अगर उस दिन ममता को रोक लिया गया होता तो उसके घर से पुलिस स्टेशन तक जाना एक गलत कदम साबित ना होता। कहते है सादी ब्याह की जोडिया उपर से बन के आती है, फिर जमीन पे रहने वाले लोग ये क्यो कहने लगते है की कौन सही कौन गलत है । ममता की सादी एक कस्बे में रहने वाले मास्टर से हो जाती है , जो सरकारी स्कूल में पढाते है । ममता सहर की है लेकिन कस्बे में रहने में उन्हे ज्यादा परेसानी नही थी , सब बहुत अच्छे से चल रहा होता है ममता को एक लड़का होता है।उसका जन्म उत्सव बड़े अच्छे से मनाया गया ।मास्टर साहब के घर में जैस खुशियो की बौछार हो रही है , सब उत्सव में व्यस्त है। तभी ममता की नजर एक स्त्री पर जाती है , जो देखने में बहुत सुन्दर थी और रोहित से बात कर रही थी। ममता को ना जाने किस बात का इतना डर था जबकी वो स्त्री रोहित यानी मास्टर साहब की भाभी है जो घर के पीछे रहती है । उस दिन वह ममता से ज्यादा खुबसूरत दिख रही थी सायद यही वजह होगी जो ममता को इतना बुरा लगा ।
उत्सव खत्म हुआ सभी अपने घर चले गये , ममता ने रोहित से पूछा की आप गरिमा भाभी से क्या बात कर रहे थे । रोहित ने इस बात को हसी मे टाल दिया और कहा कुछ नही वो बिट्टू के ऐडमिशन के बारे मे बात कर रहे थे । ममता उस रात तो सांत रही लेकिन इस बात पर उसका सारा दिमाग लग गया था ।
उसने अब ये भी पता करना सुरु कर दिया था की गरिमा के घर रोहित कब जाते है।ममता किस हद तक जायेगी उसे पता नही था ।जब रोहित स्कूल से वापस आते तो पहले गरिमा के घर जाते फिर अपने घर । ये बात किसी को नही पता था की रोहित और गरिमा का रिस्ता क्या सिर्फ भाभी का था या कुछ और यही ममता को भी जानना था ।ममता ने पास की एक स्त्री को रोहित पर नजर रखने को कह दिया और खुद भी रोहित की हरकते भापने लगी ।
ऐसा कहा जाता है की हम जिस चिज को जिस तरह से देखते है वो वैसे ही दिखने भी लगता है। कुछ ऐसा ममता के साथ भी हुआ था , उसे रोहित का हर समय गरिमा का तारीफ करना , गरिमा के बच्चो के बारे में सोचना ममता का सक गहरा कर रहा था । एक वर्स हो गया था ममता ने पूरा अध्ययन कर लिया था । रोहित और गरिमा को लेकर अब तो कभी-कभी रोहित से झगड़ा भी होने लग गया था झगडे में मार पिट भी होने लग गया था । कई बार ऐसा भी हुआ की ममता का गरिमा के घर जाकर रोहित की उपस्थिति में गरिमा को गाली देना, भला बुरा कहना रोहित को बरदास्त नही हो रहा था जब भी ये सब होता रोहित ममता को मारता था । सोचने वाली बात तो ये है कि रोहित गरिमा का घर छोड़ क्यो नही देता , वो अपने परिवार में इस तरह का कलह क्यो बढाता है ।
ममता भी इस बात को बरदास्त नही कर सकती थी की रोहित गरिमा के घर जाये और रोहित गरिमा को छोड़ नही सकता था। ममता रोहित दोनो अपनी अपनी जिद्द के लिए एक दूसरे को समझना नहीं चाहा ,अब ये समय आ गया था की ममता और रोहित एक घर में रहते हुए भी एक दुसरे से बात नही करते थे । ना रोहित घर मे खाना खाता था ना ममता से बात करता था , छोटा सा बच्चा अब 2 साल का हो गया था । रोहित राज और ममता की सारी जरुरत की चीजे लाकर घर में रख देता था । ममता और स्त्रियो की तरह समझौता करने वाले मिजाज की नही थी , उसने भी ठान लिया की वह झुकेगी नही । अब वह राज को हथियार की तरह इस्तेमाल करने लगी , जब उसे पता चले की रोहित गरिमा के घर गये है तब वो राज को मारने लगती ।कई लोगो ने गरिमा को समझाया की वो सांत रहे सब ठीक हो जायेगा लेकिन ममता को सब्र नही था।
