कि आप पहले आगे के आठो अंक अगर आपने नहीं पढे हैं तो उन अंको को पढले और फिर इस अंक को पढना शुरु करे ।

शुरुआत 

        तो आइये शुरु करते है आज का मोज मस्ती वाला अंक। आगे की कहानी । अभी तक आपने देखा की केसे जीज्ञा महावीर के हाथ में शराब की बोटले देख लेती है और गुस्सा हो जाती है और टेरीस पर भाग दोड मच जाती है। आगे तीनो दोस्त और पीछे डंडा लिए जीज्ञा भागते भागते महावीर निचे गीर जाता है और पीछे देखता है तो उसे महाकाली रुप मे त्रीसुल की जगह डंडा लेकर बहुत गुस्से में आ रही जीज्ञा दिखती है। महावीर अपनी जगह से खडा हो इससे पहले जीज्ञा दोडकर महावीर के पास पहुच जाती है और डंडा महावीर के सामने मारने की पोझीसन मे रखती है। 

       तुम लोगो को क्या लगा की कन्या छात्रालय जाएगे और बडी आसानी से इन कन्याओ के साथ शराब पीएगें... डंडा उगामे हुई जीज्ञाने कहा ।

       नहीं नहीं मारना मत यार वो अभी बच्चा है... जीज्ञा डंडा ना मार दे इसलिए अपना हाथ आगे रखते हुए और आगे आते रुहानने कहा। 

       यह बच्चा है... पुर्वीने कहा। 

       हा है ना यह बच्चा ही है लेकिन हाथी का... जीज्ञाने कहा ।

       नहीं जीज्ञा इन से तो हाथी भी अच्छे कम से कम बेवडो की तरह शराब तो नहीं पीते... पुर्वीने कहा। 

       ओह पुर्वी हम बेवडे नहीं है और हा तुम दोनो शुरु से एसे ट्रीट क्यु कर रही हो जेसे हम आप लोगो के गुलाम या पती हो... रवीने आगे आते हुए कहा। 

       ओह रवीया हम तुम लोगो को पती के जेसे ट्रीट क्यो करेंगे। जो मन में आए वो मत बोल वरना इस हाथी के बच्चे को मार डालुंगी...जीज्ञाने महावीर की तरफ देखते हुए कहा। 

       कब से हाथी हाथी सुनकर महावीर की खोपड़ी सटक जाती है और वो अपनी जगह पे खडा होकर अपने आत्मसम्मान के लिए बोलना शुरु करता है ।

       हा मार दे साला पुरा किस्सा हि खतम हो जाए। साला जो मन आए एसे बुलाते है। कभी जाडिया कभी मोटा कभी हाथी और अब हाथी का बच्चा। सालो तुम लोगो के मांँ-बाप ने इतना भी कोमनसेन्स नहीं दिया कि हाथी के बच्चे मे से बडा होकर हाथी बनता है न कि हाथी छोटा होकर हाथी का बच्चा बनता है । मुझे नहीं रखनी आपके साथ दोस्ती। मे कोई टीवी पे आनेवाला सुर्यवंशम थोडी हु की जब मरजी आए देखलीया और जब मरजी आए चेनल बदल दिया... महावीरने गुस्से से कहा। 

      सब हसने लगते हैं महावीर की न समझ में आने वाली बात पर ।

      यार महावीर कुछ समझ नहीं आया फिर से समझा सकता है वो हाथीवाला और सुर्यावंशम वाला... मंद मंद हस्ते हुए रुहानने कहा। 

      उडाव मजाक उडाव। मे तो अब ए. टी. एम बनके रह गया हुं साला कार्ड डाला युझ किया और फिर निकल गए। और रुहान तु तुने तो मुझे प्रिन्सीपल सर के सामने फसाया था और अभी जीज्ञा मारने आ रही है तो मुझे उठाने की जगह दोनो आगे भाग गए। जीज्ञा तु पहले रुहान को मारेगी और बाद में हम को... महावीरने जीज्ञा से कहा। 

      बे तु मेरा नाम क्यो दे रहा है दारु का इन्तजाम तो तुने किया है... रुहानने महावीर से कहा। 

