कामयाबी SURENDRA ARORA द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

कामयाबी

कामयाबी

" सर काम मुश्किल है। "

" मिस सिंह ! मैं जनता हूँ कि आपको हर मुश्किल आसान करनी आती है । निश्चिन्त रहिये हम पैसे की कोई कमी नहीं आने देंगे । आप चाहें तो अभी ले जा सकती हैं। "

" सर ! ये बात नहीं है। मेरी रोजी आप जैसे लोगों के ही बल पर चलती है। मुश्किल है तभी मुश्किल कह रही हूँ वरना मजबूरी न जताती।"

" मिस सिंह ! मुझे पता है आप किसी को भी अपने शीशे में उतारने का हुनर रखती हैं। ईश्वर ने आपको वो सब कुछ नवाजा है और आप , अपनी इस खूबी का इस्तमाल करना बखूबी जानती है। और हाँ , इस बार हम आपको इतना देंगें कि आप फिर से हमारे साथ काम करना चाहेंगीं । "

" सर ! इस बार जो बंदा इस काम वाली सीट पर बैठा है वो और चीजों के अलावा अपनी बीबी के प्रति भी पूरी तरह से वफादार है। उसे अपनी लाइन पर लाना किसी ठूठ को पेड़ में बदलने जैसा है। साले पर कोई अदा काम ही नहीं करती ! लगता है जैसे किसी सेक्सुअल एक्टिविटी के बिना पैदा हुआ है। "

" मिस सिंह ! प्लीज इतना मोलभाव मत कीजिये। हमारी फर्म के लिए ये काम किसी भी कीमत पर जरुरी है। बुरा न माने तो एक बात कहूगां आपमें वो सब कुछ है जो बंजर जमीन को भी लहलहाते खेतों में बदल सकता है। प्लीज जाइये और केशियर से मुहं मांगी धनराशि ले लीजिये। मैंने उसे मेसेज कर दिया है। "

मिस ने मौके को मिस नहीं किया। पर्स पर्याप्त भारी हो ही चुका था। पास के पार्लर में खुद को रिनोवेट करवाने के बाद अगले दिन सीट वाले बंदे के पास समय ख़राब करने के स्थान पर वो सबसे बड़े बॉस के सामने जाकर खड़ी हो गयी। बॉस उसे देख कर हैरान रह गया। बॉस को इस कुर्सी तक पहुंचाने वाले पहिये तो उसी के बदन में लगी फैक्ट्री में बने थे।

" अरे तुम ! वाह इतने अरसे बाद आज भी वैसी की वैसी ही हो, स्लिम और स्मार्ट। "

" आपकी नजर का फेर है।देख लीजिये , वजन थोड़ा बढ़ गया है। "

" इतने दिनों बाद आई हो तो वो भी देख लेंगें । बोलो कैसे आना हुआ ? "

उसने हाथ में लिया हुआ कागज सामने रख दिया और मेज के इस पार रखी सीट पर बैठने को हुई। उन्होंने कागज पर सरसरी नजर दौड़ाई और फिर उसकी ओर देखते हुए शोखी भरे अंदाज में बोले ," अरे वहां नहीं। इधर आकर मेरे पास वाली कुर्सी पर बैठो। पहले कुछ काम की बात तो हो जाय। "

उसने वैसा ही किया। बाकी का हर काम उन दोनों की मर्जी के हिसाब से होता चला गया।

सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा

डी - 184 , श्याम पार्क एक्सटेंशन, साहिबाबाद - ग़ज़िआबाद ,

पिन : 201005 ( ऊ.प्र. ) मो: 9911127277