दो पागल - कहानी सपने और प्यार की - 6 VARUN S. PATEL द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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दो पागल - कहानी सपने और प्यार की - 6

सिर्फ दोस्ती - दो पागल - कहानी सपने और प्यार की अंक

 हेल्लो दोस्तो तो केसे हो आप लोग। में वरुण एस पटेल आज फिर से हाजिर हु मे आप सब के बिच आपकी अपनी सबसे मजेदार नवलकथा को लेकर जीसमे प्यार, ड्रामा, सपने सबकुछ है लेकिन इसको पढने से पहले मेरी आप से एक अपील है कि आप पहले आगे के  पाचो अंक अगर आपने नहीं पढे हैं तो उन अंको को पढ ले और फिर इस अंक को पढना शुरु करे।

    शुरुआत                                                    

      तो आइये शुरु करते है आगे की कहानी । अगले अंक मे हमने देखा था कि संजयसिह जीज्ञा और पुर्वी को जबरदस्ती पकड के अपनी कार की और ले जा रहा था और मैदान मे खडे सभी विद्यार्थी डर के मारे देखने के अलावा कुछ भी नहीं कर सकते थे सिवाय रुहान, महावीर और रवी के। रुहान आराम से जीज्ञा को बचा शक्ता था लेकिन वो चाहता था कि सभी स्टुडन्टस ही जीज्ञा और पुर्वी को संजयसिह से बचाए और अपने अंदर का डर निकाल दे। इसीलिए रुहान जीज्ञा और पुर्वी को बचाने ना जाते हुए स्टेज पे आता है अपने दोस्तों के साथ। वहा की परिस्थिति तो आपको पता ही है कि महावीर के हाथ में रामपुरी छुरी देखकर संजयसिह का एक भी आदमी पहला वार करने के लिए तैयार नहीं है क्युकी महावीरने उन सबको पुरा भरोसा दिया है कि जो भी पहला आएगा उसका हाथ तो मे जरुर काट दुंगा।

        तो कुछ एसी परिस्थिति थी। अब आगे। रुहान स्टेज पर आता है और वहा खडे सभी विद्यार्थीओ से बात-चित करना शुरू करता है।

        देख लो एक दिन आपका भी यही हाल होनेवाला है। आज की चिंता मत करो आज तो मे जीज्ञा और पुर्वी को बचा लुंगा लेकिन जब आप पे कोई एसा जुल्म करेगा तो आपको बचाने वाला कोई नहीं होगा । यह दोनो बहादुर लडकीया है इनको अपने हक के लिए लडना आता है । सामने वाले को पहुचपाना और ना पहुचपाना दोनो अलग बात है पर हमे हमारे हको के लिए लडना चाहिए। आप यह सोचकर जाने देते हैं कि जाने दोना तीन साल की ही तो बात है ना पर नहीं ऐसे लोग आपको कदम कदम पर मिलेंगे और आपका हक आपको डरा के छीन लेंगे। मुझे लडको से तो अब कोई आशा नहीं है और हा आपको पता है यह भडवा संजयसिह आपके उपर दादागीरी क्यु कर रहा है ?... रुहानने सभी विद्यार्थीओ को समझाते हुए कहा।

         रुहान के गाली देते ही संजयसिह रुहान के सामने देखता है और बोलता है ।

         ओह हिरो शांति से अपनी हिरोगीरी छोडकर निचे उतर जा वरना इन दोनो की तरह तुझे भी मा की याद दिलानी पडेगी... संजयसिहने जीज्ञा और पुर्वी को मैदान में फेंककर अपना बेल्ट निकालते हुए कहा।

         तो सुन ले विलेन वो दोनो दुर्गा का अवतार है और यहा पे खडी सभी लडकीया भी तु मुझे पाच मिनट दे अगर मेने तुझे इन सबके हाथो पिटवाया नहीं ना तो मेरा नाम बदल देना... रुहानने संजयसिह की आखो मे आखे डालते हुए कहा।

         चल दिये पाच मिनट पर मेरे को तु यह बता की पाच मिनट बाद तु मेरे हाथो से कैसे बचेगा... संजयसिहने कहा।

