अफवाहों के शिकार मासूम - अफवाह रनजीत कुमार तिवारी द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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अफवाहों के शिकार मासूम - अफवाह

प्रिय पाठकों मेरा सादर प्रणाम मैं रनजीत तिवारी आप सबके बीच ऐसी घटनाओं का वर्णन करने वाला हूं। जिससे आपकी यादों में ताजगी आएगी और आप उस दिन को याद करके हंसने लगेगें या फिर अपने समाज में फैले झुठे लोगों को कोसने लगेंगे।यह बात लगभग उन दिनों की है जब मैं15-16 साल का था।मैं अपने मामा के गांव गया हुआ था रात को खाना खाने के बाद मेरे छोटे वालें मामा एक फिल्म लगा दिए जिसको हम सब बैठकर देख रहे थे।उस समय सिडी,डीभीडी नया नया आया था बजार में तो बहुत उत्साहित होकर हम सब प्लान करके फिल्म देखते थे।हमने एक फिल्म देख लिया था दुसरी फिल्म अभी लगी थी। अचानक गांव में हलचल सुनाई दिया चारों तरफ हल्ला मचाया हुआ था सबने उधर गया इधर गया।उस समय की सबसे बड़ी अफवाह थी मुहनोचवा एक उड़ने वाला प्राणी जो लोगों का मुंह नोच दिया करता था।ऐसी बहुत सारी झुठी खबरें फैलाकर कुछ समाज के सरारती तत्वों ने लोगों के मन एक डर पैदा कर दिया था।इसका लोगों ने खुब फायदा भी उठाया दुश्मनी भी कितने लोग इस तरह की अफवाहों में निकाले।और नाम मुहनोचवा का दे दिया गया। गर्मी के दिनों में यह घटना हुआ और काफी दिनों तक यह अफवाह चला।लोग घरों में डर के रहते रात के समय कोई कहता पानी फेंक देने से उसकी पावर चली जाती है तो कोई कहता मच्छरदानी लगाकर सोने से वह हमला नहीं करता है।इतना डर हो गया था लोगों के दिलों में अगर सो रहा कोई छत पर अगर कहीं लाइट जल जाए रात के समय वह चिलाने लगता था और पुरा गांव इकट्ठा हो जाता।ऐसा माहौल बन गया था जिसमें कयी सारे लोग डर के भागते समय छत से गिर गए या कुद गये जिससे कितने लोग मर गए या फिर हाथ पैर टुट गया। कुछ ऐसे ही हुआ उस दिन हम सारे भाई बहन और परिवार के सदस्य फिल्म देखने में व्यस्त थे। अचानक हल्ला हुआ मुहनोचवा आ गया फिल्म बन्द हो गया।हम सब अपने छत पर गये।घर के पिछे बहुत सारे बांस लगे हुए थे और बहुत बड़ा गढ़ा भी था।उसी में मुहनोचवा को देखा था गांव का ही एक आदमी और शोर करके पुरे गांव को इकट्ठा कर दिया था। लोगों के अनुसार उस रहस्यमय प्राणी के अन्दर उड़ने की छमता थी और उसमें एक लाइट भी जलता था लेकिन आज तक उसको कहीं पकड़ा नहीं गया। लेकिन कयी सारे लोग इस अफवाह के शिकार हो गए।ऐसी ही बहुत बार हमारे भारत में कयी अफवाह हमेशा फैलते रहता है।अभी हाल में चोटीकटवा नाम से अफवाह फैलाया गया था।और हैरानी की बात तो यह है।इसको कयी सारे लोग सच्च भी साबित करने लगते हैं ‌‌‌।कयी सारी महिलाएं और उसके परिवार के सदस्यों ने इस अफवाह को सही बताया और खुद को इस तरह घटना से पिडित बताया।इस तरह के लोगों की वजह से कयी सारे निर्दोष लोगों को कष्ट उठाने पड़ते हैं।कयी सारे भिखारी ,गरिब औरतों और लोगों को सन्देह में लेकर मारते पिटते है।जोकी बहुत बड़ा अपराध है लेकिन भारत की प्रसाशन और भारत के लोग इतने आडम्बर होने के बाद भी अफवाह के शिकार हमेशा हो जाते हैं।आए दिन कोई न कोई नया अफवाह फैलता है।और उसके शिकार गरिब मासुम लोग हो जाते हैं।जो इस देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। इसमें किसका दोष दिया जाएं समझ से बाहर है। मिडिया में भी इसको मिर्च मसाला लगाकर दिखाया जाता है।जो बाद में ढोंग अफवाह साबित होता है।इस तरह का अफवाह समाज में फैलाकर लोग मानवता को तार तार करने वाले कुकृतय को अंजाम देने का कार्य करते हैं।जो एक बहुत बड़ा अपराध है प्रसाशन को इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है जिससे ऐसे लोगों का मनोबल बढ़ता है।और आज दिन इस तरह का कोई न कोई नया अफवाह फैलता रहता है।जो समाज को प्रदुषित करता है।इस तरह के दुष्प्रचार करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने से इसको रोका जा सकता है।और बहुत सारे लोगों को ऐसी घटनाओं के शिकार होने से बचाया जा सकता है। धन्यवाद आपका अपना रनजीत तिवारी