बहुत समय पहले की बात हैं, चिंटू नाम का एक छोटा लड़का जो लगभग सात साल का था एक छोटे से घर में रहता था, उसके माँ-बाप नहीं थे, वह अपनी बूढी दादी के साथ रहता था जो हमेशा बीमार रहती थी |
चिंटू अपनी दादी के लिए हमेशा जंगल से जड़ी बूटी लेने जाया करता था, उसकी दादी जड़ी बूटी खा कर थोड़े दिन तक तो ठीक रहती लेकिन फिर से उसकी तबियत ख़राब होने लगती |
एक दिन उसकी दादी की तबियत बहुत ख़राब हो गयी, चिंटू दादी की ख़राब तबियत देखकर फ़ौरन जंगल चला गया, शाम का समय था और बादल भी खूब छाए हुए थे बारिश होने की पूरी-पूरी आशंका थी, चिंटू जब रास्ते में था तभी बारिश शुरू हो गयी थी, बारिश बहुत तेज़ हो रही थी इतनी तेज़ थी के उसके लिए आँखे खोल पाना भी मुश्किल हो रहा था, जंगल में बरसात के पानी का कही-कही ढेर लगा हुआ था, सारे छोटे-छोटे पौधे पानी के अंदर छुपे हुए थे, चिंटू को बार-बार उसकी दादी का बीमार चेहरा याद आ रहा था, चिंटू ने हार नहीं मानी वो जंगल के और अंदर चला गया, उसकी दादी ने उसे बताया था जंगल के अंदर बहुत खतरनाक जानवर रहते है इसलिए कभी भी जंगल के अंदर नहीं जाना लेकिन अभी चिंटू को सिर्फ दादी की जड़ी बूटी लेना ही याद था, जंगल के भीतर बहुत बड़े-बड़े पेड़ थे मानो उससे पूछ रहे हो "बच्चे अकेले यहाँ क्या कर रहे हो", जंगल में चारो तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था पेड़ के पत्तो ने बारिश के पानी को कम कर दिया था, चिंटू को जड़ी-बूटी नहीं मिली, वो बहुत निराश हो चुका था तभी जंगली कुत्तो की भोकने की आवाजे आने लगी, चिंटू को याद आया उसकी दादी ने उसे बताया था जंगली कुत्ते तभी भोकते हैं जब आसपास कोई खतरनाक जानवर होता है, चिंटू के चेहरे पर पसीने की जैसे नदी बहने लगी, मन ही मन सोचने लगा की किधर भागे, उसके दिमाग में पेड़ पर चढ़ने का आईडिया आया, वो झट से पेड़ पर चढ़ गया, जंगली कुत्ते उसी की तरफ आ रहे थे, चिंटू पेड़ के सबसे ऊपरी डाली पर जाकर बैठ गया कुत्ते की झुण्ड पेड़ के आसपास आकर भौक रहे थे, चिंटू का पैर डर के मारे काँपने लगा, उन बादलो के बीच कैसे रात हो गयी पता भी नहीं चला, थोड़ी देर बाद बारिश थम गयी जंगल में अँधेरा भी कम नहीं था लेकिन जुगनुओ की रौशनी पुरे जंगल को जगमगा रही थी, चिंटू ने देखा जंगली कुत्तो के जाने के बाद वहां से एक शेर भी गुज़रा, उसका डर के मारे हालत ख़राब हो रहा था, जंगल के झाड़ियों में से कही-कही चाँद की रौशनी भी आ रही थी, चिंटू ने इधर-उधर नज़र दौड़ाई, उसे थोड़ी दूरी पर एक झोपड़ी दिखी, उस झोपड़ी में से लालटेन जलने की रौशनी आ रही थी, चिंटू झट से निचे उतरा और चुपके-चुपके उस झोपड़ी के पास गया, वो झोपड़ी अंदर से बंद था, चिंटू ने दरवाजा खटखटाया एक बुढ़िया ने दरवाजा खोला, फिर से जंगली कुत्तो की भोकने की आवाजे आने लगी, चिंटू जल्दी से झोपड़ी के अंदर चला गया और सारी बातें उस बूढी औरत को बताने लगा जो दुबारा जाकर रोटी सेकने लगी थी, चिंटू ने उससे पूछा की वो इतने खतरनाक जंगल में अकेले कैसे रहती हैं तब उस औरत ने उसे बताया की इस जंगल के सभी जानवर उसके दोस्त हैं, चिंटू उसकी बातें सुन कर बहुत खुश हो रहा था और पूछने लगा की जंगल का शेर भी उसका दोस्त हैं, उस बूढी औरत ने उसे रोटी खाने के लिए दिया, चिंटू तो काफी देर से भूखा था वो झटपट खाने लगा, चिंटू ने उसे अपनी दादी के बारे में बताया उस बूढी औरत ने उससे कहा की जब वो सुबह यहाँ से जायेगा तो वो उसकी दादी के लिए जड़ी-बूटी देंगी, चिंटू को बार-बार छींके आ रही थी वो बरसात के पानी में बिलकुल गीला हो चुका था, उसको बुखार भी हो रहा था, उस बूढी औरत ने उसे बुखार के लिए जड़ी बूटी दिया चिंटू जड़ी-बूटी खाने के बाद सो गया, सुबह जब उसकी आँखे खुली तो उसने अपने सिर को दादी के गोद में पाया, चिंटू उठते ही हैरान होकर दादी से पूछने लगा की वो घर कैसे पंहुचा, दादी ने उसे सारी बाते बताई, दादी ने उसे बताया रात के समय एक सूंदर सी परी उसे यहाँ छोड़ गयी थी, उसने ही अपने जादू से दादी को भी ठीक कर दिया था |
चिंटू ने दादी को हैरान होकर बताया की रात को वो जंगल में एक बूढी औरत के झोपड़ी में था तो परी उससे कैसे मिली, दादी ने बताया वही बूढी औरत ही परी थी जो पिछले कई सालो से वहां फसी हुई थी, एक जादूगर उसे परियो के महल से अपहरण करके लाया था और उससे शादी करना चाहता था, जब परी ने उससे शादी के लिए मना कर दिया तो उसने उसे अपने जादू से एक बूढी औरत बना दिया, परी रो-रो कर उससे कहने लगी के वो उसे पहले जैसा ही बना दे, जादूगर ने कहा अगर वो उससे शादी करेगी तभी वो उसे पहले जैसा बनेगा |
परी ने अंत में उसकी शर्त को मान लिया लेकिन जब जादूगर उसे वापस परी बनाने लगा तब वो उसे दुबारा नहीं बना पाया, जादूगर ने बहुत कोशिश की लेकिन उसकी कोशिश नाकामयाब हो गयी अंत में उसने उस परी को बताया की अगर कोई इंसानी बच्चा उसे छूता हैं तो वो पहले की तरह बन जाएगी, जादूगर परी को जंगल में छोड़ कर चला गया तब से वो जंगल में ही रह रही थी और किसी इंसान के बच्चे के आने का इंतज़ार कर रही थी, जब रात को बूढी औरत चिंटू का बुखार उतारने के लिए पानी की पट्टी चढाती हैं तब वो दुबारा परी बन जाती हैं |
परी हमेशा चिंटू से मिलने उसके घर आया करती थी और उसे बहुत सारी चीज़े खाने को भी देती थी |
परी अपने जादू से चिंटू के घर को बहुत सुन्दर महल में बदल देती हैं और उसकी दादी की बीमारी को भी ठीक कर देती हैं, चिंटू और उसकी दादी ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगते हैं |