         देख गधे तुझ अकेले को तो मे अकेला बडी आसानी से मार शक्ता हूं और वो भी पुरी कॉलेज में घुमाकर मतलब । तेरा मुकाबला तो हो गया अब रही बात तेरे छुपे हुए गुंडे बाप की जो तुझे राजनीति में लाकर जहा कही छुपा है वहा से बरोडा आना चाहता है तो मेरा बाप तेरे बाप के पीछे हाथ धोके पडा हैं जेसे तेरा बाप उनको मीला वो खतम... अब तु सोच रहा होगा की मे एसे कोनसे बाप का बेटा हुं तो तेरे परिचय के लिए मे बतादुं की मे गुजरात के सबसे बडे पुलीसवडे यानी की मे उस मोहम्मद भाई का बेटा हुं जो तेरे बाप का केस हेन्डल कर रहे है । ... रुहानने संजयसिह को अपने बाप के पावर का घमंड तोडने के लिए अपने बाप का पावर जान बुझकर संजयसिह को दिखाते हुए कहा।

         ओह अच्छा चल देखते हैं पाच मिनट बाद। पहले तु अपने पाच मिनट जो करना है वो करले मे भी देखता हुं यह सब टट्टे मेरा क्या उखाडते है... संजयसिहने सब विद्यार्थीओ के सामने देखते हुए कहा।

       हम तैयार है रुहान बोल दे अगर किसीको आना हैं तो बाँकी अब जब तक हम है तब तक किसीकी दादागीरी तो नहीं चलने देंगे... जीज्ञाने खुद जमीन पर से उठकर और पुर्वी का हाथ पकडकर सभी स्टुडन्टस के सामने देखते हुए कहा।

       सजयसिह हसने लगता है।

       इतना घसीटा फिर भी तु वैसी की वैसी हा... चलेगी चलेगी तु मेरे को... संजयसिह इसके आगे कुछ भी बोले उससे पहले रुहान उसको बोलने से रोक लेता है और खुद बोलता है।

       बस संजयसिह इसके आगे अपनी जबान मत चलाना वरना यह लोग तो बाद में तेरे को मारेंगे पहले मे तेरी धुलाई कर दुंगा... रुहानने संजयसिह की तरफ देखते हुए कहा।

       बस अब तु बोलना बंद कर वरना मे तेरा पाच मिनट वाला स्कीम रद करके सबको दोडा दोडा के मारुंगा और इन दो छमीयाओ को ले जाउंगा... हा हा हा...जोर जोर से हसते हुए संजयसिहने कहा ।

       बस एसे देखते ही रहोगे। आप को पता है इन लोगो की इतनी चलती क्यो है क्योकी यह लोग एक ग्रुप मे होते हैं। अगर एक को मारो तो दुसरा तुरंत उसको बचाने के लिए पहुच जाता है । यह एक बहुत ही अच्छा गुण है लेकिन तकलीफ़ बस इतनी है कि यह गुण हमेशा बुरे लोगो मे हि होता है अगर मेरे और आप के जेसे अच्छे लोगो मे यह गुण आजाए तो शायद इस दुनिया मे दादागीरी करने वाला कोई बचेगा ही नहीं। आप लोग पुरे चारसो की तादाद मे हो लेकिन सभी अलग अलग कोई एक दुसरे के लिए लडना नहीं चाहता और यह लोग दस-बीस है लेकिन यह लोग एक साथ है इसलिए हम पर आज दादागीरी कर रहे हैं ...रुहान सबको जुस्सा चडाने का काम कर ही रहा था तभी जीज्ञा भी इस काम मे उसका साथ देती है और अपनी और से सभी को समझाने का काम करती है।

         हम लडकीओ को जागना ही पडेगा और अपनी हिफाजत खुद करनी होगी और यह तब मुमकिन बनेगा जब हम एसे दानवो के सामने सर उठाकर लडना सिखेगें। यह लोग कभीभी हम पर कोई भी कमेन्ट कर देते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि हम लडकीया कमजोर है पर इसका साफ मतलब यह है कि हम लडने की हिम्मत नहीं करते आज अगर हम सब एक होजाए और एसे दानवो के सामने दुर्गा बनके अगर एकबार भी तांडव मचा देना तो इस भडवे संजयसिह की तो क्या पर पुरे बरोडा मे अगर रात को भी कोई अकेली लडकी निकलेगी और उसके मनमे कुछ भी उल्टा सीधा ख्याल आएगा तो उसकी भी हिम्मत नहीं होगी की उस लडकी को कोई छुं सके क्युकी उसके मनमे यही चलेगा की अगर मेने इस लडकी को कुछ किया तो सारी दुर्गाए रोड पर आ जाएगी और हमारे जेसो की बजा देगी... संजयसिह की आखो मे आखे डालकर अंत की लाईन जीज्ञा बोलती है।