      देखो अब यह सब बाते छोडो और मेरी बात सुनो अगर हमारे साथ दोस्ती रखनी है तो शराब पीना बंद करना होगा क्योकी मेरा और शराबी का रीश्ता कभी नहीं बन सक्ता... जीज्ञाने कहा। 

       रुहान को जीज्ञा इतनी पसंद थी की वो जीज्ञा से दोस्ती रखने के लिए अपना कुछ भी छोड सक्ता था। 

       हा ठीक है छोड दी भाइ तुम दोनो को पीनी है तो पीओ मे आज से नहीं पीउगा... रुहानने पक्ष पलटा करते हुए कहा। 

       रुहान कि इस पलट को देखकर दोनो दोस्त हैरान थे और दोनो रुहान की तरफ देख रहे थे। 

       क्या क्या देख रहे हो तुम दोनो... रुहानने महावीर और रवी की तरफ देखते हुए कहा ।

       बेटा तु शराब छोडेगा...महावीरने रुहान के पास आते हुए कहा ।

       हा क्यो नही शराब छोडना कोन सी बडी बात है... रुहानने कहा। 

       मतलब तेरा चांद पे जाना आज से केन्सल...महावीरने रुहान की खीचाई की शुरुआत करते हुए कहा। 

       हा...हा इसमे क्या... हकलाते हुए रुहानने कहा। 

       चांद पे जाना मतलब तु क्या बोल रहा है महावीर। रुहान यह सब क्या है... जीज्ञाने कुछ भी न समझ आने के कारण कहा। 

       एक मिनट जीज्ञा शांत बहुत महत्वपूर्ण मीटिंग चल रही है... महावीरने कहा। 

       अबे यह गधा क्या कह रहा है... जीज्ञाने कहा ।

       गधा वाह गधा अब यही सुनना बाकी था... महावीरने जीज्ञा की बात पर ओवर रिएक्ट करते हुए कहा। 

       ओके बाबा सोरी पर तुम लोग शराब पे इतनी चर्चा क्यो कर रहे हो...जीज्ञाने कहा। 

       वो इसीलिए कि पहले हम भी नहीं पीते थे। इन साहबने ही हमे पीना सिखाया है और आज बता रहे हैं कि छोड देंगे। अगर छोडना ही था तो पीना क्यो शुरु किया... रवीने उची आवाज से कहा। 

       जीज्ञा यह आदमी ने हमको बताया कि चांद पर जाने के लिए रोकेट की नहीं बोटल की जरुरत होती है एक पीलो और सीधा पहुच जाए चांद पे। साला पचास बार पी चुके हैं साला आज तक हम चांद तक तो नहीं पहुचे पर बहुत लोगो की मार खाके तारे जरुर देखे है। अब क्या पता कही हमारी बोटल में पाइलट नहीं होगा। क्यो भाई... हसनेवाली बात बोलते हुए महावीरने कहा। 

        महावीर की बात सुनकर चारो हसने लगते हैं ।

        और जीज्ञा यह तो कुछ नहीं है अभी तुमने इस आदमी को पहचाना ही कहा है। यह जब हमारे पास पैसे नही होते हैं तो शराब का इन्तजाम कुछ इस तरह करता है कि इनके पास शर्मा अंकल का घर बिचारे का अब तक 27 बार दिल तुट चुका है तो सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक शराब पीते रहते हैं तो यह भाई साहब क्या करते हैं जब शर्माजी बिलकुल नशे मे हो तब उनके घर जाते हैं और एक बोटल में असली दारु रखते हैं और बाकी सब मे मुत्र भर देते हैं क्योकी शर्मा अंकल तो फुल टाइट होते हैं इसीलिए उनको तो कुछ पता रहता नहीं कि दारु है या मुत्र। मुत्र भरके वो दारु यह साहब ले आते हैं और फिर जमके हमारे साथ पीते है...रवीने कहा। 

       वाह यार रुहान। पर वो शर्मा अंकल को कुछ पता नहीं चलता क्योकी शराब और मुत्र में तो बहुत ज्यादा फर्क होता होगा ना... पुर्वीने कहा ।

