मां बेटी Udita Mishra द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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मां बेटी

मां बेटी

सोनम के पापा का का तबादला दूसरे शहर में हो गया था । उन्होंने काफी प्रयास किया कि तबादला ना हो पर यह संभव ना हो सका और उन्हें जॉइन करने जाना पड़ा। सोनम थर्ड ईयर मेडिकल की छात्रा थी और सोनम की मम्मी उसे अकेले हॉस्टल में रखकर उसके पापा के साथ नहीं जाना चाहती थी । इसलिए सोनम की मम्मी ने तय किया कि सोनम के पापा वीकेंड में घर आते रहेंगे। पर सोनम के पापा का तबादला होने के कारण और सोनम के सुबह कॉलेज चले जाने के बाद सोनम की मम्मी को बहुत समस्या होती क्योंकि अब घर का जरूरी सामान को लाने के लिए सोनम की मम्मी को सोनम के शाम घर आने का रास्ता देखना पड़ता या वीकेंड में सोनम के पापा का इंतजार करना पड़ता । इस कारण सोनम की मम्मी का एक और काम बढ़ गया कि सोनम के शाम को आ जाने से पहले या पूनम के पापा के वीकेंड पर आने से पहले लेकर आने वाले पूरे सामान की लिस्ट बना कर रखना, सोनम अपनी मम्मी की यह समस्या समझ गई थी । इसलिए एक दिन उसने अपनी मम्मी से कहा मम्मी कल सुबह कॉलेज जाने से पहले आपको मैं स्कूटी सिखाऊंगी ताकि जब आपको स्कूटी चलाना आ जाएगी तब बाजार जाने या बैंक के काम के लिए आपको मेरा या पापा का किसी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा । आप खुद ही स्कूटी चला कर बाजार या बैंक जा सकोगी और आपका मन भी बहल जाएगा और इस बारे में पापा को अभी नहीं बताएंगे । जब आप अच्छी तरह स्कूटी चलाना सीख लोगी तो पापा को सरप्राइज देंगे। इस पर मम्मी ने कहा ठीक है कल से अपन लोग जल्दी उठेंगे और अगर सूनी सड़क होगी उसमें या अपने घर के सामने वाले ग्राउंड में स्कूटी चलाने की प्रैक्टिस करने चलेंगे। सोनम ने कहा बिल्कुल ठीक है मम्मी ।

अगली सुबह सोनम और उसकी मम्मी दोनों सुबह कर जल्दी उठ गए और तैयार होकर पहले तो सड़क पर गए सबसे पहले सोनम ने उसकी मम्मी को स्कूटी स्टार्ट करके और गियर लगाकर दिखाया। फिर सोनम ने कहा मम्मी जो जो मैंने अभी किया है वह आप कर कर मुझे बताओ, अगर गलत होगा तो मैं उसे ठीक कर कर आपको फिर से कर के दिखाऊंगी । यह सब सोनम ने अपनी मम्मी को खुद खड़े-खड़े बताया। इस पर सोनम की मम्मी ने कहा ठीक है बेटा मैं भी कोशिश करती हूं। अबकी बार सोनम की मम्मी स्कूटर के आगे बैठी और सोनम पीछे की सीट पर।

पहले दो या तीन दिन सोनम ने पीछे स्कूटी के पीछे बैठकर मम्मी के हाथों को पकड़कर उनकी प्रैक्टिस कराई । इतने दिन प्रैक्टिस करने के बाद सोनम की मम्मी ने खुद कहा बेटा तुम पीछे ही बैठी रहो अब मैं स्कूटी चलाती हूं। कुछ गलत हुआ तो संभाल लेना । सोनम ने कहा ठीक है। मम्मी ने स्कूटी स्टार्ट की तो स्टार्ट तो हो गई पर अब आगे बढ़ते समय एक दो बार स्कूटी बंद हो रही थी। सोनम ने मम्मी से कहा मम्मी स्कूटी बढ़ाते समय गियर को धीरे-धीरे छोड़ोगी तो स्कूटी चल देगी। अगली बार मम्मी ने सोनम कहने के अनुसार गियर जो धीरे-धीरे छोड़ा तो स्कूटी चली तो पर कुछ देर चलने पर डगमगा कर रुक गई ।इस डगमगाहट में सोनम और उसकी मम्मी जमीन पर गिर गई इसी बीच सड़क पर मोटरसाइकिल पर सवार दो लड़को ने कहा संभाल के माता जी और ऐसा कहते हुए हंसते हुए निकल गए । दोनों मां बेटी ने उन्हें देखा और अपनी स्कूटी पर वापस सवार होकर प्रैक्टिस करने में लग गई पर अब की बार सोनम की मम्मी से स्कूटी बिल्कुल सही चलाते बन गई , बल्कि इस बार तो उन्होंने इतनी अच्छी स्कूटी चलाई कि कुछ दूर चलाने पर वह दो लड़के जो मजाक उड़ाते हुए आगे बढ़ गए थे। वह दो लड़के सोनम और उसकी मम्मी को मिले सोनम ने धीरे से मम्मी से कहा मम्मी इनको जवाब दूं क्या इस पर मम्मी ने कहा नहीं बेटा इन्हीं के मजाक ने तो मुझे हिम्मत दी है ना इन लोगों ने अपने साथ बुरा नहीं बल्कि भला किया है ।

सोनम ने कहा सही कहा मम्मी। अब रोज सुबह सोनम और उसकी मम्मी का प्रैक्टिस में जाना रूटीन हो गया और अब जब भी मम्मी को अकेले कहीं बाजार शॉपिंग के लिए या बैंक जाना होता तो उन्हें किसी का इंतजार नहीं करना पड़ता ।

एक दिन ऐसे ही सोनम अपनी सहेली के साथ उसकी स्कूटी कॉलेज गई थी और उसकी मम्मी कुछ सामान लाने के लिए बाजार गई हुई थी तभी सोनम के पापा हफ्ते भर की छुट्टी लेकर घर आए थे पर घर में कोई नहीं था । उन्होंने सोचा शायद सोनम कॉलेज गई होगी और सोनम की मम्मी ऑटो या पैदल बाजार गई होगी । कुछ देर बाहर गार्डन में बैठ जाता हूं आती होंगी दोनों ।उस समय शाम का समय था कुछ देर सोनम के पापा अपने गार्डन की कुर्सी पर बैठकर इंतजार करने लगे , तभी सामने से एक स्कूटी चलाते हुए हेलमेट पहनकर कोई आ रहा था । सोनम के पापा ने सोचा यह सोनम होगी पर उन्हें पता था कि सोनम तो अपनी सहेली के साथ उसकी स्कूटी से आ रही थी तो उसे देख कर पापा ने सोचा सोनम तो अपनी सहेली के साथ आ रही है पर उसकी स्कूटी से कौन आ रहा है। सोनम की मम्मी ने उस समय हेलमेट पहना हुआ था इसलिए सोनम के पापा उनको पहचान नहीं सके। पर सोनम की मम्मी ने उन्हें देख लिया था । सोनम की मम्मी ने घर आकर स्कूटी रोकी हेलमेट उतारा तब सोनम के पापा को बहुत आश्चर्य हुआ उन्होंने खुश होकर कहा आज तो मुझे बहुत बड़ा सरप्राइज मिल गया

अगले दिन सोनल के पापा ने एक नई स्कूटी खरीद कर सोनम की मम्मी को गिफ्ट के रूप में दे दी अब सोनम अपनी स्कूटी पर कॉलेज जाती और यदि सोनम की मम्मी को कहीं भी जाना होता वह अपनी स्कूटी पर जाती ।

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