        तेरी जात का । तुम तुच्छ लडकीया हम पर हाथ उठाएगी हा... संजयसिहने कहा।

        साले तुच्छ तो तेरे जेसे दानव है बाकी जीस दिन इन दुर्गाओने तेरे जेसे को अपनी आख दिखाना चालु कर दीया ना तो दिन के उजालो मे तो क्या रात के अंधेरो मे भी बहार निकलने से डरोगे... जीज्ञाने एक बार फिरसे संजयसिह की आखोमे आखे डालकर कहा ।

        जीज्ञा का यह रुतबा देखकर संजयसिह और गुस्सा हो जाता है और अपने बेल्ट से जीज्ञा और पुर्वी को मारना शुरु करता है और सामने जीज्ञा और पुर्वी भी अपनी तरफ से संजयसिह से लडने की पुरे जोश के साथ कोशीश करती है। अब रुहान से ज्यादा देखा नही जाता और वो सबको आखरी बार कहता है।

         आज आप सब लडकीओ के पास मोका है अपनी ताकात दिखाने का अगर आज अपनी हिम्मत और ताकत दिखा दी तो आज के बाद कोई भी संजयसिह आपको तंग करने नही आएगा... अगर समझना है तो समझो वरना पुरा जीवन एसे ही डरके निकाल दो... इतना बोलकर रुहान जीज्ञा और पुर्वी को बचाने के लिए आगे बढता है

         रुहान जेसे ही स्टेज पर से निचे उतरकर जीज्ञा और पुर्वी को बचाने के लिए आगे बढता है उतने में ही पीछे से एक लडकी की आवाज सुनाई देती है।

         एक मिनट इसे हम मारेंगे... अपना जुता अपने पेरो में से निकालते हुए उस लडकीने कहा जीसे संजयसिह के पन्टरने छेडा था और जीज्ञा उसीके लिए लडने आगे आई थी।

         हा अब बहुत हो गया अब इन सबकी दादागीरी नहीं चलेगी... उस एक लडकी के पीछे सभी लडकीओने अपनी हिम्मत दिखाते हुए जोर से कहा।

         संजयसिह सबकी तरफ देखकर लडते हुए रुक जाता है और देखता है कि सभी लडकीया दुर्गारुप मे उसकी तरफ दोडी आ रही थी। संजयसिह यह देखकर थोडा गभरा जाता है और अपनी जीप की और चलने लगता है लेकिन जीज्ञा और पुर्वी उसे पकड लेती है और उसे जोर जोर से चाटा मारने लगती है और सामने संजयसिह कुछ भी करे उससे पहले सभी लडकीया वहा पहुच जाती है और संजयसिह और उसके आदमीओ की जुते से धुलाई करने लगती है। इस बिच रुहान और उसके दोस्त यह सब देखकर बहुत खुश होते है और रुहान मन ही मन बोलता है।

         मुसलमान हुं लेकिन भाग्यशाली हुंँ की मुझे भी मा दुर्गा के पराक्रम की एक झलक देखने को मील रही है... मन ही मन रुहान बोलता है।

         सब घमासान चल रहा था उस बिच रुहान के दोनो दोस्त रुहान के पास आते हैं और उसे बोलते हैं।

         भाई देख आज सभी दुर्गा मा के रुप में है एकदम गुस्से में। संजयसिह और उसके सारे आदमीओ की बडे अच्छे तरीको से धुलाई हो रही हैं... महावीरने कहा

         तीनो दोस्त और सभी लडके बडे आराम से सजंयसिह और उसके आदमीओ की धुलाई देख रहे थे और इस तरफ वो लडकी उस पन्टर के पास आती है जीसने जीज्ञा के क्लास में उसे छेडा था। आकर उस पन्टर को जोर जोर से मारती है और साथ मे बोलती जाती है... अब तु दुनिया की कीसी भी लडकी को छेडने से पहले दस बार इस मार को याद करना... पीटते हुए उस लडकीने कहा।