       नहीं पता तो नहीं लगता लेकिन जब कभी वो रुहान के अब्बा के साथ पीने बेठते है तो बोलते हैं कि आपकी शराब का टेस्ट अच्छा है मेरे मे तो साला वो जेसे नमक डाल के देता हो... हस्ते हुए रवीने कहा। 

       पुर्वी और जीज्ञा दोनो रुहान, रवी और महावीर की बातें सुनकर हस रहे थे। जीज्ञा हसने के साथ थोडी भावुक हो गई थी। तो कुछ एसे इन दोस्तो का झगडा शांति का रुप लेकर धीरे धीरे मजाक के रुप में परिवर्तित हो रहा था। 

       अरे कमाल है जीज्ञा तु कभी शराब देखकर गुस्सा हो जाती है तो कभी शराब की बात पे हस देती है और अभी देख शराब की बात पे भावुक हो गई... रुहानने जीज्ञा के पास आते हुए कहा। 

       हा अगर इतनी ही इच्छा है तो तुम भी मार लो एक दो पेग... महावीरने फिर मजाक करते हुए जीज्ञा से कहा। 

       तु रुक्ता हि नहीं है। जब देखो तब मजाक मजाक। मे इसलिए भाबुक हुइ की मुझे तुम लोगो से जलन हो रही हैं की मेरी लाइफ एसी क्यो नहीं है एकदम बिंदास जहा जाना है जाओ, जो खाना हैं वो खालो अपने सारे फेसले खुद करो और एक तरफ मेरी जींदगी मेरे जीवन के किसी भी महत्वपूर्ण फेसलो पे मेरा हक ही नहीं है। सारे फेसले पापा करते हैं। अगर मेरा जीवन भी तुम्हारे जेसा होता ना मे अपना सपना बडी आसानी से पुरा कर सकती थी...भावुक होकर होस्टल के टेरीस पर चक्कर लगाते हुए अपने जीज्ञाने दोस्तों से कहा। 

       अरे क्यो अच्छी नहीं है तेरी जींदगी। तुझे मझा आए इसलिए तो तेरा भाई आज यहा पे सारा लजीज खाना लेकर आया है लेकिन एक तु है कि उसीके पीछे डंडा लेकर पडी हुइ है... महावीरने जीज्ञा का मुड सुधारने के लिए कहा। 

       अब बहन बोला है तो मेरा भी फर्ज है ना कि भाई को शराब नहीं पीने देनी। तो डंडा तो पडेगा अगर शराब पी तो... जीज्ञाने महावीर से कहा।

        देख अब तु ज्यादा भावुक हो रही हैं...जीज्ञा की खीचाइ करते हुए महावीरने कहा।

       क्यो तुम तीनो अपनी इतनी अच्छी जींदगी को शराब के पीछे बरबाद कर रहे हो। अगर तुम मेरे सच्चे दोस्त हो और तुम्हें हमारी सलाह गुलामी ना लगकर एक अच्छे दोस्त की अच्छी सलाह लगे तो तुम इस शराब को फेक कर इस खाने के साथ हम पार्टी अभी भी कर सकते हैं...जीज्ञाने तीनो से कहा। 

       सभी लोगो के बिच संवाद चल ही रहा था उतने में निचे से इन लोगो की आवाज सुनकर वोचमेन उपर देखने के लिए आ रहे थे। उपर जाने कि सीडीया चडते हुए वोचमेन चिल्लाता है। 

       कोन है उपर... वोचमेन ने उपर आते हुए कहा। 

       होस्टेल के गृहपति और सारी लडकीया गहरी नींद में सो रहे थे। होस्टेल के टेरीस के दरवाजे पे लोक लगाने का हेन्डल नही था इसीलिए दरवाजे से कोई भी कभी भी आ जा शक्ता था। 

       वोचमेन की आवाज सुनकर सभी गभरा जाते हैं और होस्टेल के बडे से टेरीस पर इधर उधर छुपने के लिए सभी भागते है और होस्टेल की पानी की टंकी के पीछे जाकर छुप जाते हैं। इस भागा दोडी में शराब की बोटलो वाली थेली लेना महावीर भुल जाता है। 

       खाने का थेला मेने ले लिया है वो बोटल वाली थेली किस के पास है... छुपे हुए सभी दोस्तो मे से रुहानने कहा। 