अब ममता ने दुआ भभूत भी सुरु कर दिया की रोहित गरिमा से ना मिले लेकिन ना जाने गरिमा रोहित की जीद थी या कुछ और रोहित पर कोई असर नही हुआ ।
एक बार जब ममता राज को मार रही थी उस रोज रोहित ने ममता को बहुत मारा , उस दिन जौसे सारी हदे पार हो गयी हो । रोहित ने ममता को बेल्ट से मारना, बाल खिचना जैसे सब खत्म करने की सुरुआत थी । रोहित के पापा ने ये सब छुडाया , उस रोज ममता ने भी किसी की नही सुनी , तुरन्त पुलिस को बुलाया सिकायत दर्ज करा दिया और जितना रोहित ने मारा था पैसे देकर ममता ने पुलिस से रोहित को उतना मार खिलवाया। और राज को लेकर खुद अपने मायके चली गयी , उस समय रोहित थाने में था।रोहित के पापा ने ममता के आगे बहुत हाथ जोडा की वो राज को लेकर ना जाये वो चाहे तो राज और उसके साथ बाहर सहर में रहने लग जाये लेकिन ममता को किसी की बात समझ में ना आई । जैसे वो उस झगडे को कम नही करना चाहती बल्कि बढ़ाना चाहती हो , ना जाने ममता क्यो कोइ समझौता नही करना चाहती थी।
उस दिन ममता का राज के साथ निकल जाना उसको बहुत भारी पड़ गया । घर जाकर उसने तलाक की अपील कर दी जैसे दिन ब बिन उसमे दुसम्नी और बढ़ रही हो। रोहित को राज से बात भी नही करने देती मिलना तो मुस्किल ही था।
रोहित की एक माँग थी की तलाक तो वो दे देगा लेकिन राज उसे चाहिये । ममता को ये लगने लगा था की रोहित राज के साथ उसे भी अपना लेगा । रोहित को लगता है की ममता उस रात के लिये उससे माफी मांगे और खुद से आये उसे कोई लेने नही जएगा ।
इनके तलाक का केश 10 साल चला लेकिन कोई हल नही निकला ।अब रोहित की भी स्थिति बदल गयी थी ।अब वो गरिमा के घर जाना छोड दिया था ।
ममता अपने घर से दूर किसी स्कूल में नौकरी करके अपना पेट पालती है। रोहित राज से बात करने के लिये
जिस स्कूल में वह पढता था उसके द्वारा वो कभी-कभी बात कर लेता था । राज से बात ही नही बल्कि उसकी आवाज भी अपने फोन मे रखता , जब भी याद करता उसकी आवाज सुन लेता।
अब रोहित बिमार रहने लग गया था रोहित का अपना कोई नही था । वह अपने एक मित्र के साथ रहता है , उसको कब कैंसर हो गया ,अचानक उसकी मृत्यु हो गयी। बस रात निकली ममता वापस आ कर रोहित की लास पर रोते हुए,आपको क्या लगता है ममता को दुखी होना चाहिये या खुसी के गीत गाये । उसका अभी तलाक भी नही हुआ इस करण उसका अधिकार है रोहित पर। लेकिन वह सच में रोहित की पत्नी है आज 12वर्ष हो गए वो जब रोहित के इतने करीब बैठी है ।
राज अब बडा हो गया है वह अपनी माँ को पकड़ कर रोये जा रहा है और अपने माँ को ताने मार रहा की आपने मुझे रहने नही दिया पापा के पास आपकी वजह से हम दूर रहे , सब राज को समझाते है , ममता की रोहित की जगह नौकरी करने मे बड़ी मुस्किल होती है क्योकी रोहित के सारे दोस्त ममता को दोषी मानते थे । उनका कहना था की ममता का कोई अधिकार नही है । उपर वालो का इन्साफ तो देखो रोहित ने ममता का नाम अपने कागजो से नही हटाया था।
अब ममता रोहित की जगह काम करती है और राज को पलती है ।
कहते है ना कि रिश्तों में लचीला पन जरूरी है
एक गलत कदम में हम कुछ ऐसी ही कहानी पढ़ेंगे।।