         सजंयसिह जेसे तेसे लडकीओ की मार से बचकर अपनी जीप की और जाता है और उसमे से अपनी गन नीकालता है और आसमान मे एक फाईरींग करता है और फिर अपनी गन का निशाना लडकीओ की तरफ करता है। गन देखकर सभी लडकीया घबरा जाती है और जहा थी वही पे थमी रह जाती है।

        आजाव अब देखते हैं किसमे इतना दम हैं कि मुझे मारे... फटे हुए कपडे और लखडता हुए संजयसिहने अपनी गन के बलबुते के उपर कहा।

        देख संजय शांति से चला जा वरना गोली चलाना बहुत भारी पडेगा... रुहानने अपने दोस्तों के साथ आगे आते हुए कहा।

        जरुर आज तो तु बच गया लेकिन कान खोल के सुन ले रुहान और लडकी तु ( जीज्ञा की तरफ अपना हाथ करते हुए) अगर मेने तुम दोनो की जींदगी बरबाद ना कर दी तो मेरा नाम संजयसिह नहीं। अब तक तुम लोगो ने मेरी ताकात देखी थी अब राजनीति देख लो... इतना बोलकर संजयसिह अपनी जीप मे बेठकर अपने गुस्से और बदले की आग के साथ कॉलेज से चला जाता है।

        संजयसिह को भागते देखकर उसके सारे पन्टर लोग भी लडकीओ की मार से बचने के लिए भाग जाते हैं और उन्हें देखकर सभी स्टुडन्टस हसने लगते हैं।

        आप लोग तो बडी ताकतवर हो कही हम गलती से लाईन मार दे तो भविष्य मे पीट मत देना ... महावीरने मजाक के तौर पे सभी लडकीओ से कहा।

        सब महावीर की बात सुनकर हसने लगते हैं। जीज्ञा भी हस्ती हुई रुहान के पास आती है और दोनो के बिच संवाद की शुरुआत होती है।

        थेन्कस यार मुझे और इन सबको हिम्मत देने के लिए ... जीज्ञाने रुहान के पास आते हुए कहा।

        इसका क्रेडिट मे ले शक्ता हु लेकिन यह सब मेने नहीं किया मुझे तो लगा चलो हिरो बनने के लिए कुछ लाइने बोल देते हैं अगर चली तो ठीक है वरना हम खुद भीड जाएंगे। या तो मार खाते या तो तुम्हें बचा लेते पर मांँ दुर्गा की कृपा है कि तुम लोगो ने ही मामला निपटा दिया... रुहानने जीज्ञा की पहले दिन वाली लाईन याद करते हुए कहा।

        सोरी पहले दिन के लिए क्युकी मे अंजान लोगो से दुरी बनाना ज्यादा पसंद करती हुंँ तो इसलिए मेने तुम्हारे साथ उस तरीके से बात की... जीज्ञाने कहा।

        नहीं कोई बात नही लेकिन अंजान तो मे अभी भी हुं ... रुहानने जीज्ञा से कहा।

        हा लेकिन अब तुम्हारे बारे में इतना तो जरुर पता चल गया है कि तुम लडकीओ की काफी रीस्पेक्ट करते हो और जो लडकीओ की रीस्पेक्ट करता है उस पर तो आख बंद कर के भी भरोसा किया जाता है... जीज्ञाने कहा।

        दोनो के बिच संवाद चल ही रहा था कि इतने मे अंदर कॉलेज में से सभी प्रोफेसरो और प्रिन्सीपल सर बहार आते हैं।

       बेटा तुम लोग ठिक तो हो ना... प्रिन्सीपल सरने कहा।

       सर आपको नहीं लगता कि आपने यह सवाल पुछने में कुछ ज्यादा देर कर दी... महावीर ने प्रिन्सीपल सर से कहा।

       माफ कर देना बेटा लेकिन मेरा पाला एक बार इसके बाप से पड चुका है वो बहुत ही खतरनाक आदमी हैं मे तो कहता हु आप भी अब अपना ध्यान रखना... प्रिन्सीपल सरने कहा।

       सर शरम आनी चाहिए आपको हमे इस प्रकार की सलाह देते हुए... रवीने कहा।

       आप लोग चिंता मत करो मे पापा को बात कर दुंगा वो सब देख लेंगे। आप लोग बस यह सोचो की नया प्रेसीडेन्ट कोन बनेगा... रुहानने वहा खडे सभी लोगो को कहा।