       मेरे पास नहीं है...रवीने महावीर की तरफ देखते हुए कहा। 

       मेरे सामने क्या देख रहा है मुझे लगा तुने वो बेग ले ली थी इसीलिए मेने उसकी तरफ ध्यान नहीं दीया... महावीरने रवी और रुहान से कहा। 

       तुम्हारी बेग वही पे है यह झगडा साइड में रखो और वो बेग लेकर आओ वरना वो वोचमेन के नझर में आ गई तो पाचो के पाचो घर्मसंकट मे आ जाएगे... जीज्ञाने कहा ।

       तु जाएगा क्योकी वो जिम्मेवारी तेरी थी... महावीर को धक्का लगाते हुए रुहानने कहा। 

       जेसे महावीर टंकी के पीछे से आगे उस बेग को लेने आता है तभी वो वोचमेन दरवाजे से टेरीस पे प्रवेश करता है और उसे देखकर महावीर फटाफट अपनी जगह जाकर वापस से छुप जाता है। 

       अब तो गए... पुर्वीने हाथ में लाईट लिए इधर उधर देख रहे वोचमेन को देखते हुए कहा। 

       कोन है यहा पे... चारो तरफ अपनी टोर्च को घुमाते हुए कहा। 

       हे भगवान हमे बचा लेना... पुर्वीने प्राथना करते हुए भगवान से कहा। 

       सभी दोस्त वोचमेन को देखकर घबराए हुए थे। वोचमेनने चारो तरफ अपनी टोर्च से देखने के बाद अपनी टोर्च से उस तरफ देखता है जहा शराब की बेग पडी है और वो बेग वोचमेन की नझरो के सामने आ जाती है और उस बेग को देखकर वोचमेन उस बेग की तरफ आगे बढता है।

       वोचमेन को शराब की बेग की तरफ आगे बढते हुए देखकर सारे दोस्त घबरा जाते हैं। 

       है अल्लाह अपने बालक की रक्षा करना... रुहानने कहा   

      वोचमेन बेग के पास जाता है और बेग में चेक करता है और चेक कर के वोचमेन घबराने या गुस्सा होने के बजाय खुश होता है और उस बेगमे से एक बोटल निकालता हैं। 

       अरे वाह बहुत तलब थी आज जरुर प्यास बुझेगी... बोटल का ढक्कन खोलकर शराब का डायरेक्ट एक घुट मारते हुए कहा। 

       बे यार यह केसा वोचमेन है... जीज्ञाने कहा। 

       दो घुट और पी लेता हुं और बाद मे जाकर यह बेग साहब को दे दुंगा उनको क्या पता चलेगा की मेने इसमे से दो घुट लगाए है... दुसरा घुट लगाने से पहले वोचमेन ने कहा। 

      यार रुहान कुछ करो अगर इसने यह बेग हमारे गृहपति को दे दीना तो हमारी तो कोई खेर नहीं... अपने मोबाइल पर उस वोचमेन का विडियो रेकोर्डिग करते हुए रुहान को जीज्ञाने कहा।   

          तुम चिंता ना करो इसका विडियो रेकोर्डिग अब हमारे पास है यह लो मोबाइल और जाव उसके पास। वहा जाकर तुम्हें करना क्या है वो सब मुझे तुमको बताने की जरुरत है नहीं तुमने फिल्मे तो देखी ही है... रुहानने जीज्ञा के हाथ मे फोन देते हुए कहा। 

       जीज्ञा रुहान का फोन लेती है और टंकी के पीछे से निकलकर उस वोचमेन के पास जाती है। वोचमेन उसे देखकर चोक जाता है और जीज्ञा को फसाने की कोशिश करते हुए कहता है ।

       तुम यहा पे क्या कर रही हो और यह शराब की बेग यहा पे कैसे... जीज्ञा को फसाने की कोशिश करते हुए वोचमेन ने कहा। 

         यह बेग तो आप की है और मेने आपको इस मे से शराब पीते हुए देखा है... जीज्ञाने कहा। 

         जबान संभालकर बोल लडकी और तु केसे साबित करेगी की मे इसमे से शराब पी रहा था। मे अभी जाकर गृहपति साहब को सबकुछ बताता हुं... वोचमेनने जीज्ञा को डराने की कोशिश करते हुए कहा। 

         हा जाओ और बोल दो मे तो यह वीडियो दिखा दुंगी और उनको बोल दुंगी की मुझे आप पर पहले से शक था लेकिन आज मेरा शक सच मे बदल गया यह देखलो विडियो... वोचमेन की घमकी पर घमकी देते हुए जीज्ञाने कहा। 

         केसा शक... वोचमेनने सवाल करते हुए जीज्ञा से कहा। 

        यही की आप रोज रात को टेरीस पर आकर शराब पीते हो... जीज्ञाने कहा। 

        अनपढ और असंस्कारी वोचमेन समझ जाता है की जीज्ञा उसको फसा देगी इसलिए वो पहले जीज्ञा का फोन छीनने की कोशिश करता है लेकिन जीज्ञा उसके पेट पे अपनी लात मारकर वोचमेन को गीरा देती है। अब 65 साल का वोचमेन इतना तो मजबुत नहीं होगा की जीज्ञा के सामने लड सके। आखीर वो हार मानकर जीज्ञा के पेरो में पडता है और उससे बिनंती करने लगता हैं। 

        मुझे माफ कर दो और प्लीज यह वीडियो किसी को मत दिखाना वरना मुझे कोई नोकरी नही देगा और बिना नोकरी मे कहा जाउगा... जीज्ञा से बिनंती करते हुए वोचमेन ने कहा। 

        पीछे छुपे हुए सभी दोस्त वोचमेन की इस लाइन को सुनकर राहत की सास लेते हैं। 

        एक शर्त पे मे अगले कुछ दिन आपके काम को देखुंगी अगर आपने पुरी इमानदारी के साथ काम किया तो मे यह वीडियो डिलीट कर दुंगी... जीज्ञाने अपने पेरो में पडते हुए वोचमेन से थोडा दुर हटते हुए कहा ।

       जीज्ञा के इस वाक्य को सुनकर वोचमेन थोडा खुश हो जाता है और अपनी जगह पे खडा होता है। 

       धन्यवाद मैडम... वोचमेन ने जीज्ञा से कहा। 

       ठीक है आप जा सकते हो और इस बेग को भी ले जाईए और इसे होस्टेल के बहार वाले कूड़ेदान में डाल देना और पीना मत मे यही उपर से देख रही हुं ... जीज्ञाने वोचमेन से कहा। 

        इतने संवाद के बाद वोचमेन वो बेग लेकर निचे चला जाता है। सभी दोस्त टंकी के पीछे से बहार आते हैं। 

       यार जीज्ञा पुरे तीन हजार की बेग थी... महावीरने जीज्ञा से कहा। 

        यह जींदगी तीन हजार से ज्यादा किमती है । यह दारु ही कलयुग है। इसके साथ जो भी रहता है वो हंमेशा बरबाद ही होता है समझे... जीज्ञाने कहा।

        हा लेकिन उसको बेग क्यो दी तुम्हें कैसे पता कि वो बेग कचरे के डिब्बे मे डालेगा ही...रवीने कहा। 

       आज रात को तो डालेगा क्योकी उसका विडियो हमारे पास है इसलिए वो हमे फसा तो नहीं सकता। हा कल अगर वो बेग अपने घर जाते समय अपने लिए निकाल ले तो पता नहीं ... जीज्ञाने कहा। 

        बे यार अब छोडो यह सब बकवास और कोई और आ जाए इससे पहले हम हमारी खाने की पार्टी शुरु करते है बहुत भुख लगी है... महावीरने कहा। 

        थोडे से टेन्शन के बाद सभी दोस्त खाने पिने की बेग मे से खाना निकालकर खाने का लुप्त उठाने की शुरुआत करते हैं। थोडी सी नोक झोक के बाद सभी दोस्त बडे आराम से बिना किसी के डर से अपनी छोटी सी पार्टी से बहुत बडी खुशी का आनंद उठा रहे थे। सायद आपके साथ भी एसा हुआ होगा की कभी कभी छोटी सी चीजे बडी खुशीया दे जाती है। पुर्वी बार-बार जीज्ञा के सामने देख रही थी। 