       रुहान की बात सुनकर सभी लोग सोच मे पड जाते है और एक दुसरे से चर्चा करने लगते हैं।

       अरे इसमे सोचना क्या है रुहान अब तुम ही बनोगे हमारे प्रेसीडेन्ट ... जीज्ञाने सभी को रुहान के नाम का सुझाव देते हुए कहा।

       अरे नहीं मे नहीं बन सकता। मे केसे मेरे ख्याल से किसी सीनियर को यह पद स्वीकार करना चाहिए ... रुहानने अपनी राई देते हुए कहा।

       नहीं यार आज जेसा तुने काम किया है एक तु ही है पुरे केम्पस में जो सब के हको की और सबकी सुरक्षा कर सकता है... एक सिनियर स्टुडन्टसने आगे आते हुए कहा ।

       बन जा ना यार क्या तकलीफ है हम हेना तेरे साथ... जीज्ञाने रुहान से कहा।

       सही कह रहे हैं सब बनजा रुहान। क्युकी तभी सजंयसिह की दादागीरी खतम हो चुकी है एसा बहार भी घोषित हो जाएगा... रवीने कहा।

       अच्छा ठीक है तो मे खडा हुं आपके प्रेसीडेन्ट के चुनाव में आप मुझे जरुर वोट दीजीएगा और चुनाव जीतवाएगा... रुहान वहा खडे सभी को कहा।

      सभी रुहान की इस बात को सुनकर खुश हो जाते है और वहा पे खडे सभी लोग रुहान... रुहान का नारा लगाने लगते हैं।

      ओके चलो बच्चों अब क्लास शुरु करने का समय हो गया है... प्रिन्सीपल सरने कहा।

       प्रिन्सीपल सर के कहते ही सभी विद्यार्थी अपने अपने क्लासरुम की और चलने लगते हैं और रुहान और उसके दोस्त भी क्लासरुम की और चलने लगते हैं। जाते हुए रुहान के मन में अभी भी एक ही सवाल था कि बस जीज्ञा पीछे से हेल्लो बोल दें और मुझ से दोस्ती का हाथ मिलाले बस।

      रुहान और उसके दोस्तो के थोडे आगे जाते ही पीछे से जीज्ञा रुहान को बुलाती है ।

      रुहान... जीज्ञाने पीछेसे कहा।

      जीज्ञा की आवाज सुनकर तीनो दोस्त पीछे की और मुडते है।

      हा जीज्ञा बोल... जान बुझकर अंजान बनते हुए रुहानने कहा।

      हमे भी आपके ग्रुप मे जोईन होना हैं ... जीज्ञाने अपना हाथ आगे करते हुए कहा ।

      मतलब तु अभीभी ग्रुप के नाम से ही मुझसे दोस्ती करेगी। सीधा सीधा तो तु मुझसे दोस्ती का हाथ आगे नहीं करेगी... रुहानने अपना मु बिगाडते हुए कहा।

      ओके सोरी आज से हम लोग दोस्त लेकिन हा सिर्फ दोस्त... जीज्ञाने कहा।

       ओके सिर्फ दोस्त और अच्छे दोस्त... रुहानने भी हाथ मिलाते हुए कहा।

       तो कुछ एसे हुई दोनो की सिर्फ दोस्त वाली दोस्ती अब यह सिर्फ दोस्त वाली दोस्ती क्या रुहान और जीज्ञा सिर्फ प्यार में बदलेंगे या नहीं ? देखने के लिए आपको जुडे रहना होगा हमारी इस नवलकथा वाली वेब सीरीज के साथ।

       तो आगे पढना मत भुलना क्युकी आगे आपको देखने को मिलेगा प्यार, ड्रामा, रहस्य, सजंयसिह का और जीज्ञा के पापा का एसा गुस्सा जीससे बडे बुरे फसेंगे जीज्ञा और रुहान... तो जुडे रहीयेगा हमारी इस नवलकथा के साथ। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो प्लीज़ इसे अपने दोस्तों के साथ शेर जरुर करे |

TO BE CONTINUED NEXT PART ...

|| जय श्री कृष्णा ||

|| जय कष्टभंजन दादा ||

A VARUN S PATEL STORY