        है भगवान मे जीज्ञा को हंमेशा इतनी खुश देखु एसा कुछ करना... जीज्ञा को खुश देखकर पुर्वीने भगवान से कहा। 

        जीज्ञा तुम एकदम हम लडको जेसी ही हो एक दम बिंदास और बेबाक किसीके बाप का डर नहीं... खाना-वाना एन्जोय करने के बाद अपनी जगह से उठते हुए महावीरने कहा। 

        सबकुछ होने के बाद पुर्वी, रवी और महावीर वहा पर पडा अपना सारा कचरा साफ कर रहे थे ताकी सुबह किसी को पता ना चले कि रात को यहा पे पार्टी हुइ है । रुहान और जीज्ञा टेरीस के उस हिस्से पर जाकर बेठे थे जहा से उनको सारा बरोडा शहर दिख रहा था। अब दोनो के बिच गहरी दोस्ती की शुरुआत हो चुकी थी । दोनो के बिच संवाद की शुरुआत होती है। 

         रुहान तुम यह शराब पीते हो यु बिंदास रातभर घुमते हो तुम्हें तुम्हारी अम्मी डाटती नहीं है... जीज्ञाने रुहान से दुनिया का सबसे कठीन सवाल करते हुए कहा। 

         वो बच्चे भाग्यशाली होते हैं जीन्हे रात को देर से आने पर घर पे डाटनेवाली अम्मा होती है मेरी अम्मा मुझे दो साल पहले ही छोडकर जन्नत चली गई... रुहानने जीज्ञासे भावुक होकर कहा। 

        ओह सोरी रुहान... जीज्ञाने कहा। 

        नहीं कोई बात नहीं तुम्हें थोडी पता था...रुहानने कहा। 

        रुहान की अम्मी वाली बात होने के बाद दोनो थोडी देर चुप बेठते है। उस तरफ बाकी के तीनो दोस्तो ने सबकुछ साफ करके उसी जगह पे अपनी अलग बेठक शुरु कर दी थी। 

        पुर्वी तुम्हें पता है अमरीका के पुर्व पी.एम बराक ओबामा भी लुडो खेलते है... महावीरने मजाक मजाक मे कहा। 

        बे महावीर वो पी. एम नहीं राष्ट्रपति है तुझे कुछ पता भी है या नहीं... पुर्वीने कहा। 

        इसको अमरीका का मे कोई बराक ओबामा है इतना पता है वो भी बडी बात है... रवीने कहा। 

        तुम्हें पता है मे शराब क्यो पीता हु... रुहानने सवाल करते हुए जीज्ञा से कहा। 

        क्यो... जीज्ञाने रुहान से पुछा। 

        क्योकी अम्मा के जाने के बाद मे बहुत ही अकेला पड गया था। मेरे सुख दुःख या कुछ भी हो मुझे अंदर ही दबा के रखने पडते थे। मेरे पास सबकुछ होने के बावजुद मे अकेला पड गया था। अम्मा के जाने के बाद मे किसी को अपनी भावनाए खुल के नहीं बता सकता था और फिर एक दिन अपने अंदर भरी हुइ सारी घुटन को दुर करने के लिए मेने शराब पीना शुरु कर दीया। मुझे भी पता है कि शराब बहुत बुरी चीज होती है। शराब दो पल की शांति देकर पुरे जीवनभर की शांति छीन लेती है पर मेरे पास अपनी घुटन को दुर करने के लिए और रास्ता भी क्या था... बिंदास रहनेवाले रुहानने अपने अंदर छुपा दर्द जीज्ञा को बताते हुए कहा। 

        हा लेकिन तुम यह सब अपने अब्बा के साथ भी तो शेर कर सकते हो ना... जीज्ञाने कहा। 

        अम्मी के जाने के बाद मेने जेसे मेरे अब्बा को भी खो दिया हो एसा लगता है। जब से अम्मी गई है तब से अब्बा ने अपने आपसे और अपनी खुशीओ से तो न जाने मु ही मोड लिया है। अम्मी की याद ना आए इसलिए रात-दिन ड्युटी करते हैं और जब घर पे होते हैं तो बस शराब पीके सो जाते हैं। मेने पहले कभी उनको शराब पीते हुए नहीं देखा। मेरे अब्बा अम्मी के जाने के बाद मेरी सारी जरुरीयात पुरी करते हैं बस मुझे अपना समय नही दे सकते क्योकी उनके अंदर अम्मी के जाने के बाद बहुत से इमोशन्स तुट गए हैं । कभी कभी तो एसा लगता है कि अल्लाह ने अम्मी के साथ अब्बा को भी ले लिया है... रुहानने भावुक होकर जीज्ञा से कहा।

       मे समझ शक्ति हु रुहान। अब से तुम अपनी सारी बाते मुझसे शेर कर के अपने दिल का बोझ दुर कर सकते हो क्योकी मेरा हाल भी कुछ कुछ तुम्हारे जेसा ही है। मेरे पास बाते शेर करने के लिए मम्मी तो है लेकिन पापा मेरी घुटन को कम करने के बारे में कभी नहीं सोचते इसलिए हमे आज एक दुसरे को प्रोमीस करना चाहिए कि आज के बाद अगर हमे कोई घुटन हुइ तो हम उस घुटन को एक दुसरे के साथ शेर करके ही दुर करेंगे...जीज्ञाने अपना हाथ प्रोमीस के लिए आगे बढाते हुए कहा। 

       रुहानने भी अपनी थोडी सी स्माइल देते हुए जीज्ञा के हाथ से अपना हाथ मिलाते हुए कहा...मधर प्रोमीस। 

       अब दोनो की दोस्ती भरोसे के बल बुते पे गाढ हो रही थी। जीज्ञा और रुहान की दोस्ती दोनो के दर्द से मजबुत हो रही थी। 

       अच्छा रुहान मुझे यह बता की तु अपनी हर बात मे चांद का इकरार क्यो करता है। जेसे की मेरी ताकात चांद तक जानेवाली है कुछ एसा तुम हर जगह डायलोग मारते हो तो इसके पीछे का कारण क्या है। 

       कुछ नहीं वो मेरी अम्मा बोलती थी की हर आदमी अपने मृत्यु के बाद तारा बन जाता हैं और वो हमेशा भगवान के हदय के पास रहता है तो मे मानता हु कि करोडो मुसलमान जीस चांद को देखकर अपना रोजा खोलते है वो चांद किसी खुदा से कम नहीं है तो जरुर उसके सबसे नजदीक वाला तारा मेरी अम्मी है तो बस इसलिए मे हर बात मे चांद तक पहुच जाता हुं और अपनी अम्मी को याद कर लेता हु... रुहानने कहा। 

        अरे वाह क्या बात कही हैं लगता है आप तो डायरेक्टर बनने के साथ साथ लेखक भी बन जाओगे... जीज्ञाने हस्ते हुए कहा। थोडी देर तक दोनो के बिच एसे ही हसी मजाक वाला संवाद चलता है। 

        तो कुछ एसे डंडे के साथ शुरु होने का किस्सा चांद पे जाकर खत्म होता है। सभी दोस्त हसी मजाक करने के बाद बहुत ही सलामी के साथ अपने घर और अपने रुममे चले जाते है।

        अब हम कह सकते हैं की रुहान और जीज्ञा की मित्रता गाढ हो चुकी थी। दोनो के बिच दोस्ती तो हो चुकी थी लेकिन प्यार केसे होगा वो देखना अभी बाकी था। आगे आपको और भी मजा आएगा जब जीज्ञा और रुहान की कोम्पलीकेटेड लवस्टोरी झगड़े, सजंयसिह के बदले से जीज्ञा और रुहान के जीवन में आने वाला भुचाल, जीज्ञा की माता के मृत्यु के बाद जीज्ञा और उसके पीता के बिच का संघर्ष। तो यह सभी कारण हमारी कहानी को और भी रोचक और रहस्यमय बनाने वाले हैं तो आप पढना ना भुले आने वाले सारे अंको को और आगे के १ से ८ अंको को | 

        आप हमारे साथ जुडे और हमारी कहानी आपने दिल से पढी इसलिए आपका दिल से धन्यवाद आप इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ शेर करे ताकी वो भी इस कहानी का लुप्त उठा सके ।

TO BE CONTINUED NEXT PART ...

|| जय श्री कृष्णा ||

|| जय कष्टभंजन दादा ||

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